hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • नियति... - 6

    उन दोनों को वहां देख मैंने अम्बे मां को मन ही मन धन्यवाद दिया,और उनको बचाने के व...

  • अन्तर्द्वंद - 1

    अंतर्द्वन्द (भाग -1)वह माँ को देखती आई थी, पापा के आगे पीछे नाचते हुए, उन्हें हर...

  • गिद्ध

    कहानी...

त्रिखंडिता - 11 By Ranjana Jaiswal

त्रिखंडिता 11 अरे, इतना बड़ा षडयंत्र। अलका की इतनी कुत्सित मंशा। एक अकेली स्त्री को स्त्रियाँ भी नहीं समझतीं। उसके खिलाफ षड़यंत्र रचती हैं। उसका सब कुछ छीन लेना चाहती हैं। अलका का उस...

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नियति... - 6 By Apoorva Singh

उन दोनों को वहां देख मैंने अम्बे मां को मन ही मन धन्यवाद दिया,और उनको बचाने के विषय मे सोचने लगी।मैं किडनैपर के बारे में कुछ नही जानती थी कौन है,कहाँ से है।उसने क्यों इन दोनों को क...

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अन्तर्द्वंद - 1 By Sunita Agarwal

अंतर्द्वन्द (भाग -1)वह माँ को देखती आई थी, पापा के आगे पीछे नाचते हुए, उन्हें हर वस्तु हाथ में पकड़ाते हुए, बात बेबात पापा की झिड़की खाते हुए, तो सोचती मम्मी कम पढ़ी लिखी हैं, इसलिये...

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जो जहाँ है By Ramnarayan Sungariya

कहानी जो जहाँ है आर. एन. सुनगरया,...

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गिद्ध By Akhilesh Srivastava

कहानी गिद्ध...

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वो पहला व अंतिम करवाचौथ By Saroj Prajapati

सुनो यह मेरा पहला करवाचौथ है । तो बताओ क्या दिला रहे हो मुझे!" "अरे यार हमने तो पूरा का पूरा अपने आप को तुम्हें सौंप दिया है और क्या चाहिए !" "बातें खूब बनाते हो तुम फौजी!" "तुम्हे...

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संदेश By Alok Mishra

वो थोड़ी देर मुझे अपलक देखती रही और फिर उठ कर अंदर चली गर्इ । मै जहां बैठा हूँँ यह एक झुग्गी बस्ती में झोपड़ी है । मै यहां कैसे हूँँ ? इसकी कहानी दो या तीन वाक्य की ही...

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तू मेरी परछाई मत बनना By Saroj Prajapati

मुझे ही सारा काम करना था तो तुम्हें किस लिए लेकर आया था? बहुत हो गया! आज तुम्हारे पापा को फोन करता हूं या तो आकर तुम्हें समझाएं या अपने साथ वापस ले जाएं। इस तरह एक साथ हमारा गुजारा...

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दौलत - ऐ - देह By rajendra shrivastava

कहानी-- दौलत – ऐ - देह --राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास...

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मुर्छा हुआ फुल (भाग-1) By Kalpana Sahoo

हमेशा नारी को गलत ठेहराते हैं । कोई कुछ भी करे पर इस समाज नारी को दोषी मानती है । हरबक्त उसे ही proof देनी पडती है की में निर्दोष हुं । फिर भी कोई नहीं सुनता उसकी बात ।...

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इडली सांभर By Medha Jha

" हेल्लो, मैं नीतेश, अभी दिल्ली में हूं। सिर्फ दो दिन के लिए आया हूं। आज कल तो कभी दिल्ली, कभी बैंगलोर, कभी मुंबई - बहुत डिमांड है मेरी हर तरफ। तुमसे मिलना चाहता हूं।" " अभी थोड़ी...

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हड़ताल भी जरूरी थी By padma sharma

हड़ताल भी जरूरी थी सुबह अपने पैर पसारती जा रही थी। गैंदा बाई तेज कदमों से कॉलोनी की तरफ जा रही थी। समय का तो उसे ज्ञान नहीं था लेकिन सूरज के बढ़ते रूप और फैलती धूप को देखकर उसे लग रह...

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बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! By S Sinha

आलेख - बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! बिंदी...

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कुछ कहा अनकहा By टीना सुमन

कुछ कहा अनकहा कभी-कभी कुछ चीजें आपके बस में नहीं होती ,कोशिश करते हैं आप संवारने की ,मगर चीजें कुछ ज्यादा ही उलझ जाती है ,और आप हार मान लेते हैं ॥शायद मेनें भी हार मान ली थी॥ अ...

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अर्द्धांगिनी By padma sharma

अर्द्धांगिनी डोरबैल बजते ही मनीषा ने पहले दीवार घड़ी पर निगाह डाली। मन ही मन वह सोचने लगी कि अभी तो इनके आने का समय नहीं हुआ है। पता नहीं कौन है? दरवाजा खोलकर देखा तो अपनी प्र...

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गलतफहमी By Saroj Prajapati

शीतल काम करके बैठी ही थी। तभी उसकी पड़ोस में रहने वाली कौशल चाची उससे मिलने आई। शीतल उनको नमस्ते कर बिठाते हुए बोली "बैठो चाची! मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।" "नहीं शीतल, मैं...

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Hostel Girls (Hindi) - 10 - Last Part By Kamal Patadiya

[प्रकरण 7 : Happy Wedding & Happy Ending] सिमरन और गुरुचरण साथ में मिलकर होटल का संचालन करते है। सिमरन होटल business को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े शहरो में अपने होटल की franchise...

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एक बहू ऐसी भी By r k lal

एक बहू ऐसी भी आर ० के ० लाल आज जतिन बहुत खुश एवं उत्साहित था क्योंकि उसकी पत्नी सुभद्रा विदेश से छ: माह बाद आज सुबह ही वापस आई थी। उससे इतने दिनों का विछोह सहा नह...

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हैवान बनते कुछ इंसान By टीना सुमन

पायल ,पायल ,पायल बेटा तुम्हारी फेवरेट पूरी और आलू की सब्जी बनाई है ,आ जाओ ,खाना खा लो पायल , पायल कहां हो बेटा ?मां ने फिर आवाज़ लगाई !पायल ,लाडो कहां है तू ?मां ने पूरा घर देख लिय...

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मेहंदी है रचने वाली By Saroj Prajapati

सुनीता जी के घर में खूब गहमागहमी थी। एक तरफ हलवाई लड्डू मठरी बना रहे था तो दूसरी ओर घर की सजावट के लिए फूल वाले आए हुए थे ।आज सुनीता जी की बेटी की मेहंदी की रस्म थी। तभी हलवाई ने आ...

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प्यार का रिश्ता By Sunita Agarwal

आज बहुत दिनों बाद शर्मा जी के घर जाना हुआ ।पहले तो वह हमारे घर के पास ही रहते थे तो दोनों परिवारों में घनिष्ट मित्रता थी फिर उन्होंने एक कॉलोनी में अपना घर बनवा लिया तब से वहीं रहन...

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इतना बड़ा सच - (भाग 1) By Kishanlal Sharma

कमला को गेट तक विदा करके ज्यों ही सुधा ने पीठ मोड़ी, रमा के खिलखिलाने की आवाज उसके कानों मे पड़ी थी।रमा की हंसी की आवाज सुनकर उसके कदम किचिन की तरफ बढ़ गए। किचन मेंं शिखा सब्जी काट...

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कलयुगी सीता--(अंतिम भाग) By Saroj Verma

मैं एक पुरूष हूं, तो नारी के जीवन के बारे में मैं क्या कहूं, लेकिन जो नारी एक नए जीवन को दुनिया में लाती हैं, वो कमजोर तो कभी नहीं हो सकती,बस वो मजबूती का दिखावा नहीं करती,ताकि हम...

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न्याय-एक अछूत लड़की की कथा(अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"तेरा दिमाग तो खराब नही हो गया।पागलों की सी बात कर रही है।तू होश में तो है।अछूतों को मेरे घर की देहरी लांघने की इज़ज़त नही है।और तू अपनी बेटी को मेरे घर की बहू बनाने की बात कर रही है...

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खून... By Sunita Agarwal

जेल की चारदीवारी में आये हुए उसे कई महीने हो गए थेपर वह हमेशा खामोश रहती और उसे जो भी काम दिया जाता पूरे मन से उसी में लगी रहती।किसी से भी बात नहीं करती थी। जेल की दूसरी कैदी आभा न...

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भाइयो को पत्र By Yayawargi (Divangi Joshi)

डियर भैया ओर भाइयो...डेढ महीना हो गया दम घूट रहा होगा ना, जहाँ रात दिन सडको पे घूमते थे, मज़े करते थे ओर कहा सब चुप चाप घर मे केद है ये सोचके के अगर बहार जाएगे, कुछ या किसी को छु ले...

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मुखौटा - 15 - अंतिम भाग By S Bhagyam Sharma

मुखौटा अध्याय 15 हम सबको वहां देख "व्हाट ए प्लेजन्ट सरप्राइज !" कृष्णन बोला। मैं जानती थी वह जानबूझकर आया है । "मीट माय वाइफ !", उसने बड़ी अदा से अपनी पत्नी उषा का हम सबसे परिचय करा...

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त्रिखंडिता - 11 By Ranjana Jaiswal

त्रिखंडिता 11 अरे, इतना बड़ा षडयंत्र। अलका की इतनी कुत्सित मंशा। एक अकेली स्त्री को स्त्रियाँ भी नहीं समझतीं। उसके खिलाफ षड़यंत्र रचती हैं। उसका सब कुछ छीन लेना चाहती हैं। अलका का उस...

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नियति... - 6 By Apoorva Singh

उन दोनों को वहां देख मैंने अम्बे मां को मन ही मन धन्यवाद दिया,और उनको बचाने के विषय मे सोचने लगी।मैं किडनैपर के बारे में कुछ नही जानती थी कौन है,कहाँ से है।उसने क्यों इन दोनों को क...

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अन्तर्द्वंद - 1 By Sunita Agarwal

अंतर्द्वन्द (भाग -1)वह माँ को देखती आई थी, पापा के आगे पीछे नाचते हुए, उन्हें हर वस्तु हाथ में पकड़ाते हुए, बात बेबात पापा की झिड़की खाते हुए, तो सोचती मम्मी कम पढ़ी लिखी हैं, इसलिये...

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गिद्ध By Akhilesh Srivastava

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वो पहला व अंतिम करवाचौथ By Saroj Prajapati

सुनो यह मेरा पहला करवाचौथ है । तो बताओ क्या दिला रहे हो मुझे!" "अरे यार हमने तो पूरा का पूरा अपने आप को तुम्हें सौंप दिया है और क्या चाहिए !" "बातें खूब बनाते हो तुम फौजी!" "तुम्हे...

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वो थोड़ी देर मुझे अपलक देखती रही और फिर उठ कर अंदर चली गर्इ । मै जहां बैठा हूँँ यह एक झुग्गी बस्ती में झोपड़ी है । मै यहां कैसे हूँँ ? इसकी कहानी दो या तीन वाक्य की ही...

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तू मेरी परछाई मत बनना By Saroj Prajapati

मुझे ही सारा काम करना था तो तुम्हें किस लिए लेकर आया था? बहुत हो गया! आज तुम्हारे पापा को फोन करता हूं या तो आकर तुम्हें समझाएं या अपने साथ वापस ले जाएं। इस तरह एक साथ हमारा गुजारा...

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दौलत - ऐ - देह By rajendra shrivastava

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हमेशा नारी को गलत ठेहराते हैं । कोई कुछ भी करे पर इस समाज नारी को दोषी मानती है । हरबक्त उसे ही proof देनी पडती है की में निर्दोष हुं । फिर भी कोई नहीं सुनता उसकी बात ।...

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इडली सांभर By Medha Jha

" हेल्लो, मैं नीतेश, अभी दिल्ली में हूं। सिर्फ दो दिन के लिए आया हूं। आज कल तो कभी दिल्ली, कभी बैंगलोर, कभी मुंबई - बहुत डिमांड है मेरी हर तरफ। तुमसे मिलना चाहता हूं।" " अभी थोड़ी...

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हड़ताल भी जरूरी थी By padma sharma

हड़ताल भी जरूरी थी सुबह अपने पैर पसारती जा रही थी। गैंदा बाई तेज कदमों से कॉलोनी की तरफ जा रही थी। समय का तो उसे ज्ञान नहीं था लेकिन सूरज के बढ़ते रूप और फैलती धूप को देखकर उसे लग रह...

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बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! By S Sinha

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अर्द्धांगिनी By padma sharma

अर्द्धांगिनी डोरबैल बजते ही मनीषा ने पहले दीवार घड़ी पर निगाह डाली। मन ही मन वह सोचने लगी कि अभी तो इनके आने का समय नहीं हुआ है। पता नहीं कौन है? दरवाजा खोलकर देखा तो अपनी प्र...

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गलतफहमी By Saroj Prajapati

शीतल काम करके बैठी ही थी। तभी उसकी पड़ोस में रहने वाली कौशल चाची उससे मिलने आई। शीतल उनको नमस्ते कर बिठाते हुए बोली "बैठो चाची! मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।" "नहीं शीतल, मैं...

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एक बहू ऐसी भी By r k lal

एक बहू ऐसी भी आर ० के ० लाल आज जतिन बहुत खुश एवं उत्साहित था क्योंकि उसकी पत्नी सुभद्रा विदेश से छ: माह बाद आज सुबह ही वापस आई थी। उससे इतने दिनों का विछोह सहा नह...

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हैवान बनते कुछ इंसान By टीना सुमन

पायल ,पायल ,पायल बेटा तुम्हारी फेवरेट पूरी और आलू की सब्जी बनाई है ,आ जाओ ,खाना खा लो पायल , पायल कहां हो बेटा ?मां ने फिर आवाज़ लगाई !पायल ,लाडो कहां है तू ?मां ने पूरा घर देख लिय...

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मेहंदी है रचने वाली By Saroj Prajapati

सुनीता जी के घर में खूब गहमागहमी थी। एक तरफ हलवाई लड्डू मठरी बना रहे था तो दूसरी ओर घर की सजावट के लिए फूल वाले आए हुए थे ।आज सुनीता जी की बेटी की मेहंदी की रस्म थी। तभी हलवाई ने आ...

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प्यार का रिश्ता By Sunita Agarwal

आज बहुत दिनों बाद शर्मा जी के घर जाना हुआ ।पहले तो वह हमारे घर के पास ही रहते थे तो दोनों परिवारों में घनिष्ट मित्रता थी फिर उन्होंने एक कॉलोनी में अपना घर बनवा लिया तब से वहीं रहन...

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इतना बड़ा सच - (भाग 1) By Kishanlal Sharma

कमला को गेट तक विदा करके ज्यों ही सुधा ने पीठ मोड़ी, रमा के खिलखिलाने की आवाज उसके कानों मे पड़ी थी।रमा की हंसी की आवाज सुनकर उसके कदम किचिन की तरफ बढ़ गए। किचन मेंं शिखा सब्जी काट...

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कलयुगी सीता--(अंतिम भाग) By Saroj Verma

मैं एक पुरूष हूं, तो नारी के जीवन के बारे में मैं क्या कहूं, लेकिन जो नारी एक नए जीवन को दुनिया में लाती हैं, वो कमजोर तो कभी नहीं हो सकती,बस वो मजबूती का दिखावा नहीं करती,ताकि हम...

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न्याय-एक अछूत लड़की की कथा(अंतिम भाग) By Kishanlal Sharma

"तेरा दिमाग तो खराब नही हो गया।पागलों की सी बात कर रही है।तू होश में तो है।अछूतों को मेरे घर की देहरी लांघने की इज़ज़त नही है।और तू अपनी बेटी को मेरे घर की बहू बनाने की बात कर रही है...

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खून... By Sunita Agarwal

जेल की चारदीवारी में आये हुए उसे कई महीने हो गए थेपर वह हमेशा खामोश रहती और उसे जो भी काम दिया जाता पूरे मन से उसी में लगी रहती।किसी से भी बात नहीं करती थी। जेल की दूसरी कैदी आभा न...

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भाइयो को पत्र By Yayawargi (Divangi Joshi)

डियर भैया ओर भाइयो...डेढ महीना हो गया दम घूट रहा होगा ना, जहाँ रात दिन सडको पे घूमते थे, मज़े करते थे ओर कहा सब चुप चाप घर मे केद है ये सोचके के अगर बहार जाएगे, कुछ या किसी को छु ले...

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मुखौटा - 15 - अंतिम भाग By S Bhagyam Sharma

मुखौटा अध्याय 15 हम सबको वहां देख "व्हाट ए प्लेजन्ट सरप्राइज !" कृष्णन बोला। मैं जानती थी वह जानबूझकर आया है । "मीट माय वाइफ !", उसने बड़ी अदा से अपनी पत्नी उषा का हम सबसे परिचय करा...

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