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Gautam Kothari sanatni

Gautam Kothari sanatni

@gautamkotharisanatni2132
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ईश्क बिल्कुल आसान नहीं है मेरे यारा
ईश्क का दूजा नाम ही तो ये समर्पण है
ईश्क क़भी भी केवल उसको पाना नहीं है
जलकर ख़ाक कोयले सा होना ही ईश्क है

#आर्यवर्त

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💥☀️मुसीबत का सामना☀️💥
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[[ प्रेरणादायक कहानी ]]

एक गाँव में एक बढ़ई रहता था। वह शरीर और दिमाग से बहुत मजबूत था।

एक दिन उसे पास के गाँव के एक अमीर आदमी ने फर्नीचर बनवाने के लिए अपने घर पर बुलाया।

जब वहाँ का काम खत्म हुआ तो लौटते वक्त शाम हो गई तो उसने काम के मिले पैसों की एक पोटली बगल मे दबा ली और ठंड से बचने के लिए कंबल ओढ़ लिया।

वह चुपचाप सुनसान रास्ते से घर की और रवाना हुआ। कुछ दूर जाने के बाद अचानक उसे एक लुटेरे ने रोक लिया।

डाकू शरीर से तो बढ़ई से कमजोर ही था पर उसकी कमजोरी को उसकी बंदूक ने ढक रखा था।

अब बढ़ई ने उसे सामने देखा तो लुटेरा बोला, 'जो कुछ भी तुम्हारे पास है सभी मुझे दे दो नहीं तो मैं तुम्हें गोली मार दूँगा।'

यह सुनकर बढ़ई ने पोटली उस लुटेरे को थमा दी और बोला, ' ठीक है यह रुपये तुम रख लो मगर मैं घर पहुँच कर अपनी बीवी को क्या कहुंगा। वो तो यही समझेगी कि मैने पैसे जुए में उड़ा दिए होंगे।

तुम एक काम करो, अपने बंदूक की गोली से मेरी टोपी मे एक छेद कर दो ताकि मेरी बीवी को लूट का यकीन हो जाए।'

लुटेरे ने बड़ी शान से बंदूक से गोली चलाकर टोपी में छेद कर दिया। अब लुटेरा जाने लगा तो बढ़ई बोला,

'एक काम और कर दो, जिससे बीवी को यकीन हो जाए कि लुटेरों के गैंग ने मिलकर मुझे लूटा है। वरना मेरी बीवी मुझे कायर ही समझेगी।

तुम इस कंबल मे भी चार- पाँच छेद कर दो।' लुटेरे ने खुशी खुशी कंबल में भी कई गोलियाँ चलाकर छेद कर दिए।

इसके बाद बढ़ई ने अपना कोट भी निकाल दिया और बोला, 'इसमें भी एक दो छेद कर दो ताकि सभी गॉंव वालों को यकीन हो जाए कि मैंने बहुत संघर्ष किया था।'

इस पर लुटेरा बोला, 'बस कर अब। इस बंदूक में गोलियां भी खत्म हो गई हैं।'

यह सुनते ही बढ़ई आगे बढ़ा और लुटेरे को दबोच लिया और बोला, 'मैं भी तो यही चाहता था।

तुम्हारी ताकत सिर्फ ये बंदूक थी। अब ये भी खाली है। अब तुम्हारा कोई जोर मुझ पर नहीं चल सकता है।

चुपचाप मेरी पोटली मुझे वापस दे दे वरना .....

यह सुनते ही लुटेरे की सिट्टी पिट्टी गुम हो गई और उसने तुरंत ही पोटली बढई को वापिस दे दी और अपनी जान बचाकर वहाँ से भागा।

आज बढ़ई की ताकत तब काम आई जब उसने अपनी अक्ल का सही ढंग से इस्तेमाल किया।

इसलिए कहते है कि मुश्किल हालात मे अपनी अक्ल का ज्यादा इस्तेमाल करना चाहिए तभी आप मुसीबतों से आसानी से निकल सकते हैं।

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बाहर से राहत की अपेक्षा रखना ही...
तो वास्तव में आफत को बुलाना है..!!

#आर्यवर्त

💥☀️हिन्दू शब्द का शास्त्रीय अर्थ☀️💥
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●[[ शंकराचार्य मिमांसा भाग - 2 ]]●

भाग - 1 से शेष....

हिन्दुओ की एक प्रशस्त परिभाषा भी प्राप्त है माधवदिग्विजय के अनुसार - जिन महानुभाव में वेद के बीज मन्त्र ओंकार को मन्त्र के रूप में स्वीकार किया है , पुनर्जन्म में जिनकी आस्था है , जो गोभक्त , गंगाभक्त है और भारतीय परंपरा के वैदिक मनीषियों को अपना गुरु मानते है , और जितने हिंसक जीव है उनके दमन में वे दक्ष होते है साथ ही साथ क्षात्रधर्म के उदभाषक होते है , उनका नाम हिन्दू माना गया है ।

अगर हम विचार करके देंखे तो ऋग्वेद में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग किया गया है उसमे हि और न्दू दोनों शब्दों का प्रयोग किया गया है जिसका अर्थ गोभक्तो के रूप में किया गया है ।

इस प्रकार मैंने कई उदाहरण के द्वारा बताया कि मुस्लिमो के द्वारा दिया गया यह निन्दावाचक शब्द नही है मुसलमान से पहले सिकंदर भारत आए थे उससे भी पहले पारसी ग्रंथो में हिन्दू शब्द का उल्लेख है।

भगवान वेदव्यास विरचित ग्रंथो में विविध मेदनी आदि कोषो में , कालिका आदि पुराणों में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग है ।

और अर्थ लगाने की एक प्रशस्त विधा है , जैसे आजकल भाजपा , सपा , बसपा कहते है , इसी शैली में प्राचीन प्रथानुसार ऋग्वेद में भी गोभक्त के रूप में हिन्दू शब्द का प्रयोग हुआ है , अथर्वेद में ज्यों का त्यों समुद्दित है , तो हिन्दू शब्द वैदिक , पौराणिक है , शब्दकोष में उपलब्ध है और विदेशी हिन्दू ही कहते रहे है , ऐसी स्थिति में हिन्दू , सिंधु और इंदु को पर्यायवाची माना गया ।

~●◆■☀️💥।। हर हर महादेव ।।💥☀️■◆●~
~●◆■💥☀️[[आर्यवर्त]]☀️💥■◆●~

फ़ोटो सोर्स ~ पिंटरेस्ट सोर्स
संकलन एवं रचनाकार ~ गौतम कोठारी "आर्यवर्त" ©®

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💥☀️हिन्दू शब्द का शास्त्रीय अर्थ☀️💥
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●[[ शंकराचार्य मिमांसा भाग - 1 ]]●

मोहम्मद और ईसा से भी पूर्व हिन्दू और हिन्दु शब्द का प्रयोग सौम्य , सुन्दर , सुशिल , सुशोभित , दमशील और दुष्टदमन में दक्ष अर्थो में प्रयुक्त होता था ।

सिकंदर ने भारत में आकर हिन्दुकुश जिसका पर्याय हिन्दकुट पर्वत दर्शन की भावना व्यक्त की , पारसियों के ग्रन्थ शातिर में हिन्दू शब्द का उल्लेख है , अवेस्ता में हजारो वैदिक शब्द पाए जाते है , सिकंदर से भी सैकड़ो वर्ष पूर्व का यह ग्रन्थ है , उसमे हिन्दू शब्द का प्रयोग किया गया है ।

बलख नगर का नाम पहले हिंदवार था , 'स' और 'ह' का ऋग्वेद के अनुसार अभेद होता है इस दृष्टि से विचार करें तो भविष्य पुराण के अनुसार सिन्धुस्थान या हिन्दुस्थान या हिंदुस्तान के लिए हुआ है ,और आर्यो का यह उत्तम देश बताया गया है , साथ ही साथ कालकापुराण में हिंदवो शब्द का प्रयोग हुआ है , शारंगधर पद्धति में हिंदवो शब्द का प्रयोग हुआ लेकिन वेदमार्गीय कहकर वैदिक मार्ग पर चलने वाले हिन्दू कहे गए , आर्यो का नाम हिन्दू है , इंदु और सिंधु को पर्याय भी माना गया , दोनों संस्कृत के शब्द है ।

बृहस्पति आगम का हम अनुशीलन करे तो क्षेत्र का भी अंकन किया गया है , बृहस्पति आगम में स्पष्ट ही हिंदुस्तान शब्द का प्रयोग किया गया है , साथ ही साथ महाभारत के आश्वमेधिक पर्व में भी आर्यावृत को ही हिन्दुस्थान या सिन्धुस्थान के रूप में ख्यापित है ।

साथ ही साथ वृद्धस्मृति के अनुसार सदाचार तत्पर हो , हिंसा से सुदूर रहकर अराजक तत्वों के दमन में दक्ष हो , वेद , गोवंश का रक्षक हो , उसका नाम हिन्दू है ।

और साथ ही साथयह भी समझना चाहिए कि रामकोष और पारिजातहरण नाटक में भी हिन्दू शब्द का प्रयोग हुआ है ।

शेष भाग 2 में पढ़िए

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जो संसार में तिरते हैं वे ही...
तिरने में वहीं निमित्त बनते हैं..!!

#आर्यवर्त

संसार में अनुभवी को ही...
धर्मात्मा कहा जाता है..!!

#आर्यवर्त

मनुष्य को अनुभव ही...
जीवन में परिपक्व बनाता है..!!
अनुभव ही उच्च्तम आयाम...
तक पहोचने का माध्यम है..!!

#आर्यवर्त

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मनुष्य के द्वारा किया गुनाह ही...
व्यक्ति को जीवन में दंड दिलाता है..!!
#आर्यवर्त

सेवा को सौभाग्य समझने वाले ही...
संसारी मनुष्य महाभाग्यशाली होते हैं..!!

#आर्यवर्त