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ए खुदा सुन ले पुकार लगा दे तू मेरी नैया पार बड़ा कठोर जीवन तूने मुझे है दिया ना जाने कितने बार मैंने जीवन का विष हैं पिया आंखों में आंसू भी आए चेहरे पर मुस्कान भी आई किसी ने दिया शाप, तो किसी ने दी दुहाई कभी जीत से बढ़ा उल्लास कभी हार से मन उदास कभी आंखें भी हुई नम कभी हार से टूटा दम जीना भी सीखा,मरना भी सीखा विकट परिस्थितियों में हंसना भी सीखा खुद के भाग्य से लड़ना भी सीखा इस छोटे से जीवन में तूने क्या-क्या सिखा दिया एक निर्बल बालक को तूने स्वावलंबी बना दिया
हर के जीवन का किस्सा बन जाती है, किताबें जिंदगी का एक हिस्सा बन जाती है। बच्चों के साथ स्कूल यें जाती है, बूढ़े के अकेलेपन को यह दूर भगाती है। कुछ बच्चों के कंधो पर भोझ यह कहलाती है, कुछ बच्चों के कंधों पर सारी दुनिया इन्हीं में समाती हैं कभी गरीबों की थाली की रोटी बन जाती है कभी टूटे हुए इंसान को फिर यह जोड़ दिखाती है। घर बैठे बच्चों को परियों की दुनिया दिखलाती है कवियों और लेखको की ये सच्ची दोस्त कहलाती है भगवान से विज्ञान तक की शिक्षा हमे दे जाती है। भूत-वर्तमान,आकाश-धरती सब इसमें समाती है।
हर इंसान का गहना अलग अलग होता है मां-बाप का गहना उनके बच्चे होते हैं विद्यार्थियों का गहना उनकी शिक्षा होती है और कवियों का गहना उनकी कविताएं होती है #गहना -Kinjal
हर चीज के पीछे एक वजह नहीं होती, हर रास्ते की एक ही डगर नहीं होती। चोरी करने वाला हमेशा चोर नहीं होता, हर सुंदर पंछी मोर नहीं होता। हर सुर का एक ही राग नहीं होता हर कपड़े पर एक ही दाग नही होता हर मांगने वाला भिखारी नहीं होता, कोशिश करके हारने वाला अनाड़ी नहीं होता। प्रकाश का स्रोत बस रवि नहीं होता, कविता लिखने वाला बस कवि नहीं होता। #kavyotsav2
समय चुनाव का आया नेताओं का मन ललचाया करने लगे वादे भरपूर लगाने लगे पौधे और फूल कृषि जगत पर समस्या जताई जवानों की भी की खूब बढ़ाई सड़के पक्की होने लगी रैलियाँ भी जमकर निकाली गई चुनाव का परिणाम है आया देश ने एक नेता कुर्सी पर बैठाया पकड़ ली कुर्सी उसने दोनों हाथों से मुंह मोड़ लिया उसने अपने झूठे वादों से कालीन पर चलकर भूल गया वह कांटों का दर्द क्या होता है भूल गया वह एक भूखा बच्चा कैसे रोता है भूल गया वह युवा बेरोजगार हो रहे हैं भूल गया वह रोजाना दुराचार हो रहे हैं भूल गया वह देश की शिक्षा दर कम है भूल गया वह देश की अर्थव्यवस्था भी बेदम है पर कोई नहीं,पाँच साल बाद उसे सब याद आ जाएगा फिर एक महीने में वह देश की तरक्की कराएगा। #kavyotsav2
A man makes a book and soon the book makes the man a 'human' -Kinjal
खुदा बुलाओ,रब बुलाऊँ या बुलाऊँ भगवान, मुझे तो पसंद है तेरे सभी यह नाम । मंदिर जाऊँ,मस्जिद जाऊँ या जाऊँ गुरुद्वारा, तू तो बसा है दुनिया के हर एक धाम। मंदिर में भजन गाऊँ या मस्जिद में चादर चढ़ाऊं, स्वर्ण मंदिर में भोग खिलाऊँ या बाइबल का पाठ लगाऊँ। समझ नहीं आता और कितना बटूँ मैं पहले धर्म फिर जात-पात देश विभाजन फिर काट-छांट रंग-देश,जाती-वेश काला-गोरा,स्वदेश-प्रदेश हे ईश्वर,हे खुदा,हे सुन मेरे नाथ, क्यों नहीं गा सकते हम सभी सुर एक साथ? #kavyotsav2 #god
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