hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • लिस्ट

    लिस्टस्नेहा हमेशा की तरह घर की सफाई में मगन गुनगुनाती जा रही ....... "न चिठिया...

  • गुनाह

    इंसान जैसा बीज बोता है वैसे ही फल उसे काटने पड़ते हैं। जवानी में माया देवी ने गुन...

  • अधिकार

    अधिकारप्रेम में त्याग होता है स्वार्थ नहीं. जो यह कहता है कि अगर तुम मेरे नहीं ह...

घर की मुर्गी - पार्ट - 6 By AKANKSHA SRIVASTAVA

एक रोज फिर उसने व्योम से कहा व्योम में थक जाती हूं, मुझे भी आराम चाहिए। व्योम ने शकुंतला जी की तरह ताने मारते हुए कहा काम ही क्या है तुम्हे। करती ही क्या हो जो रोज एक ही बात लेकर ब...

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लिस्ट By Dr.Geeta Dwivedi

लिस्टस्नेहा हमेशा की तरह घर की सफाई में मगन गुनगुनाती जा रही ....... "न चिठिया कोई संदेसा।" ... तभी अचानक सौरभ माँ-माँ चिल्लाता घर में आया और माँ को पकड़कर झूमने लगा | "अरे-अरे !...

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जीने के लिए - 5 By Rama Sharma Manavi

पिछली कहानी जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। ------ पंचम अध्याय….--------------–-- समय अत्यंत धीमी गति से गुज़रता प्रतीत हो रहा था।जब खुशियां होती हैं तो समय भागता सा प्रत...

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वो भूली दास्तां,भाग-५ By Saroj Prajapati

आकाश को जब रश्मि ने चांदनी के दिल का हाल सुनाया तो वह खुश होते हुए बोला "भाभी जी यह खुशखबरी सुनाकर आपने मुझ पर कितना बड़ा अहसान किया है। बता नहीं सकता आपको!" उसकी बात सुन रश्मि ने...

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चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? By Vandana Gupta

चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? चाँदनी रात के नाम से मशहूर गोष्ठी जिसमें तारों की छाँव में धरती के सितारे अवतरित हुए थे और अपनी विचारधारा से अवगत करा रहे थे । खामोशी के पाँव में मान...

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रक्षाबंधन By Medha Jha

#रक्षाबंधन के बहानेअबके बरस भेज भैया को बाबुल, सावन में लीजो बुलाय रेछलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे…बंदिनी फिल्म का यह गीत आज के दिन फिर से प्रासंगिक हो गया है उ...

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हवस की आग - मासूम लड़की हुई हवस की शिकार By रनजीत कुमार तिवारी

आदरणीय पाठकों मेरा सादर प्रणाम यह कहानी मैं समाज में आए दिन घट रही घटनाओं से अवगत होकर इसपर प्रकाश डालने की छोटी सी कोशिश कर रहा हूं।अगर कोई कमी हो तो माफ़ करिएगा और अच्छा लगे तो म...

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मेरा बचपन चला गया By निशा शर्मा

भाभी आप हटो बाकी का काम मैं समेट लूंगी , इतनी साधारण सी बात संध्या को यूं लगी मानो किसी ने दिसंबर की भरी सर्दी में दो बाल्टी ठन्डा पानी उस पर डाल दिया हो,क्योंकि जो ननद कभी रसोई मे...

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गुनाह By Sunita Agarwal

इंसान जैसा बीज बोता है वैसे ही फल उसे काटने पड़ते हैं। जवानी में माया देवी ने गुनाह का जो बीज बोया था उसका फल उसके सामने था। आज जिंदगी के उस मोड़पर जब उसके जीवन का सूर्य कभी भी अस्त...

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बंसवा फुलाइल मोरे अँगना By Urmila Shukl

बंसवा फुलाइल मोरे अँगना उर्मिला शुक्ल बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी वह देख रही थी, अपने आपको । लग रहा था, जैसे एक ही रात में सब कुछ बदल गया है । उसे लग ही नहीं रहा था कि वह वही सीमा...

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पैडमेन फ़िल्म के बहाने By Neelam Kulshreshtha

पैडमेन फ़िल्म के बहाने [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] मुझे लगता है फ़िल्म पैडमेन ने एक सामाजिक क्रांति कर दी है। लोग आज खुलकर स्त्रियों द्वारा मासिक धर्म या माहवारी या ऋतुचक्र या मेंस्ट्रुअल सा...

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अधिकार By Sudha Adesh

अधिकारप्रेम में त्याग होता है स्वार्थ नहीं. जो यह कहता है कि अगर तुम मेरे नहीं हो सके तो किसी दूसरे के भी नहीं हो सकते…यहाँ प्यार नहीं स्वार्थ बोल रहा है…। सच तो यह है कि प्रेम में...

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अविश्वास By VANDANA VANI SINGH

कहते है बेचैनियो का कोई ठिकाना नहीं होता अपना ही दिल भाग जाना चाहता है अपनी बेचैनी से कहीं दूर कुछ एसा ही इन दिनों रश्मी साथ हो रहा कहने को आज सादी भले ही दो साल हो गए सादी लेकिन उ...

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औरतें रोती नहीं - 25 - अंतिम भाग By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 25 इस मोड़ से आगे रात जमकर नींद आई। बारह बजे उसे स्टूडियो पहुंचना था। तैयार होने से पहले आंटी का नौकर सतीश बता गया कि कोई फैजल आया है उससे मिल...

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कड़क रोटी... By सिमरन जयेश्वरी

"उफ़्फ़!!! यार मैं तंग आ चुकी हूं। इस रोटी मेकर को भी आज ही खराब होना था।" किचन में रोटी बना रही अर्चना ने अपने माथे का पसीना पोंछते हुए कहा। "क्या हुआ अर्चना। क्यों परेशान हो गई तुम...

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कलंक नही ब्रा हूँ मैं ! By AKANKSHA SRIVASTAVA

"जो महसूस किया वह ना लिखा तो क्या लिखा,सुना वो जो औरो ने सुनकर भी अनदेखा कर दिया....ये कोई कहानी नही अपितु लेख है। हर स्त्री की वो पीड़ा है जिसे वो अपने भीतर कैद करके रखने की कसम खा...

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कुत्‍ते की पूँछ By rajendra shrivastava

कहानी कुत्‍ते की पूँछ राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास्‍तव, ''मैंने क्‍या किया ?'' सदा की तरह यह आश्‍चर्य मिश्रित...

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मांजी के नाम की पाति By Medha Jha

फेसबुक खोलते ध्यान गया अपूर्वा का, कोई मैसेज आया था। ' मांजी, नहीं रही। ' - नील का मैसेज था।एक क्षण के लिए शून्य हो गया उसका दिमाग। वात्सल्य से भरी मांजी का चेहरा घूम गया न...

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बहनें ( तुम देना साथ मेरा ) By Pragya Chandna

आज आशा का जन्म हुआ है। कोई और घर होता तो लक्ष्मी आने की खुशी में जश्न मनाया जाता किंतु आशा के घर में आज मातम पसरा हुआ है ‌। सुबह से घर में चूल्हा नहीं जला और आशा की दादी आशा की मां...

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तलाक-शुदा By Sunita Agarwal

एक औरत की जिन्दगी जुए की तरह दाव पर लगी होती है या लगाई जाती है।जिंदगी के इस जुए में यदि बाजी उसके पक्ष में होती है उसकी जिंदगी सोभाग्य बन जाती है और यदि उसके बिपरीत होती है तो दुर...

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मकान नम्बर एक सौ पैंतालीस By Satish Sardana Kumar

मकान नम्बर एक सौ पैंतालीसकहानीलेखक:सतीश सरदानासुदीप का 1992 मॉडल बजाज चेतक स्कूटर एक किक में स्टार्ट हो गया।कभी-कभी तीन चार किक में भी स्टार्ट नहीं होता।इस बात को शुभ लक्षण मानकर उ...

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हां.. मैं नारी ही तो थी।। By Saroj Verma

हां..मैं नारी ही तो थी..!! मैं वही असहाय सुनैना ही तो हूँ जो राम को ये ना कह सकीं कि हे राम! तुमने मेरी पुत्री को वन क्यों भेजा,उसका क्या दोष था,उसने तो कभी अपने पतिकर्तव्य से कभी...

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द्रौपदी.. By Saroj Verma

द्रौपदी..!!? मैं द्रोपदी,कितना असहज था ये स्वीकारना कि मेरे पांच पति होगें, माता कुन्ती ने कितनी सरलता से कह दिया कि जो भिक्षा में मिला सभी भाई आपस मे बांट लों,किसी ने कभी विचार क...

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फैसला - 2 By Sunita Agarwal

अभी तक आपने पढ़ा...अनन्या की शादी अमित से हो जाती है। अमित SBI में असिस्टेंट मैनेजर है।शुरुआत में सब अच्छा था। दोनों अपनी शादी में बहुत खुश थे। दोनों में खूब प्यार था। लेकिन थोड़े...

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क्योंकि तुम मेरी पत्नी हो By Saroj Verma

क्योंकि तुम मेरी पत्नी हो...!! क्या हुआ? स्नेहा इतनी उदास सी कैसे लग रहीं हो? स्नेहा के पति गौरव ने पूछा।। बस,आज कुछ ऐसा हाथ लग गया, जो केवल दर्द के एहसासों से भरा हैं,स्नेहा बोली...

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चुपङी रोटियाँ By Sneh Goswami

चुपड़ी रोटियां रजनी ने सिम्मी आंटी का दरवाजा जोर से खटकाया । सिमरन ने दरवाजा खोला तो रजनी एकदम से फट ही पड़ी ।आंटी जी ! इसे कहते हैं कलयुग । घोर कलयुग आ गया घोर ।" पर हुआ क्य...

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कलकत्ता ब्यूटी पार्लर By Kumar Gourav

रामदेव सिंह के बेटी का ब्याह है। दू फेरा से प्रधान हैं सरकारी इंजीनियर दामाद उतारे हैं । एकदम पैसा से बोझ दिए हैं। कौन एक नंबर के पैसा है, सब तो दू नंबर का सरकारी पैसा समेट के रखे...

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बेगम की कोठी By Saroj Verma

बेगम़ की कोठी...!! निरंजन की मोटरसाइकिल की आवाज़ सुनकर, सुमित्रा ने गेट खोला और गेट खोलते ही निरंजन से कहा।। लल्ला! कहाँ रह गए थे,कब से इंतजार कर रहे हैं हम तुम्हारा,...

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सोशल साइट्स By Priya Vachhani

मोबाइल में मैसेज की टोन बजते ही अनीता का ध्यान मोबाइल की तरफ गया। सामने मधु का मैसेज देख चेहरे पर मुस्कान आ गई। मधु ने "हाय" भेजा था। अनीता ने भी जवाब दिया हेलो मधु !!कैसी हो ?कहां...

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कुसूरवार कौन ?? By Varsha

पूजा को अचानक मंडप में आया देख लोगो में खलबली मच गई....!!!!पर पूजा चुपचाप जाकर एक कोने में खड़ी हो गई......लोगों ने बातों की, इल्जामो की, और व्यंग बाणों की झड़ी लगा दी.....कैसी लडक...

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घर की मुर्गी - पार्ट - 6 By AKANKSHA SRIVASTAVA

एक रोज फिर उसने व्योम से कहा व्योम में थक जाती हूं, मुझे भी आराम चाहिए। व्योम ने शकुंतला जी की तरह ताने मारते हुए कहा काम ही क्या है तुम्हे। करती ही क्या हो जो रोज एक ही बात लेकर ब...

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लिस्ट By Dr.Geeta Dwivedi

लिस्टस्नेहा हमेशा की तरह घर की सफाई में मगन गुनगुनाती जा रही ....... "न चिठिया कोई संदेसा।" ... तभी अचानक सौरभ माँ-माँ चिल्लाता घर में आया और माँ को पकड़कर झूमने लगा | "अरे-अरे !...

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जीने के लिए - 5 By Rama Sharma Manavi

पिछली कहानी जानने के लिए पिछले अध्याय अवश्य पढ़ें। ------ पंचम अध्याय….--------------–-- समय अत्यंत धीमी गति से गुज़रता प्रतीत हो रहा था।जब खुशियां होती हैं तो समय भागता सा प्रत...

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वो भूली दास्तां,भाग-५ By Saroj Prajapati

आकाश को जब रश्मि ने चांदनी के दिल का हाल सुनाया तो वह खुश होते हुए बोला "भाभी जी यह खुशखबरी सुनाकर आपने मुझ पर कितना बड़ा अहसान किया है। बता नहीं सकता आपको!" उसकी बात सुन रश्मि ने...

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चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? By Vandana Gupta

चालीस पार की औरत और एक प्रश्न? चाँदनी रात के नाम से मशहूर गोष्ठी जिसमें तारों की छाँव में धरती के सितारे अवतरित हुए थे और अपनी विचारधारा से अवगत करा रहे थे । खामोशी के पाँव में मान...

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रक्षाबंधन By Medha Jha

#रक्षाबंधन के बहानेअबके बरस भेज भैया को बाबुल, सावन में लीजो बुलाय रेछलके नयन मोरा कसके रे जियरा, बचपन की जब याद आए रे…बंदिनी फिल्म का यह गीत आज के दिन फिर से प्रासंगिक हो गया है उ...

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हवस की आग - मासूम लड़की हुई हवस की शिकार By रनजीत कुमार तिवारी

आदरणीय पाठकों मेरा सादर प्रणाम यह कहानी मैं समाज में आए दिन घट रही घटनाओं से अवगत होकर इसपर प्रकाश डालने की छोटी सी कोशिश कर रहा हूं।अगर कोई कमी हो तो माफ़ करिएगा और अच्छा लगे तो म...

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मेरा बचपन चला गया By निशा शर्मा

भाभी आप हटो बाकी का काम मैं समेट लूंगी , इतनी साधारण सी बात संध्या को यूं लगी मानो किसी ने दिसंबर की भरी सर्दी में दो बाल्टी ठन्डा पानी उस पर डाल दिया हो,क्योंकि जो ननद कभी रसोई मे...

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गुनाह By Sunita Agarwal

इंसान जैसा बीज बोता है वैसे ही फल उसे काटने पड़ते हैं। जवानी में माया देवी ने गुनाह का जो बीज बोया था उसका फल उसके सामने था। आज जिंदगी के उस मोड़पर जब उसके जीवन का सूर्य कभी भी अस्त...

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बंसवा फुलाइल मोरे अँगना By Urmila Shukl

बंसवा फुलाइल मोरे अँगना उर्मिला शुक्ल बाथरूम में शीशे के सामने खड़ी वह देख रही थी, अपने आपको । लग रहा था, जैसे एक ही रात में सब कुछ बदल गया है । उसे लग ही नहीं रहा था कि वह वही सीमा...

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पैडमेन फ़िल्म के बहाने By Neelam Kulshreshtha

पैडमेन फ़िल्म के बहाने [ नीलम कुलश्रेष्ठ ] मुझे लगता है फ़िल्म पैडमेन ने एक सामाजिक क्रांति कर दी है। लोग आज खुलकर स्त्रियों द्वारा मासिक धर्म या माहवारी या ऋतुचक्र या मेंस्ट्रुअल सा...

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अधिकार By Sudha Adesh

अधिकारप्रेम में त्याग होता है स्वार्थ नहीं. जो यह कहता है कि अगर तुम मेरे नहीं हो सके तो किसी दूसरे के भी नहीं हो सकते…यहाँ प्यार नहीं स्वार्थ बोल रहा है…। सच तो यह है कि प्रेम में...

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अविश्वास By VANDANA VANI SINGH

कहते है बेचैनियो का कोई ठिकाना नहीं होता अपना ही दिल भाग जाना चाहता है अपनी बेचैनी से कहीं दूर कुछ एसा ही इन दिनों रश्मी साथ हो रहा कहने को आज सादी भले ही दो साल हो गए सादी लेकिन उ...

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औरतें रोती नहीं - 25 - अंतिम भाग By Jayanti Ranganathan

औरतें रोती नहीं जयंती रंगनाथन Chapter 25 इस मोड़ से आगे रात जमकर नींद आई। बारह बजे उसे स्टूडियो पहुंचना था। तैयार होने से पहले आंटी का नौकर सतीश बता गया कि कोई फैजल आया है उससे मिल...

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कड़क रोटी... By सिमरन जयेश्वरी

"उफ़्फ़!!! यार मैं तंग आ चुकी हूं। इस रोटी मेकर को भी आज ही खराब होना था।" किचन में रोटी बना रही अर्चना ने अपने माथे का पसीना पोंछते हुए कहा। "क्या हुआ अर्चना। क्यों परेशान हो गई तुम...

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कलंक नही ब्रा हूँ मैं ! By AKANKSHA SRIVASTAVA

"जो महसूस किया वह ना लिखा तो क्या लिखा,सुना वो जो औरो ने सुनकर भी अनदेखा कर दिया....ये कोई कहानी नही अपितु लेख है। हर स्त्री की वो पीड़ा है जिसे वो अपने भीतर कैद करके रखने की कसम खा...

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कुत्‍ते की पूँछ By rajendra shrivastava

कहानी कुत्‍ते की पूँछ राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास्‍तव, ''मैंने क्‍या किया ?'' सदा की तरह यह आश्‍चर्य मिश्रित...

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मांजी के नाम की पाति By Medha Jha

फेसबुक खोलते ध्यान गया अपूर्वा का, कोई मैसेज आया था। ' मांजी, नहीं रही। ' - नील का मैसेज था।एक क्षण के लिए शून्य हो गया उसका दिमाग। वात्सल्य से भरी मांजी का चेहरा घूम गया न...

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बहनें ( तुम देना साथ मेरा ) By Pragya Chandna

आज आशा का जन्म हुआ है। कोई और घर होता तो लक्ष्मी आने की खुशी में जश्न मनाया जाता किंतु आशा के घर में आज मातम पसरा हुआ है ‌। सुबह से घर में चूल्हा नहीं जला और आशा की दादी आशा की मां...

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तलाक-शुदा By Sunita Agarwal

एक औरत की जिन्दगी जुए की तरह दाव पर लगी होती है या लगाई जाती है।जिंदगी के इस जुए में यदि बाजी उसके पक्ष में होती है उसकी जिंदगी सोभाग्य बन जाती है और यदि उसके बिपरीत होती है तो दुर...

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मकान नम्बर एक सौ पैंतालीस By Satish Sardana Kumar

मकान नम्बर एक सौ पैंतालीसकहानीलेखक:सतीश सरदानासुदीप का 1992 मॉडल बजाज चेतक स्कूटर एक किक में स्टार्ट हो गया।कभी-कभी तीन चार किक में भी स्टार्ट नहीं होता।इस बात को शुभ लक्षण मानकर उ...

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हां.. मैं नारी ही तो थी।। By Saroj Verma

हां..मैं नारी ही तो थी..!! मैं वही असहाय सुनैना ही तो हूँ जो राम को ये ना कह सकीं कि हे राम! तुमने मेरी पुत्री को वन क्यों भेजा,उसका क्या दोष था,उसने तो कभी अपने पतिकर्तव्य से कभी...

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द्रौपदी.. By Saroj Verma

द्रौपदी..!!? मैं द्रोपदी,कितना असहज था ये स्वीकारना कि मेरे पांच पति होगें, माता कुन्ती ने कितनी सरलता से कह दिया कि जो भिक्षा में मिला सभी भाई आपस मे बांट लों,किसी ने कभी विचार क...

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फैसला - 2 By Sunita Agarwal

अभी तक आपने पढ़ा...अनन्या की शादी अमित से हो जाती है। अमित SBI में असिस्टेंट मैनेजर है।शुरुआत में सब अच्छा था। दोनों अपनी शादी में बहुत खुश थे। दोनों में खूब प्यार था। लेकिन थोड़े...

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क्योंकि तुम मेरी पत्नी हो By Saroj Verma

क्योंकि तुम मेरी पत्नी हो...!! क्या हुआ? स्नेहा इतनी उदास सी कैसे लग रहीं हो? स्नेहा के पति गौरव ने पूछा।। बस,आज कुछ ऐसा हाथ लग गया, जो केवल दर्द के एहसासों से भरा हैं,स्नेहा बोली...

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चुपङी रोटियाँ By Sneh Goswami

चुपड़ी रोटियां रजनी ने सिम्मी आंटी का दरवाजा जोर से खटकाया । सिमरन ने दरवाजा खोला तो रजनी एकदम से फट ही पड़ी ।आंटी जी ! इसे कहते हैं कलयुग । घोर कलयुग आ गया घोर ।" पर हुआ क्य...

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कलकत्ता ब्यूटी पार्लर By Kumar Gourav

रामदेव सिंह के बेटी का ब्याह है। दू फेरा से प्रधान हैं सरकारी इंजीनियर दामाद उतारे हैं । एकदम पैसा से बोझ दिए हैं। कौन एक नंबर के पैसा है, सब तो दू नंबर का सरकारी पैसा समेट के रखे...

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बेगम की कोठी By Saroj Verma

बेगम़ की कोठी...!! निरंजन की मोटरसाइकिल की आवाज़ सुनकर, सुमित्रा ने गेट खोला और गेट खोलते ही निरंजन से कहा।। लल्ला! कहाँ रह गए थे,कब से इंतजार कर रहे हैं हम तुम्हारा,...

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सोशल साइट्स By Priya Vachhani

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कुसूरवार कौन ?? By Varsha

पूजा को अचानक मंडप में आया देख लोगो में खलबली मच गई....!!!!पर पूजा चुपचाप जाकर एक कोने में खड़ी हो गई......लोगों ने बातों की, इल्जामो की, और व्यंग बाणों की झड़ी लगा दी.....कैसी लडक...

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