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इश्क़ सबकुछ है इश्क़ कुछ भी नहीं इश्क़ झूठा बड़ा इश्क़ सच भी नहीं इश्क़ करना नहीं ! उससे डरते रहो... पर हो ही गया , तो इश्क़ करते रहे... - अभी मुंडे -Smile
अजीब बात है देहेकती आग की दूसरों को जलाने वाली कहकर बदनाम करते हैं उसे उसके ख़ुद जलने का किसीको गम ही नहीं हैं -Smile
खामोश परिंदे थोडा और सब्र कर के तेरे भी दिन आयंगे उड़ने के . आज छलांग उनकी उंची हैं तो क्या हुआ कल तेरा भी खुदका आसमां होगा . तो क्या हुआ जो आज उनके पास शौकत-शान है तो क्या हुआ जो आज उनपे किस्मत मेहरबान हैं . हर रोज़ कड़ी धूप की वो पेहेर तो ढलती ही हैं और सितारोंसे भरी रात तो हर रोज़ खिलती ही हैं . तो क्यों देखता हैं तू अंधेरे को काले तू चुन के देख चांदनीके रौशन उजाले . तो क्यों डरता हैं जब सबको तेरी हार ही देखनी है तू खुदसे पूछ क्या सचमें तुझे तेरी ललकार देखनी हैं . कामयाब तो तभी हो सकेगा जब तू बेबाक होगा और लोगोंके तानों का समंदर तुझसे पार होगा . अपनी जीत पर गुरूर तू भी उस रोज़ कर लेना जब तुझे क़िस्मत का नहीं, क़िस्मत को तेरा इंतज़ार रहेगा
वो नूर थी जन्नत की जो महलोंमें पली बडी वो कली थी कोमल जो बागोंमें छाओमें खिली प्यार की जिसके एक वक्त लगी थी बडी कसोटी राजभोज खाने वाली ने खाई रोज सुंखी रोटी कर्ण की छोटी सी दुनिया में उसने खुशियों को बूना राजकुमारी होकर भी जिसने जीवन साधारण चुना समाज, परिवार सबका विरोध उसने सेहेन किया सूतपत्र को वर कर अध्याय प्यार का लिखा नया वो झरना थी प्रेम का वो सखी थी अनुरागिनी कौन थी वो राजकुमारी जो कहलाई कर्णसंगिनी ? - smile
कुछ लोग कहानियोंकी पहेली जैसे होते है जितना पढ़ने की कोशिश करो उतने ज्यादा पन्ने सामने आते हैं जितना सुलझाने की कोशिश करो उतने ही उलझा कर रख देते है -Smile
तेरे नाम का सैलाब मेरे शहरमें आज आया है तेरी यादें भी मानो बारिश सी आज बरस रही है . रोक ले इसे कहीं आज बह ना जाऊं इसमें यू आज फिर तुझे देखने को नज़रे मेरी तरस रही है .................................................................. आज वो नहीं मैं जो पहले थी कभी जिम्मेदारियां कुछ वक़्त ने और भी मुझ पर डाली हैं . एक वक्त तेरी यादसे महक उठता था जहां मेरा ख़ुशी आज भी वहीं है पर वज़ह तुम हो ये जता नहीं सकती .................................................................. एक पल सोचा कि सारे जज़्बात सारी कसमें तोड़कर आ जाऊं तुम्हारी दुनियामें . लेकिन प्यार के लिए कुछ रिश्तोंसे बेवफ़ाई नहीं कर सकतीं थी मैं .................................................................. गुनेहगार हू मैं तुम्हारी हर इल्ज़ाम कुबूल है मुझे . क्या कुछ मजबूरी मेरी कैसे बताऊं मैं तुझे .................................................................. हो सके तो माफ़ कर देना आज मेरे दिल-ए-नादानको . दुआओंमें ना सही बद्दुआ में ही याद कर लेना तुम इस बेवफाको .................................................................. कभी मौसम से भी ज्यादा खुशहाल हुआ करती थी आज महज़ एक पत्थर की मूर्ति बन गई हू मैं . तुम्हें सोचना भी आज ग़ैर होगा दुनिया के नजरिए से क्योंकि आज किसी और कि अमानत बन गई हू मैं ..................................................................
बात रूप की हो या स्वभाव की इन्हे किसीके लिए कभी मत बदलना क्योंकी किसी ना किसी की नजरमे आप दुनिया के सबसे प्यारे और खूबसूरत इंसान होते है -Smile
हाल ए दिल कितनी बख़ूबी से दिखते है . कुछ गाने कुछ अल्फ़ाज़ दिलको इसतरह छू जाते है -Smile
simple सी life हो हाथ में अदरक की चाय और आसमान में सितारों की बारिश हो... -Smile
कैसी होती हैं ना ये दुनिया बचपन में जिसे पापा की परी कहती थी आज एक पल में उसे पराये घर की अमानत कहती हैं... -Smile
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