Quotes by Nirpendra Kumar Sharma in Bitesapp read free

Nirpendra Kumar Sharma

Nirpendra Kumar Sharma Matrubharti Verified

@nirperdra4542gmail.com054001
(198)

चाहत बड़ी चीज है जर्रे को तस्वीर बना देती है।
सच्ची चाहत आशिक की तकदीर बना देती है।

अपनी तनहाई का, आलम अजीब है यारो।
दूर नज़रों से है, जो दिल के करीब है यारो।।

चाहता हूं जिसे, वो ही बिछुड़ता जाता है।
आजकल गर्दिश में, अपना नशीब है यारो।।

मोहब्बत में हमेशा, दर्द हमने पाया है।
इश्क़ अपने लिए, जैसे सलीब है यारो।।

दिल जिसे देता हूँ अपना, वो तोड़ देता है।
जमाने में ना कोई, अपना रकीब है यारो।।

मान ले 'सागर' चाहत, एक बुरी बीमारी है।
सबको लग जाती है ये, श: अजीब है यारो।।

©नृपेंद्र शर्मा "सागर"

Read More

https://imojo.in/8s6wv6
मेरी किताबें खरीदने के लिए ये लिंक ओपन करें धन्यवाद।।

#काव्योत्सव2 (प्रेरक)

'लक्ष्य'

उठ जाग लक्ष्य कोई चुन लो,
निज हृदय की वाणी सुन लो।
कोई काम नहीं मुश्किल जग में।
कुछ करने का तुम बस प्रण लो।।

    कुछ ठान अगर तुम ठानोगे,
    तो हार कभी ना मानोगे।
     ना हो निराश गर हार गया।
     तेरा बस एक प्रयास गया।।

एक सबक नया तुमने पाया,
इस हार ने भी कुछ सिखलाया।
अपनी भूलें पहचान चलो।
कोई लक्ष्य नया फिर से चुन लो।।

नृपेन्द्र शर्मा "सागर"

Read More

#काव्योत्सव2 (प्रेरक)

'जीत'

हर हार में अपनी जीत सुनो,
पथ एक नया फिर से चुन लो।
मंजिल तक वे ही जायेंगे,
जो कभी ना हिम्मत हारेंगे।।

पथ पर चलना है काम तेरा,
आगे ही बढ़ते जाना है।
छोटी सी एक असफलता से,
तनिक नही घबराना है।

मंजिल उनको ही मिलती है,
जो आगे बढ़ते जाते हैं।
उठते हैं फिर चल पड़ते हैं,
वे अपना भाग्य बनाते हैं।।

नृपेंद्र शर्मा"सागर"

Read More

"हिम्मत,,", को मातृभारती पर पढ़ें :
https://www.matrubharti.com
भारतीय भाषाओमें अनगिनत रचनाएं पढ़ें, लिखें और सुनें, बिलकुल निःशुल्क!

Read More