Tere Mere Darmiyaan - 29 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 29

Featured Books
Categories
Share

तेरे मेरे दरमियान - 29

तिरु और आदित्य वहां से चला जाता है तो अशोक हार को दैखकर कहता है -----



अशोक :- बेटा ये हार दैखने मे तो बहोत मंहगा लगता है ।


जानवी :- पता नही पापा ये आदित्य कौन है , कभी कभी ये कुछ ऐसा कर जाता है के मैं भी सौच मे पड़ जाती हूँ । आखिर ये है कौन ?




इधर आज आदित्य और जानवी का हल्दी का रस्म था । हल्दी तिवारी मेंशन मे थी एक तरफ दुल्हा आदित्य था तो दुसरी तरफ दुल्हन जानवी । दोनो ही तरफ पार्टी चल रही थी । हल्दी और शादी मे सभी को इंवाईट किया था आदित्य ने । रमेश और कृतिका आदित्य को हल्दी रहा था वो बहोत खुश था सभी डांस भी कर रहे थे । तभी रश्मी आती है और कहती है ---




रश्मी :- मुझे भी हल्दी लगानी है ।



कृतिका :- हां हां रश्मी तुम भी आओ लगाओ हल्दी आदित्य को ।



रश्मी आदित्य को हल्दी लगाने लगती है तभी विद्युत तिवारी आकर कृतिका से पुछता है ।



विद्युत :- बेटा ये लड़की कौन है ? तुम्हारी दोस्त है क्या !



कृतिका रमेश की और इशारा करके कहती है --



ये मेरी दोस्त नही रमेश की होने वाली बीवी है ।



विद्युत: - क्या , रमेश की होने वाली पत्नी , ये कब हूआ रमेश बेटा ।



रमेश कुछ कहता तभी कृतिका कहती है ---



कृतिका :- क्रिकेट मेच दैखते दैखते अंकल ।



कृतिका की बात को विद्युत समझ नही पाया तो विद्युत दोबारा पूछता है ।



विद्युत :- क्या क्रिकेट ?



रमेश :- अ... छोड़िए ना अंकल , क्यों इसकी बातों पर ध्यान दो रहे है । 



रमेश कृतिका से कहता है ---



रमेश :- तु अपना काम कर ना , क्या फालतु का बकवास कर रही है ।



कृतिका :- अरे मैं बकवास कर रही हूँ । अंकल मैं तो इन दोनो का लव स्टोरी बता रहा हूँ ।


रमेश चिड़ते हूए ।



रमेश :- तु जाना , अपना काम कर ।



विद्युत: - अच्छा ठिक है , चलो सॉर्ट मे समझाओ । 



कृतिका विद्युत और वहां पर मौजुद अमय और पूनम को भी रमेश और रश्मी की प्रेम कहानी बताती है । रश्मी ये सब सुनकर सरमा रही थी । सभी दोनो की कहानी सुनकर हैरान थे । 



पूनम कहती है ---


पूनम :- अरे वाह , ऐसी लव स्टोरी तो आज तक नही सुनी ।



सभी हसने लगता है ।



तभी वहां पर विकी मोनिका और मोनिका के पापा रघुनाथ और मा रेखा भी आती है । रघुनाथ इतनी बड़ी जगह पर हल्दी का रस्म और इतना शानदार सजावट को दैखकर दंग रह गया था ।



रघुनाथ कहता है ----



 रघुनाथ :- ये आदित्य ने इतनी बड़ी और शानदार पार्टी कैसे अरेंज किया ? इस फटिचर के पास इतना पैसा कहां से आया ।


मोनिका कहती है ---




मोनिका :- हां पापा , मैं भी यही सौच रही हूँ । विकी तुमने तो कहा था के विद्युत तिवारी ने इस मेंशन को सजाने और पार्टी की पुरी दैख रेख जिम्मा दिया है और हम सबको बुलाया है पर ये तुम मुझे कहां लेकर आ गये ।  


तभी विकी कहता है -----



विकी :- मुझे भी नही पता था के यहां पर इसका हल्दी होगा । तिवारी सर ने तो मुझे बय इतना ही कहा था के मेंशन को अच्छे से सजाना है किसी चिज की कमी नही होने देना है और मैने वैसा ही किया है । 




मोनिका :- पर इसके पास इतना पैसा कैसे आया और तिवारी सर इसके लिए कैसे बोल सकते है ।



विकी :- पैसा और कहां से आएगा , जानवी और उसके पापा ही दिये होगें ।


मोनिका: - पर जहां तक मैने सुना है के विद्युत तिवारी
ये मेशन किसी को नही देते । वो सिर्फ अपने लिए इसे यूज करते है ?



विकी :- तुम सही कह रही हो मोनिका । मुझे भी कुछ समझ मे नही आ रहा है ।



इधर कृतिका और रमेश आदित्य के कभी गाल मे तो कभी नाक मे हल्दी लगा रहा था ये सब दैखकर विद्युत , पुनम और अनय खुश हो रहे थे । तभी पुनम , विद्युत और अनय आता है और एक एक करके आदित्य को हल्दी लगा रहा था । ये दैखकर मोनिका कहती है ---



मोनिका :- वो सब तो ठिक है पर ये तिवारी फैमिली यहां पर , इस भिखारी को हल्दी क्यू लगा रहे है ? अगर ये मेंशन अशोक और जानवी के लिए विद्युत जी ने दिया है तो फिर इन्हें तो उनके साथ होना चाहिए था , ये सब यहां क्या कर रहे है ।


तभी रेखा कहती है -----


रेखा :- तुम लोग पार्टी मे आए हो या आदित्य के खुशी से जल रही हो । उसे धोका देखर तेरा मन नही भरा जो ये दैखकर तुम्हें बुरा लग रहा है ।



तभी अनय की नजर रघुनाथ और उसकी फैमिली पर पड़ती है ।



अनय विकी को अपने और आने का इशारा करता है विकी और सभी अनय के पास चला जाता है । 



तो अनय विकी से कहता है -----



अनय :- अरे विकी , अच्छा हुआ तुम आ गये । अरेंजमेंट तो बहोत अच्छा हूआ है आजका का । जरा ध्यान रखना के शादी तक कोई गड़बड़ी ना हो । ये ध्यान रखना । किसी भी चिज की कमी नही होनी चाहिए समझ गए । 



विकी :- जी सर । मैं पुरा ध्यान रखूगां ।


अनय :- और तुम अपने फैमिली को लेकर नही आए ।



विकी :- सर ये है ना , ये मोनिका है मेरी होने वाली


पत्नी , ये इसकी मॉम और ये पापा ।



अनय :- ओ हां याद आया । मोनिका मैं तुमसे पहले भी मिला हूँ ।



मोनिका हल्की स्माइल दैकर कहती है -----



मोनिका :- जी सर ।



अनय मोनिका से कहता------



अनय :- जाओ तुम सब भी आदित्य को हल्दी लगा दो । और हां शादी तक आप सब मेरे मेहमान हो सभी यही पर रहेगें । ठिक है , अब जाईये हल्दी लगाईये ।
अनय बात सुनकर सभी आदित्य की और बड़ रहा था । रमेश और कृतिका आदित्य से हसी मजाक कर रहे थे । तभी आदित्य की नजर मोनिका पर पड़ता है । मोनिका और रघुनाथ अंदर ही अंदर बहोत जलन फिल कर रहा था । 



मोनिका और सभी आदित्य के पास जाकर रुक जाता है , तो अनय मोनिका की तरफ इशारा करके कहता है , अरे हल्दी लगाओ ना । अनय की बात पर मोनिका हल्दी को थोड़ा सा अपने हाथ मे लेती है और आदित्य के गाल पर लगाती है आदित्य अपनी नजरे दुसरी और करके रखा था फिर रघुनाथ अनय की और दैखता है अनय उसे भी इशारा करता है रघुनाथ गुस्से भरी नजरो से आदित्य को दैखता है हल्दी लगता है फिर अमय की और दैखकर झुठी हसी दैखकर साईड मे खड़ा हो जाता है । फिर रेखा आती है रेखा को दैखकर आदित्य हल्की मुस्कान देता है ।



रेखा हल्दी लगाते हूए कहती है -----



रेखा :- हमेशा खुश रहो । जानवी बहोत प्यारी बच्ची है , तुम दोनो की जोड़ी की किसीकी नजर ना लगे ।


To be continue.......176