Quotes by Hardeep Kaur Insan in Bitesapp read free

Hardeep Kaur Insan

Hardeep Kaur Insan

@realinsan95792gmailc


चाहे कितना सीख लो,पर भाषा का ज्ञान।
लेकिन करना तुम सदा,निज भाषा पर मान।।
#शार ✍️

-Hardeep Kaur Insan

सब झूठा अभिमान,मिलेगा इक दिन माटी।
रावण से इंसान,नही कुछ सीखा पाटी।
एक लाख थे पूत,अनेकों जिसके नाती।
बचा न कोई पास,करे जो दीवा बाती।।
#शार ✍🏻

-Hardeep Kaur Insan

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बारूदों के ढेर,बैठ दुनिया मुस्काए।
होगा क्या अंजाम,इसे कुछ समझ न आए।।
लाशों के तालाब,कुएं क्या खून भरोगे।
करके अरे विनाश,कहां फिर राज करोगे।।

मानवता है आज,धरातल धँसती जाए।
र्निदोषों की जान,प्रभू बिन कौन बचाए ।
ले लो उनकी सार,जगत के तुम हो पालक।
हाथ जोड़ अरदास,करें हैं नन्हें बालक।।
#शार ✍🏻

-Hardeep Kaur Insan

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क्षमा करें, ऐप पर ज्यादा समय नही बिताती,जिस कारण इनबॉक्स लॉक है।आप सब मैसेज नही पढ़ पा रही,उसके लिए क्षमा चाहती हूं 🙏💐

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मज़हब को सम प्रेम-तराजू,मैं तो कभी न तोलूंगी।
राम-नाम उदघोष करूंगी,अल्लाह हु भी बोलूंगी।
#शार ✍️

-Hardeep Kaur Insan

नारी नर से कम नही,क्यों समझो कमजोर।
अपने दमखम का तुम्हें,दिखा चुकी है जोर।।
दिखा चुकी है जोर,जरा तुम उसे सराहो।
कह देखो इक बार,उड़ो तुम जितना चाहो।।
यदि दोगे तुम प्रेम,बनेगी ये हितकारी।
और करो अपमान,बने फिर चंडी नारी।।
#शार ✍🏻

-Hardeep Kaur Insan

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मनाएं ईद सब मिलकर,सदा मिल खेलते होली।
दुआएं एकदूजे के,लिए मांगे फै'ला झोली।।
न वैरी तोड़ पाएगा,हमारी एकता को आ,
सभी हम साथ हैं चाहे,कईं भाषा कईं बोली।

___हरदीप कौर इन्सां 'शार' ✍🏻

-Hardeep Kaur Insan

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ऑन ड्यूटी ( लघुकथा )

सड़क पर तेज गति से चली आ रही मोटरसाईकिल को पुलिस वाले ने हाथ देकर रोका|
'क्यों बे,मोटरसाईकिल इतनी क्यों भगा रखी है,आगे क्या आग लगी हुई है,जो बुझाने जाना है तूझे!!??' उसने पुलसिया रौब झाड़ते हुए पूछा| युवक कोई जवाब न दे पाया|
'हेलमेंट कहाँ है तेरा?' पुलिस वाले ने फिर से पूछा|
'वोssss...वो सर...जरूरी काम से निकला था घर से ,जल्दबाजी में भूल गया साथ में लाना|' युवक ने बहाना बनाते हुए कहा|
'बेटा,जल्दबाजी में था या हेअर इस्टाइल खराब होता था तेरा!!? चल उतर नीचे,अभी ठीक करता हूँ.....'| कहते हुए उसने युवक की कॉलर पकड़ ली|
'जाने दो न साबबबब,आगे से ध्यान रखेंगे|' दूसरे युवक ने सलाम ठोकते हुए कहा|
'बेटा,ऑन ड्यूटी हूँ मैं...मेरे होते कोई कानून की धज्जियां नही उड़ा सकता| भई,कानून तो कानून है,सबके लिए एक समान..| चल,कागज दिखा इसके..?' पुलिस वाले ने रौब भरे लहजे में कहा|
लड़के ने सौ का नोट कागजों में रख उसे पकड़ा दिया| पुलिस वाले ने नोट जेब में ड़ाल ,कागज वापिस करते हुए उन्हें जाने का इशारा किया और सामने से आ रही गाड़ी को हाथ का इशारा कर रुकवाने लगा|

हरदीप कौर इन्सां 'शार' ✍🏻
जिला यमुनानगर,हरियाणा

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