Quotes by Jyoti Prakash Rai in Bitesapp read free

Jyoti Prakash Rai

Jyoti Prakash Rai Matrubharti Verified

@jyotiprakash7032
(107)

आप सभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ🙏

कहीं कन्हैया मटकी तोड़े पकड़े कहीं कलाई
कहीं पे लाला मिश्री चाखे चाटे कहीं मलाई।।

है गोकुल का छटा बावरा मोर पंख पर रीझै
गोपियन के संग करे मसखरी प्रेम पियाला पीजै

नाच नचावै रास रचावै करता सबको बस में
वो नटवर नागर मोहे सूक्ष्म रूप और यश में

दीन विदुर घर भोजन पायो राज भोग ठुकराई
कहीं पे लाला मिश्री चाखे चाटे कहीं मलाई।।

ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश

Read More

शीर्षक - जागो जागो

हद हो गइ अत्याचारों की इनमें हैवान समाया है
ये बांग्लादेशी मुस्लिम हैं या मुस्लिम वाली काया है

नोच रहे हैं कुत्ते बोटी बहन बेटियां भाग रही हैं
छिप रही घरों के कोनों में रातों में भी जाग रही हैं

जागो जागो कह कर के घर से बाहर निकल पड़े हैं
इसी बहाने सभी दरिंदे हवस मिटाने मचल पड़े हैं

चौराहों पर नग्न घुमाया जिसने चाहा उसने खाया
शेख हसीना तुम्ही बताओ किसने सारा खेल रचाया

है धिक्कार तुम्हारे जीवन पर तुम नर भक्षी मानव हो
नही कुरान के ज्ञाता हो तुम दानव हो बस दानव हो

जागो जागो कह देने से अब काम नही चलने वाला
हाय हाय क्या करते हो दिल इनका नही बदलने वाला

ये मुगलों के वंशज हैं अब सम्मुख इनके मत रोना
मर्यादा शर्मसार हो जाए डर का बीज भी मत बोना

तुम भी राणा के वंशज हो हो वीर शिवा के अनुयायी
तन पर अपने भष्म लगाओ प्रगट करो काली माई

जगदंब भवानी जाप करो कर में तलवार सम्हलो तुम
सत्य सनातन डिगे नही अपना सम्मान बचा लो तुम

अब बात शान की आई है परवाह नही अब जान बचे
हिंदुत्व हमारा रहे सदा - सत्य - सनातन - सम्मान बचे

देखे विश्व जगत तुमको हो संख्य करोड़ लड़ सकते हो
जल्लादों का इन मुगलों का मस्तक मरोड़ लड़ सकते हो

जिस तरह भगी है शेख हसीना दर्शाता है ये कायर हैं
औकात दिखाओ तुम इनको आजाद हो तुम ये डायर हैं

हथियार उठाओ टूट पड़ो परवाह नही कुर्बानी हो
हाहाकार मचाओ ऐसा मुगलों की खत्म कहानी हो

कायर बन कर जीने से कुछ हाथ नही अब आएगा
लज्जित हो कर रह जाओगे समय निकलता जाएगा

बैरी दल का अंत करो उत्साह भरो फिर निकलो तुम
यह ज्योति आग में बदल रहा बांग्लादेशी बदलो तुम

ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश

Read More

एक रोटी के टुकड़े पर हारी हारी सी वो लड़की
भूख प्यास से व्याकुल हो बेचारी सी वो लड़की

लाचारी में वो काम किया जो उसे नही करना था
औरत का बटुआ छीनी मति मारी सी वो लड़की

रूठा था ईश्वर उससे रूठ गयी थी किस्मत भी
दर दर की ठोकर खाती जग हारी सी वो लड़की

जग ने उसका सब छीना वो जग से क्या माँगे
लगती जैसे लावारिस दुखियारी सी वो लड़की

हिम्मत करती जीने की मन में ज्योति जलाती है
आत्महत्या पर पड़ती भारी भारी सी वो लड़की

ज्योति प्रकाश राय

Read More

जन्मदिन पर विशेष
#friend #love

पावन पर्व होली के अवसर पर एक रचना

होली होली होली होली
घूम रही हुड़दंगों की टोली
बच कर रहना इनसे बहनों
भिगा न दें ये सबकी चोली

इनमें कुछ बहुरूप छिपे हैं
मन से कई कुरूप छिपे हैं
होली का है मिला बहाना
इनको है बस काम चलाना

माना मस्ती का है त्योहार
सबसे मत करना इजहार
मत पीना भंगों का प्याला
बन जाओ ना कहीं निवाला

अब मथुरा ना गोकुल धाम
ना कृष्णा ना बलराम
यह दुनिया अब है अतरंगी
होली में मन हुआ सतरंगी

रहना सदा सचेत राधिका
अब मीरा मत बनो साधिका
माना होली स्नेह पर्व है
हम लोगों को इस पे गर्व है

घट जाती हैं कइ घटनाएं
मिलती हैं कुछ को यातनाएं
माना जग बहुरंग हुआ है
ज्योति हृदय सतरंग हुआ है

विश्वासघात से बच कर रहना
कहना मान लो मेरी बहना
कविता माध्यम संदेश एक है
एक व्यक्ति के रूप अनेक है

ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश

Read More

सुबह को शाम लिख दे तो कविता है
बहुत आराम लिख दे तो कविता है
भूलना मत कभी भी तुम उधार के पैसे
नमक हराम लिख दे तो कविता है

विश्व कविता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं❤
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश

Read More

अंतरराष्ट्रीय महिला शक्ति कविता प्रतियोगिता
शब्द प्रतिभा बहुक्षेत्रिय सम्मान फाउंडेशन मंच नेपाल
दिनांक- 08-03-2024
शीर्षक - नारी ( स्त्री )

रग-रग में जिसके ममता है कण-कण में बसी छवी जिसकी
वह माता भी इक नारी है क्या कल्पना करे कवी इसकी

नारी गीता, नारी गंगा, नारी पृथ्वी सब ओज रही
नारी है तो नर जीवन है फिर क्यूं सब पर बोझ रही

युगों युगों की बात करूं क्या अमर वीरांगना भूला कौन
मणिकर्णिका बढ़ी बनारस हुंकार युद्ध का भूला कौन

नाम था जिसका लक्ष्मीबाई भारत मुक्त कराने आई
लोहा लिया फिरंगी संग देश पर अपनी जान लुटाई

आश्रित है जग जीवन जिस पर वह प्रकृति स्त्री में आती है
यदि धरा - धरोहर हम समझें वह जीवन सरल बनाती है

इतिहास भरा है स्त्री से आकाश कल्पना चढ़ धाई
प्रधान इंदिरा गांधी पहली पाटिल राष्ट्रपति बन आयी

महिलाओं का परचम लहराया जब दौड़ लगाया बेटी ने
भारत का मस्तक नभ छाया जब रौब जमाया बेटी ने

स्वर्ण पदक हो विजय तिलक पूरा अधिकार जमाना सीखा
स्त्री नहीं अधीन किसी के रण में कौशल दिखलाना सीखा

मिर्ज़ा, नेहवाल देश का गौरव सिंधु जीत की परिभाषा
स्त्री को उचित सम्मान मिले यह ज्योति करे सबसे आशा

बस प्यार चाहिए यथा उचित अनुशासन नहीं भंग होगा
घर घर सम्मान मिले स्त्री को पुरुष नहीं बदरंग होगा।।

मौलिक अधिकार सुरक्षित।।
ज्योति प्रकाश राय
भदोही, उत्तर प्रदेश

Read More

संघर्ष ही जीवन है।

हिंदुस्तान के सम्मान पर जब आँच आने लगे
तिरंगे को लोग जब मिट्टी में मिलाने लगे
तब देश में अखण्डता का विश्वास जमाना पड़ता है
भारत माँ की रक्षा में हथियार उठाना पड़ता है।।

ज्योति प्रकाश राय
गर्व से कहो हम भारतीय हैं। 🇮🇳

Read More

उनको धूल चटा कर हमने झुकने पर मजबूर किया
जो चौकी तक चोरी से चढ़ आए
उनको चकना चूर किया
फिर आज विजय दिन भारत का है
फिर से झण्डा लहराना है
भारत माता की जय बोलो गणतंत्र दिवस मनाना है

ज्योति प्रकाश राय

Read More