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# दायरे, वो ज़िंदा है कटे हुए पेड़ की सीख पा कर, सकुशल रहोगे तुम अपने दायरे में रह कर, ⁃ ऋशिकेश त्रिवेदी, ⁃ IG _rishikesh11,
# अच्छा आदमी था.. अच्छा आदमी था, अगर वो अच्छा आदमी था तो तुमने उसके साथ अच्छा क्यूँ नहीं किया..? जब उसे ज़रूरत थी तुम्हारे साथ की तुमने उसका साथ क्यूँ नहीं दिया..? अब क़िस्से सुना रहे हो दुनिया को तुम्हारी उस दोस्ती के, जिस दोस्ती का फ़र्ज़ तुमने कभी अदा ही नहीं किया, तुम्हें भी तो पता था वो दिल से थोड़ा कमज़ोर था, तुम्हें बस अपनी बातें सही लगी लेकिन सही तो कुछ और था, वो लगातार बोले जा रहा था पर तुम सुन नहीं रहे थे, तुम्हें अंदाज़ भी नहीं लगा पाये अंदर उसके कितना शोर था, तुम उसके पास नहीं थे जब उसे तुम्हारी सब से ज़्यादा ज़रूरत थी, इतना थक चुका था वो अपनेआप से की उसे अपनेआप से नफ़रत थी, ख़ुद पर भरोसा ना कर पाया और भरोसा वो उन पर किया, सही इंसान का ग़लत वक़्त पर फ़ायदा उठना जिनकी फ़ितरत थी, वो कितना ज़ोर से चीख़ता था जो तुम कभी सुन नहीं पायें, उसने कितने Call किये थे तुम्हें जो तुमने कभी नहीं उठाये, वो जब मिलने बुलाता था तब तो तुम कभी नहीं मिलते थे अब सब के सामने दिखावा करने तुम यहाँ तक चले आये, जितना भी वक़्त वो जिया कभी हालात तो कभी ख़ुद से लड़ के जिया, हर बार बार हार मिलती रही फिर थक कर उसने लड़ना ही छोड़ दिया, देखो तो सोया हैं कितने सुकून से अब क्यूँ मातम मना रहे हो, बहुत बोलता था ना वो देखो अब उसने सब को ख़ामोश कर दिया, अच्छा आदमी था, अगर वो अच्छा आदमी था तो तुमने उसके साथ अच्छा क्यूँ नहीं किया..? ⁃ ऋषिकेश त्रिवेदी, ⁃ IG _rishikesh11,
# तू अधूरा इसलिए है, अपनी अधूरी जीत पर तू शर्मिंदा किस लिए है, तेरी सिसकियाँ तेरी दहाड़ है तू ख़ामोश किस लिये है, पूरे होने पर यहाँ सब ख़त्म हो जाते हैं, इस जहाँन में तू अधूरा इसलिए है, ⁃ ऋषिकेश त्रिवेदी, ⁃ IG _rishikesh11,
# अनाथ, वो ग़ुस्सा नहीं हुआ ख़ुद से नाराज़ गया है, उसे तलाश है जिसकी शायद वो खो गया है, अपनो और सपनो मुँह मोड़ लिया इस क़दर, एक वक़्त का सहोदर आज अनाथ हो गया है, - ऋषिकेश त्रिवेदी, - IG _rishikesh11,
# मुस्कुरायें कैसे, आग लगी है ग़ज़ब की पानी से उसे बुझायें कैसे, पंख तो टुकड़ों में बँट गये उड़ कर दिखाए कैसे, अब ख़ुद से ही हो चली है मुझे बेशुमार नफ़रत, आइने मै ख़ुद को देख कर हम मुस्करायें कैसे, - ऋषिकेश त्रिवेदी, - IG _rishikesh11,
# मौत नहीं आती, ज़िंदगी ख़त्म हो चली है पर मौत नहीं आती है, अब मेरी कुछ बातें मुझे भी समझ नहीं आती है,
# अक्सर यहीं बेठे-बेठे, अक्सर यहीं बेठे-बेठे मैं अचानक कहीं खो जाता हूँ, मैं, मैं को पीछे छोड़ कर कभी कोई और ही हो जाता हूँ, मायूस कभी कर जाती है मेरी ही कुछ बातें मुझ को, रात भर मैं जगता रहता हुँ तुम्हें लगता है मैं सो जाता हूँ, ⁃ ऋषिकेश त्रिवेदी, ⁃ IG _rishikesh11,
# I Quit, बहुत वक़्त हो गया अब लड़ते हुएँ, एक अरसा गुज़र गया लिखते पढ़ते हुएँ, ना काम आया ना काम मिल पाया, अब रोज़ नहीं देखा जाता ख़ुद को मरते हुएँ, I Quit.
# क़ालित, कैसे करूँ ये वादा तुमसे के मैं तुम्हें कभी छोड़ कर न जाऊँगा, ख़ुद का ही साथ मुझे मंज़ूर नहीं मैं तेरा साथ कैसे निभाऊँगा, मैं कोई जलतीं मशाल नहीं हूँ, मैं कोई रोशन चिराग़ नहीं हूँ, मैं तो दियासलाई हूँ अगर जल भी गया तो क़ालित हीं लाऊँगा,
# वजूद, जब तुम देख ही न पाओ तो नज़राना कैसा, तुम जो हो वहीं स्वीकार लो घबराना कैसा, हाँ मेरे कपड़े कुछ सस्ते पुराने से है, लेकिन अपने ही वजूद पे शरमाना कैसा,
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