hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • एक सबक उनके जीवन से

    "आज लगभग छह साल बाद देखा था मैंने सरिता भाभी को..!! हालत में पहले से काफी अंतर आ...

  • एक रिश्ता ऐसा भी - (अंतिम भाग)

    एक रिश्ता ऐसा भी (अंतिम भाग) उत्तरा के बारें में जानकर मयंक और भी व्यथित हो गया...

  • जिल्लत़....

    उपासना.... ओ उपासना.... कहां मर गई? कहा था ना कि पूजा की थाली और लोटा मांजकर रखन...

दादी मां... By Saroj Verma

बहुत दिन हो गए थे स्टोररूम की सफाई किए हुए तो सोचा चलो आज स्टोररूम की सफाई करती हूँ,स्टोररूम साफ करते वक्त एक तस्वीर मिली ,जो मैने हाँल में सजा दी,दोपहर के बाद जब मेरी बेटी सौम्या...

Read Free

एक सबक उनके जीवन से By Jyoti Prajapati

"आज लगभग छह साल बाद देखा था मैंने सरिता भाभी को..!! हालत में पहले से काफी अंतर आ गया था !! दुबली तो तब भी थी...लेकिन अब कुछ ज़्यादा ही दुबली नज़र आ रही थी !! उनकी गोद मे एक छोटा सा ब...

Read Free

मैं बेकसूर हूँ.... By Saroj Verma

अग्रणी! बेटा!तैयार हो गई...एकाध घंटे में बस बारात दरवाज़े पर पहुँचती ही होगी.... किशनलाल जी ने अपनी भाँजी अग्रणी से कहा..... जी! मामाजी! बस!चूडियाँ पहननी बाकी़ रह गई हैं,मामी जी सार...

Read Free

एक रिश्ता ऐसा भी - (अंतिम भाग) By Ashish Dalal

एक रिश्ता ऐसा भी (अंतिम भाग) उत्तरा के बारें में जानकर मयंक और भी व्यथित हो गया । अपने जिस अतीत को पीछे छोड़ अपने जीने की एक अलग ही वजह बना ली थी आज वही अतीत उसके वर्तमान के सामने...

Read Free

जिल्लत़.... By Saroj Verma

उपासना.... ओ उपासना.... कहां मर गई? कहा था ना कि पूजा की थाली और लोटा मांजकर रखना लेकिन मैं नहाकर आ भी गई और तूने मेरा काम नहीं किया.... हां... हां..सास का कहा सुन लेगी तो पाप में...

Read Free

अभिव्यक्ति - दहलीज के पार By Yatendra Tomar

एक आम भारतीय गृहिणी की तरह रजनी भी अपने घर को पूरी जिम्मेदारी के साथ संभालतीं है हर दिन सुबह सूरज से पहले उठ कर देर रात तक घर के कामों की आपाधापी सी मची रहती है रात होते होते शरीर...

Read Free

दुल्हन.... By Saroj Verma

रिमझिम के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे,वो बस में बैठी यही सोच रही थी कि काश आज उसके पास पंख होते तो वो उड़कर अपने ननिहाल पहुंच जाती,सूजी हुई आंखें और बोझिल मन से वो इन्तज़ार कर...

Read Free

यह मेरा हक़ है By Kishanlal Sharma

"भाभी ----इरफान हांफता हुआ दौड़ा दौड़ा आया था,"अनवर ज़िंदा है।""कौन अनवर?""अनवर को नही जानती।भूल गई।तुम्हारा पहला शौहर।""भाभी से मजाक कर रहे हो।"सलमा जानती थी उसका देवर इरफान मजाकिया...

Read Free

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 9 By ARUANDHATEE GARG मीठी

स्तुति के आसूं भरे चेहरे पर, सुनीता जी अपने आसुओं से भरी आंखों में प्यार भरकर , उसे प्यार से देखती है और फिर उसे गले से लगा लेती है , और स्तुति ने जो अब तक का धीरज धरा हुआ था , वह...

Read Free

आखिर क्यों ? By Sunita Agarwal

पंद्रह लोगों का भरा पूरा परिवार था, जिस घर में सीमा ब्याहकर आई थी।सुबह पांच बजे से चूल्हा जलता तो दिन के दो बजे तक जलता ही रहता और फिर चार बजे से शाम के खाने की तैयारी शुरू हो जाती...

Read Free

मुक्ति By Rohit Kishore

भाग 1.) सुहाना सफर दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको लेकर चलते है एक मल्टी नेशनल कंपनी Comsoft प्राइवेट लिमिटेड में जिसके CEO है युवा नवजवान “आदित्य महरा ”...

Read Free

नारी सशक्तिकरण By Pinku Juni

मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही की जो सब सह लेती थी बिना कुछ कहे। आज नारी की स्थिति पिछली शताब्दी से आज बहुत उच्च है आज वह छोटे से घ...

Read Free

लड़की का हक़ By Neelima Sharrma Nivia

क्या कहूँ ?अब तो थक गयी हूँ मैं . जिस घर से ब्याही जाती हैं ना लड़कियाँ वहाँ से डोली उठते ही घर पराया हो जाता हैं । जिस घर पहुँचती हैं डोली वहाँ जाते ही कह दिया जाता हैं अपन...

Read Free

आन्या का ससुराल - 4 By Riya Jaiswal

आन्या मांजी के साथ बेटी लेकर हॉस्पिटल से घर आई। उसे और उसकी बच्ची को नहलाकर उनके रहने के लिए अलग कमरे में व्यवस्था कराया गया। डिलीवरी का पहला दिन था मगर मांजी के चेहरे पर आन्या के...

Read Free

हौसला By Neelima Kumar

इतिहास में गुज़रे कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें बिना किसी वज़ह के आप कभी साझा नहीं करना चाहते और मेरे इन पलों को वज़ह दी थी एक प्रतियोगिता ने। इस प्रतियोगिता में एक ऐसे नारी किर...

Read Free

नई सुबह By Sunita Agarwal

आज रोहन और उनकी पत्नी रागिनी सुबह से ही बहुत उत्साहित थे।हो भी क्यों न आज पूरे 12 बर्ष बाद उनका पोता रितिक जो घर आने वाला था।रागिनी सुबह से ही रसोईघर में तरह तरह के व्यंजन बनाने मे...

Read Free

आराधना... By निशा शर्मा

माँ बुआ आ गईं ! अरे आज तो बिटिया बहुत सयानी लग रही है । हाँ दीदी बिटिया को सयानी होते हुए समय थोड़े ही लगता है ! अरे ! आराधना तुम तो बात-बात पर सीरियस हो जाती हो बस तुम्हारी यही बा...

Read Free

निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

Read Free

भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

Read Free

सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

Read Free

सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

Read Free

किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

Read Free

मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

Read Free

वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

Read Free

काहे री नलिनि तू कुम्हलानी By Sneh Goswami

काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

Read Free

हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

Read Free

बीबी और बारिश By Gurpreet Singh HR02

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

Read Free

रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

Read Free

जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

Read Free

औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

Read Free

प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

Read Free

The girl's life is abandoned without dreams - novel end .. thanks By navita

??? thanku so much everyone ????✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️दुनिया अच्छी नहीं लगती जब रूठ जाते है सब दुनिया अच्छी नहीं लगती जब दर्द मिले हर तरफ दिन आये रात चली जाये ,वक़्त के साथ...

Read Free

भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

Read Free

मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

Read Free

दादी मां... By Saroj Verma

बहुत दिन हो गए थे स्टोररूम की सफाई किए हुए तो सोचा चलो आज स्टोररूम की सफाई करती हूँ,स्टोररूम साफ करते वक्त एक तस्वीर मिली ,जो मैने हाँल में सजा दी,दोपहर के बाद जब मेरी बेटी सौम्या...

Read Free

एक सबक उनके जीवन से By Jyoti Prajapati

"आज लगभग छह साल बाद देखा था मैंने सरिता भाभी को..!! हालत में पहले से काफी अंतर आ गया था !! दुबली तो तब भी थी...लेकिन अब कुछ ज़्यादा ही दुबली नज़र आ रही थी !! उनकी गोद मे एक छोटा सा ब...

Read Free

मैं बेकसूर हूँ.... By Saroj Verma

अग्रणी! बेटा!तैयार हो गई...एकाध घंटे में बस बारात दरवाज़े पर पहुँचती ही होगी.... किशनलाल जी ने अपनी भाँजी अग्रणी से कहा..... जी! मामाजी! बस!चूडियाँ पहननी बाकी़ रह गई हैं,मामी जी सार...

Read Free

एक रिश्ता ऐसा भी - (अंतिम भाग) By Ashish Dalal

एक रिश्ता ऐसा भी (अंतिम भाग) उत्तरा के बारें में जानकर मयंक और भी व्यथित हो गया । अपने जिस अतीत को पीछे छोड़ अपने जीने की एक अलग ही वजह बना ली थी आज वही अतीत उसके वर्तमान के सामने...

Read Free

जिल्लत़.... By Saroj Verma

उपासना.... ओ उपासना.... कहां मर गई? कहा था ना कि पूजा की थाली और लोटा मांजकर रखना लेकिन मैं नहाकर आ भी गई और तूने मेरा काम नहीं किया.... हां... हां..सास का कहा सुन लेगी तो पाप में...

Read Free

अभिव्यक्ति - दहलीज के पार By Yatendra Tomar

एक आम भारतीय गृहिणी की तरह रजनी भी अपने घर को पूरी जिम्मेदारी के साथ संभालतीं है हर दिन सुबह सूरज से पहले उठ कर देर रात तक घर के कामों की आपाधापी सी मची रहती है रात होते होते शरीर...

Read Free

दुल्हन.... By Saroj Verma

रिमझिम के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे,वो बस में बैठी यही सोच रही थी कि काश आज उसके पास पंख होते तो वो उड़कर अपने ननिहाल पहुंच जाती,सूजी हुई आंखें और बोझिल मन से वो इन्तज़ार कर...

Read Free

यह मेरा हक़ है By Kishanlal Sharma

"भाभी ----इरफान हांफता हुआ दौड़ा दौड़ा आया था,"अनवर ज़िंदा है।""कौन अनवर?""अनवर को नही जानती।भूल गई।तुम्हारा पहला शौहर।""भाभी से मजाक कर रहे हो।"सलमा जानती थी उसका देवर इरफान मजाकिया...

Read Free

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 9 By ARUANDHATEE GARG मीठी

स्तुति के आसूं भरे चेहरे पर, सुनीता जी अपने आसुओं से भरी आंखों में प्यार भरकर , उसे प्यार से देखती है और फिर उसे गले से लगा लेती है , और स्तुति ने जो अब तक का धीरज धरा हुआ था , वह...

Read Free

आखिर क्यों ? By Sunita Agarwal

पंद्रह लोगों का भरा पूरा परिवार था, जिस घर में सीमा ब्याहकर आई थी।सुबह पांच बजे से चूल्हा जलता तो दिन के दो बजे तक जलता ही रहता और फिर चार बजे से शाम के खाने की तैयारी शुरू हो जाती...

Read Free

मुक्ति By Rohit Kishore

भाग 1.) सुहाना सफर दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको लेकर चलते है एक मल्टी नेशनल कंपनी Comsoft प्राइवेट लिमिटेड में जिसके CEO है युवा नवजवान “आदित्य महरा ”...

Read Free

नारी सशक्तिकरण By Pinku Juni

मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही की जो सब सह लेती थी बिना कुछ कहे। आज नारी की स्थिति पिछली शताब्दी से आज बहुत उच्च है आज वह छोटे से घ...

Read Free

लड़की का हक़ By Neelima Sharrma Nivia

क्या कहूँ ?अब तो थक गयी हूँ मैं . जिस घर से ब्याही जाती हैं ना लड़कियाँ वहाँ से डोली उठते ही घर पराया हो जाता हैं । जिस घर पहुँचती हैं डोली वहाँ जाते ही कह दिया जाता हैं अपन...

Read Free

आन्या का ससुराल - 4 By Riya Jaiswal

आन्या मांजी के साथ बेटी लेकर हॉस्पिटल से घर आई। उसे और उसकी बच्ची को नहलाकर उनके रहने के लिए अलग कमरे में व्यवस्था कराया गया। डिलीवरी का पहला दिन था मगर मांजी के चेहरे पर आन्या के...

Read Free

हौसला By Neelima Kumar

इतिहास में गुज़रे कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें बिना किसी वज़ह के आप कभी साझा नहीं करना चाहते और मेरे इन पलों को वज़ह दी थी एक प्रतियोगिता ने। इस प्रतियोगिता में एक ऐसे नारी किर...

Read Free

नई सुबह By Sunita Agarwal

आज रोहन और उनकी पत्नी रागिनी सुबह से ही बहुत उत्साहित थे।हो भी क्यों न आज पूरे 12 बर्ष बाद उनका पोता रितिक जो घर आने वाला था।रागिनी सुबह से ही रसोईघर में तरह तरह के व्यंजन बनाने मे...

Read Free

आराधना... By निशा शर्मा

माँ बुआ आ गईं ! अरे आज तो बिटिया बहुत सयानी लग रही है । हाँ दीदी बिटिया को सयानी होते हुए समय थोड़े ही लगता है ! अरे ! आराधना तुम तो बात-बात पर सीरियस हो जाती हो बस तुम्हारी यही बा...

Read Free

निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

Read Free

भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

Read Free

सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

Read Free

सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

Read Free

किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

Read Free

मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

Read Free

वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

Read Free

काहे री नलिनि तू कुम्हलानी By Sneh Goswami

काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

Read Free

हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

Read Free

बीबी और बारिश By Gurpreet Singh HR02

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

Read Free

रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

Read Free

जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

Read Free

औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

Read Free

प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

Read Free

The girl's life is abandoned without dreams - novel end .. thanks By navita

??? thanku so much everyone ????✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️दुनिया अच्छी नहीं लगती जब रूठ जाते है सब दुनिया अच्छी नहीं लगती जब दर्द मिले हर तरफ दिन आये रात चली जाये ,वक़्त के साथ...

Read Free

भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

Read Free

मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

Read Free