अशोक जानवी की बात को सुनकर हैरान और परेशान भी हो जाता है के उसके कारण कही आदित्य की लाईफ बर्बाद ना हो जाए । पर. अशोक अब करता भी क्या , कल मेंहदी और परसो शादी जो थी ।
शादी वाली रात पार्टी की सजावट सबसे शानदार थी सभी पार्टी की अरेंजमेंट को दैखकर हैरान थे के आदित्य ने इतना बड़ा पार्टी को अरेंज कैसे किया ? शभी शादी के लिए तैयार हो रहे थे । रमेश और कृतिका भी तैयार हो गया था ।
कृतिका रमेश से कहती है -----
कृतिका :- मैं कैसी लग रही हूँ ?
रमेश :- एक दम कंटाप ।
कृतिका :- छी: ये कैसी भाषा मे बोले तुम ।
रमेश :- वही भाषा जो आज पार्टी मे तुझे सभी लड़के
कहने वाले है ।
कृतिका :- " कंटाप ?
रमेश :- कंटाप ,बवाल झकास ।
कृतिका गलती हूई कहती है ।
कृतिका :- हा हा ..... चलो बहोत हूआ तेरा नाटक , अब चलो जाके दुल्हे राजा को भी दैखना है के वो क्या कर रहा है ।
इतना बोलकर दोनो आदित्य के कमरे की और जाने लगता है ।
अंदर जाकर दैखता है के रश्मी आदित्य का हेल्प कर रही थी आदित्य रमेश और कृतिका को दैखकर कहता है ।
आदित्य :- वाह अब आ रहे हो तुम दोनो वो भी सज धक के तैयार । शादी मेरी है मेरा हेल्प ना करते तुम लोग पहले तैयार होने चले गए । वो तो अच्छा है के यहां रश्मी भाभी है , बेचारी तबसे मेरे पिछे परेशान है , दैखो अब तक तैयार भी नही हूई ।
रश्मी हल्की मुस्कान देकर रमेश की और दैखती है, रमेश रश्मी को सॉरी और थेक्यू बोलता है ।
रमेश :- रश्मी अब तुम जाओ और जल्दी से तैयार हो जाओ तब तक मैं आदित्य की मदद करता हूँ ।
तभी कृतिका कहती है ---
कृतिका :- रुको रश्मी मैं भी चलता हूँ तुम्हारे साथ ।
कृतिका और रश्मी वहां चली जाती है और रमेश आदित्य की मदद करने लगता है ।
इधर जानवी अपने कमरे मे मायुस बैठी हूआ थी क्योकी एक तरफ इसका प्यार तो दुसरी तरफ पापा की इज्जत थी । वो समझ नही पा रही थी के वो क्या करे । तभी वहां पर विकास चुपके से आ जाता है , विकास को दैखकर जानवी खुश हो जाता है और उसके गले लग जाती है ।
जानवी कहती है ---
जानवी :- विकास तुम यहां पर क्यों आए । कोई दैख लेगा तो तुम्हें प्रॉब्लम हो जाएगी ।
विकास :- जो होगा दैखा जाएगा । पर जानवी मैं तुम्हें किसी और की होते हूए नही दैख सकता । इससे अच्छा तो कोई मुझे दैख ले और यही मार दे ।
विकास बड़ी चालाकी के साथ ये बात बोलकर जानवी को इमोशनल कर देता है जानवी विकास के होट पर अपना हाथ रखकर कहती है ।
जानवी :- ऐसा मत बोलो विकास , मुझे समझ मे नही आ रहा है के मैं क्या करु । एक तरफ तुम हो तो दुसरी तरफ मेरे पापा । ंैं समझ नही पा रही हूँ के मैं क्या करु ।
विकास :- कुछ नही होगा तुम्हारे पापा को , वो सब हम दोनो को अलग करने का नाटक कर रहे थे । जानवी हमारे पास ज्यादा वक्त नही है । जल्दी करो ।
जानवी :- विकास मैं भी तुम्हारे साथ रहना चाहती हूँ । पर मैं क्या करु समझ मे नही आ रहा है ।
विकास :- समझने और समझाने का वक्त नही है जानवी । मैं तुम्हारे बिना नही रह सकता और तुम अभी मेरे साथ चल रही हो ।
जानवी का भी मन अब वहां से भागने का हो गया था । जानवी विकास के बातो पर अब पुरी तरह आ चुकी थी । जानवी को अब अपने पापा ही झुठे लगने लगे थे । जानवी विकास की और दैखती है और कहती है ---
जानवी :- चलो विकास , मैं तैयार हूँ ।
जानवी की बात को सुनकर विकास खुश हो जाता है और जैसे ही दोनो वहां से जाने वाला होता है के तभी वहां पर अशोक आ जाता है ।
अशोक विकास और जानवी को दैखकर हैरान हो गया था , जानवी विकास का हाथ पकड़े थी । जानवी और विकास भी अशोक को दैखकर डर जाता है ।
अशोक कहता है ----
अशोक :- तेरी इतनी हिम्मत के तु यहां तक पहूँच गया ।
विकास अशोक को दैखकर डर जाता है अशोक अपने जेब से बंदूक निकालता है और विकास की और तान कर कहता है ।
अशोक :- मुझे पता था के तु यहां पर जरुर कुछ निच हरकत करेगा । इसिलिए ये गन मैने तेरे लिए मंगाई है । आज तुझे मारकर मैं मेरी के ऊपर से तेरा काला साया हमेशा के दुर कर दूगां ।
अशोक इतना बोलकर बंदुक को विकास की और तान देता है तो जानवी बंदूक के सामने आ जाता है । और कहती है ---
जानवी :- पापा , आपको विकास से पहले मुझे मारना होगा ।
अशोक :- ये तु क्या बोल रही है बेटी । तु इस धोकेबाज पर भरोसा कर रही है ।
जानवी :- विकास धोकेबाज नही है पापा ।
अशोक :- तो क्या मेरी बात पर तुझे यकिन नही ?
अशोक की बात पर जानवी चुप रहती है तो अशोक समझ जाता है के जानवी तो अब अशोक की बातों पर भरोसा नही है ।
अशोक दुखी मन से कहता है ----
अशोक :- जब एक बेटी को अपने ही बाप पर से भरोसा उठ जाए तो इस बाप का सारा संसार लुट जाता है । अब मैं तुझसे कुछ नही बोलूगां , तुझे जाना है ना इसके साथ जा , जा तु , तुझे जहां जाना है , पर एक बात याद रखना एक बाप कभी अपनी औलाद को धोका नही देता और ना ही उससे झुट बोलकर उसका जिंदगी बर्बाद करता है । शायद मुझमे ही कुछ कमी रह गई होगी जो आज तुझे अपने बाप से ज्यादा इस धोकेबाज पर भरोसा हो गया है । पर बेटा एक बात याद रखना जिस दिन तेरा फायदा उठाने के बाद ये तुझे छोड़ देगा उस दिन तु इस बाप को जरुर याद करेगी । फिर तुझे मैं कभी नही मिलूगां ।
इतना बोलकर अशोक बंदुक को अपने कनपट्टी पर तान देता है और गोली चलाने ही वाला होता है के जानवी अलोक को रोकते हूए कहती है ---
जानवी :- पापा ऐसा मत करो पापा प्लिज । अगर आपको कुछ हो गया तो मेरा क्या होगा पापा । मैं विकास से बहोत प्यार करती हूँ पापा और इसके बिना किसी और से शादी नही कर सकती पापा । पर मैं आपके लिए आदित्य से शादी करने तो तैयार हूँ ।
जानवी इतना बोलकर रोने लगती है । तब अशोक कहता है ---
अशोक :- बेटा जब बेटी को बाप पर भरोसा ना हो तो बाप जी कर क्या करेगा । मुझे मर जाने दे और जी ले फिर अपनी जिंदगी ।
जानवी :- नही पापा प्लिज ऐसा मत बोलो । आप जहां कहोगे मैं वही शादी करुगी पापा ।
Special thanks to my lovely reader who gives her love to my story , they are , Antima sharma , Vandita mishra , Diksha and Sandhya singh . Thanks a lot . aise he pyar bhara comment or review karte rahiye . bahot bahot dhanyawad aplogo ka . or bhi mere pyare readers hai unblock ko bhi bahot bahot dhanyavad jo meri story ko pasand kar rhe hai . mei sabke comment mei aa kar reply to nhi kar pa rha hu , par yaha se sabhi ko dhanyavad karta hu . jinhone mere is stpry ko itna pyar de rahe hai
To be continue....191