hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

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आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 1 By ARUANDHATEE GARG मीठी

आभा ....( जीवन की अग्निपरीक्षा ) ( भाग - 1 ) एक लड़की हाथों में हिस्ट्री की किताब लिए , एक आर्ट सब्जेक्ट की क्लास की ओर बढ़ गई । लड़की ने अपना आधा चेहरा ढाका हुआ था , जो कि बा...

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आन्या का ससुराल - 3 By Riya Jaiswal

सर पर आंचल लेना आन्या को बिल्कुल पसंद नहीं था। एक तो सारी संभालनी ही मुश्किल थी उसके लिए, ऊपर से घर के कामों की जिम्मेदारी। अब आंचल संभाले या काम। मगर मम्मीजी का कहना था कि कम से क...

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भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

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सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

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सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

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किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

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मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

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वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

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काहे री नलिनि तू कुम्हलानी By Sneh Goswami

काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

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हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

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बीबी और बारिश By Guri baba

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

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रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

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जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

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औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

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प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

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The girl's life is abandoned without dreams - novel end .. thanks By navita

??? thanku so much everyone ????✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️दुनिया अच्छी नहीं लगती जब रूठ जाते है सब दुनिया अच्छी नहीं लगती जब दर्द मिले हर तरफ दिन आये रात चली जाये ,वक़्त के साथ...

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भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

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मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

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अपना आदमी By Poonam Gujrani Surat

कहानीअपना आदमीनीलिमा आज बहुत थक गई थी। रविवार का दिन,ऊपर से कामवाली की छुट्टी और टीवी पर क्रिकेट मैच यानि एक तो करेला वो भी नीम चढ़ा। बच्चे ,पति सब मस्ती से टीवी के आगे चिपके हुए थ...

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माँ तो माँ होती है By Annada patni

पिछले कुछ समय से संध्या की खाँसी रुकने का नाम नहीं ले रही । फिर भी काम से उसे छुटकारा नहीं । दिन भर घर खाँसते खांसते गृहस्थी के कभी न ख़त्म होने कार्यों में जुटी ही रहती ।मदद करने...

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ममता By Sudha Adesh

ममताबचपन से ही मातापिता के स्नेह से वंचित माधुरी जब ससुराल गई तो वहां भी पल्लव के प्यार के सिवा सास ससुर दोनों को ही बाहर की जिंदगी जीते देख उसे बड़ी ठेस पहुंची. लेकिन उस की तकलीफ...

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मृगतृष्णा के पीछे  By Sudha Adesh

मृगतृष्णा के पीछे परिमल की कार ने जब आलीशान बंगले के आहते में प्रवेश किया तो दरबान ने दौडकर सलामी देते हुए दरवाजा खोला । पल्लवी को न देखकर वह थ...

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गुलाबो - भाग 3 By Neerja Pandey

गर्मियों में जय और विजय के साथ-साथ उनके पिता विश्वनाथ भी घर आए थे। इस बार अच्छी बचत हो गई थी, इसलिए सोचा गया कि पक्का दालान बनवा लिया जाए। जिससे मेहमानों के आने पर घर की बहुओं को क...

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सजा किसे मिली By Sudha Adesh

सजा किसे मिली ..अल्पना की आँखें खुलीं तो खुद को अस्पताल के बेड पर पाया । माँ फौरन उस के पास आ कर बोलीं, ‘‘कैसी है, बेटी ? इतनी बड़ी बात तूने हमसे छिपाई… । मैं मानती हूँ कि अच्छी...

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मां ! पराई हुई देहरी तेरी By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ कमरे में पैर रखते ही पता नहीं क्यों दिल धक से रह जाता है । मम्मी के घर के मेरे कमरे में इतनी जल्दी सब कुछ बदल सकता है मैं सोच भी नहीं सकती थी ? कमरे में मेरी पसंद क...

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जीवनदान By Sudha Adesh

जीवनदान विवाह की रस्में अभी चल ही रही थीं कि विपिन के पिताजी सुमेश को एक बार फिर दिल का दौरा पड़ गया । निवेदिता अपनी देवरानी कमल को विवाह का दायित्व सौंप कर सुमेश के सा...

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हाशिया By Sudha Adesh

हाशिया घंटी की आवाज सुनकर मनीषा ने दरवाजा खोला… ‘ अरे, तुम लोग...कब आये, कहाँ रूके हो....? बहुत दिनों से कोई समाचार भी नहीं मिला ।’ सामने महेश और नीत...

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निकाह By Sunita Agarwal

निकाहवह आठ साल की थी जब उसकी सलमा बाजी का निकाह हुआ था।महीनों पहले से घर में निकाह की तैयारियाँ चल रही थीं।'आयशा' बाजी के नए नए कपड़े,गहने देखकर वह बहुत खुश होती और अपनी अम्...

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वर्तिका - हर नारी By Sunita Bishnolia

वर्तिका...नारी रूप छिछली नदी का ना ठहरा हूँ पानी, बहती नदी सी है, मुझमें रवानीथाह अंतर का मेरे ना तुम पा सकोगे बतला दूँ तुमको, मैं अपनी कहानी अंबर सी विस्तृत हूँ उजली ज्यों दर्प...

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केतकी,... सुहानी सी एक लड़की By ArUu

ये कहानी है एक औरत की। शायद उस औरत की जो इस समाज के बने नियमो से बुरी तरह जुझ रही है। अपनो से मिले धोखे और समाज़ में औरत को मिले स्थान को प्रतिचित्रित करती ये कहानी है केतकी की।Sta...

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अनंत की ओर By Sunita Agarwal

भाभी अनन्या की कही गई कड़वी बातें उसे चुभ गईं और वह अपने कमरे में जाकर देर तक रोती रही।अपने माँ और अपने पिता को याद करते करते, सुलभा जैसे अतीत में चली गई थी।सुलभा अपने तीन बहिन और ए...

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पुरूषों का छल By Shreya

Marfa, जनरल की विधवा, जो दस साल से होमियोपैथिक की प्रैक्टिस कर रही है, अपने वार्ड में मरीजों को देख रही है। वह पहले ही दस मरीजों को देख चुकी थी, जब उसने ग्यारहवें मरीज को बुलाया। द...

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गुनाह By Durga

अवनि ने ज़िन्दगी और मौत से लड़ते हुए अपनी सूनी आँखों से माँ की ओर देखा और बोली - " क्यों आई हो यहाँ? चली जाओ कही ऐसा ना हो की दुनिया को पता चल जाये की मेरी एक माँ भी है जो ज़िंदा है औ...

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कुंठित By Sunita Agarwal

बसुधा का आज सुबह से ही मन बहुत खिन्न था।उसकातनिक भी मन नहीं लग रहा था।ऐसा लग रहा था कि यहाँ से कहीं भाग जाए ,ऐसी जगह,जहाँ अपनेपन का अहसास हो।ऐसी जगह जहाँ उसे समझा जाये। ऐसी जगह,जहा...

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निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

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आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 1 By ARUANDHATEE GARG मीठी

आभा ....( जीवन की अग्निपरीक्षा ) ( भाग - 1 ) एक लड़की हाथों में हिस्ट्री की किताब लिए , एक आर्ट सब्जेक्ट की क्लास की ओर बढ़ गई । लड़की ने अपना आधा चेहरा ढाका हुआ था , जो कि बा...

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आन्या का ससुराल - 3 By Riya Jaiswal

सर पर आंचल लेना आन्या को बिल्कुल पसंद नहीं था। एक तो सारी संभालनी ही मुश्किल थी उसके लिए, ऊपर से घर के कामों की जिम्मेदारी। अब आंचल संभाले या काम। मगर मम्मीजी का कहना था कि कम से क...

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भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

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सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

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सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

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किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

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मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

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वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

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काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

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हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

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बीबी और बारिश By Guri baba

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

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रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

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जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

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औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

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प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

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भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

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मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

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अपना आदमी By Poonam Gujrani Surat

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माँ तो माँ होती है By Annada patni

पिछले कुछ समय से संध्या की खाँसी रुकने का नाम नहीं ले रही । फिर भी काम से उसे छुटकारा नहीं । दिन भर घर खाँसते खांसते गृहस्थी के कभी न ख़त्म होने कार्यों में जुटी ही रहती ।मदद करने...

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ममता By Sudha Adesh

ममताबचपन से ही मातापिता के स्नेह से वंचित माधुरी जब ससुराल गई तो वहां भी पल्लव के प्यार के सिवा सास ससुर दोनों को ही बाहर की जिंदगी जीते देख उसे बड़ी ठेस पहुंची. लेकिन उस की तकलीफ...

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मृगतृष्णा के पीछे  By Sudha Adesh

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गुलाबो - भाग 3 By Neerja Pandey

गर्मियों में जय और विजय के साथ-साथ उनके पिता विश्वनाथ भी घर आए थे। इस बार अच्छी बचत हो गई थी, इसलिए सोचा गया कि पक्का दालान बनवा लिया जाए। जिससे मेहमानों के आने पर घर की बहुओं को क...

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सजा किसे मिली By Sudha Adesh

सजा किसे मिली ..अल्पना की आँखें खुलीं तो खुद को अस्पताल के बेड पर पाया । माँ फौरन उस के पास आ कर बोलीं, ‘‘कैसी है, बेटी ? इतनी बड़ी बात तूने हमसे छिपाई… । मैं मानती हूँ कि अच्छी...

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मां ! पराई हुई देहरी तेरी By Neelam Kulshreshtha

नीलम कुलश्रेष्ठ कमरे में पैर रखते ही पता नहीं क्यों दिल धक से रह जाता है । मम्मी के घर के मेरे कमरे में इतनी जल्दी सब कुछ बदल सकता है मैं सोच भी नहीं सकती थी ? कमरे में मेरी पसंद क...

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हाशिया घंटी की आवाज सुनकर मनीषा ने दरवाजा खोला… ‘ अरे, तुम लोग...कब आये, कहाँ रूके हो....? बहुत दिनों से कोई समाचार भी नहीं मिला ।’ सामने महेश और नीत...

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निकाहवह आठ साल की थी जब उसकी सलमा बाजी का निकाह हुआ था।महीनों पहले से घर में निकाह की तैयारियाँ चल रही थीं।'आयशा' बाजी के नए नए कपड़े,गहने देखकर वह बहुत खुश होती और अपनी अम्...

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वर्तिका...नारी रूप छिछली नदी का ना ठहरा हूँ पानी, बहती नदी सी है, मुझमें रवानीथाह अंतर का मेरे ना तुम पा सकोगे बतला दूँ तुमको, मैं अपनी कहानी अंबर सी विस्तृत हूँ उजली ज्यों दर्प...

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केतकी,... सुहानी सी एक लड़की By ArUu

ये कहानी है एक औरत की। शायद उस औरत की जो इस समाज के बने नियमो से बुरी तरह जुझ रही है। अपनो से मिले धोखे और समाज़ में औरत को मिले स्थान को प्रतिचित्रित करती ये कहानी है केतकी की।Sta...

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अनंत की ओर By Sunita Agarwal

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पुरूषों का छल By Shreya

Marfa, जनरल की विधवा, जो दस साल से होमियोपैथिक की प्रैक्टिस कर रही है, अपने वार्ड में मरीजों को देख रही है। वह पहले ही दस मरीजों को देख चुकी थी, जब उसने ग्यारहवें मरीज को बुलाया। द...

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गुनाह By Durga

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बसुधा का आज सुबह से ही मन बहुत खिन्न था।उसकातनिक भी मन नहीं लग रहा था।ऐसा लग रहा था कि यहाँ से कहीं भाग जाए ,ऐसी जगह,जहाँ अपनेपन का अहसास हो।ऐसी जगह जहाँ उसे समझा जाये। ऐसी जगह,जहा...

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