hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • कृष्णा भाग-६

    रमेश अपने दोस्त के बेटे की शादी में गया हुआ था। शाम को जब वह लौटा तो बहुत ही खुश...

  • मेरा मित्र

    गुंजन के फोन की घंटी बजती है... गुंजन : हेलो पापा,राधे राधे।पापा: हा बेटा, राधे...

  • कब्रिस्तान का रहस्य

    मै कहती हूं रामू के काका आज के बाद रामू पानी भरने वहां नहीं जाएगा। जाना होगा तो...

औरतें रोती नहीं - 5 By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 5 शाम ढलने लगी थी। बस जरा सी देर में अंधेरा हो जाएगा, तो पांव को पांव नहीं सूझेगा। झरने के पार पहुंचने के बाद श्याम असमंजस में खड़े हो गए, अब आ...

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आघात - 49 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 49 पूजा ने प्रातः काल उठकर घर का दरवाजा खोला, तो देखा, बाहर रणवीर की गाड़ी खड़ी थी । वह सोचने के लिए विवश हो गयी - ‘‘सुबह-सुबह रणवीर यहाँ क्यों आया है ? वह आज फ...

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दबे पाँव By Renu Yadav

‘आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है…? इतनी कोशिश करने के बाद भी मुझे नहीं मिल रहा...मैं क्या करूँ ? कोई मुझे ढूँढ कर दे दो... मैं किसी से बात करूँ क्या ? मुझे संयोजक के पास ले चलो....

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कृष्णा भाग-६ By Saroj Prajapati

रमेश अपने दोस्त के बेटे की शादी में गया हुआ था। शाम को जब वह लौटा तो बहुत ही खुश था। उसे इतना खुश देख कमलेश ने कहा "क्या बात है जी! आज बहुत दिनों बाद आपको इतना खुश देख रही हूं । को...

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एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं By PANKAJ SUBEER

एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं (कहानी - पंकज सुबीर) अगर ये कोई प्रेम कहानी होती तो शायद इसकी शुरूआत कुछ ऐसे होती ‘‘हरी भरी पहाड़ी से झरते हुए झरने के ठीक पास, फूलों से भरे मैदान...

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मेरा मित्र By .......

गुंजन के फोन की घंटी बजती है... गुंजन : हेलो पापा,राधे राधे।पापा: हा बेटा, राधे राधे।कुछ बात करनी थी तुमसे ,कितनी देर लगेगी घर आने में?गुंजन : हा पापा, मै कॉलेज से बस निकल ही गई हू...

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जुड़ने से पहले By Kishanlal Sharma

"देखो माला।""रुमाल तो बड़े सुंदर है,"माला रूमालों को देखते हुए बोली,"जेंट्स रूमाल है।किसके लिए खरीदकर लायी हो?""राजन के लिये," इला बोली,"अपने लिये रूमाल खरीदने गई थी।यह भी पस...

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एक लॉस्ट इंजीनियर की दास्तान By Saroj Verma

एक लॉस्ट इंजीनियर की दास्तान...!! मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा सिलेक्शन आर्मी ट्रेनिंग कैंपस लैंसडाउन में हुआ था, वैसे भी मुझे पहाड़ी इलाका बहुत पसंद हैं और फिर अगर लैंसडाउन जैसी ज...

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सुजाता By S Sinha

कहानी - सुजाता मुकेश सिन्हा बनारस के नामी वकील थे . दयालबाग़ में उनका बड़ा सा अ...

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कब्रिस्तान का रहस्य By Jyoti Prakash Rai

मै कहती हूं रामू के काका आज के बाद रामू पानी भरने वहां नहीं जाएगा। जाना होगा तो तुम ही जाओ नहीं तो मै खुद ही जा कर पानी भर लाऊंगी। अरे लेकिन रामू की काकी, ऐसी क्या बात हो गई जो राम...

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वो बहुत अच्छी लड़की थी By Saroj Verma

वो अच्छी लड़की थी....!! दरवाजे की घंटी बजी.... श्यामा जी ने दरवाज़ा खोला और दरवाजा खुलते ही___ नमस्ते भाभीजी,सोहन लाल त्रिपाठी जी ने श्यामा जी से कहा।। अरे, भाईसाहब आप, नमस्ते... न...

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उसकी आजादी By padma sharma

उसकी आजादी मुझे हतप्रभ छोड बादामी तो एक झटके से बाहर निकल गई लेकिन मैं उसके शब्दों के अर्थ खोजने लगी थी। उसकी बातें दोगुने वेग से मेरे विचारों पर छाती चली गई। दूस...

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विधवाएं By Neela Prasad

विधवाएं नीला प्रसाद ‘किसी का हर वक्त आसपास होना वह तटस्थता स्थापित होने नहीं देता जो उसे ठीक से समझ पाने की दृष्टि देता है। हर वक्त का साथ एक ऐसा आवरण रच देता है जिसमें से दूसरे व्...

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कल्युग की पांचाली - 3 (अंतिम पार्ट) By Uday Veer

एक दिन ऊषा किसी काम में लगी होती है, और बच्ची जोर जोर से रो रही होती है, लेकिन कोई भी बच्ची को उठाकर गोद में नहीं लेता, जब बहुत देर हो जाती है तो ऊषा भागकर जाति है और देखती है कि म...

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माँ का दमा By Deepak sharma

माँ का दमा पापा के घर लौटते ही ताई उन्हें आ घेरती हैं, ‘इधर कपड़े वाले कारख़ाने में एक ज़नाना नौकरी निकली है. सुबह की शिफ़्ट में. सात से दोपहर तीन बजे तक. पगार, तीन हज़ार रूपया. कार्तिक...

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लिपस्टिक By Neela Prasad

लिपस्टिक नीला प्रसाद ये कहां आ गई मैं! सबकुछ नया। शहर, दफ्तर, वातावरण, पति और इस चार्टर्ड बस में बैठने का अनुभव भी। अदिति रोमांचित है। ऊंची-ऊंची इमारतें और वाहनों की लंबी कतारें, ब...

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बेटी का पत्र By Saroj Verma

क्या हुआ जी? आज आप बहुत दुःखी लग रहे, ठीक से खाना भी नहीं खा रहे!! हवलदार रामकिशोर की पत्नी सुधा ने अपने पति से पूछा।। बस ऐसे ही मन नहीं कर रहा, रामकिशोर बोला।। पर क्यो?बात क्या है...

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अशीर्वाद ?? By Pranava Bharti

अशीर्वाद ?? ----------------- कितने विलंबों के उपरान्त भी उसके आगमन की छुअन जीवन के एक निश्...

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कोरोना-लॉकडाउन से बदल गयी जिंदगी By r k lal

कोरोना-लॉकडाउन से बदल गयी जिंदगी आर० के० लाल "तुम क्या समझते हो अपने आपको? मैं तुम्हारी नौकरानी नहीं हूं”। तनु किचेन से चिल्लाते हुए अपने पति सुमेर से बोली। सु...

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बार्बी डॉल्स - 3 - अंतिम भाग By Neela Prasad

बार्बी डॉल्स नीला प्रसाद (3) आखिरकार मन नहीं माना तो मैंने पूछ ही लिया। ‘दीपाली नहीं आती इन दिनों? कई महीनों से नहीं देखा। अब तो बेटा खेलने लायक हो गया होगा सभी महिलाएं एक -दूसरे क...

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सौ साल पुरानी हवेली By Saroj Verma

सौ साल पुरानी हवेली...!! बात बहुत पुरानी हैं, आज से लगभग पैतालिस साल पुरानी, तब मै नया नया डाकबाबू हुआ था,एक कोई छोटा सा कस्बा था जहां मेरी पहली पोस्टिंग हुई थीं, नौकरी मिलने की खु...

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मेरी बेटी कोई खिलौना नहीं है By Shweta Sharma

" मैं शादी करूंगी, तो सिर्फ अमर से; नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगी, सुन लो आप दोनों।" चीखते हुए रोशनी ने कहा। " हां, तो जा मर जा, ऐसी बेटी होने से अच्छा था, हमारी कोई औलाद ही ना होत...

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अनिच्छा - 1 By Ajad Anand

'भोला, माँ किधर है ?' रामविलास ने खेत से आते ही अपने बेटे से पूछा।'मुझे नहीं पता, मैं तो यहाँ सुबह से खेल रहा हूँ''आठ बज गए लेकिन चूल्हे के पास वो...

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तुझको कौन पूछेगा By Monika

एक दिन प्रतिभा रोज की तरह बच्चों को पढ़ाने गई और अपनी दिनचर्या को पूरा करते हुए ,वापस लौटते ही उसने घर में देखा, कि किसी बात पर वाद विवाद को रहा है ।थोड़ी देर बाद माजरा समझ में आया...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 11 - अंतिम भाग By Uday Veer

स्थान रंजीत का घर, रंजीत अपने दोस्तों के साथ बैठा शराब पी रहा है, तभी पवन:- रंजीत भाई, आज की खबर सुनी, इंस्पेक्टर ललित चम्बल के बीहड़ में मारा गया| राजन:- लगता है अब उन लोगों का आख...

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औरतें रोती नहीं - 5 By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 5 शाम ढलने लगी थी। बस जरा सी देर में अंधेरा हो जाएगा, तो पांव को पांव नहीं सूझेगा। झरने के पार पहुंचने के बाद श्याम असमंजस में खड़े हो गए, अब आ...

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आघात - 49 By Dr kavita Tyagi

आघात डॉ. कविता त्यागी 49 पूजा ने प्रातः काल उठकर घर का दरवाजा खोला, तो देखा, बाहर रणवीर की गाड़ी खड़ी थी । वह सोचने के लिए विवश हो गयी - ‘‘सुबह-सुबह रणवीर यहाँ क्यों आया है ? वह आज फ...

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‘आखिर मेरे साथ ही ऐसा क्यों होता है…? इतनी कोशिश करने के बाद भी मुझे नहीं मिल रहा...मैं क्या करूँ ? कोई मुझे ढूँढ कर दे दो... मैं किसी से बात करूँ क्या ? मुझे संयोजक के पास ले चलो....

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कृष्णा भाग-६ By Saroj Prajapati

रमेश अपने दोस्त के बेटे की शादी में गया हुआ था। शाम को जब वह लौटा तो बहुत ही खुश था। उसे इतना खुश देख कमलेश ने कहा "क्या बात है जी! आज बहुत दिनों बाद आपको इतना खुश देख रही हूं । को...

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एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं By PANKAJ SUBEER

एक सीप में तीन लड़कियाँ रहती थीं (कहानी - पंकज सुबीर) अगर ये कोई प्रेम कहानी होती तो शायद इसकी शुरूआत कुछ ऐसे होती ‘‘हरी भरी पहाड़ी से झरते हुए झरने के ठीक पास, फूलों से भरे मैदान...

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मेरा मित्र By .......

गुंजन के फोन की घंटी बजती है... गुंजन : हेलो पापा,राधे राधे।पापा: हा बेटा, राधे राधे।कुछ बात करनी थी तुमसे ,कितनी देर लगेगी घर आने में?गुंजन : हा पापा, मै कॉलेज से बस निकल ही गई हू...

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एक लॉस्ट इंजीनियर की दास्तान By Saroj Verma

एक लॉस्ट इंजीनियर की दास्तान...!! मैं बहुत खुश था क्योंकि मेरा सिलेक्शन आर्मी ट्रेनिंग कैंपस लैंसडाउन में हुआ था, वैसे भी मुझे पहाड़ी इलाका बहुत पसंद हैं और फिर अगर लैंसडाउन जैसी ज...

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माँ का दमा By Deepak sharma

माँ का दमा पापा के घर लौटते ही ताई उन्हें आ घेरती हैं, ‘इधर कपड़े वाले कारख़ाने में एक ज़नाना नौकरी निकली है. सुबह की शिफ़्ट में. सात से दोपहर तीन बजे तक. पगार, तीन हज़ार रूपया. कार्तिक...

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लिपस्टिक By Neela Prasad

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बेटी का पत्र By Saroj Verma

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" मैं शादी करूंगी, तो सिर्फ अमर से; नहीं तो मैं अपनी जान दे दूंगी, सुन लो आप दोनों।" चीखते हुए रोशनी ने कहा। " हां, तो जा मर जा, ऐसी बेटी होने से अच्छा था, हमारी कोई औलाद ही ना होत...

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दहेज एक विनाशकारी चिंगारी - 11 - अंतिम भाग By Uday Veer

स्थान रंजीत का घर, रंजीत अपने दोस्तों के साथ बैठा शराब पी रहा है, तभी पवन:- रंजीत भाई, आज की खबर सुनी, इंस्पेक्टर ललित चम्बल के बीहड़ में मारा गया| राजन:- लगता है अब उन लोगों का आख...

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