Tere Mere Darmiyaan - 34 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 34

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तेरे मेरे दरमियान - 34

मोनिका :- क्यो , आज मैं चुप नही रहूंगी । ये सजावट किससे कराया जानती हो , विक्की से मेरे लवर विक्की से ताकी वो मुझे निचा दिखा सके । अरे नही होती मुझे जलन - वलन , तेरे जैसे लड़के को तो मैं नजरे उठाके देखु भी ना । और सबसे बेकार है ये लड़की, जो इस भिखारी से शादी कर रही है ।


जानवी को ये सब सुनकर गुस्सा आने लगा था वो उठकर मोनिका को मारना चाहती थी पर आदित्य ने जानवी का हाथ पकड़कर उसे रोक लेता है ।


आदित्य :- पंडित जी आप मंत्र पड़िए ।


मोनिका फिर कहती है ---


मोनिका :- हां हां पंडित जी , आप मंत्र पड़िए , वरना कही ये शादी आधी मे ही रुक ना जाए वरना फिर ये तो फिर से सड़क पर आ जाएगा । और इसकी शक्ल दैखकर तो इसे कोई भिख भी ना दे ।


रेखा के बार - बार मना करने के बाद भी जब मोनिका नही सुनी तो रेखा मोनिका के गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारती है जिससे सभी हैरान हो जाता है ।


मोनिका :- माँ , तुने मुझे सबके सामने थप्पड़ मारा ।



रेखा :- हां मारा , तु इतना निचे गिर जाएगी मुझे कभी पता भी नही था ।


त्रिपुरारी : - अरे कौन है ये पागल लड़की और यहां पर
क्या रही है , निकालो ये यहां से । कोई भी मुह उठा के चला आता है । यहां शादी हो रही है कोई मजाक नही कौन ऐसे फालतु लड़की को यहां पर लाया है ।



विद्युत: - विक्की , अगर ये लड़की यहां से नही निकली
तो मुझसे बुरा कोई नही होगा । मुझे शादी मे कोई फालतु का बकवास और ऐसे ऐरा गैरा गेस्ट नही चाहिए । ये तुम्हारी मंगेतर है ना , तो इसे अभी इसी वक्त यहां से लेकर जाओ । वरना बहोत बुरा होगा ।


विद्युत को आदित्य के फेबर मे कहते दैखकर जानवी , अशोक , रेखा, मोनिका , रघुनाथ और विक्की बहोत हैरान थे ।


मोनिका :- ऐरा गैरा , हम ऐरा गैरा ।


विक्की :- मोनिका चलो यहां से ।


विक्की रेखा से कहता है --



विक्की :- आंटी , आपलोग चलिए मैं इसे लेकर आता हूँ  


मोनिका फिर बड़बड़ाती है ---


मोनिका: - मैं ऐरा गैरा ।


विक्की उसे वहां से लेकर चला जाता है । इधर पंडित
जी आदित्य को मंगल सूत्र पहनाने बोलता है तो आदित्य जानवी को मंगल सूत्र पहना देता है , और फिर सिंदूर भी पहना देता है । सभी बड़े अक्षत
और फूल फेंकते है , और शादी संपन्न हो जाती है ।


पंडित जी :- शादी संपन्न हूआ । अब आप दोनो वर - वधु बड़ो का आशीर्वाद ले लिजिए ।


आदित्य और जानवी सबसे पहले विद्युत का पैर छुता है ।


विद्युत :- जिते रहो ।


फिर पुनम का ।


पूनम :- हमेशा खूश रहो ( दोनो के माथे पर किस
करती है ।)


अशोक ये दैखकर बहोत खुश हो जाता है ।
फिर अनय का पैर छुता है --


अनय :- तुम दोनो की जोड़ी हमेशा बनी रहे ।


अब दोनो अशोक के पास जाता है । और उनका पैर छुता है ---


अशोक :- खुश रहो , तुम दोनो की जोड़ी हमेशा बनी रही ।


इधर विक्की मोनिका को अपने कार मे बैठाकर अपने रुम की तरफ ले जा रहा था , मोनिका नशे मे थी और अब भी वही बड़बड़ा रही है ।


त्रिपुरारी को दैखकर आदित्य उसके पास जाता है और कहता है ।



आदित्य :- गुस्सा शांत हूआ आपका कंश मामा ।


त्रिपुरारी कहता है --


त्रिपुरारी : - भांजे कमसे कम बहू के सामने तो मेरी इज्जत करले ।


आदित्य :- ये कौन है कंश मामा ? ( जानवी की और
इशारा करके कहता है)


त्रिपुरारी :- तेरी बीवी ।


आदित्य :- बीवी मतलब , अर्धांगिनी, तो आज से जो मैं आपको बोलुगां वो ये भी बोलेगी ।


त्रिपुरारी :- क्या ?


आदित्य :- जानवी ये कंश मामा है । 


आदित्य की बात को सुनकर सभी हसने लगते है ।


इधर मोनिका गुस्से से पागल हो रही थी ।


मोनिका :- मुझे ऐरा गैरा बोलता है । मेरा बॉयफ्रेंड
विक्की तुम सबकी खबर लेगा । 


मोनिका इतना बोलकर विक्की की और दैखती है । और कहती है --


मोनिका :- है ना बेबी, तुम सबक सिखाओगे ना ।


विक्की :- Ofcourse beby. तुम्हारे लिए कुछ भी ।
तभी अपने घर पहूँच जाता है जहां पर विक्की कार रोक देता है , विक्की कार से उतरता है और मोनिका को भी उतारता है और गौद मे उठाकर अदर ले जाता है । 


मोनिका नशे मे धुत थी और नशे की हालत मे विक्की के गाल पर किस कर रही थी ।



मोनिका: - मेरा बेबी , मेरा जान । उम्माह ।


विक्की मोनिका को अपने बेड पर लिटाता है तो मोनिका कहती है ---


मोनिका : - ये क्या तुमने मुझे बेड पर लिटा दिया , अब क्या , वो सब करोगे मेरे साथ । ( हसती है ) हा हा .... सब शादी के बाद ।


इतना बोलकर नशे मे वही पर सो जाती है ।


तब विक्की मोनिका को निहारते है और खुश होता हूआ अपना शर्ट के बटन खोलता है । शर्ट खोलने के बाद विक्की मोनिका के उपर आ जाता है और मोनिका को किस करने लग जाता है , विक्की मोनिका के गाल , होंट और गर्दन पर फिर हर जगह किस करता है पर मोनिका बेसुध नशे मे पड़ी थी । और धिरे - धिरे बोल रही थी ।



मोनिका :- नही विक्की , ये सब शादी के बाद । 



पर विक्की कहां रुकने वाला था वो मोनिका को किस किए जा रहा था । अब विक्की मोनिका के साथ वो सब करने जा रहा था जो मोनिका शादी के बाद करना चाहती थी । विक्की मोनिका के साथ वो सब करने लग जाता है और मोनिका नशे मे विक्की को रोक भी नही पाई । विक्की जो चाहता था वो आज उसे मिल चुका था ।


सुबह हो चुका था इधर जानवी अपने रुम मे सो रही थी , तभी आदित्य जानवी के लिए कॉफी लेकर आता है और जानवी को उठाते हूए कहता है ---



आदित्य :- उठो जानवी । 



आदित्य जैसे ही जानवी के हाथ को छुता है जानवी झट से उठ जाता है और अपना हाथ पिछे कर लेती है । आदित्य फिर कहता है --


आदित्य :- सोचा तुम्हें नही उठाउगां पर 11 बज गए है इसलिए उठाना पड़ा । ये लो तुम्हारे लिए कॉफी ।


जानवी कॉफी का कप ले लेती है । तब आदित्य कहता है --


जाके तुम फ्रेश हो जाओ । मैं तुम्हारे लिए नास्ता लगाता हूँ ।


जानवी आदित्य को दैखे जा रही थी । आदित्य वहां से चला जाता है । जानवी नहा के बाहर आती है तो दैखती है के आदित्य जानवी के लिए टेबल पर नास्ता लगा रहा था , तभी वहां अशोक आ जाता है । अशोक दैखता है आदित्य जानवी के टेबल लगा रहा था जिसे दैखकर अशोक बहोत खुश हो जाता है । आदित्य जानवी से कहता है ---


आदित्य :- आओ बेठो । 


जानवी बैठ जाती है तो आदित्य कहता है --
आदित्य :- वो मुझे पता नही है के तुम्हें नास्ता मे क्या पंसद है इसिलिए आज यही बना दिया वो तुम सो रही थी ना , तो तुम्हे उठाना सही नही समझा , आज बता देना कल से वही बना दूगां ।


अशोक ये सब खड़ा होकर दैख रहा था तभी अशोक कहता है ---


अशोक :- इसे वास्ते मे वो सब पंसद है जो आप इसे प्यार से खिलाओगे । 



अशोक को दैखकर आदित्य कूर्सी.से उठ जाता है और कहता है --


आदित्य :- अरे अंकल आप ?


अशोक :- अब अकल नही , पापा बोलो दामाद जी ।


आदित्य :- जी पापा , आईए बेठिए ना ।


To be continue.....202