Quotes by Mahira Choudhary in Bitesapp read free

Mahira Choudhary

Mahira Choudhary

@mannuchoudhary9147
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हम ने आज पहली बार एक कहानी लिखी है,,,,
करवा चौथ की मेहंदी,,,,, हमारी रियल लाइफ का एक किस्सा है,,,,
थोड़ा हँसाने वाला किस्सा है, उसको शब्दों का रूप देने की कोशिश की है,,,, आप सभी अपनी प्रतिक्रिया देकर हमारा मार्ग दर्शन करे,,,, ताकि आगे भी हम कहानी लिख पाए,,, शुक्रिया आप सभी का 💐💐💐💐🙏🙏🙏🙏
Mahira Choudhary लिखित कहानी "करवा चौथ की मेहंदी.." मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19898640/karva-chauth-39-s-mehndi

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दर- ब- दर भटकते- भटकते...!
पैरों की एड़ियां जल चुकी थी...!!
मंज़िल- ए- ज़िंदगी की तलाश में...!
मेरी राहें, तेरी और चल चुकी थी...!!

चलते- चलते यूँ ही फ़िर...!
कुछ ख़्यालों में टहल चुकी थी...!!
आरज़ू- ए- गुफ़्तगू को...!
मेरे लफ्ज़ों में हो हलचल चुकी थी...!!

ना चुपी है ना ख़ामोशी...!
अजी उलझन कैसी ये पल चुकी थी...!!
मेरी आँखे भी बोलती हैं अब तो...!
धड़कने तो दिल से दहल चुकी थी...!!

नाज़ुक से इस दौर में...!
नासाज़ तबियत बहल चुकी थी...!!
इक तुमसे मिलने को...!
मेरी पायलियाँ भी देखो मचल चुकी थी...!!

शोर- ए- दरिया- ए- दिल में...!
साँसे भी लहरों सी चल चुकी थी...!!
बड़ी, बड़ी ही मुस्किल से थामा है सबको...!
बस कहने को तो मैं बदल चुकी थी...!!

ना कोई उम्मीद, ना कोई आश...!
आशा की वो मोमबत्ती पिघल चुकी थी...!!
हकीम नब्ज़ तलाशता रह गया...!
मेरी रूह तेरी तलाश में निकल चुकी थी...!!
~माहिरा चौधरी ✍️

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तुम्हारे दिल में जगह पाने का प्रयास किया.
हमने भी अपने नाम एक आवास किया..
बेहतर नहीं लगती ये दूरियाँ हमें...
लिखकर तुम्हें, नजदीकियों का आभास किया....!

तमन्ना- ए- दिल, दिल- ए- नादान की.
पूरी करने को ख्वाहिशें निरंतर अभ्यास किया..
कुछ हसरतें, कुछ ख्वाहिशें, कुछ सदाएं...
मुकम्मल हैं अधूरी भी, ये हमने एहसास किया....!

इश्क़ है ज़िंदगी की किताब का वो सहफा.
किसी ने किस्सों में, तो किसी ने हिस्सों में तलाश किया..
कुछ किस्सों में, कुछ हिस्सों में...
अजी शामिल हो तुम, हमने तुम्हें ख़ास किया....!

#आवास

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मेरी रूह तेरी तलाश में निकल चुकी थी,,, ✍️✍️✍️

दूरियाँ ही दूरियाँ... ✍️✍️✍️✍️

ज़िंदगी एक पुरानी नोटबुक,,, ✍️✍️✍️

बेकस,,,,,

ज़हर,,,,,,,

इंसानियत के एहसास.....

उसके ख़्यालों में डूबकर..
अहसासों की तह तक जाना है...!
बहुत नायाब होते हैं इश्क़ में मिले ज़ख्म..
बिना किसी मरहम के हर ज़ख्म सह जाना है...!
आरज़ू- ए- गुफ़्तगू को कभी वो मिलता नहीं..
शायरी में हर बात को कह जाना है...!
सच्ची मोहब्बत कभी मुकम्मल नहीं होती है..
पाक मोहब्बत को अधूरा ही रह जाना है...!!
#तह

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