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Krishna Sawlani

Krishna Sawlani

@krishnasawlani6394


वो ख़ाकी पहन निकलता है
एक अनोखी ख़ुशी लेकर
अपनों से दूर, यादो के सहारे...
एक माँ से आशीर्वाद लेकर,
हजारो माँ की सेवा करता है...
सड़क पर सोता, खाना ठंडा खाता
निराश हो जाता जब कोई नही मानता
तुम्हे ख़ुशहाल देख वो खुद भी मुस्कुराता
जब जाके वो एक पुलिसवाला कहलाता...

ओर फ़ौजी के बारे में क्या कहूं?

सरहद पर हिन्द सपूत, हर हाल में डटा है
सर्द-गर्म सी विपरीत परिस्थिति भी हँसकर सहता है
यहां हर गाँव का लाल फ़ौजी बनना चाहता है
ये मेरे भारत मे संभव है क्योंकि यहाँ रक्त सहित,
रग-रग में जज़्बात देशभक्ति का बहता है

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इस एप्प पर मुझे फॉलोवर्स नही आ रहे है ऐसा ही रहा तो ये प्लेटफॉर्म छोड़ना पड़ेगा क्या यह टेलेंट की कदर नही

हृदय पटल पर अटल अंकित हो तुम,
मन आत्मा से ईश्वर सी वंदित हो तुम,
मृगतृष्णा और मरुस्थल में एक सरोवर हो तुम,
मेरी इस तपोभूमि पर शीतलता सी छांव हो तुम,
अब ओर कुछ न चाहा प्रभु से,
प्रभु से पाई परम धरोवर हो तुम,
माँ ईश्वर सी वंदित हो तुम...
-Krishna Sawlani

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सत्य

कड़वा-सच

मजदूर ही मजबूर है
भारत जैसे देश मे ये अपने घरों से दूर है

प्रेम सवारे, राधा प्यारे।
प्रेम विरह की मर्यादा, मीरा जाने।।

तेरी बासुरी के, सब है मारे।
तुम में है रंग, प्रेम के सारे।।

मन छितवन में, सब तुम्हे उतारे।
तुम्ही तो हमरे कृष्ण दुलारे।।

~Krishna Sawlani

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