hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


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  • औरत (दास्ताये)

    समाज का एक अहम हिस्सा जिन्हें महिला के नाम से जाना जाता है | ये महिलाएँ जो जन्म...

  • जाल

    जाल ‘अरे विकास, आज इतनी जल्दी क्यों मचा रहे हो? अभी तो टाइम भी नहीं हुआ है।’-व...

  • गिद्ध

    कहानी...

अंतर्द्वन्द - 3 By Sunita Agarwal

अंतर्द्वन्द - 3आखिर रूठे हुए निखिल को,नेहा मना ही लेती है।लेकिन वो पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाती।कुछ ही दिन बाद करवाचौथ का त्यौहार आता है,वह बहुत खुश थी क्योंकि यह उसका पहला करव...

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दो रोटियां By Anil jaiswal

सुधा रोज उस भिखारी को देखती थी। देखने मे ढीला-ढाला, बढ़ी हुई दाढ़ी, बेतरतीब बाल। आमतौर पर कोई उस पर सरसरी तौर पर भी नजर डालना पसंद नहीं करता था। पर पता नही क्यों, सुधा की नजरें उस...

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नियति... - 9 By Apoorva Singh

कृति जो नीचे रसोई में होती है मुझे फर्श पर गिरते हुए देख जोर से कहती है नियति दी बेहोश होकर गिर गई है। मां पापा।दादी देखिए न जीजी को क्या हो गया। कह दौड़ते हुए मेरे पास आती है और म...

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औरत (दास्ताये) By Surbhi Singh

समाज का एक अहम हिस्सा जिन्हें महिला के नाम से जाना जाता है | ये महिलाएँ जो जन्म लेने पर अपने घर की बेटी, बहने बनती हैं, वही शादी के बाद बहु, भाभी, पत्नि का किरदार अदा करती है |यदि...

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गच्चा By रामगोपाल तिवारी

कहानी गच्चा रामगोपाल भावुक ‘वन्दना तू लड़की की जात ठहरी, देख कें च...

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जाल By Anil jaiswal

जाल ‘अरे विकास, आज इतनी जल्दी क्यों मचा रहे हो? अभी तो टाइम भी नहीं हुआ है।’-विनोद ने झल्लाते हुए कहा। सच भी था। विकास काम को बीच में छोड़ कर जाने की तैयारी कर रहा था जबकि आज मही...

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त्रिखंडिता - 15 By Ranjana Jaiswal

त्रिखंडिता 15 श्यामा से आगे नहीं लिखा जाता ।हाथ में कलम लिए ही वह अतीत में खो जाती है | अभी कुछ दिन पहले ही उसकी बहन गुड़िया ने बताया था कि उसका छोटा बेटा राम उसके पास आना तो चाहता...

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जो जहाँ है By Ramnarayan Sungariya

कहानी जो जहाँ है आर. एन. सुनगरया,...

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गिद्ध By Akhilesh Srivastava

कहानी गिद्ध...

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वो पहला व अंतिम करवाचौथ By Saroj Prajapati

सुनो यह मेरा पहला करवाचौथ है । तो बताओ क्या दिला रहे हो मुझे!" "अरे यार हमने तो पूरा का पूरा अपने आप को तुम्हें सौंप दिया है और क्या चाहिए !" "बातें खूब बनाते हो तुम फौजी!" "तुम्हे...

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संदेश By Alok Mishra

वो थोड़ी देर मुझे अपलक देखती रही और फिर उठ कर अंदर चली गर्इ । मै जहां बैठा हूँँ यह एक झुग्गी बस्ती में झोपड़ी है । मै यहां कैसे हूँँ ? इसकी कहानी दो या तीन वाक्य की ही...

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तू मेरी परछाई मत बनना By Saroj Prajapati

मुझे ही सारा काम करना था तो तुम्हें किस लिए लेकर आया था? बहुत हो गया! आज तुम्हारे पापा को फोन करता हूं या तो आकर तुम्हें समझाएं या अपने साथ वापस ले जाएं। इस तरह एक साथ हमारा गुजारा...

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दौलत - ऐ - देह By rajendra shrivastava

कहानी-- दौलत – ऐ - देह --राजेन्‍द्र कुमार श्रीवास...

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मुर्छा हुआ फुल (भाग-1) By Kalpana Sahoo

हमेशा नारी को गलत ठेहराते हैं । कोई कुछ भी करे पर इस समाज नारी को दोषी मानती है । हरबक्त उसे ही proof देनी पडती है की में निर्दोष हुं । फिर भी कोई नहीं सुनता उसकी बात ।...

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इडली सांभर By Medha Jha

" हेल्लो, मैं नीतेश, अभी दिल्ली में हूं। सिर्फ दो दिन के लिए आया हूं। आज कल तो कभी दिल्ली, कभी बैंगलोर, कभी मुंबई - बहुत डिमांड है मेरी हर तरफ। तुमसे मिलना चाहता हूं।" " अभी थोड़ी...

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हड़ताल भी जरूरी थी By padma sharma

हड़ताल भी जरूरी थी सुबह अपने पैर पसारती जा रही थी। गैंदा बाई तेज कदमों से कॉलोनी की तरफ जा रही थी। समय का तो उसे ज्ञान नहीं था लेकिन सूरज के बढ़ते रूप और फैलती धूप को देखकर उसे लग रह...

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बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! By S Sinha

आलेख - बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! बिंदी...

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कुछ कहा अनकहा By टीना सुमन

कुछ कहा अनकहा कभी-कभी कुछ चीजें आपके बस में नहीं होती ,कोशिश करते हैं आप संवारने की ,मगर चीजें कुछ ज्यादा ही उलझ जाती है ,और आप हार मान लेते हैं ॥शायद मेनें भी हार मान ली थी॥ अ...

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अर्द्धांगिनी By padma sharma

अर्द्धांगिनी डोरबैल बजते ही मनीषा ने पहले दीवार घड़ी पर निगाह डाली। मन ही मन वह सोचने लगी कि अभी तो इनके आने का समय नहीं हुआ है। पता नहीं कौन है? दरवाजा खोलकर देखा तो अपनी प्र...

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गलतफहमी By Saroj Prajapati

शीतल काम करके बैठी ही थी। तभी उसकी पड़ोस में रहने वाली कौशल चाची उससे मिलने आई। शीतल उनको नमस्ते कर बिठाते हुए बोली "बैठो चाची! मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।" "नहीं शीतल, मैं...

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Hostel Girls (Hindi) - 10 - Last Part By Kamal Patadiya

[प्रकरण 7 : Happy Wedding & Happy Ending] सिमरन और गुरुचरण साथ में मिलकर होटल का संचालन करते है। सिमरन होटल business को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े शहरो में अपने होटल की franchise...

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एक बहू ऐसी भी By r k lal

एक बहू ऐसी भी आर ० के ० लाल आज जतिन बहुत खुश एवं उत्साहित था क्योंकि उसकी पत्नी सुभद्रा विदेश से छ: माह बाद आज सुबह ही वापस आई थी। उससे इतने दिनों का विछोह सहा नह...

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हैवान बनते कुछ इंसान By टीना सुमन

पायल ,पायल ,पायल बेटा तुम्हारी फेवरेट पूरी और आलू की सब्जी बनाई है ,आ जाओ ,खाना खा लो पायल , पायल कहां हो बेटा ?मां ने फिर आवाज़ लगाई !पायल ,लाडो कहां है तू ?मां ने पूरा घर देख लिय...

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मेहंदी है रचने वाली By Saroj Prajapati

सुनीता जी के घर में खूब गहमागहमी थी। एक तरफ हलवाई लड्डू मठरी बना रहे था तो दूसरी ओर घर की सजावट के लिए फूल वाले आए हुए थे ।आज सुनीता जी की बेटी की मेहंदी की रस्म थी। तभी हलवाई ने आ...

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अंतर्द्वन्द - 3 By Sunita Agarwal

अंतर्द्वन्द - 3आखिर रूठे हुए निखिल को,नेहा मना ही लेती है।लेकिन वो पहले की तरह सामान्य नहीं हो पाती।कुछ ही दिन बाद करवाचौथ का त्यौहार आता है,वह बहुत खुश थी क्योंकि यह उसका पहला करव...

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दो रोटियां By Anil jaiswal

सुधा रोज उस भिखारी को देखती थी। देखने मे ढीला-ढाला, बढ़ी हुई दाढ़ी, बेतरतीब बाल। आमतौर पर कोई उस पर सरसरी तौर पर भी नजर डालना पसंद नहीं करता था। पर पता नही क्यों, सुधा की नजरें उस...

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नियति... - 9 By Apoorva Singh

कृति जो नीचे रसोई में होती है मुझे फर्श पर गिरते हुए देख जोर से कहती है नियति दी बेहोश होकर गिर गई है। मां पापा।दादी देखिए न जीजी को क्या हो गया। कह दौड़ते हुए मेरे पास आती है और म...

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औरत (दास्ताये) By Surbhi Singh

समाज का एक अहम हिस्सा जिन्हें महिला के नाम से जाना जाता है | ये महिलाएँ जो जन्म लेने पर अपने घर की बेटी, बहने बनती हैं, वही शादी के बाद बहु, भाभी, पत्नि का किरदार अदा करती है |यदि...

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गच्चा By रामगोपाल तिवारी

कहानी गच्चा रामगोपाल भावुक ‘वन्दना तू लड़की की जात ठहरी, देख कें च...

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जाल By Anil jaiswal

जाल ‘अरे विकास, आज इतनी जल्दी क्यों मचा रहे हो? अभी तो टाइम भी नहीं हुआ है।’-विनोद ने झल्लाते हुए कहा। सच भी था। विकास काम को बीच में छोड़ कर जाने की तैयारी कर रहा था जबकि आज मही...

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त्रिखंडिता - 15 By Ranjana Jaiswal

त्रिखंडिता 15 श्यामा से आगे नहीं लिखा जाता ।हाथ में कलम लिए ही वह अतीत में खो जाती है | अभी कुछ दिन पहले ही उसकी बहन गुड़िया ने बताया था कि उसका छोटा बेटा राम उसके पास आना तो चाहता...

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जो जहाँ है By Ramnarayan Sungariya

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वो पहला व अंतिम करवाचौथ By Saroj Prajapati

सुनो यह मेरा पहला करवाचौथ है । तो बताओ क्या दिला रहे हो मुझे!" "अरे यार हमने तो पूरा का पूरा अपने आप को तुम्हें सौंप दिया है और क्या चाहिए !" "बातें खूब बनाते हो तुम फौजी!" "तुम्हे...

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वो थोड़ी देर मुझे अपलक देखती रही और फिर उठ कर अंदर चली गर्इ । मै जहां बैठा हूँँ यह एक झुग्गी बस्ती में झोपड़ी है । मै यहां कैसे हूँँ ? इसकी कहानी दो या तीन वाक्य की ही...

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तू मेरी परछाई मत बनना By Saroj Prajapati

मुझे ही सारा काम करना था तो तुम्हें किस लिए लेकर आया था? बहुत हो गया! आज तुम्हारे पापा को फोन करता हूं या तो आकर तुम्हें समझाएं या अपने साथ वापस ले जाएं। इस तरह एक साथ हमारा गुजारा...

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दौलत - ऐ - देह By rajendra shrivastava

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हमेशा नारी को गलत ठेहराते हैं । कोई कुछ भी करे पर इस समाज नारी को दोषी मानती है । हरबक्त उसे ही proof देनी पडती है की में निर्दोष हुं । फिर भी कोई नहीं सुनता उसकी बात ।...

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इडली सांभर By Medha Jha

" हेल्लो, मैं नीतेश, अभी दिल्ली में हूं। सिर्फ दो दिन के लिए आया हूं। आज कल तो कभी दिल्ली, कभी बैंगलोर, कभी मुंबई - बहुत डिमांड है मेरी हर तरफ। तुमसे मिलना चाहता हूं।" " अभी थोड़ी...

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हड़ताल भी जरूरी थी By padma sharma

हड़ताल भी जरूरी थी सुबह अपने पैर पसारती जा रही थी। गैंदा बाई तेज कदमों से कॉलोनी की तरफ जा रही थी। समय का तो उसे ज्ञान नहीं था लेकिन सूरज के बढ़ते रूप और फैलती धूप को देखकर उसे लग रह...

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बिंदी और लिपस्टिक सिर्फ श्रृंगार नहीं ! By S Sinha

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कुछ कहा अनकहा कभी-कभी कुछ चीजें आपके बस में नहीं होती ,कोशिश करते हैं आप संवारने की ,मगर चीजें कुछ ज्यादा ही उलझ जाती है ,और आप हार मान लेते हैं ॥शायद मेनें भी हार मान ली थी॥ अ...

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अर्द्धांगिनी डोरबैल बजते ही मनीषा ने पहले दीवार घड़ी पर निगाह डाली। मन ही मन वह सोचने लगी कि अभी तो इनके आने का समय नहीं हुआ है। पता नहीं कौन है? दरवाजा खोलकर देखा तो अपनी प्र...

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गलतफहमी By Saroj Prajapati

शीतल काम करके बैठी ही थी। तभी उसकी पड़ोस में रहने वाली कौशल चाची उससे मिलने आई। शीतल उनको नमस्ते कर बिठाते हुए बोली "बैठो चाची! मैं आपके लिए चाय बना कर लाती हूं।" "नहीं शीतल, मैं...

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Hostel Girls (Hindi) - 10 - Last Part By Kamal Patadiya

[प्रकरण 7 : Happy Wedding & Happy Ending] सिमरन और गुरुचरण साथ में मिलकर होटल का संचालन करते है। सिमरन होटल business को प्रमोट करने के लिए बड़े-बड़े शहरो में अपने होटल की franchise...

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एक बहू ऐसी भी By r k lal

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हैवान बनते कुछ इंसान By टीना सुमन

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मेहंदी है रचने वाली By Saroj Prajapati

सुनीता जी के घर में खूब गहमागहमी थी। एक तरफ हलवाई लड्डू मठरी बना रहे था तो दूसरी ओर घर की सजावट के लिए फूल वाले आए हुए थे ।आज सुनीता जी की बेटी की मेहंदी की रस्म थी। तभी हलवाई ने आ...

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