hindi Best Comedy stories Books Free And Download PDF

Stories and books have been a fundamental part of human culture since the dawn of civilization, acting as a powerful tool for communication, education, and entertainment. Whether told around a campfire, written in ancient texts, or shared through modern media, Comedy stories in hindi books and stories have the unique ability to transcend time and space, connecting people across generations and cul...Read More


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  • ये कप किसने तोड़ा?

    हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी...

  • तशरीफ का टोकरा घायल हो गया.

    तशरीफ का टोकरा घायल हो गया...{व्यंग्य} डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव महाराणा प्रताप हा...

  • अथ मोबाइल कथा

    अथ मोबाइल कथा धूलिया चादर ओढ़े हुए, घुटनों चलते इस कस्बे का उतावलापन गजब है। ये छ...

ग्लोबल विलेज By bhagirath

ग्लोबल विलेज गाँधीजी के आर्थिक स्वराज का सपना अब साम्राज्यवाद की गोद में खेल रहा है। हमें बताया जा रहा है कि इस देश की स...

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जो घर फूंके अपना - 24 - फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 24 फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी आपको अपने साथ रूस की यात्रा करने का निमंत्रण तो मैंने दे दिया पर मेरी पीढी के लिये विदेश यात्रा का क्या अर्थ था,कितना रोमांस और तिलिस...

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कॉफ़ी विद कोरोना By Mahaveer Prasad

मेरे प्यारे-प्यारे पाठकों! आपका स्वागत है! मैं हूँ आपका अपना मुरारी लाल। क्या!ऽऽऽ आप मुझे नहीं जानते। कोई बात नहीं। १३५ करोड़ लोगों में सब सबको जानें यह जरूरी तो नहीं।पर मैं आपकी ज...

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दो बाल्टी पानी - 13 By Sarvesh Saxena

करीब घंटे भर बाद मिश्राइन और वर्माइन का नंबर आया, दोनों ने अपनी-अपनी बाल्टी भरी और मुंह लटकाए घर की ओर चली आईं |मिश्राइन(घूंघट को नीचे की ओर खिंचते हुए) -" गांव के मर्दों को तो जैस...

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शैतान बच्चा By paresh barai

बाला : दादी नमस्ते, कैसी हो सब ठीक ? दादी : यह शैतान साधू कब से बन गया ? आज सूरज पश्चिम से उगा है क्या ? बाला : वह सब छोड़ो मंदिर की बात बताओ ? आज नहीं जाना सैल सपाटे को ! दादी : वह...

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ये कप किसने तोड़ा? By Huriya siddiqui

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...

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मेंढकी By Deepak sharma

मेंढकी निम्मो उस दिन मालकिन की रिहाइश से लौटी तो सिर पर एक पोटली लिए थी, “मजदूरी के बदले आज कपास माँग लायी हूँ...” इधर इस इलाके में कपास की खेती जमकर होती थी और मालिक के पास भी कपा...

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कहानी सब्जीपुर की By राज कुमार कांदु

सब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी उनके लिए सुयोग्य नायिका की खोज में लग गए ।सब्जी पुर की कई यौवनाएँ मन ही मन आलूचन्द के सपने...

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तशरीफ का टोकरा घायल हो गया. By Sunil Jadhav

तशरीफ का टोकरा घायल हो गया...{व्यंग्य} डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव महाराणा प्रताप हाउसिंग सोसाइटी, हनुमान गढ़ कमान के सामने, नांदेड़ -४३१६०५ मो.९४०५३८४६७२ “सुनो जी, घर का सारा राशन खत्म...

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क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है By Saroj Verma

अचानक से कोई खूबसूरत सी लड़की आप के सामने पृकट हो जाए, और पूछे । कि आपके toothpaste में नमक है , दुनिया का आज तक का सबसे गंभीर सवाल। तो कुछ तो शरारती लोग कहेंगे,कि paste में तो पता...

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अड़ोस-पड़ोस By Chhavi Nigam

अड़ोस-पड़ोसछवि निगम नाइट बल्ब की रहस्यमयी रौशनी कमरे में पसरी हुई थी। मच्छरों का ऑर्केस्ट्रा बीथोवन से होड़ ले रहा था। 20 साल 2 महीने 2 दिन की उमर का मैं यानि के दीपक, अपना सबसे पसं...

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हटेली चुड़ैल By paresh barai

दिनेश : ए बाबूजी वो अपनें मोहल्ल्ले में कोई नया किरायेदार रहने आया लगता है ! आप नें पता किया कुछ ? बाबूजी : धीरज धर बेटा, उसकी कोई बेटी नहीं है | दो बेटे हैं | हर बात पर फुदक फुदक...

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जनता सब जानती है By Singh Srishti

जनता से नेताओ का रिश्ता आज का नहीं है जनाब हमारा इनका तो खानदानी अफसाना है हां वो बात अलग है काम निकलने के बाद नेता तो क्या अपने भी भूल जाया करते है और काम पड़ने पर तो गधे को भी बा...

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व्यंग्य के तेवर By bhagirath

वैज्ञानिक दृष्टिकोण नेहरू जी चाहते थे कि यह पुराना हिन्दुस्तान, जो विश्वास में डूबा है, विज्ञान में उन्नति के शिखर चूमे। वै...

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ढलवाँ लोहा By Deepak sharma

ढलवाँ लोहा “लोहा पिघल नहीं रहा,” मेरे मोबाइल पर ससुरजी सुनाई देते हैं, “स्टील गढ़ा नहीं जा रहा.....” कस्बापुर में उनका ढलाईघर है : कस्बापुर स्टील्ज़| “कामरेड क्या कहता है?” मैं पूछता...

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अथ मोबाइल कथा By Dr Lakshmi Sharma

अथ मोबाइल कथा धूलिया चादर ओढ़े हुए, घुटनों चलते इस कस्बे का उतावलापन गजब है। ये छोटा सा बस-स्टेण्ड, यही इस का मैन बाजार भी है और इसी के सीने से ठस-ठुंस कर आगे के मझोले शहरों की सड़क...

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हास्य By Yasho Vardhan Ojha

(भाषागत अशुद्धियां कालांतर में रूढ़ हो कर स्थान-विशेष की बोली में घुल-मिल जाती हैं। फिर ये वहां की पहचान बन जाती हैं और कभी कभी हास्य भी उत्पन्न करती हैं। इसी विषय पर एक रचना प्रस्...

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मुर्गा By Kishanlal Sharma

"कूकडू --कू--------?सरदार तारासिंह यात्रियों के टिकट चेक कर रहा था,तभी उसे मुर्गे कीआवाज सुनाई पडी। आवाज सुनकर तारासिंह समझ गया, कोई यात्री मुर्गा साथ लेकर ट्रेन मे सफर क...

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लोक डाउन के साइड इफेक्ट्स By paresh barai

समीर : ए मीरा, चाय ला... अदरक डाल के लाना... मीरा : चाय नहीं बनेगी... भूल जाओ | समीर : क्यूँ ? चीनी, पत्ती और दूध की थैली तो है ! पप्पू : छन्नी... टूट गई है | अब चाय हमारे बेटे प...

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चम्पा का मोबाइल By Deepak sharma

चम्पा का मोबाइल “एवज़ी ले आयी हूँ, आंटी जी,” चम्पा को हमारे घर पर हमारी काम वाली, कमला, लायी थी| गर्भावस्था के अपने उस चरण पर कमला के लिए झाड़ू-पोंछा सम्भालना मुश्किल हो रहा था| चम्प...

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सवाल लहराती बलखाती डेढ़ सयानी मूँछ का By राजीव तनेजा

सवाल लहराती…बलखाती ढेढ सयानी मूंछ का आज घड़ी-घड़ी रह-रह कर मेरे दिल में ये अजब-गजब सा सवाल उमड़ रहा है कि जो भी हुआ..जैसा भी हुआ...क्या वो सही हुआ? अगर सही नहीं हुआ तो फिर सही क्यों...

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ऊँट की पीठ By Deepak sharma

ऊँट की पीठ “रकम लाए?” बस्तीपुर के अपने रेलवे क्वार्टर का दरवाज़ा जीजा खोलते हैं. रकम, मतलब, साठ हज़ार रुपए..... जो वे अनेक बार बाबूजी के मोबाइल पर अपने एस.एम.एस. से माँगे रहे..... बा...

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रंगीली चुड़ैल By paresh barai

एक समय की बात है | एक छोटे से गाँव में हरिलाल नाम का नौजवान रहता था | वह पढने में काफी ख़राब था और संस्कार से बहुत हलकट और पक्का रिश्वतखोर था | पिता की शाख की वजह से उसे रेलवे में न...

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ग्लोबल विलेज By bhagirath

ग्लोबल विलेज गाँधीजी के आर्थिक स्वराज का सपना अब साम्राज्यवाद की गोद में खेल रहा है। हमें बताया जा रहा है कि इस देश की स...

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जो घर फूंके अपना - 24 - फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी By Arunendra Nath Verma

जो घर फूंके अपना 24 फिर भी दिल है हिन्दुस्तानी आपको अपने साथ रूस की यात्रा करने का निमंत्रण तो मैंने दे दिया पर मेरी पीढी के लिये विदेश यात्रा का क्या अर्थ था,कितना रोमांस और तिलिस...

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कॉफ़ी विद कोरोना By Mahaveer Prasad

मेरे प्यारे-प्यारे पाठकों! आपका स्वागत है! मैं हूँ आपका अपना मुरारी लाल। क्या!ऽऽऽ आप मुझे नहीं जानते। कोई बात नहीं। १३५ करोड़ लोगों में सब सबको जानें यह जरूरी तो नहीं।पर मैं आपकी ज...

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दो बाल्टी पानी - 13 By Sarvesh Saxena

करीब घंटे भर बाद मिश्राइन और वर्माइन का नंबर आया, दोनों ने अपनी-अपनी बाल्टी भरी और मुंह लटकाए घर की ओर चली आईं |मिश्राइन(घूंघट को नीचे की ओर खिंचते हुए) -" गांव के मर्दों को तो जैस...

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शैतान बच्चा By paresh barai

बाला : दादी नमस्ते, कैसी हो सब ठीक ? दादी : यह शैतान साधू कब से बन गया ? आज सूरज पश्चिम से उगा है क्या ? बाला : वह सब छोड़ो मंदिर की बात बताओ ? आज नहीं जाना सैल सपाटे को ! दादी : वह...

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ये कप किसने तोड़ा? By Huriya siddiqui

हम सब बहोत आम है बेहद आम दरअसल कहा जाए तो हम आम जनता हैकभी कभी तो आम खाने के भी लाले पड़ जाते हैं अरे बात बजट की आ जाती है और कभी कभी बिन बुलाए मेहमान भी आ जाते हैं जिसके चलते अपने...

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मेंढकी By Deepak sharma

मेंढकी निम्मो उस दिन मालकिन की रिहाइश से लौटी तो सिर पर एक पोटली लिए थी, “मजदूरी के बदले आज कपास माँग लायी हूँ...” इधर इस इलाके में कपास की खेती जमकर होती थी और मालिक के पास भी कपा...

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कहानी सब्जीपुर की By राज कुमार कांदु

सब्जीपुर के युवराज ‘ आलू चंद ‘ की विवाह योग्य उम्र होते ही राज्य के सभी मंत्री , दरबारी उनके लिए सुयोग्य नायिका की खोज में लग गए ।सब्जी पुर की कई यौवनाएँ मन ही मन आलूचन्द के सपने...

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तशरीफ का टोकरा घायल हो गया. By Sunil Jadhav

तशरीफ का टोकरा घायल हो गया...{व्यंग्य} डॉ.सुनील गुलाबसिंग जाधव महाराणा प्रताप हाउसिंग सोसाइटी, हनुमान गढ़ कमान के सामने, नांदेड़ -४३१६०५ मो.९४०५३८४६७२ “सुनो जी, घर का सारा राशन खत्म...

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क्या आपके टूथपेस्ट में नमक है By Saroj Verma

अचानक से कोई खूबसूरत सी लड़की आप के सामने पृकट हो जाए, और पूछे । कि आपके toothpaste में नमक है , दुनिया का आज तक का सबसे गंभीर सवाल। तो कुछ तो शरारती लोग कहेंगे,कि paste में तो पता...

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अड़ोस-पड़ोस By Chhavi Nigam

अड़ोस-पड़ोसछवि निगम नाइट बल्ब की रहस्यमयी रौशनी कमरे में पसरी हुई थी। मच्छरों का ऑर्केस्ट्रा बीथोवन से होड़ ले रहा था। 20 साल 2 महीने 2 दिन की उमर का मैं यानि के दीपक, अपना सबसे पसं...

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हटेली चुड़ैल By paresh barai

दिनेश : ए बाबूजी वो अपनें मोहल्ल्ले में कोई नया किरायेदार रहने आया लगता है ! आप नें पता किया कुछ ? बाबूजी : धीरज धर बेटा, उसकी कोई बेटी नहीं है | दो बेटे हैं | हर बात पर फुदक फुदक...

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जनता सब जानती है By Singh Srishti

जनता से नेताओ का रिश्ता आज का नहीं है जनाब हमारा इनका तो खानदानी अफसाना है हां वो बात अलग है काम निकलने के बाद नेता तो क्या अपने भी भूल जाया करते है और काम पड़ने पर तो गधे को भी बा...

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व्यंग्य के तेवर By bhagirath

वैज्ञानिक दृष्टिकोण नेहरू जी चाहते थे कि यह पुराना हिन्दुस्तान, जो विश्वास में डूबा है, विज्ञान में उन्नति के शिखर चूमे। वै...

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ढलवाँ लोहा By Deepak sharma

ढलवाँ लोहा “लोहा पिघल नहीं रहा,” मेरे मोबाइल पर ससुरजी सुनाई देते हैं, “स्टील गढ़ा नहीं जा रहा.....” कस्बापुर में उनका ढलाईघर है : कस्बापुर स्टील्ज़| “कामरेड क्या कहता है?” मैं पूछता...

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अथ मोबाइल कथा By Dr Lakshmi Sharma

अथ मोबाइल कथा धूलिया चादर ओढ़े हुए, घुटनों चलते इस कस्बे का उतावलापन गजब है। ये छोटा सा बस-स्टेण्ड, यही इस का मैन बाजार भी है और इसी के सीने से ठस-ठुंस कर आगे के मझोले शहरों की सड़क...

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हास्य By Yasho Vardhan Ojha

(भाषागत अशुद्धियां कालांतर में रूढ़ हो कर स्थान-विशेष की बोली में घुल-मिल जाती हैं। फिर ये वहां की पहचान बन जाती हैं और कभी कभी हास्य भी उत्पन्न करती हैं। इसी विषय पर एक रचना प्रस्...

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मुर्गा By Kishanlal Sharma

"कूकडू --कू--------?सरदार तारासिंह यात्रियों के टिकट चेक कर रहा था,तभी उसे मुर्गे कीआवाज सुनाई पडी। आवाज सुनकर तारासिंह समझ गया, कोई यात्री मुर्गा साथ लेकर ट्रेन मे सफर क...

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लोक डाउन के साइड इफेक्ट्स By paresh barai

समीर : ए मीरा, चाय ला... अदरक डाल के लाना... मीरा : चाय नहीं बनेगी... भूल जाओ | समीर : क्यूँ ? चीनी, पत्ती और दूध की थैली तो है ! पप्पू : छन्नी... टूट गई है | अब चाय हमारे बेटे प...

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चम्पा का मोबाइल By Deepak sharma

चम्पा का मोबाइल “एवज़ी ले आयी हूँ, आंटी जी,” चम्पा को हमारे घर पर हमारी काम वाली, कमला, लायी थी| गर्भावस्था के अपने उस चरण पर कमला के लिए झाड़ू-पोंछा सम्भालना मुश्किल हो रहा था| चम्प...

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सवाल लहराती बलखाती डेढ़ सयानी मूँछ का By राजीव तनेजा

सवाल लहराती…बलखाती ढेढ सयानी मूंछ का आज घड़ी-घड़ी रह-रह कर मेरे दिल में ये अजब-गजब सा सवाल उमड़ रहा है कि जो भी हुआ..जैसा भी हुआ...क्या वो सही हुआ? अगर सही नहीं हुआ तो फिर सही क्यों...

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ऊँट की पीठ By Deepak sharma

ऊँट की पीठ “रकम लाए?” बस्तीपुर के अपने रेलवे क्वार्टर का दरवाज़ा जीजा खोलते हैं. रकम, मतलब, साठ हज़ार रुपए..... जो वे अनेक बार बाबूजी के मोबाइल पर अपने एस.एम.एस. से माँगे रहे..... बा...

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रंगीली चुड़ैल By paresh barai

एक समय की बात है | एक छोटे से गाँव में हरिलाल नाम का नौजवान रहता था | वह पढने में काफी ख़राब था और संस्कार से बहुत हलकट और पक्का रिश्वतखोर था | पिता की शाख की वजह से उसे रेलवे में न...

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