Tere Mere Darmiyaan - 45 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 45

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तेरे मेरे दरमियान - 45

विकास कहता है ---


विकास :- ये क्या बनाकर लाई हो जानवी । छी : इसे खाना और जहर खाना एक जैसा है ।

जानवी कॉफी को एक सिप पिती है पर जानवी को कॉफी मे कोई बुराई नही लगी । तब जानवी कहती है --


जानवी :- विकास कॉफी तो अच्छी बनी है ।

विकास :- इसे तुम कॉफी कहती हो ।

जानवी :- मैने पहली बार आज तुम्हारे लिए कॉफी बनाई । ठिक है तुम्हें पंसद नही आया , पर कॉफी बुरी भी नही है , जैसै तुमने रियेक्ट किया ।

विकास :- ओ हो , अगर बुरी बनी है तो बुरा ही कहूँगा ना । अगर तुम्हें नही बनानी आती तो मैं तुम्हारी झूठी तारीफ क्यों करु ।


जानवी अपने उस पल से इस पल मे आ जाती है , और कहती है ---

जानवी :- कितना फर्क है विकास और आदित्य मे । आदित्य जानता है के मैं उसे छोड़कर चली जाउगी पर फिर भी वो मेरा एक अच्छे पति की तरह ध्यान रख रहा है ।

जानवी आदित्य को पुकारती है --

जानवी :- जरा सुनिये ना ।

जानवी के मुह इस तरह का शब्द सुनकर आदित्य हैरान हो जाता है पर त्रिपुरारी खुश था क्योकी आज के जमाने की लड़किया ज्यादातर अपने हसबेंड को नाम से पुकारती है । 


आदित्य वहां से उठता है कहता है ---

आदित्य :- मामा आप बेठो मैं अभी आता हूँ ।


त्रिपुरारी :- हां जाओ , देखो बहू क्या बोल रही है ।

आदित्य जानवी के पास जाता है तो जानवी आदित्य का बाथ पकड़कर अंदर लेके चला जाता है , त्रिपुरारी ये सब दैखकर खुश होकर कहता है --


त्रिपुरारी :- कितना प्यार है दोनो मे । ये इसके बनाये खाने का बुराई नही करता है और बहू इससे दुर रह नही सकती है । भगवान ऐसे ही दोनो की जोड़ी बनाए रखना ।

आदित्य :- क्या है , इस तरह से क्यों बुलाया , मामा दैख रहे थे , वो क्या सौचेगें ।

जानवी :- तुम अपने आपको समझते क्या हो , क्यों मेरे सामने तुम महान बनने की कोशिश करते हो ।

आदित्य: - क्या हूआ , आखिर बात क्या है ?

जानवी :- चाय मे बहोत ज्यादा नमक थी , फिर खाना मे नमक और इतना तिखा के कोई खा ना सके , सब खा गए ताकि मेरे लिए ना बचे और मुझे पता ना चले । तुम्हें तो महान बनना है , बता नही सकते थे के खाना खराब बना है । इतना तिखा खाने की क्या जरुरत थी ।


आदित्य :- जानवी वो इसिलिए क्योकी आज तुमने पहली बार खाना बनायी थी , तुम्हें बुरा ना लगे इसलिए मैने ऐसा किया ।

जानवी के आखो से आंशु बहने लगते है । आदित्य कहता है --

आदित्य :- अच्छा Sorry , अब ऐसा कभी नही होगा । अब रोना बंद कर दो दैखो तुम अभी बड़ी हो गई हो । यूं बच्चे जैसा रोना तुम्हें शोभा नही देता ।

आदित्य के मजाक करने जानवी आदित्य को हल्के हाथो से मारने लगती है --

जानवी :- यू....!

आदित्य ( हसते हूए ) :- अरे ये क्या कर रही हो । अच्छा , अच्छा बाबा सॉरी । आगे से ऐसा नही होगा ।

तभी जानवी का फोन रिंग होता है जिसमे विकास का कॉल आ रहा था । आदित्य दैखता है विकास का कॉल आ रहा है तो आदित्य वहां से चुप चाप निकल जाता है । जानवी आदित्य को जाने नही देना चाहती थी । जानवी विकास का कॉल गुस्से काट देती है और फोन रख देती है ।

इधर विकास गुस्से से कहता है ---

विकास :- ये जानवी को क्या हो गया है वो मेरा फोन क्यों नही उठा रही है । कही उस दिन के लिए तो नाराज नही है ।

तभी विकास के फोन मे उसके मेनेजर का फोन आता है , विकास फोन रिसिव करता है और कहता है --

विकास :- हां मंयक बोलो ।

मेनेजर :- सर एक बुरी खबर है ।

विकास :- अब क्या हूआ ..!

मेनेजर :- सर वो जो कंट्रेक्ट हमे मिला था , विक्की सर के कहने पर । 

विकास :- हां तो ।

मेनेजर :- सर वो काम किसी और को दे दिया ।

विकास :- Imposible ये नही हो सकता । वो तो हमे मिल चुका था ना , फिर क्या हूआ ।

मेनेजर :- पता नही सर , पर उन्होने अचानक से Deal cancel कर दिया ।

विकास गुस्से से पागल हो जाता है और कहता है --

विकास :- ये नही हो सकता , ये हो ही नही सकता । ये कैसे हो गया ।

विकास विक्की को फोन लगाता है विक्की कार चलाते हूए फोन रिसिव करता है और कहता है --

विक्की :- हां विकास बोलो ।

विकास :- ये क्या है विक्की । मेरे साथ ऐसा क्यों किया ।

विक्की :- मैने क्या किया यार ।

विकास :- deal cancel कराके पूछ रहे हो क्या किया ।

विक्की :- Deal ..! कौन सी Deal ?

विकास: - वही कंट्रेक्ट जो तुमने मुझे दिया था । उसे Cancel क्यों कराया ।

विक्की विकास की बात को सुनकर कार रोक देता है और कहता है --

विक्की :- क्या ! कंट्रेक्ट Cancel हो गया पर कैसे ?

विकास :- यही मुझे जानना है ।

विक्की :- सॉरी यार पर मुझे कुछ भी नही मालूम । ये सब कैसे हो सकता है । मैं .. मैं पता करके बताता हूँ ।

विकास :- करो कुछ करो विक्की ।

विक्की :- Okay , i'll call you latter .

इतना बोलकर विक्की फोन काट देता है ।

विकास :- सब कुछ खतम हो गया । अगर टेंडर हाथ से गया तो मैं बर्बाद हो जाऊगां ।

तभी विक्की का कॉल फिर से आता है --

विकास :- हां बोलो विक्की क्या हूआ है ।

विक्की :- ये टेंडर जानवी को मिल गया है ।

विकास हैरान होकर कहता है---

विकास :- क्या , ये कैसे हो सकता है । टेंडर तो मुझे मिली थी ना , तो जानवी को कैसे मिल सकता है ।

विक्की :- ये तो पता नही पर इतना जरुर पता लगा के अनय सर ने खुद इस टेंडर को जानवी को दिया है ।

विकास :- ये क्या हो रहा है , पहले माहामया का काम हाथ से निकल गया और जानवी को मिल गई अब ये भी उसे ही मिल गया । ये सब कैसे हो रहा है , कौन कर रहा है ये सब । क्या जानवी मेरे साथ कोई खेल खेल रही है ।

विकास कुछ सौचता है फिर कहता है --

विकास :- तो इसिलिए जानवी मेरा फोन रिसिव नही कर रही है । क्योकी उसे उसका काम मिल गया । तो जानवी एक बात याद रखना मेरा नाम भी विकास है , खेल सुरु तुमने किया है और खतम मैं करुगां ।

इतना बोलकर विकास अपना फोन निकालता है और किसी को फोन लगा कर कहता है --

विकास :- काली भाई, मुझे आपकी मदद की जरुरत है ।

उधर से काली भाई की आवाज आती है --

काली :- हम्म , बोलो क्या काम है , मडर करना है या किडनेप ।

विकास :- भाई, एक आदमी और एक लड़की को पहले उठाना है फिर उस लड़की से पेपर पर साईन करानी है । 

काली :- साईन किससे चाहिए आदमी का या लड़की का ?

विकास :- लड़की का भाई ।


काली :- तो फिर आदमी को कायको परेशान करने का । मैं क्या उसका आरती उतारेगा , जब लड़की से काम है तो लड़की को उठाने क्या ?

विकास :- भाई वो आदमी लड़की का बाप है । 

काली :- अरे बाप है तो क्या , उसे मैं ससुर बनाउ क्या । बुड्डे को 
कायको तकलीफ देने रे बाबा ।

विकास :- वो लड़की बहोत चालु है , वो ऐसे साईन नही करेगी । चाहे उसकी जान ही क्यों ना चली जाए । पर वो अपने बाप से बहोत प्यार करती है उसके लिए वो कुछ भी कर सकती है । 

काली :- तेरे को कैसे मालूम , के उसको बाप को उठाने से वो साईन कर देगा ।

तब विकास काली को सारी बात बोलकर सुनाता है के कैसे जानवी ने अपने पापा के कारण उसे शादी ना करके आदित्य से कर लिया ।
और अब भी उससे प्यार करती है । 

इतना सुनने के बाद काली कहता है --

काली :- साला , कितना कमीना है रे तू । एक लड़की तुझसे प्यार करती है और तु उसे ही लूटना चाहता है । शादी क्यों नही कर लेता उसके साथ । शादी के बाद तो कंपनी तेरी ही हो जाएगी ।

विकास :- पहले मै भी यही सौचता था , इसिलिए इतने दिनो तक उससे प्यार का नाटक किया , उसके पैसे पर ऐश किया और एक छोटी सी कंपनी बना ली । पर अब मुझे उसके टुकड़ो पर नही पलना मुझे उसका पुरा एंपायर ही चाहिए ।

विकास फिर कहता है --

विकास :- भाई आप उसे उठाओ और उससे साईन ले लो बस इसके बाद आप उसके साथ जो चाहो वो करो ।

काली :- ऐ ज्यादा शांना मत बन , मुझे उस लड़की से क्या काम । तुझे सिर्फ पेपर पर साईन चाहिए ना , बस तो ।

विकास :- हां भाई ।

काली :- तुझे पेपर मिल जाएगा । वैसे कितने का प्रॉपटी है रे ।

विकास :- यही कुछ 1000 करोड़ की ।


To be continue......309