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भिक मांग कर भी कितना आंनद है जब लेना ही इश्क़ का नाम है। यादों में खुद लिख रहा, की हम कितने दुनियां से गुमनाम हैं।।
जुल्फों का उसके चेहरे पे गिरना, इस अंदाज़ से ,हर फरियाद भुला देता है दरबार _मंदिर _दरगाह का एक हो जाना वो एहसास एक पल में करवा देता है उसका हांजी करके बात करना, उसके दिल के करीब कर देता है उसकी आखों का मेरी आखों को चुराना, उसके प्यार में मदहोश कर देता है
मैं कभी पागल हो जाऊं तो बस मुझे उसके दरबार छोड़ दो। ये आखरी ख्वाइश होगी मेरी बस मुझ पर ये एहसान कर दो। हर पल में उसका नाम, मेरे नाम के साथ जोड़ दो। मेरी बरबादी की खुशी भी कोई उसके शहर जाके बोल दो। मेरा सिना जल रखा दर्द से, कोई उसको ये खत दे दो। वो चुमले इस खत को, कोई ऐसी दुआ कर दो। दरिया इश्क़ के उसके , कहीं अलावा मैं डूबा नहीं ये खबर कोई उसके कान में बोल दो। मजार बन जाए मेरी उसकी वजह से, कोई ऐसी ज़मीन का मुकदमा दर्ज़ कर दो।
#Endlesslove
#mother love♥️✍️
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