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वोट बिना डाले ही मैं तो ईवीएम देखके आया। 18 साल का हुआ नहीं , पर फिंगर पे इंक लगाया ।।
#काव्योत्सव # भावनाएँ --------------------------------- मज़हब पे यूँ ना लड़ा कीजियेगा......... --------------------------------- जो मर्जी में आए, वही कीजियेगा , जो नफ़रत है दिल में, भुला दीजियेगा । अगर चाहते हो , खुशहाली वतन की, खुश रहके , सभी को खुशी दीजियेगा । बड़ा अहसान होगा , ये हम पे तुम्हारा , मज़हब पे यूँ ना , लड़ा कीजियेगा ।। जो भड़के हैं शोले ,हैवानियत के , बुझाने का कुछ तो ,जतन कीजियेगा ।। इंसानियत के खातिर , है इल्तज़ा हमारी , ना शराफत को , खुद से जुदा कीजियेगा ।। बहुत हो चुकी अब , तबाही की बातें, हो आबाद ,ऐसे करम कीजियेगा ।। अगर ना असर हो सियाके- बयाँ का, खामोश रहकर ,जिया कीजियेगा ।। जो मर्जी में आए, वही कीजियेगा , जो नफ़रत है दिल में, भुला दीजियेगा ।।
#काव्योत्सव , आध्यात्म तेरा शुक्रिया ........तेरा शुक्रिया ....... –---------------------------------- तेरा शुक्रिया, तेरा शुक्रिया,ए परमपिता तेरा शुक्रिया। इंसां बनाया, पात्रता दी, जीवन सुखद बना दिया ।। तेरा शुक्रिया...तेरा शुक्रिया ..। जो ना होती मुझ पे कृपा तेरी, कैसी होती अजब दशा मेरी , बुद्धिदान दे मुझ मूढ़मति की, ज़िन्दगीको सज़ा दिया। तेरा शुक्रिया...तेरा शुक्रिया ..। तेरे रहम-ओ -करम से सांस है , खुशियां है , बेहतर आस है, नीरसथा मैं,दे ज़िंदादिली,मुझे जीना तूने सिखा दिया। तेरा शुक्रिया...तेरा शुक्रिया ..। जब -जब मेरा अंतर हिला, हर उलझनों में मुझे तू मिला । मुझको बचाने तमस से, हर कतरे को रौशन किया ।। तेरा शुक्रिया...तेरा शुक्रिया ..। तूने इस कदर उपकृत किया, फिर क्यों ना मैं खामोश हूँ, हर ख्वाहिशों को दी दिशा,हर ख़्वाब को पूरा किया।। तेरा शुक्रिया...तेरा शुक्रिया ..।
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