Quotes by D Devendra in Bitesapp read free

D Devendra

D Devendra

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इक वो थी।
जिसकी अब तलाश है।
जब थी तब फर्क न था।
अब मिलने की बस आश है। ।
इक वो थी।
जिसकी वर्षो से तलाश है।
ऐसा न था।
की यू बिछड़े जाएंगे हम।
न कभी ऐसा सोचा था।
धुधिली सी छबि है आखों में।
और उस चहेरे की तलाश है।
दुबारा कब मिलेगे।
बस इक बार मिलने की आश है।
अजीब थी उसकी अदाएं।
और उन अदाओं।
की अब प्यास है।
तुम अब कब मिलोगी।
बस इक बार मिलने की अब आश।
writer: D Devendra

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मैने खोई है अपनी हर प्यारी चीज़ को❤️
मैं अपनी किस्मत फिर भी अजमाऊगा ❤️
एक सायरी लिखा है तेरे खातिर❤️
कभी मिलेगी तो सुनाऊंगा ❤️

-D Devendra

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अधूरे प्यार की जिंदगी कुछ यूं होती है।
जीने की लत और मौत की जुस्तजू होती है।

कहा मिली है हीर रांझणा को।
कहा लैला मजनू की होती है।
वो कहानियां सारी झूठी है।
सहेजांदियां सिर्फ़ सहेजादे की होती है।

तू करता रह मन्नते।
मन्नते भी उनकी पूरी होती है।
तू देता जा दुआए उसको।
बदुआए नसीब में तेरे होती है।

अधूरे प्यार की दास्तां कुछ।
मीठे जहर के जैसी होती है।

अधूरे प्यार की जिंदगी कुछ यूं होती है।
जीने की लत और मौत की जुस्तजू होती है।

ग़ालिब रोग प्यार का।
अपनी कहानी कुछ और लिखता है।
इस चमकती दुनिया को छोड़।
बन फकीर सजदा करता है।

D Devendra

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कब तक तरसते रहेंगे तुझे पाने की इंतजार में।
कब तक रोज मरते रहेंगे तेरे इस प्यार में।
कब तक तू मुझसे दूर भागेगी मैं सदा रहूंगा तेरे इंतजार में।
तेरी वह हसीन मुस्कुराहट आज भी दिल छू जाती है।
आज भी खो जाता हूं मैं तेरे उस प्यार में।
कब तक तरसते रहेंगे तुझे पाने की इंतजार में।
कब तक रोज- रोज मरते रहेंगे तेरे इस प्यार में।
देख दुनिया कितना आगे जा रही।
लेकिन मैं आज भी बैठा हूं तेरे इंतजार में।
और अब थक रहा हूं तेरे इस इंतजार से।
अब दे कोई जख्म ऐसा।
कि मेरी सांस टूट जाए।
और तेरी जान छूट जाए।

लेखक -:देवेंद्र द्विवेदी

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कोई मेरे लिए भी होगी खास।
दोस्त लड़का लड़की यूं तो बहुत हैं।
मुझे चाहिए उस पर कुछ खास।
कोई मेरे लिए भी होगी खास।
चेहरा देख चांद शर्माए।
बोली सबके मन को भाए।
दिमाग से होगी वह अच्छी खासी।
मुझ पर अपना अधिकार बताती।
उसे पाने के लिए मैं रहूंगा हताश।
मेरे लिए भी होगी कोई खास।
मेरे लिए भी होगी कोई खास।

लेखक-देवेन्र्द व्दुवेदी

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