hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • गुनहगार.

    गुनहगार “नहीं, नहीं ! मैंने कुछ नहीं किया|” “कुछ नहीं किया? अरे, तूने तो सरेआम क...

  • महंगाई ने मारा हमें ।

    रात मैंने एक स्वपन्न देखा । मैंने देखा कि एक 25 - 30 वर्ष का युवक हाथ में चाकू ल...

  • गंगा

    गंगा। जब कभी यह शब्द, हमारी या किसी की भी जुबान पर आता है। हमारे मनोम...

दो बाल्टी पानी - 4 By Sarvesh Saxena

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा मिश्राइन ठकुराइन और वर्माइन कैसे अपने दिन की शुरुआत करते हैं और नोकझोंक और प्यार से उनकी जिंदगी बड़े आराम से कट रही है, बस किल्लत होती है तो पानी क...

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आओ प्रजातंत्र - प्रजातंत्र खेलें । By Dr Narendra Shukl

विवेक नगर के राजा मंदबुद्धि सिंह को अपने अंतिम दिनों में परमार्थ की सूझी । उन्होने महामंत्री नैन ज्योति सिंह को बुला कर कहा - महामंत्री नैन ज्योति सिंह , हम सोच रहे हैं कि अपने यह...

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व्हेन कंस मैट रावण आफ्टर पुतला दहन By सिद्धार्थ शुक्ला

#व्हेन_कंस_मैट_रावण_आफ्टर_पुतला_दहनअपने जले हुए कपड़े समेटते हुए लंकेश रात के अंधेरे में उस वन से गुज़र रहे थे कि तभी एक अट्टहास वातावरण में गूंज उठा और आवाज़ आयी - "क्या हुआ दशानन प्...

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दीवाली सेल है भाई .... ! By Dr Narendra Shukl

शनिवार को श्रीमती जी द्वारा लगातार अनुरोध करने व रात डिनर न मिलने के भय को देखते हुये मैं उनके साथ दीवाली की बाज़ारी रौनक देखने के लिये चल पड़ा । बाज़ार में हर तरफ दुकानें पूरी तरह से...

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गुनहगार. By Dr. Dilbag Singh Virk

गुनहगार “नहीं, नहीं ! मैंने कुछ नहीं किया|” “कुछ नहीं किया? अरे, तूने तो सरेआम कत्ल किया है नैतिकता का| ” “लेकिन वो मेरी मजबूरी थी|” “मजबूरी? कैसी मजबूरी?” “वहाँ नैतिकता का पालन कर...

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कामवाली बनाम घरवाली - (व्यंग्य) By Shobhana Shyam

एक होती है घरवाली ,एक होती है बाहर वाली लेकिन इनके बीच एक होती है काम वाली | ऐसा कहने का मतलब यह कदापि नहीं है कि घरवाली काम नहीं करती या बाहर वाली काम की नहीं होती |एक आर्किटेक्ट...

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प्याजी दर्द एक हकीकत By Avinash R

प्याजी फ्लेवर, प्याजी रंग, प्याजी हिट, प्याजी गोल, प्याजी अदाएं, प्याजी वफाएं, प्याजी दर्द, प्याजी....... वगैरह वगैरह......???????? क्या सोच रहे हैं? कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे हैं...

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वर्षा बुलाने का मूल मंत्र By Dr Narendra Shukl

‘‘इधर उत्तरी क्षेत्र में वर्षा बिल्कुल नहीं हो रही । सूखे की आंशका बनी हुई है ।‘‘ . . . सामने भीड़ - भाड़ वाली सड़क पर देखता हूं कि एक अवारा भैंस , खबर वाले अखबार के पेज़ को eqa...

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एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग 3 By Krishna manu

बीवी का प्रस्ताव सुन शौकीलाल जी भीतर तक कांप उठे। हजार रुपए बड़ी मुश्किल से उन्होंने घर खर्चे में कटौती कर बचाये थे ताकि कई महीने पूर्व शर्मा जी से लिये कर्ज का भुगतान कर सकें किन्त...

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भू - गोल (अर्थात दुनियां गोल हैं ) By Deepak Bundela AryMoulik

भू- गोल अर्थात दुनिया गोल है...!जी जनाब, ये बात सभी जानते है के दुनिया गोल है...जिसे हम सीधे से शब्दों में बिना किसी लाग लपेट के कही भी ठोक देते है....लेकिन बात कुछ ऐसी है कि दुनिय...

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आपको क्या तकलीफ है By dilip kumar

"आपको क्या तकलीफ है "(व्यंग्य)रिपोर्टर कैमरामैन को लेकर रिपोर्टिंग करने निकला।वो कुछ डिफरेंट दिखाना चाहता था डिफरेंट एंगल से ।उसे सबसे पहले एक बच्चा मिला ।रिपोर्टर ,बच्चे से-"बेटा...

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प्यार बनाम गणित By Dr. Vandana Gupta

एक खूबसूरत, चुस्त-दुरुस्त और कुछ कुछ सम्मिश्र संख्या जैसे दिखते लड़के को अपनी ओर घूरते देख घबरा गई। मेरे दिल के समुच्चय में एक नया अवयव दाखिल हुआ... और भावनाओं के फलन का प्रतिब...

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पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 3 By Krishna manu

शौकीलाल जी ने लापरवाही से जवाब दिया-' अरे छोड़ो यार, अब तो लोक सेवा आयोग, बैंकिंग सेवा आदि त्यागकर लड़के इसी की तैयारी करने लगे हैं। अमीर बनने का शार्टकट रास्ता हो तो कोई लम्बी...

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गर्लफ्रैंड By The Real Ghost

नाटक : गर्लफ्रैंडरोहित एवं मीनाक्षी दोनो एक बड़ी IT फर्म में पिछले 2 सालों काम कर रहे है दोनो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं रोहित के जॉइन करने के कुछ महीने बाद ही मीनाक्षी ने भी जॉइ...

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राज दुलारी By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी चार कविताओं को शामिल किया है।(1) राज दुलारी सुन ले मेरी राज दुलारी, मेरे बच्चों की महतारी। क्यों आज यूँ भूखी रहती, उदरक्षोभ क्यूँ सहती रहती? मेरे प...

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चली है बारात By Dr Narendra Shukl

27 नवंबर को विवाह समारोह में शामिल होने के लिये मैं चार स्थानों से आमंत्रित था । शादियां क्रमश ; ‘घमासान भवन , ‘संग्राम भवन , ‘मेलमिलाप भवन , तथा ‘ दिल्लगी भवन ,‘ में थीं । भवनों...

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अफसर का अभिनन्दन - 30 By Yashvant Kothari

बधाई से आर आई पी तक यशवंत कोठारी इन दिनों सोशल मीडिया पर जिन शब्दों का सब से ज्यादा मिस यूज हो रहा है उन में इन शब्दों का रोल सबसे ज्यादा है.सुबह उ...

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ये कैसे हुआ By dilip kumar

"ये कैसे हुआ" (व्यंग्य)फ़ांका मस्ती ही हम गरीबों की विमल देखभाल करती हैएक सर्कस लगा है भारत में जिसमें कुर्सी कमाल करती है "।उस्ताद शायर सुरेंद्र विमल ने जब ये पंक्तियां कहीं थी तब...

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महंगाई ने मारा हमें । By Dr Narendra Shukl

रात मैंने एक स्वपन्न देखा । मैंने देखा कि एक 25 - 30 वर्ष का युवक हाथ में चाकू लिये मेरी ओर बढ़ा आ रहा है । मैंने हड़बड़ा कर पूछा - क . . क. . कौन है ? क्या चाहिये । चाकूधारी ने मेरी...

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शौकीलाल जी का खत चोर जी के नाम - 3 By Krishna manu

हे चोर महाराज, पत्र-पत्रिकाओं में पढकर, अखबारों में बांचकर, दूरदर्शन में झाँककर मैं ज्यों-ज्यों आप के कारनामो, करिश्मों का अवलोकन करता गया, मेरे सामने आप की महानता का 'पर्दाफ...

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गंगा By Raje.

गंगा। जब कभी यह शब्द, हमारी या किसी की भी जुबान पर आता है। हमारे मनोमस्तिस्क मे एक ही भाव उत्पन्न होता है।गंगा यानी- पवीत्र, निर्मल, कोमल, दिव्यता से भरी। हमारा मन एकदम...

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मेंरी प्रेम कहानी-मेड फॉर ईच अदर By राजीव तनेजा

"मेरी प्रेम कहानी-मेड फॉर ईच अदर""हैलो"... "मे आई स्पीक टू मिस्टर राजीव तनेजा?" "यैस!...स्पीकिंग" "सर!..मैं'रिया' बोल रही हूँ 'फ्लाना एण्ड ढीमका' बैंक से" "हाँ जी!...

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ये वकील दुनिया में नाम कर जायेगा By Ajay Amitabh Suman

ये कविता एक बेईमान वकील को ध्यान में रखकर बनाई गई है . दरअसल वकालत न्याय की रक्षा करने के लिए बनाया गया था . इसका उद्देश्य कमजोरो को न्याय दिलाना था . परन्तु धीरे धीरे वकालत पर व्य...

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नतीजा फिर भी वही…ठन्न…ठन्न…गोपाल By राजीव तनेजा

नतीजा फिर भी वही- ठण ठण गोपाल ट्रिंग…ट्रिंग….ट्रिंग…ट्रिंग… “ह्ह….हैलो…श्श….शर्मा जी?” “हाँ।…जी….बोल रहा हूँ…आप कौन?” “मैं…संजू।” “संजू?” “जी।….संजू…..पहचाना नहीं?...राजीव तनेजा की...

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अलख निरंजन By राजीव तनेजा

“अलख निरंजन” "अलख निरंजन!…बोल. ..बम...चिकी बम बम….अलख निरंजन....टूट जाएँ तेरे सारे बंधन" कहकर बाबा ने हुंकारा लगाया और इधर-उधर देखने के बाद मेरे साथ वाली खाली सीट पर आकर बैठ गया|“प...

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दो व्यंग्य By Krishna manu

_________ बस...दो मिनट शुक्रगुज़ार हूँ सोशल मीडिया। एहसान मंद हूँ तुम्हारा। तुमने मुझे वाणी दी, रवानी दी वर्ना हम जैसे टटपूँजिए को पूछता कौन? तुम उस रेडीमेड फूड की तरह हो जिसका रैप...

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सरकारी स्वच्छ्ता कार्यक्रम- व्यंग्य By Rishi Katiyar

कल शाम को ही मोबाइल पे मैसेज आया था,फिर मेल आया,फिर नोटिस लगा ऑफिस में और फिर उसकी प्रिंटेड कॉपीज सभी डिपार्टमेंट हेड्स को भी पहुँचाई गईं थी कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर...

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खिड़की की आँख By Pritpal Kaur

खिड़की के बाहर का चौकोर आसमान का टुकड़ा खिड़की जितना ही बड़ा है. लेकिन इसमें से भी पूरा आसमान नहीं दिख रहा. दरअसल इस चौकोर खालीपन में जो मुख्य भरावट है वह है, हरे-भरे लहकते मदमाते अनार...

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व्यथा झोलाछाप डॉक्टर की By राजीव तनेजा

व्यथा झोलाछाप डॉक्टर कीकसम ले लो मुझसे...'खुदा' की...या फिर किसी भी मनचाहे भगवान की.....तसल्ली ना हो तो बेशक।...'बाबा नामदेव' के यहाँ मत्था टिकवाकर पूरे के पूरे सात...

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मुन्नू अनशन पर By Dr Narendra Shukl

मुन्नू अनशन पर एक दिन मेरे मित्र राधेश्याम मेरे पास हांफते हुये आये । मैंने पूछा - ‘राधेश्याम इतना भाग क्यों रहे हो & ओलेम्पिक्स तो कब की खतम हो गई है A तुम अभी तक अभ्यास कर र...

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इश्क कैसे कैसे By राजीव तनेजा

इश्क कैसे कैसे "ओह।…शिट..पहुँच जाना चाहिए था अब तक तो उसे….पता भी है कि मुझे फिल्म की स्टार्टिंग मिस करना बिलकुल भी पसंद नहीं।”“कहीं ट्रैफिक की वजह से तो नहीं…इस वक्त ट्रैफिक भी तो...

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दो बाल्टी पानी - 4 By Sarvesh Saxena

कहानी के पिछले भाग में आपने पढ़ा मिश्राइन ठकुराइन और वर्माइन कैसे अपने दिन की शुरुआत करते हैं और नोकझोंक और प्यार से उनकी जिंदगी बड़े आराम से कट रही है, बस किल्लत होती है तो पानी क...

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आओ प्रजातंत्र - प्रजातंत्र खेलें । By Dr Narendra Shukl

विवेक नगर के राजा मंदबुद्धि सिंह को अपने अंतिम दिनों में परमार्थ की सूझी । उन्होने महामंत्री नैन ज्योति सिंह को बुला कर कहा - महामंत्री नैन ज्योति सिंह , हम सोच रहे हैं कि अपने यह...

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व्हेन कंस मैट रावण आफ्टर पुतला दहन By सिद्धार्थ शुक्ला

#व्हेन_कंस_मैट_रावण_आफ्टर_पुतला_दहनअपने जले हुए कपड़े समेटते हुए लंकेश रात के अंधेरे में उस वन से गुज़र रहे थे कि तभी एक अट्टहास वातावरण में गूंज उठा और आवाज़ आयी - "क्या हुआ दशानन प्...

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दीवाली सेल है भाई .... ! By Dr Narendra Shukl

शनिवार को श्रीमती जी द्वारा लगातार अनुरोध करने व रात डिनर न मिलने के भय को देखते हुये मैं उनके साथ दीवाली की बाज़ारी रौनक देखने के लिये चल पड़ा । बाज़ार में हर तरफ दुकानें पूरी तरह से...

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गुनहगार. By Dr. Dilbag Singh Virk

गुनहगार “नहीं, नहीं ! मैंने कुछ नहीं किया|” “कुछ नहीं किया? अरे, तूने तो सरेआम कत्ल किया है नैतिकता का| ” “लेकिन वो मेरी मजबूरी थी|” “मजबूरी? कैसी मजबूरी?” “वहाँ नैतिकता का पालन कर...

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कामवाली बनाम घरवाली - (व्यंग्य) By Shobhana Shyam

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प्याजी दर्द एक हकीकत By Avinash R

प्याजी फ्लेवर, प्याजी रंग, प्याजी हिट, प्याजी गोल, प्याजी अदाएं, प्याजी वफाएं, प्याजी दर्द, प्याजी....... वगैरह वगैरह......???????? क्या सोच रहे हैं? कहीं आप ये तो नहीं सोच रहे हैं...

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वर्षा बुलाने का मूल मंत्र By Dr Narendra Shukl

‘‘इधर उत्तरी क्षेत्र में वर्षा बिल्कुल नहीं हो रही । सूखे की आंशका बनी हुई है ।‘‘ . . . सामने भीड़ - भाड़ वाली सड़क पर देखता हूं कि एक अवारा भैंस , खबर वाले अखबार के पेज़ को eqa...

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एक प्याली चाय और शौकीलाल जी - भाग 3 By Krishna manu

बीवी का प्रस्ताव सुन शौकीलाल जी भीतर तक कांप उठे। हजार रुपए बड़ी मुश्किल से उन्होंने घर खर्चे में कटौती कर बचाये थे ताकि कई महीने पूर्व शर्मा जी से लिये कर्ज का भुगतान कर सकें किन्त...

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भू - गोल (अर्थात दुनियां गोल हैं ) By Deepak Bundela AryMoulik

भू- गोल अर्थात दुनिया गोल है...!जी जनाब, ये बात सभी जानते है के दुनिया गोल है...जिसे हम सीधे से शब्दों में बिना किसी लाग लपेट के कही भी ठोक देते है....लेकिन बात कुछ ऐसी है कि दुनिय...

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आपको क्या तकलीफ है By dilip kumar

"आपको क्या तकलीफ है "(व्यंग्य)रिपोर्टर कैमरामैन को लेकर रिपोर्टिंग करने निकला।वो कुछ डिफरेंट दिखाना चाहता था डिफरेंट एंगल से ।उसे सबसे पहले एक बच्चा मिला ।रिपोर्टर ,बच्चे से-"बेटा...

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प्यार बनाम गणित By Dr. Vandana Gupta

एक खूबसूरत, चुस्त-दुरुस्त और कुछ कुछ सम्मिश्र संख्या जैसे दिखते लड़के को अपनी ओर घूरते देख घबरा गई। मेरे दिल के समुच्चय में एक नया अवयव दाखिल हुआ... और भावनाओं के फलन का प्रतिब...

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पाँच सवाल और शौकीलाल जी - 3 By Krishna manu

शौकीलाल जी ने लापरवाही से जवाब दिया-' अरे छोड़ो यार, अब तो लोक सेवा आयोग, बैंकिंग सेवा आदि त्यागकर लड़के इसी की तैयारी करने लगे हैं। अमीर बनने का शार्टकट रास्ता हो तो कोई लम्बी...

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गर्लफ्रैंड By The Real Ghost

नाटक : गर्लफ्रैंडरोहित एवं मीनाक्षी दोनो एक बड़ी IT फर्म में पिछले 2 सालों काम कर रहे है दोनो उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं रोहित के जॉइन करने के कुछ महीने बाद ही मीनाक्षी ने भी जॉइ...

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राज दुलारी By Ajay Amitabh Suman

इस प्रस्तुति में मैंने अपनी चार कविताओं को शामिल किया है।(1) राज दुलारी सुन ले मेरी राज दुलारी, मेरे बच्चों की महतारी। क्यों आज यूँ भूखी रहती, उदरक्षोभ क्यूँ सहती रहती? मेरे प...

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चली है बारात By Dr Narendra Shukl

27 नवंबर को विवाह समारोह में शामिल होने के लिये मैं चार स्थानों से आमंत्रित था । शादियां क्रमश ; ‘घमासान भवन , ‘संग्राम भवन , ‘मेलमिलाप भवन , तथा ‘ दिल्लगी भवन ,‘ में थीं । भवनों...

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अफसर का अभिनन्दन - 30 By Yashvant Kothari

बधाई से आर आई पी तक यशवंत कोठारी इन दिनों सोशल मीडिया पर जिन शब्दों का सब से ज्यादा मिस यूज हो रहा है उन में इन शब्दों का रोल सबसे ज्यादा है.सुबह उ...

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ये कैसे हुआ By dilip kumar

"ये कैसे हुआ" (व्यंग्य)फ़ांका मस्ती ही हम गरीबों की विमल देखभाल करती हैएक सर्कस लगा है भारत में जिसमें कुर्सी कमाल करती है "।उस्ताद शायर सुरेंद्र विमल ने जब ये पंक्तियां कहीं थी तब...

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महंगाई ने मारा हमें । By Dr Narendra Shukl

रात मैंने एक स्वपन्न देखा । मैंने देखा कि एक 25 - 30 वर्ष का युवक हाथ में चाकू लिये मेरी ओर बढ़ा आ रहा है । मैंने हड़बड़ा कर पूछा - क . . क. . कौन है ? क्या चाहिये । चाकूधारी ने मेरी...

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शौकीलाल जी का खत चोर जी के नाम - 3 By Krishna manu

हे चोर महाराज, पत्र-पत्रिकाओं में पढकर, अखबारों में बांचकर, दूरदर्शन में झाँककर मैं ज्यों-ज्यों आप के कारनामो, करिश्मों का अवलोकन करता गया, मेरे सामने आप की महानता का 'पर्दाफ...

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गंगा By Raje.

गंगा। जब कभी यह शब्द, हमारी या किसी की भी जुबान पर आता है। हमारे मनोमस्तिस्क मे एक ही भाव उत्पन्न होता है।गंगा यानी- पवीत्र, निर्मल, कोमल, दिव्यता से भरी। हमारा मन एकदम...

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मेंरी प्रेम कहानी-मेड फॉर ईच अदर By राजीव तनेजा

"मेरी प्रेम कहानी-मेड फॉर ईच अदर""हैलो"... "मे आई स्पीक टू मिस्टर राजीव तनेजा?" "यैस!...स्पीकिंग" "सर!..मैं'रिया' बोल रही हूँ 'फ्लाना एण्ड ढीमका' बैंक से" "हाँ जी!...

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ये वकील दुनिया में नाम कर जायेगा By Ajay Amitabh Suman

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नतीजा फिर भी वही…ठन्न…ठन्न…गोपाल By राजीव तनेजा

नतीजा फिर भी वही- ठण ठण गोपाल ट्रिंग…ट्रिंग….ट्रिंग…ट्रिंग… “ह्ह….हैलो…श्श….शर्मा जी?” “हाँ।…जी….बोल रहा हूँ…आप कौन?” “मैं…संजू।” “संजू?” “जी।….संजू…..पहचाना नहीं?...राजीव तनेजा की...

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अलख निरंजन By राजीव तनेजा

“अलख निरंजन” "अलख निरंजन!…बोल. ..बम...चिकी बम बम….अलख निरंजन....टूट जाएँ तेरे सारे बंधन" कहकर बाबा ने हुंकारा लगाया और इधर-उधर देखने के बाद मेरे साथ वाली खाली सीट पर आकर बैठ गया|“प...

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दो व्यंग्य By Krishna manu

_________ बस...दो मिनट शुक्रगुज़ार हूँ सोशल मीडिया। एहसान मंद हूँ तुम्हारा। तुमने मुझे वाणी दी, रवानी दी वर्ना हम जैसे टटपूँजिए को पूछता कौन? तुम उस रेडीमेड फूड की तरह हो जिसका रैप...

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सरकारी स्वच्छ्ता कार्यक्रम- व्यंग्य By Rishi Katiyar

कल शाम को ही मोबाइल पे मैसेज आया था,फिर मेल आया,फिर नोटिस लगा ऑफिस में और फिर उसकी प्रिंटेड कॉपीज सभी डिपार्टमेंट हेड्स को भी पहुँचाई गईं थी कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती के अवसर पर...

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खिड़की की आँख By Pritpal Kaur

खिड़की के बाहर का चौकोर आसमान का टुकड़ा खिड़की जितना ही बड़ा है. लेकिन इसमें से भी पूरा आसमान नहीं दिख रहा. दरअसल इस चौकोर खालीपन में जो मुख्य भरावट है वह है, हरे-भरे लहकते मदमाते अनार...

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व्यथा झोलाछाप डॉक्टर की By राजीव तनेजा

व्यथा झोलाछाप डॉक्टर कीकसम ले लो मुझसे...'खुदा' की...या फिर किसी भी मनचाहे भगवान की.....तसल्ली ना हो तो बेशक।...'बाबा नामदेव' के यहाँ मत्था टिकवाकर पूरे के पूरे सात...

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मुन्नू अनशन पर By Dr Narendra Shukl

मुन्नू अनशन पर एक दिन मेरे मित्र राधेश्याम मेरे पास हांफते हुये आये । मैंने पूछा - ‘राधेश्याम इतना भाग क्यों रहे हो & ओलेम्पिक्स तो कब की खतम हो गई है A तुम अभी तक अभ्यास कर र...

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इश्क कैसे कैसे By राजीव तनेजा

इश्क कैसे कैसे "ओह।…शिट..पहुँच जाना चाहिए था अब तक तो उसे….पता भी है कि मुझे फिल्म की स्टार्टिंग मिस करना बिलकुल भी पसंद नहीं।”“कहीं ट्रैफिक की वजह से तो नहीं…इस वक्त ट्रैफिक भी तो...

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