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" तेरी ममता का कर्ज " मेरी जिंदगी को तुमने संभाला माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! रातों को मैंने तुम्हे जगाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! क्या तुमने था ख्व़ाब सजाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! गीतों को भी तुमने गुनगुनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! पापा को भी सर्मा के बताया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरे कपड़ों को तुमने बनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! पापा से खिलौनों को मँगाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरी तस्वीर को तुमने बनाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मेरी धड़कन को तुमने पहचाना माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मैं भूखा न सो जाऊँ तुमने खाया माँ , मेरे इस दुनिया में आने से पहले ! मैं वो तेरा कर्ज न चुका पाया माँ , तेरे इस दुनिया से जाने के पहले !
मौत का कोई दिन नहीं होता , मौत तो सदा साथ चलती है ! हाँ जब देती है दगा जिन्दगी , तब मौत हाँथ थाम लेती है !!
( 14/2/2019 आतंकवादी हमला ) आज फिर स्तब्ध हो गया हूँ मैं देख कर आतंकवाद का ये खूनी मंजर ! एक साथ चालिस सैनिक आज फिर आतंकवाद की भेंट चढ़े ! क्या दोष था निर्दोषों का थे वो भारत माता की सुरक्षा में खड़े ! मिली न साबूत लास जिनकी टुकड़ों में जिस्म को समेटा गया ! देकर तमगा शहीद का टुकड़ों को तिरंगे में लपेटा गया ! इस नर संहार को अब न हमें कभी जहन से अपने भुलाना होगा ! मानवता के दुश्मन इस आतंकवाद को एक जुट हो जड़ से मिटाना होगा ! आतंकवाद आज समस्या नहीं एक मेरे मुल्क हिन्दुस्तान की ! दुनिया के और भी मुल्कों ने आतंकवाद के इस दंश को झेला है ! फिर क्यों आज इस मुश्किल घड़ी में हिन्दुस्तान खड़ा अकेला है ! आओ आज हम मानवता के दुश्मन इस आतंकवाद से एक जुट होकर लड़ें ! छोड़ ये जाती धर्म की लड़ाई मिल जुलकर हों साथ खड़े ! आ गया है अब वो समय जब हमें आपसी मतभेद भुलाना है ! मानवता के इस दुश्मन आतंकवाद को कब्र में दफनाना है !!
( मैं विकाश शर्मा ) इस लिंक को खोलें मेरी कविता "पाँचाली " स्टोरी मिरर प्रतियोगिता में रास्ट्रीय स्तर पर चुनी गई है ! जो की लिंक में " 274 " नम्बर पर है ! आपके मात्र एक वोट से मेरी यह कविता प्रथम स्थान प्राप्त कर सकती है ! तो कृपया अपना कीमती समय देकर, कविता को वोट करें ! वोट के लिये आपको इस ऐप को अपने एफबी जीमेल या गूगल एकाउंट से लिंक करना होगा तभी आपका वोट मान्य होगा और बटन हरे रंग का हो जायेगा साथ ही यह लिंक आगे भेजकर, अपने मित्रों और साथियों को भी वोट करने के लिये जरूर जरूर कहें ! https://awards.storymirror.com/sswc/students-class-8-to-class-12-poem/3/
मत कर तू जाया यूँ जिन्दगी, किसी की कर्जदार है ये ! जिसने तुझको जन्म दिया, जिसने पाला पोसा है ! अपने लहू की एक एक बूँद से, जिसने तुझको सींचा है ! उस मात्र भूमि को भी भूल न जाना, तू जिसपर खेला कूदा है! थक कर जिसकी आग़ोश में, तू सिमट कर सोया है ! मत कर तू जाया यूँ जिन्दगी, किसी की....... @my_words_collection_222
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