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*देखो..मोहब्बत एक प्रश्नवाचक चिह्न है ??* ☆६०☆-32 किस - किस को तुम , मोहब्बत का फ़लसफ़ा सिखाओगी ? कौनसी धुन इस मृदु कंठ से आज के बाद गुनगुनाओगी ? किस - किस का घर अब अपनी आग से जलाती जाओगी ? इन अधरों का तेज़ाब अब किस- किस के जिस्म पर छोड़ना चाहोगी ? ✍By:- Surya Rawat ☆६०☆-32 surya.blogpost.com
आओ मिलकर गुणगान करें , सदैव तिरंगे का सम्मान करें । surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com नतमस्तक होकर वीरों के सम्मुख भारतीय अपनी पहचान करें । surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com सभी भाषाओं पर हम गर्व करें , जय हिंद नारा ही गूञ्जायमान करें । ✍By:- Surya Rawat surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com "> surya.blogpost.com सभी प्यारे देशवासियों को ( ७०" वें ) गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई । जय हिंद ?? जय भारत
सुप्रभात
हम इसे देखने के लिए सदैव व्याकुल एवं उत्कंठित रहते थे । और दूरदर्शन का यह पार्श्व संगीत मुझे अभी भी ... भाव विभोर कर देता है । धन्यवाद बचपन .... धन्यवाद दूरदर्शन.... धन्यवाद ????☹☹ *I Love this background music ..... आज भी ..... अभी भी*?????✌?? ☆3490☆ ✍By:- Surya Rawat
☆५६▪१०》》 बाहर हंसता अंतर्मन रोता है , क्षीण बीजों से भी हरे सपने संजोता है । वो परिस्थितियों का दास मनुष्य ही है , जो अपने कंधे पर अपनी ही लाश ढोता है । ☆५६▪१०》》 ✍By:- surya rawat
मेरी कविताओं को मेरे नाम से Google search कर पढ़ सकते हैं । ??✌? कुछ तकनीकी कमी के कारण show नहीं हो पा रही । शीघ्र ही इस बाधा को दूर किया जाएगा । इनके सभी अधिकार मेरे पास हैं , कृपया Google से Copy करने के पश्चात edit करने का प्रयास न करें । धन्यवाद ...... ? ------------ ● -:- नव जीवन निर्माण करें -:- 2415- ३४... ...... ?? १• जीवन से सब संशय मिटाकर , दूर -निकट के सब भय मिटाकर नव कार्य पुनरूत्थान करें । शंका व्याप्त का जाल हटाकर नित नव जीवन निर्माण करें । २• आओ दधीचि सी हड्डियाँ गलाएँ नेत्र ज्वाला से पाषाण पिघला कर , इंद्र का सा अस्थि वज्र बनाएँ । गिरिराज को प्रणाम कर परमेश्वर का ध्यान करें , नित नव जीवन निर्माण करें । ३• आत्मविश्वास की ज्वाला से हिमखंडो को पिघला दें , आंधियो से डटकर लड़ें विजय होकर दिखला दें । नित नित उठकर स्वंय ही त्राण करें , नित नव जीवन निर्माण करें । ४• पाहन पर जब छैनी चलती तभी तो मूरत ढलती है । ईंट से ईंट है मिलती, तभी इमारत बनती है । जैसा बीज है बोता........ वैसा ही फल पाता है मनुज अपने भाग्य का.... स्वंय विधाता है । उजियारे और अंधकार में पतझड़ हो य बसंत बयार में चौड़ी छाती सीना तान रग-रग में आन धरें नित नव जीवन निर्माण करें । ५• सिंधु सरोवर निखरा दो तूफानो को बिखरा दो । कर्तव्य पथ पर डटे रहें , संकल्प लें .... कण- कण में प्राण भरें नित नव जीवन निर्माण करें । ☆2415-३४ ✍By:- Surya Rawat
हिन्दी दिवस पर देश वासियों को गौरवमयी हार्दिक शुभकामना । ??? -: कविता की मौत :- १- एक कवि ने ज़बान खोली " श " - " ष " को मिलाकर " स " किया । कविवर की बिगड़ी बोली , जैसे बीवी की कोई सौत हुई । बस इसी क्षण हिन्दी कविता की मौत हुई । २- ऊल जुलूल जब कोई पढ़ता , ऐसे कवि से मैं डर जाती हूँ .. साहित्य का है दम घुटता , मैं कवि सम्मेलन में ही मर जाती हूँ । ३- वर्णमाला हिन्दी की थोड़ा सीखो शब्दकोष का विस्तार करो , " श -स - क्ष " में फर्क सीखो कविता का स्वच्छ शुद्ध शृंगार करो । ४- शनै: शनै: साहित्य खत्म होता आजकल स्कूलों से, हिन्दी कविता का जैसे सीना चीरा हो , बरछी तीर त्रिशूलों से । दुकानें चल रही हैं बस अंग्रेज़ व्यापारी की । आत्मा कहीं रोती होगी मैथिली, निराला, प्रसाद , रामधारी की । ☆ ५४ - H"-65 ✍By :- surya rawat
-: गृहिणी :-
☆-12-१६ RUBY ( रूबी ) गली में जो साथ - साथ बोटियाँ खोजते हैं , गाड़ी के पीछे-पीछे दौड़ते हैं । जानवर के हड्डी-माँस के टुकड़ों को मिल बांटकर नोचते खाते हैं । लेकिन किसी दिन जब गली में Ruby आती है तो ...... सब आपस में एक-दूसरे पर ऊंची खूंखार ध्वनि में भौंकने लगते हैं ...... एक -दूसरे को नुकीले दाँतो से लहूलुहान कर डालते हैं । और उसके सामने हर कोई सर्वश्रेष्ठ बड़ा होने का उपक्रम करते हैं । tommy , rockey, jackey वगैरह-वगैरह सब एक दूसरे पर टूट पड़ते हैं । धीरे-धीरे गली सड़क एक युद्धक्षेत्र में परिवर्तित हो जाती है । सब एक दूसरे को काटते-पीटते हैं और एक-दूसरे की मार खाकर कूँ... कूँ.~~... कूँ ~~~भौं भौं~ करते हुए पूंछ हिलाते हुए लौट पड़ते हैं । कुछ तो गेट के भीतर से ही अपने सर्वोच्च बाहुबली होने का प्रमाण देते हैं यद्यपि वो गेट से बाहर आने का जोखिम नहीं उठाते । और वैसे भी उनका स्टेटस अलग है .... भले ही कितने खूंखार हों पर गली वालों से पंगा नहीं लेते , इसीलिए गेट भीतर से ही चक्कर काटते हुए समय-समय पर अपनी प्रतिक्रिया देते रहते हैं थोड़ी देर तक तो वह सभी का तमाशा देखती है और फिर अचानक सबकी भौंका- भौंकी के बीच गायब हो जाती है । ☆-12-१६ ✍By:- Surya Rawat
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