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तुझ पर श्रद्धा जीवन को बेहतर बनाती, संशय मिटाकर आत्म विश्वास जगाती; कोई भी न रहता आम, जो कोई भी तेरी शरण में आता श्याम। जय श्री कृष्ण ?
चिंता का विषय बड़ा है, मन प्रश्नों से भरा पड़ा है; संयम छूटता है, आत्मविश्वास टूटता है, इस मनुष्य जीवन में निभाने पड़ते कितने सारे धर्म है? किसे प्राथमिकता दे और कौनसा आवश्यक कर्म है? चिंताए और समस्याए अर्जुन की भी यही थी, इस संशय एवं विषाद से ऊपर उठने की शक्ति उसमें भी नही थी; तब श्री कृष्ण ने मित्र एवं सारथि धर्म निभाया था, अर्जुन को विषादमुक्त करने के लिए भागवत गीत सुनाया था; प्रश्न अर्जुन के बढ़ते गए, साथ में प्रभु की मुस्कान भी; हर प्रश्न का उत्तर दिया, अर्जुन के तर्क वितर्क का किया सन्मान भी; ना बचा कोई संशय, ना कोई बची चिंता; इस भागवत गीत से मिटी पार्थ की तृष्णा, हर युगमें अनुकरणीय बना, क्योंकि बताने वाले थे कृष्णा। जय श्री कृष्ण ?
તારાઓને ચમકવું હતું, તો રાત્રિ અંધકારની ચાદર લઈ આવી. તેવી જ રીતે જો મુશ્કેલીઓ, ચિંતા અને તકલીફોથી ઘેરાઈ જાઓ; તો સમજો કે પ્રકૃતિ તમને વધું ચમકાવવાનો પ્રયત્ન કરી રહી છે. -કૃણાલ જાદવ
प्रेम के बिना कृष्ण भी आधे, इसीलिए नाम मे भी श्याम से पहले है राधे; बिना प्रेम के कोई लक्ष्य कैसे साधे, कृष्ण तक पहुचने का आधार है राधे; धरती भी स्वर्ग बने, जब प्रेम में डूबे दुनिया सारी, राधे राधे जपे चलो, आएँगे कुंज बिहारी।
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