hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • लव योर सेल्फ मम्मा

    लव योर सेल्फ मम्मा ...किचन में मीनू के लिए मठरियाँ तलती अनुभा की आँखें बार-बार भ...

  • ना जाने किस वेश में .......

    खाना - पीना हो गया और फिर हमारी बैठकी जमी मम्मी के घर उस रात। सब अपनी - अपनी बात...

  • योग के पथ पर

    योग दिवस, २१ जून पर विशेष कहानी योग के पथ पर [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] "ओ---म, ---ओ---...

रिश्ते.. - 2 By Sunita Agarwal

उसका प्रसब का समय करीब आने लगा उसका भाई उसे लेने आया ताकि आभा का पहला प्रसब मायके में हो सके।आभा की सास ने उससे सारे अच्छे कपड़े जेवर ले लिए और थोड़े से कपड़ों में उसे इस तरह मायके...

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वो पता By Medha Jha

वो पतासाल २००० , जिंदगी का वह पहला सफ़र जब वो और सृष्टि पहुंचे थे मुंबई करीब ८ बजे संध्या। हां , मुंबई के लिए वो संध्या ही था, जिसे छोटे शहर वाले रात कहते हैं। मामा आने वाले थे लेन...

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काश तुमने कह दिया होता By Megha Rathi

काश तुमने कह दिया होता कभी- कभी कुछ यादें ऐसी होती हैं जो इंसानियत और रिश्तों से विश्वाश तार-तार कर देती हैं। (पहचान छिपाने के लिए मैंने नाम व स्थान बदल दिया है। मेरे ख्याल से यह ज...

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लव योर सेल्फ मम्मा By Dr Vinita Rahurikar

लव योर सेल्फ मम्मा ...किचन में मीनू के लिए मठरियाँ तलती अनुभा की आँखें बार-बार भर आ रही थीं. मन जाने कैसा तो हो रहा था। इसीलिए अपने मनोभावों को छुपाने के लिए वह सुबह से ही एक के बा...

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औरतें रोती नहीं - 13 By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 13 अधूरे ख्वाबों की सिसकियां उज्ज्वला की नजर से: मई 2006 इस तरह जिंदगी ने ली करवट। वो भी सिर्फ चंद महीनों में। कल रात मन्नू ने मुझसे कहा था, ‘...

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नूरीन - 2 By Pradeep Shrivastava

नूरीन प्रदीप श्रीवास्तव भाग 2 हार कर वह अम्मी से बोली थी कि एक बार वह भी चाचाओं से बोले। लेकिन वह तो जैसे अंजाम का इंतजार कर रही थीं। नुरीन की बात पर टस से मस नहीं हुईं । कुछ बोलती...

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ये कैसा प्यार By Shivani Verma

सोशल साइट फेसबुक पर उंगलियां चलाते-चलाते अचानक शैली की नजर एक पोस्ट पर रुक गई.... "कुछ जाना पहचाना सा चेहरा है.. पर याद नहीं आ रहा कौन." अपने दिमाग पर जोर डालते हुए वो सोचने लगी. त...

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पराग-कण By Rajesh Mewade

आज बहुत दिनों के बाद कुसुम से मुलाकात हुई। मैं उसी से मिलने उसके घर जा रहा था, लेकिन वो रास्ते में ही मिल गई। अचानक आज मुझे अपने सम्मुख पाकर शरमा गई... बावली है! मुझे देखकर पता नही...

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ना जाने किस वेश में ....... By Medha Jha

खाना - पीना हो गया और फिर हमारी बैठकी जमी मम्मी के घर उस रात। सब अपनी - अपनी बातें बता रहे थे । कुछ ही दिनों पहले मम्मी सेवा - निवृत हुई थी। मां ने कहा कि आज वो हमलोग को अपने नौकरी...

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लड़कियों का पढ़ना जरूरी है  क्या ? By H M Writter0

hamriDuniyaaa.Blogspot.com सुबह के 7 बजे थे । मोबाइल फोन की तेज आवाज़ से विद्या नींद से जागकर फोन में कहती है । कि हेलो , रुचि क्या हुआ ? इतनी सुबह फोन किया । तो रुचि उसे बो...

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यहां सबकी सोच नंगी है By Dhiraj Jha

बाज़ार सजा हुआ है. साथ में खड़ी लीला, चंपा, जूली, रेखा, हेमा, ऐश, माधूरी एक-एक कर ग्राहक को लुभा कर ले जा रही हैं. सबको पता है कि यहां आए मर्दों का नाड़ा कैसे ढीला करना है. सस्ते पा...

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जिंदगी का सफरनामा By Saroj Verma

जिंदगी का सफरनामा.....!! छियासठ साल की शाहिदा दिल्ली के अस्पताल एम्स में बहुत दिनों से भरती हैं, जिन्दगी का आखिरी पड़ाव तय कर रहीं हैं सोचा नहीं था कि जिंदगी के आखिरी दिन ऐसे बिस्तर...

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शक्ति By Poonam Singh

कहानी - " शक्ति" शरद ऋतु की गुनगुनी धूप और रंग बिरंगे फूलों की खुशबू ने पूरे वातावरण को अपने खुशनुमा आगोश में भर रखा था। आज बरसों बाद फिर से एक बार अमृता को एक ऐसी खुशी के...

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अच्छी लड़कियां और बुरी लड़कियां By शिखा श्रीवास्तव

सुबह अलसाई हुई आई थी। लेकिन पंछियों ने उसका ऐसा स्वागत किया था कि उसमें एक नया जोश पैदा हो गया और वो घर की छत में जो दरारें थीं, बिल्कुल वहाँ रहने वाले बाशिंदे की क़िस्मत की तरह, मे...

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योग के पथ पर By Neelam Kulshreshtha

योग दिवस, २१ जून पर विशेष कहानी योग के पथ पर [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] "ओ---म, ---ओ---म, ----ओ---म, "आत्मा की अतल गहराइयों का उच्चारण हृदय से निकल कर गले से सरककर होठों से फूटता. बंद दोन...

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जुर्रत By Saroj Verma

जुर्रत...!! कामना हफ्ते भर से काम कर करके थक चुकी थी, जिसको देखो वहीं कामना को आवाज लगाता, कामना ये कर दें,कामना वो कर दे,ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करते करते कामना दिनभर थक जातीं,...

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बेल्ट By Priya Vachhani

गुलाबी जोड़े में शालिनी बहुत सुंदर लग रही थी। और लगे भी क्यों न ! ऐसी कौन सी लड़की होगी जो दुल्हन के लिबास में सुंदर न दिखे। तिसपर अगर मनचाहा वर मिले तब तो खुशी का कोई ठिकाना न रहता...

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मजबूरी By r k lal

मजबूरीआर ० के ० लालबाबूजी मुझे मारिए। मुझे पुलिस में दे दीजिए । मैंने कैसे हिम्मत की, यह सब करने की । वह भी आपजैसे भले व्यक्ति के साथ। फिर राधिका रोने लगी और कहने लगी, “आदमी की मजब...

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बेहा By Renu Yadav

गाँव के किनारे घने जंगल के कोने से दुबकी नहर गर्मी के डर से पेट में पानी चिपकाए खेतों की ओर पैर पसार कर पट्ट लेटी पड़ी है, जिस पर मुँह उचका उचका बेहा (बेहया) के पौधे चारों ओर झाँक-...

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आघात - 52 - अंतिम भाग By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 52 पूजा अपने बच्चों को सीने से लगाकर हृदय के भावोद्गार व्यक्त कर रही थी, तभी बाहर से दरवाजे पर दस्तक हुई । माँ के सीने से हटकर प्रियांश को वहीं पर छोड़कर सुधां...

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कृष्णा - 8 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

कृष्णा जब से इस घर में आई थी, तब से ही देख रही थी कि उसके ससुर मोहन की अपेक्षा अपने छोटे बेटे संजय को अधिक प्यार करते हैं और उसकी हर अनचाही मांग को पूरा करते हैं। संजय ने छोटा सा ब...

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घूँघट By Neha Sharma

आरुषि ने घूँघट उठाकर ससुराल में जब अपने स्वागत के लिए की गई तैयारियों को देखने की कोशिश की, तो दादी सास ने बहू की तरफ भौहें चढ़ाकर घूँघट नीचे करने का इशारा किया। आरुषि ने भी बेमन...

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वट (सती) सावित्री के बहाने नारीवादी चर्चा By Meenakshi Dikshit

वट सावित्री व्रत/पूजा भारत के भिन्न भिन्न प्रान्तों में ज्येष्ठ माह में की जाती है. वट वृक्ष की छाया में होने वाला यह व्रत सती सावित्री के आख्यान से जुड़ा है जिसका वर्णन महाभारत के...

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दबे पाँव By Renu Yadav

‘आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है…? इतनी कोशिश करने के बाद भी मुझे नहीं मिल रहा...मैं क्या करूँ ? कोई मुझे ढूँढ कर दे दो... मैं किसी से बात करूँ क्या ? मुझे संयोजक के पास ले चलो....

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एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं By PANKAJ SUBEER

एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं (कहानी - पंकज सुबीर) अगर ये कोई प्रेम कहानी होती तो शायद इसकी शुरूआत कुछ ऐसे होती ‘‘हरी भरी पहाड़ी से झरते हुए झरने के ठीक पास, फूलों से भरे मैदान...

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मेरा मित्र By .......

गुंजन के फोन की घंटी बजती है... गुंजन : हेलो पापा,राधे राधे।पापा: हा बेटा, राधे राधे।कुछ बात करनी थी तुमसे ,कितनी देर लगेगी घर आने में?गुंजन : हा पापा, मै कॉलेज से बस निकल ही गई हू...

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रिश्ते.. - 2 By Sunita Agarwal

उसका प्रसब का समय करीब आने लगा उसका भाई उसे लेने आया ताकि आभा का पहला प्रसब मायके में हो सके।आभा की सास ने उससे सारे अच्छे कपड़े जेवर ले लिए और थोड़े से कपड़ों में उसे इस तरह मायके...

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वो पता By Medha Jha

वो पतासाल २००० , जिंदगी का वह पहला सफ़र जब वो और सृष्टि पहुंचे थे मुंबई करीब ८ बजे संध्या। हां , मुंबई के लिए वो संध्या ही था, जिसे छोटे शहर वाले रात कहते हैं। मामा आने वाले थे लेन...

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काश तुमने कह दिया होता By Megha Rathi

काश तुमने कह दिया होता कभी- कभी कुछ यादें ऐसी होती हैं जो इंसानियत और रिश्तों से विश्वाश तार-तार कर देती हैं। (पहचान छिपाने के लिए मैंने नाम व स्थान बदल दिया है। मेरे ख्याल से यह ज...

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लव योर सेल्फ मम्मा By Dr Vinita Rahurikar

लव योर सेल्फ मम्मा ...किचन में मीनू के लिए मठरियाँ तलती अनुभा की आँखें बार-बार भर आ रही थीं. मन जाने कैसा तो हो रहा था। इसीलिए अपने मनोभावों को छुपाने के लिए वह सुबह से ही एक के बा...

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औरतें रोती नहीं - 13 By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 13 अधूरे ख्वाबों की सिसकियां उज्ज्वला की नजर से: मई 2006 इस तरह जिंदगी ने ली करवट। वो भी सिर्फ चंद महीनों में। कल रात मन्नू ने मुझसे कहा था, ‘...

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नूरीन - 2 By Pradeep Shrivastava

नूरीन प्रदीप श्रीवास्तव भाग 2 हार कर वह अम्मी से बोली थी कि एक बार वह भी चाचाओं से बोले। लेकिन वह तो जैसे अंजाम का इंतजार कर रही थीं। नुरीन की बात पर टस से मस नहीं हुईं । कुछ बोलती...

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सोशल साइट फेसबुक पर उंगलियां चलाते-चलाते अचानक शैली की नजर एक पोस्ट पर रुक गई.... "कुछ जाना पहचाना सा चेहरा है.. पर याद नहीं आ रहा कौन." अपने दिमाग पर जोर डालते हुए वो सोचने लगी. त...

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पराग-कण By Rajesh Mewade

आज बहुत दिनों के बाद कुसुम से मुलाकात हुई। मैं उसी से मिलने उसके घर जा रहा था, लेकिन वो रास्ते में ही मिल गई। अचानक आज मुझे अपने सम्मुख पाकर शरमा गई... बावली है! मुझे देखकर पता नही...

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ना जाने किस वेश में ....... By Medha Jha

खाना - पीना हो गया और फिर हमारी बैठकी जमी मम्मी के घर उस रात। सब अपनी - अपनी बातें बता रहे थे । कुछ ही दिनों पहले मम्मी सेवा - निवृत हुई थी। मां ने कहा कि आज वो हमलोग को अपने नौकरी...

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लड़कियों का पढ़ना जरूरी है  क्या ? By H M Writter0

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बाज़ार सजा हुआ है. साथ में खड़ी लीला, चंपा, जूली, रेखा, हेमा, ऐश, माधूरी एक-एक कर ग्राहक को लुभा कर ले जा रही हैं. सबको पता है कि यहां आए मर्दों का नाड़ा कैसे ढीला करना है. सस्ते पा...

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जिंदगी का सफरनामा By Saroj Verma

जिंदगी का सफरनामा.....!! छियासठ साल की शाहिदा दिल्ली के अस्पताल एम्स में बहुत दिनों से भरती हैं, जिन्दगी का आखिरी पड़ाव तय कर रहीं हैं सोचा नहीं था कि जिंदगी के आखिरी दिन ऐसे बिस्तर...

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अच्छी लड़कियां और बुरी लड़कियां By शिखा श्रीवास्तव

सुबह अलसाई हुई आई थी। लेकिन पंछियों ने उसका ऐसा स्वागत किया था कि उसमें एक नया जोश पैदा हो गया और वो घर की छत में जो दरारें थीं, बिल्कुल वहाँ रहने वाले बाशिंदे की क़िस्मत की तरह, मे...

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योग के पथ पर By Neelam Kulshreshtha

योग दिवस, २१ जून पर विशेष कहानी योग के पथ पर [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] "ओ---म, ---ओ---म, ----ओ---म, "आत्मा की अतल गहराइयों का उच्चारण हृदय से निकल कर गले से सरककर होठों से फूटता. बंद दोन...

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जुर्रत By Saroj Verma

जुर्रत...!! कामना हफ्ते भर से काम कर करके थक चुकी थी, जिसको देखो वहीं कामना को आवाज लगाता, कामना ये कर दें,कामना वो कर दे,ऊपर से नीचे और नीचे से ऊपर करते करते कामना दिनभर थक जातीं,...

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बेल्ट By Priya Vachhani

गुलाबी जोड़े में शालिनी बहुत सुंदर लग रही थी। और लगे भी क्यों न ! ऐसी कौन सी लड़की होगी जो दुल्हन के लिबास में सुंदर न दिखे। तिसपर अगर मनचाहा वर मिले तब तो खुशी का कोई ठिकाना न रहता...

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मजबूरी By r k lal

मजबूरीआर ० के ० लालबाबूजी मुझे मारिए। मुझे पुलिस में दे दीजिए । मैंने कैसे हिम्मत की, यह सब करने की । वह भी आपजैसे भले व्यक्ति के साथ। फिर राधिका रोने लगी और कहने लगी, “आदमी की मजब...

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बेहा By Renu Yadav

गाँव के किनारे घने जंगल के कोने से दुबकी नहर गर्मी के डर से पेट में पानी चिपकाए खेतों की ओर पैर पसार कर पट्ट लेटी पड़ी है, जिस पर मुँह उचका उचका बेहा (बेहया) के पौधे चारों ओर झाँक-...

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आघात - 52 - अंतिम भाग By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 52 पूजा अपने बच्चों को सीने से लगाकर हृदय के भावोद्गार व्यक्त कर रही थी, तभी बाहर से दरवाजे पर दस्तक हुई । माँ के सीने से हटकर प्रियांश को वहीं पर छोड़कर सुधां...

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कृष्णा - 8 - अंतिम भाग By Saroj Prajapati

कृष्णा जब से इस घर में आई थी, तब से ही देख रही थी कि उसके ससुर मोहन की अपेक्षा अपने छोटे बेटे संजय को अधिक प्यार करते हैं और उसकी हर अनचाही मांग को पूरा करते हैं। संजय ने छोटा सा ब...

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घूँघट By Neha Sharma

आरुषि ने घूँघट उठाकर ससुराल में जब अपने स्वागत के लिए की गई तैयारियों को देखने की कोशिश की, तो दादी सास ने बहू की तरफ भौहें चढ़ाकर घूँघट नीचे करने का इशारा किया। आरुषि ने भी बेमन...

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वट (सती) सावित्री के बहाने नारीवादी चर्चा By Meenakshi Dikshit

वट सावित्री व्रत/पूजा भारत के भिन्न भिन्न प्रान्तों में ज्येष्ठ माह में की जाती है. वट वृक्ष की छाया में होने वाला यह व्रत सती सावित्री के आख्यान से जुड़ा है जिसका वर्णन महाभारत के...

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दबे पाँव By Renu Yadav

‘आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है…? इतनी कोशिश करने के बाद भी मुझे नहीं मिल रहा...मैं क्या करूँ ? कोई मुझे ढूँढ कर दे दो... मैं किसी से बात करूँ क्या ? मुझे संयोजक के पास ले चलो....

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एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं By PANKAJ SUBEER

एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं (कहानी - पंकज सुबीर) अगर ये कोई प्रेम कहानी होती तो शायद इसकी शुरूआत कुछ ऐसे होती ‘‘हरी भरी पहाड़ी से झरते हुए झरने के ठीक पास, फूलों से भरे मैदान...

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मेरा मित्र By .......

गुंजन के फोन की घंटी बजती है... गुंजन : हेलो पापा,राधे राधे।पापा: हा बेटा, राधे राधे।कुछ बात करनी थी तुमसे ,कितनी देर लगेगी घर आने में?गुंजन : हा पापा, मै कॉलेज से बस निकल ही गई हू...

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