hindi Best Women Focused Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Women Focused in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cult...Read More


Languages
Categories
Featured Books
  • मुक्ति

    भाग 1.) सुहाना सफर दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको ले...

  • नारी सशक्तिकरण

    मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही क...

  • नई सुबह

    आज रोहन और उनकी पत्नी रागिनी सुबह से ही बहुत उत्साहित थे।हो भी क्यों न आज पूरे 1...

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 8 By ARUANDHATEE GARG मीठी

आखिरी लाइन कहकर सुनीता जी फिर शांत हो जाती हैं , तो स्तुति उन्हें आगे बताने के लिए कहती है । वो अपने आसूं साफ कर आगे कहती हैं । सुनीता जी - अपनी बच्ची की हालत जानकर गुड़िया के पापा...

Read Free

मुक्ति By Rohit Kishore

भाग 1.) सुहाना सफर दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको लेकर चलते है एक मल्टी नेशनल कंपनी Comsoft प्राइवेट लिमिटेड में जिसके CEO है युवा नवजवान “आदित्य महरा ”...

Read Free

नारी सशक्तिकरण By Pinku Juni

मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही की जो सब सह लेती थी बिना कुछ कहे। आज नारी की स्थिति पिछली शताब्दी से आज बहुत उच्च है आज वह छोटे से घ...

Read Free

लड़की का हक़ By Neelima Sharrma Nivia

क्या कहूँ ?अब तो थक गयी हूँ मैं . जिस घर से ब्याही जाती हैं ना लड़कियाँ वहाँ से डोली उठते ही घर पराया हो जाता हैं । जिस घर पहुँचती हैं डोली वहाँ जाते ही कह दिया जाता हैं अपन...

Read Free

आन्या का ससुराल - 4 By Riya Jaiswal

आन्या मांजी के साथ बेटी लेकर हॉस्पिटल से घर आई। उसे और उसकी बच्ची को नहलाकर उनके रहने के लिए अलग कमरे में व्यवस्था कराया गया। डिलीवरी का पहला दिन था मगर मांजी के चेहरे पर आन्या के...

Read Free

हौसला By Neelima Kumar

इतिहास में गुज़रे कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें बिना किसी वज़ह के आप कभी साझा नहीं करना चाहते और मेरे इन पलों को वज़ह दी थी एक प्रतियोगिता ने। इस प्रतियोगिता में एक ऐसे नारी किर...

Read Free

नई सुबह By Sunita Agarwal

आज रोहन और उनकी पत्नी रागिनी सुबह से ही बहुत उत्साहित थे।हो भी क्यों न आज पूरे 12 बर्ष बाद उनका पोता रितिक जो घर आने वाला था।रागिनी सुबह से ही रसोईघर में तरह तरह के व्यंजन बनाने मे...

Read Free

आराधना... By निशा शर्मा

माँ बुआ आ गईं ! अरे आज तो बिटिया बहुत सयानी लग रही है । हाँ दीदी बिटिया को सयानी होते हुए समय थोड़े ही लगता है ! अरे ! आराधना तुम तो बात-बात पर सीरियस हो जाती हो बस तुम्हारी यही बा...

Read Free

निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

Read Free

भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

Read Free

सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

Read Free

सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

Read Free

किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

Read Free

मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

Read Free

वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

Read Free

काहे री नलिनि तू कुम्हलानी By Sneh Goswami

काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

Read Free

हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

Read Free

बीबी और बारिश By Gurpreet Singh HR02

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

Read Free

रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

Read Free

जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

Read Free

औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

Read Free

प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

Read Free

The girl's life is abandoned without dreams - novel end .. thanks By navita

??? thanku so much everyone ????✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️दुनिया अच्छी नहीं लगती जब रूठ जाते है सब दुनिया अच्छी नहीं लगती जब दर्द मिले हर तरफ दिन आये रात चली जाये ,वक़्त के साथ...

Read Free

भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

Read Free

मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

Read Free

अपना आदमी By Poonam Gujrani Surat

कहानीअपना आदमीनीलिमा आज बहुत थक गई थी। रविवार का दिन,ऊपर से कामवाली की छुट्टी और टीवी पर क्रिकेट मैच यानि एक तो करेला वो भी नीम चढ़ा। बच्चे ,पति सब मस्ती से टीवी के आगे चिपके हुए थ...

Read Free

माँ तो माँ होती है By Annada patni

पिछले कुछ समय से संध्या की खाँसी रुकने का नाम नहीं ले रही । फिर भी काम से उसे छुटकारा नहीं । दिन भर घर खाँसते खांसते गृहस्थी के कभी न ख़त्म होने कार्यों में जुटी ही रहती ।मदद करने...

Read Free

ममता By Sudha Adesh

ममताबचपन से ही मातापिता के स्नेह से वंचित माधुरी जब ससुराल गई तो वहां भी पल्लव के प्यार के सिवा सास ससुर दोनों को ही बाहर की जिंदगी जीते देख उसे बड़ी ठेस पहुंची. लेकिन उस की तकलीफ...

Read Free

मृगतृष्णा के पीछे  By Sudha Adesh

मृगतृष्णा के पीछे परिमल की कार ने जब आलीशान बंगले के आहते में प्रवेश किया तो दरबान ने दौडकर सलामी देते हुए दरवाजा खोला । पल्लवी को न देखकर वह थ...

Read Free

गुलाबो - भाग 3 By Neerja Pandey

गर्मियों में जय और विजय के साथ-साथ उनके पिता विश्वनाथ भी घर आए थे। इस बार अच्छी बचत हो गई थी, इसलिए सोचा गया कि पक्का दालान बनवा लिया जाए। जिससे मेहमानों के आने पर घर की बहुओं को क...

Read Free

आभा.…...( जीवन की अग्निपरीक्षा ) - 8 By ARUANDHATEE GARG मीठी

आखिरी लाइन कहकर सुनीता जी फिर शांत हो जाती हैं , तो स्तुति उन्हें आगे बताने के लिए कहती है । वो अपने आसूं साफ कर आगे कहती हैं । सुनीता जी - अपनी बच्ची की हालत जानकर गुड़िया के पापा...

Read Free

मुक्ति By Rohit Kishore

भाग 1.) सुहाना सफर दिल्ली की सर्दियों की सुहानी सुबह की बात ही कुछ और है,आपको लेकर चलते है एक मल्टी नेशनल कंपनी Comsoft प्राइवेट लिमिटेड में जिसके CEO है युवा नवजवान “आदित्य महरा ”...

Read Free

नारी सशक्तिकरण By Pinku Juni

मेरे कहने से कुछ बदल जाता तो मैं सब कुछ सबसे पहले कहती की, नारी अब वो नहीं रही की जो सब सह लेती थी बिना कुछ कहे। आज नारी की स्थिति पिछली शताब्दी से आज बहुत उच्च है आज वह छोटे से घ...

Read Free

लड़की का हक़ By Neelima Sharrma Nivia

क्या कहूँ ?अब तो थक गयी हूँ मैं . जिस घर से ब्याही जाती हैं ना लड़कियाँ वहाँ से डोली उठते ही घर पराया हो जाता हैं । जिस घर पहुँचती हैं डोली वहाँ जाते ही कह दिया जाता हैं अपन...

Read Free

आन्या का ससुराल - 4 By Riya Jaiswal

आन्या मांजी के साथ बेटी लेकर हॉस्पिटल से घर आई। उसे और उसकी बच्ची को नहलाकर उनके रहने के लिए अलग कमरे में व्यवस्था कराया गया। डिलीवरी का पहला दिन था मगर मांजी के चेहरे पर आन्या के...

Read Free

हौसला By Neelima Kumar

इतिहास में गुज़रे कुछ पल ऐसे होते हैं जिन्हें बिना किसी वज़ह के आप कभी साझा नहीं करना चाहते और मेरे इन पलों को वज़ह दी थी एक प्रतियोगिता ने। इस प्रतियोगिता में एक ऐसे नारी किर...

Read Free

नई सुबह By Sunita Agarwal

आज रोहन और उनकी पत्नी रागिनी सुबह से ही बहुत उत्साहित थे।हो भी क्यों न आज पूरे 12 बर्ष बाद उनका पोता रितिक जो घर आने वाला था।रागिनी सुबह से ही रसोईघर में तरह तरह के व्यंजन बनाने मे...

Read Free

आराधना... By निशा शर्मा

माँ बुआ आ गईं ! अरे आज तो बिटिया बहुत सयानी लग रही है । हाँ दीदी बिटिया को सयानी होते हुए समय थोड़े ही लगता है ! अरे ! आराधना तुम तो बात-बात पर सीरियस हो जाती हो बस तुम्हारी यही बा...

Read Free

निहारिका By Sunita Agarwal

अनामिका ने जल्दी जल्दी घर के सारे काम निबटाये और बच्चों को स्कूल और पति अमित को आफिस के लिये रवाना कर, खुद भी स्कूल के लिये तैयार होने लगीं।स्कूल में आज उसका पहला दिन था इसलिये वह...

Read Free

भूख--एक औरत की व्यथा By Kishanlal Sharma

दुखखाट पर लेटी लीला बड़ बड़ाई।किस बात का?तारा को छोड़ देने का।गलत।भला ऐसा क्या था तारा मेंेे, जो वह उसके लिए दुखी हो।क्या तारा को छोड़ कर वह जी नही सकती?अब तक जीती र...

Read Free

सवाल है नाक का By Sunita Bishnolia

सवाल है नाक का "सुबह के साढ़े - पाँच बज गए, महारानी की नींद नहीं खुली अब तक।" माँ ने जोर-जोर से बड़बड़ाते हुए कहा तो पास वाले कमरे में सो रही बड़ी बेटी सरोज आँखे...

Read Free

सिर्फ धागे का बंधन नही By Jyoti Prajapati

स्कूल से आकर बैठी ही थी कि बड़े भैया का फोन आ गया। अचानक उनका फोन आया देख खुशी भी हुई और आश्चर्य भी। क्योंकि बड़े भैया ना के बराबर ही फोन करते थे। भतीजे जब फोन लगाते तब ही बात करते थ...

Read Free

किरायेदार By श्वेता कर्ण

किरायेदार मैं तुम्हारे जबाब का इन्तजार करूँगा निशा! " लेकिन याद रहे जबाब मुझे हाँ में ही चाहिए। " अधिकार से जबाब मांगा गया। निशा को याद आ रहे थे वो दिन जब श्याम किराय...

Read Free

मम्मी सुनो न By Neelima Sharrma Nivia

अमूमन आजकल की नई शादीशुदा लड़कियाँ अपने ससुराल में आने वाली मुश्किलों को अपनी माँ से जरूर बांटती हैं कि मम्मी आपको पता है आज ये हुआ सास ने ये कहा नंद ये बोली फलाना ढिमकाना ....और...

Read Free

वह हार गई By Kishanlal Sharma

"हनीमून मनाने गए है।" विभा की बात सुनकर अनु के अतीत के पन्ने फड़फड़ाकर खुल गए।अनु अपनी कजिन की शादी में माँ के साथ जबलपुर गई थी।वहां उसकी आंखें मानव से लड़ गई।मानव,अनु की चचेरी बहन रे...

Read Free

काहे री नलिनि तू कुम्हलानी By Sneh Goswami

काहे री नलिनि ......... सूरज अपने पूरे तेज के साथ हाजिर । दोपहर के तीन बजने को हैं । महानगर के बीचोबीच ई पी एफ का यह आलीशान दफ्तर । दफ्तर में भीतर बाहर ग्राहकों का भारी जमावङ...

Read Free

हाँ ...हाँ ..मैं लड़की ही हूँ By Ranjana Jaiswal

बचपन में अपने तेज स्वभाव के कारण मैं मोहल्ले के सारे लड़के-लड़कियों की नेत्री थी |माँ-बाप,भाई-बहन ,रिश्तेदार कोई भी मुझे दबा नहीं पाते थे |मुझे पेड़ों पर चढ़ना अच्छा लगता |पतली-पतली डा...

Read Free

बीबी और बारिश By Gurpreet Singh HR02

बीवी और बारिशनमस्कार सासरियक्ल आदाब मेरे दोस्तो मेरा नाम गुरुप्रीत सिंह है ।और मे हरियाणा से हू। आज मैं एक नई कहानी आप लोगो के बीच मैं लाया हूं। ये कहानी बीवी और बारिश मतलब ये कहान...

Read Free

रंगरसिया By Saroj Prajapati

"विशाल, आज तो जल्दी घर आ जाना!" "क्यों , आज क्या है!" " तुम्हें इतना भी याद नहीं!" मधु उसके गले लगते हुए शिकायती लहजे में बोली। "क्या बात है ! हमारे छूते ही दूर भागने वाली हमारी पत...

Read Free

जब अर्थी हिल उठी By Ranjana Jaiswal

मामी की मौत की खबर हम सभी पर गाज की तरह गिरी थी। तीस वर्ष की उम्र में ही एक हँसती-खेलती औरत अकारण मर गई। हुआ ही क्या था उन्हें। अच्छी - भली तो अपनी दूसरी सन्तान की कामना लिए शहर के...

Read Free

औरत यानि दुःख गठरिया By राजनारायण बोहरे

लघुकथा - दुख का विस्तारराजनारायण बोहरे "चलो जी अब हम सब किचन से बाहर चलती हैं, अब उपमा आ गयी वे ही नये नये तरह के व्यंजन बनायेंगी। " उपमा को देखते ही उसकी जेठानी और देवरानी किचेन म...

Read Free

प्रेम की भावना (अंतिम भाग) By Jyoti Prajapati

भावना के जाने के दो महीने बाद सुधा ने जुड़वा बच्चो को जन्म दिया। एक बेटा और एक बेटी। सबका बड़ा मन रहा घर मे पूजा-पाठ हो जाये..! मगर मेरा मन नही था। पर मम्मी कहने लगी,"छोटे स्तर पर ही...

Read Free

The girl's life is abandoned without dreams - novel end .. thanks By navita

??? thanku so much everyone ????✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️☺️☺️☺️✍️✍️✍️दुनिया अच्छी नहीं लगती जब रूठ जाते है सब दुनिया अच्छी नहीं लगती जब दर्द मिले हर तरफ दिन आये रात चली जाये ,वक़्त के साथ...

Read Free

भेदभाव... By निशा शर्मा

"और बताओ राजू की अम्मा,कैसी कट रही है ? अरे अब तो तुम कभी बाहर चबूतरे पर बैठी दिखाई ही नहीं देती हो ! वैसे होता तो ये है कि बहू के घर में आ जाने से सासों का घूमना-फिरना ज्यादा बढ़ ज...

Read Free

मुझे आजाद कर दो By Bhupendra Singh chauhan

वेंटिलेटर पर पड़ी वह बार-बार एक ही बात बोले जा रही है"मैं मर जाना चाहती हूं,प्लीज मुझे मर जाने दो।"जिंदगी और मौत के बीच झूलती उस लड़की को जिंदगी से इस कदर नफरत हो गयी है कि अपने हाथो...

Read Free

अपना आदमी By Poonam Gujrani Surat

कहानीअपना आदमीनीलिमा आज बहुत थक गई थी। रविवार का दिन,ऊपर से कामवाली की छुट्टी और टीवी पर क्रिकेट मैच यानि एक तो करेला वो भी नीम चढ़ा। बच्चे ,पति सब मस्ती से टीवी के आगे चिपके हुए थ...

Read Free

माँ तो माँ होती है By Annada patni

पिछले कुछ समय से संध्या की खाँसी रुकने का नाम नहीं ले रही । फिर भी काम से उसे छुटकारा नहीं । दिन भर घर खाँसते खांसते गृहस्थी के कभी न ख़त्म होने कार्यों में जुटी ही रहती ।मदद करने...

Read Free

ममता By Sudha Adesh

ममताबचपन से ही मातापिता के स्नेह से वंचित माधुरी जब ससुराल गई तो वहां भी पल्लव के प्यार के सिवा सास ससुर दोनों को ही बाहर की जिंदगी जीते देख उसे बड़ी ठेस पहुंची. लेकिन उस की तकलीफ...

Read Free

मृगतृष्णा के पीछे  By Sudha Adesh

मृगतृष्णा के पीछे परिमल की कार ने जब आलीशान बंगले के आहते में प्रवेश किया तो दरबान ने दौडकर सलामी देते हुए दरवाजा खोला । पल्लवी को न देखकर वह थ...

Read Free

गुलाबो - भाग 3 By Neerja Pandey

गर्मियों में जय और विजय के साथ-साथ उनके पिता विश्वनाथ भी घर आए थे। इस बार अच्छी बचत हो गई थी, इसलिए सोचा गया कि पक्का दालान बनवा लिया जाए। जिससे मेहमानों के आने पर घर की बहुओं को क...

Read Free