Railway service, some memories, some stories - three in Hindi Anything by Kishanlal Sharma books and stories PDF | रेल सेवा कुछ यादें, कुछ किस्से--तीन

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रेल सेवा कुछ यादें, कुछ किस्से--तीन

कोचिंग क्लर्क की ट्रैनिंग मे हम कुल 15 लोग थे।इनमें से हम 9 लड़के अनुकम्पा के आधार पर आए थे जो अलग अलग मंडल से थे।और 6 प्रमोटी थे जो क्लास4 से पदोन्नत होकर ट्रेनिंग में आये थे।इन 6 मे निरोति लाल चौबे कोटा मंडल के आगरा फोर्ट से आये थे।

मेरे से उम्र में काफी बड़े थे लेकिन1मेरी उनसे दोस्ती हो गयी।

ट्रेनिंग के दौरान हम लोग नाथद्वारा व हल्दीघाटी घूमने गए।उदयपुर में भी सहेली की बॉडी व अन्य जगह देखी।ट्रेनिंग के दौरान अजमेर से सिन्हा साहब जिनका जिक्र  ऊपर कर चुका हूँ,उदयपुर गए तब ट्रेनिंग स्कूल के  प्रिंसिपल SRTS को मेरा ख्याल रखने की बोलकर आये थे।

जब ट्रेनिंग पूरी हुई तब 2 वैकेंसी कोटा और7 मुम्बई मंडल में थी।हम 9 लड़के अनुकम्पा वाले सब अलग मंडल से आये थे।मै अजमेर से था,कोटा से भी 2 लड़के थे।सब अपने अपने मंडल में जाना चाहते थे।वहां पर एक फार्मूला निकाला गया।जिस कर्म मे सब पास हुए थे उस क्रम में हम दो पहले और दूसरे नम्बर पर रहे थे।हम दोनों ने कोटा मंडल चुन लिया।बाकी को मुम्बई जो पहले बम्बई कहलाता था।भेज दिया गया।

मेरी माँ व भाई बहन आबूरोड से बांदीकुई आ चुके थे।मै पहले घर गया वह फिर कोटा आया था।

उन दिनों कोटा जाने के दो रास्ते थे।भरतपुर होकर या सवाई माधोपुर होकर।जयपुर से सवाई माधोपुर तक मीटर गेज थी और यहाँ से कोटा के लिए ब्रॉड गेज कि ट्रेन मिलती थी।अब तो जयपुर से सवाई माधोपुर का सेक्शन ब्रॉड गेज हो गया है।जयपुर से सीधे कोटा को ट्रेन मिल जाती है।

और कोटा पहुंचा

यहाँ पर मेरी एक महीने की प्रेक्टिकल ट्रेनिंग होनी थी।पंद्रह दिन बुकिंग में और पंद्रह दिन पार्सल में।उन दिनों पार्सल में इंचार्ज भगवान दास थे जो बाद में आगरा फोर्ट चले गए।और भी कई स्टाफ था।

पंद्रह दिन के लिए बुकिंग में भेजा गया उसके इंचार्ज राजेन्द्र सिंह थे।जो पूर्व सैनिक थे और सेकंड वर्ल्ड वॉर में मिश्र में भी गए थे।ययहाँ पर शंकर लाल,सूरज भान, हरभजन आदि भी थे।उन दिनों कार्ड टिकट का जमाना था।बहुत सी अनियमितता का ज्ञान मुझे उस समय हो गया जो मुझे अखरी।

उन दिनों मै एक महीने तक कोटा में एक होटल में रहा, पूर्णिमा जो स्टेशन के पास था और उसमें एक कमरे में जो joint था।हम तीन लोग थे।एक सरदार व एक महाराष्ट्र का था जो सेल्स एजेंट था।मैं घर से ज्यादा पैसे लाया था,पर बाद में मैने मनी आर्डर करके वापस घर भेज दिए।और समय पर वेतन नही मिला।मेरे पास पैसे खत्म हो गए।और मुझे एक दिन भूखा रहना पड़ा।क्या करूँ।

कोटा के दो लड़के देवेंद्र और विमलेश मेरे साथ ट्रेनिंग में थे जिनकी पोस्टिंग मुम्बई हुई पर जॉइन नही किया था।तब मैंने विमलेश से कहा और दस रु उधार लिए और तब उसने DRM ऑफिस कोटा में अपने एक जानकर  अंकल से कहा तब मेरा पेमेंट बना था।

उस दिन विमलेश के घर खाना खाया और हम दोनों पिक्चर देखने गये।सावन भादो,रेखा और नवीन निश्चल की।

उन दिनों कोटा में DCS जसवंत सिंह थे जो कोटा राज परिवार से तालुक रखते थे और ACS उपाध्यक्ष थे जइन्होंने मेरा टेस्ट लिया और मुझे भरतपुर पोस्टिंग मिली