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प्यार! प्यार नहीं, जरूरत है।।।।। कितना भी कह लो मैं तुमसे प्यार करता हूं, कितना भी कह लो मैं तुम्हें याद करता हूं, मगर ये कहने के पीछे भी, कोई और सूरत है, तो प्यार, प्यार नहीं, जरूरत है।। चाहे कितना भी वक्त तुम साथ में बिता लो, चाहे कितना भी एक दूजे को गले लगा लो, लेकिन ये करने के पीछे भी, कोई और मूरत है, तो प्यार, प्यार नहीं, जरूरत है।। चाहे कसकर पकड़ लो एक दूजे का हाथ, कितने भी करलो वादे कि ना छोड़ोगे साथ, अगर उसके बाद भी आंखें, कहीं और घूरत हैं, तो प्यार, प्यार नहीं , जरूरत है।। कितना भी बाहर में तुम्हारी सोच मिलती हो, चाहे कितनी भी तुम्हारी जोड़ी खिलती हो, पर फिर भी यदि ,अंदर में तुम्हारे बदसूरत है, तो प्यार, प्यार नहीं, जरूरत है।। दिल में हो खोने का डर, व उसे पाने की मन्नत, भले तुम कभी ना दिला सको उसे कोई जन्नत, मगर फिर भी तेरे दिल में प्यार की नूरत है, तो प्यार, प्यार है, न कि जरूरत है।।
#भद्दा
#अस्थायी
#विश्वास
#मंदिर
#संघर्ष
#गुप्त
#लक्षण
##सोच ## Note :- Just think, but with feeling...... सोचो! कि काश, हम अंबानी होते, तो कितने मजे से जीवन गुजारते, सोचो! हम इतनी संपत्ति कैसे सम्हालते। कि काश, हम भिखारी होते, तो कैसे रोज सबसे भीख मंगाते, सोचो! कैसे फुटपाथ पर रात गुजारते। कि काश, हम प्रधानमंत्री होते, तो कैसे हम देश को सम्हालते, सोचो! कैसे देश में एकता,समृद्धि लाते। कि काश, हम अमर होते, तो मौत से भी हम कभी नहीं डरते, सोचो! इतना जीकर भी हम क्या करते। कि काश, संसार हमें ईश्वर बुलाता, तो हम इंसान कैसा बनाते, सोचो! हम उसका रंगरूप कैसा सजाते। कि काश, हम ब्रम्हा बन जाते, तो जग में कितने प्राणी बनाते, बस सोचो! हम उनमें भेद कैसे कर पाते। कि काश, सबको जीवन हमें देना होता, तो किसे कितना देते, सोचो! क्या भेदभाव बिना ये कर लेते। कि काश, हम कोई देवता होते, तो कैसे सबको सुविधाएं देते, सोचो! कैसे लोगों कि प्रार्थनाएं सुनते। कि काश, हमारे पास शक्ति होती, तो हम दुनियां कैसे चलाते, सोचो! हम अपनी दुनियां कैसे बनाते। ***
#खेद मुझे खेद कोई इस बात का नहीं है कि, मैनें गरीबी में जन्म क्यों लिया। पर मुझे खेद इस बात का है कि, मैं स्वार्थी दुनियां में पैदा ही क्यों हुआ।। खेद मुझे इस बात का भी नहीं है कि, मेरे तन का रंग काला क्यों है। मगर खेद इस बात का जरूर है कि, दुनियां की सोच काली क्यों है।। मैं निकम्मा हूं, कुछ नहीं कर सकता, इस बात का भी कोई खेद नहीं है। लेकिन कुछ करने वालों से लोग जलते क्यों हैं।, इसका खेद मुझे है।। माना मैं अपना प्यार हासिल नहीं कर पाया, मुझे इसका भी खेद नहीं है। पर लोग प्यार के नाम पे जो खिलवाड़ करते हैं, उसका मुझे बहुत खेद है।। सफलता नहीं मिली, पर मैनें मेहनत की इसलिए मुझे कोई खेद नहीं है। मगर ये सफलता भी बिक जाती है इस दुनियां में, इसका मुझे खेद है।। मानता हूं!अपने मां-बाप को ज्यादा सुख न दे सका, परंतु खेद नहीं है। लेकिन कुछ लोग उन्हें अनाथाश्रम भेज देते हैं, उसका मुझे बहुत खेद है।। जीवन में किसी को कुछ न दिया। सामर्थ्य नहीं थी, तो मुझे खेद नहीं है। मगर जो देकर,लेने वाले को भिखारी बना दे, उसका दिल से मुझे खेद है।। माना! गरीब था बिना दवाई के मर गया, पर अभी भी मुझे खेद नहीं है। मगर जो धन से भी जीवन न खरीद पाया, उसका मुझे वाकई खेद है।।
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