Quotes by Patel Mansi મેહ in Bitesapp read free

Patel Mansi મેહ

Patel Mansi મેહ Matrubharti Verified

@shilpa44bapsgmailcom
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my subscription is just over.. so I can't review your messages. Thank you everyone who wishes me on 23 April.. it is heart touching for me. #feelingblessed

હિરાની ચમક પાછળ ઘેલાં થનારા, ધ્યાન રાખજો એ ચમક કાચના ટુકડા પણ હોય શકે.. મેહ

There's sky without stars though people love it and sometimes there many stars in the sky & people avoid it.. #beyou #motivation

જીવનમાં કોઇ સાથ આપે કે ના આપે ગૂગલનો સાથ હોવો સૌથી જરુરી છે..😌

All we need is " TRUST " at first sight..




Mansi Patel "meh"

सिमट गई वो महोब्बत की चिंगारिया
जो दिल में आया करती थी ।

बुझा दी वो आग गेरो की हमने "मेह"
जो हमे जलाया करती थी ।।

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मुजे पता ही नहीं में कौन हूँ !?


हाँ हैं हम दोनों आज अलग
पर तुम ना सही में रोज याद करती हूँ तुम्हें

साँवरती हूँ जब बाल आईने के सामने
तो लगता हैं तु पीछे वो झूले पर
बैठे-बैठे ताड़ रहा हैं मुजे
और बस कुछ ही पल देर हैं
तु पास आकर बाहों में भर लेगा मुजे

अलमारी मेरी भरी पड़ी हैं
तेरी पसंदीदा चीज़ो से
कहां खोजूं मेरी पसंद को
जो गुम हैं तेरे आनें से

वो लाल बिंदी और काले के झूमखें
पैरों की नुपुर, ने जगा ले रखी हैं
आँखो में लगाती हूँ काजल तो तेरे
अल्फ़ाजो का इन्तज़ार हैं , की
" तेरी सजी आंखे मैनें खरीद रखी हैं "

किसी दिन मे दरवाज़ा खोलूं
और किचनमें सुनाई पड़े शोर
दिल तो यहीं सोचेगा काश तुम होगे
देखूँ जब जाकर वहा तो
बिल्ली बनी बेठी हैं चोर
पर में तेरे अलगाव को जानतीं हूँ
तु होता तो चिल्लाकर कहेता
"आज भी मेरी चाय अलग क्यूँ नहीं बनाई!
अदरख मुजे पसंद नहीं हैं भुल गई क्या!?"

कैसे भूलूँ मैं
अदरखवाली चाय छोड़ जो दी हैं मैनें
तुम अलग तो बहुत थे महोब्बत में भी
और हकीकत में भी
पसंद तुम्हारी हमेशा अलग जो होती थी
टिक ही ना पाया तेरा अलगाव
जिसके रहते आदत डाली मैनें
सिर्फ़ तेरे अल्फाज़ को सुनने की
सिर्फ़ तेरी पसंद चुनने की

तेरा अलगाव मेरी इबादत को
कुछ इस तरह तोड़ गया
की अब मुजे पता ही नहीं में कौन हूँ !?

-मानसी पटेल " मेह "

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क्या खुब वारदातें थी "मेह"
जब हसीन लगता सिर्फ़ इश्क़ था
बाहों में तेरी शाम थी ।।

तु पानी से पैगाम भेजकर तो देख "मेह" ।
हम खुद आयेंगे कस्ती लेकर ।।

#કવિતા



મળે જો સમય પુરતો, તો મળજે મને !

યાદ આવે મારી ભુલથી, તો મળજે મને!


બને કંઈક એવું 

દિલ દુભાય જ્યારે તારું 

તો મળજે મને!


અનંત સમી આપણી સંગતની 

અસર સહેજ પણ ઓછી થતી જણાય

તો મળજે મને !


તપતાં આ વિશ્વમાં લાગે જો એકલું

ને હૈયું તારું ટાઢક ઝંખે 

તો મળજે મને!


જરીક અણસાર આવે તને

પ્રેમનો અનુભવ ઓછો છે 

તો મળજે મને!


સ્વપ્નો કેટલાં સેવું મિલનના હું 

હકિકતમાં સાથ આપવાં 

તો મળજે મને!


ઓછપ નથી રાખી મેં આપણાં સંબંધમાં 

લાગણીની.. તોય "મેહ" ક્યારેક 

તો મળજે મને!


-માનસી પટેલ "મેહ"

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