THE PRISONER OF LORD - 3 in Hindi Love Stories by Euphoria Light books and stories PDF | THE PRISONER OF LORD - 3

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THE PRISONER OF LORD - 3


आधी रात बीत चुकी थी ,पर मेरे चेहरे पर नींद का नामोनिशान नहीं था। मुझे रह रहकर उस डिलीवरी गर्ल का ख्याल आ रहा था जो आज मेरे घर आई थी। वह दिखने में बहुत प्यारी मासूम और खूबसूरत थी, उसकी गहरी काली हिरनी सी आंखें बहुत ज्यादा प्यारी लग रही थी और जब वह मुझे देखकर डर के मारे  कांप रही थी तो ऐसा लग रहा था मानो कोई भीगी हुई बिल्ली कि बच्ची हो, जिसे देखकर मुझे और भी ज्यादा सुकून मिल रहा था।


मैं उस लड़की के बारे में सोच ही रहा था कि अचानक मेरे ऑफिस का दरवाजा खुलता है। मेने दरवाजे की तरफ देखा तो सामने से मेरा पि ए विनय आ रहा था, उसके साथ दो-तीन गार्ड्स भी थे।विनय ने गार्डस से कहा,"तुम लोग यहां से जो मुझे लॉर्ड से अकेले में बात करनी है", सभी गार्ड ने सर झुकाया और बाहर चले गए। विनय ने टेबल के बिल्कुल सामने खड़े होकर मुझसे कहा,"लॉर्ड हमें पता लगा है कि उस किलर को आपके दादाजी ने भेजा था आपको मरवाने के लिए"।

"ह्म्म" मैंने कहा और मैं अपने चेयर से उठकर खिड़की के तरफ चला गया मैंने बाहर की ओर देखते हुए कहा,"अब तुम जाओ"। विनय ने सिर झुकाया और ऑफिस के बाहर चले गया। मैं चांद की तरफ देखने लगा जो आज काफी खूबसूरत लग रहा था और देखते ही देखते मैं ख्यालों में खो गया। कितनी अजीब बात है अथर्व सिंह राठौड़ जो कि इस देश का बहुत जाना माना नाम है, एक मशहूर बिजनेसमैन और एक बहुत फेमस डॉन। सब कुछ है मेरे पास दौलत शोहरत नाम पैसा.. पर आज मेरे अपने ही मुझे मारने के लोग भेज रहे हैं। 6 साल की उम्र में मेरे माता-पिता के मरने के बाद जीन दादाजी ने मुझे पाला था आज वही मुझे मारने के लिए किलर भेज रहे है। मैं मन ही मन हंसने लगा।

"इंटरेस्टिंग!" मैंने शैतानी मुस्कान के साथ कहा।


अगली सुबह....

मैं रोज की तरह उठा , अपनी एक्सरसाइज की ,नहा धोकर फ्रेश हुआ कपड़े बदले और डाइनिंग टेबल पर अपना नाश्ता कर रहा था,तभी विनय और मेरे कुछ गॉड्स ने एक आदमी को मेरे सामने लाकर पटक दिया, वह आदमी  खून से लथपथ था। मैंने बिना उस आदमी के तरफ देखते हुए कहा,"गुड मॉर्निंग, मिस्टर करण सिंह राठौड़... या कहूं मेरे प्यारे दादाजी..", मैने उनकी तरफ मुड़ कर एक शार्प लुक दिया। मुझे देखते ही वो डर के मारे कांपने लगे। सच कहूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है जब कोई मुझे देख कर डरता है, मेरे मन को बहुत सुकून मिलता है।


मैंने बड़े कोल्ड एक्सप्रेशन से कहा,"एक्सप्लेन योर सेल्फ!", उन्होंने डर के मारे कांपते हुए आवाज़ में कहा,"अथर्व... अथर्व ..देखो.. मुझे.. मुझे.. माफ कर दो.. देखो ,मुझ.. मुझसे गलती हो गई. मुझे माफ कर दो बेटा.. मैं", मैंने उनकी बात काटते हुए कहा,"आपके पास सिर्फ 5 मिनट है", उन्होंने एक गहरी सांस ली और कहा,"हां.. मैं तुम्हें मारना चाहता था... मारना चाहता था क्योंकि तुम एक बेरहम शैतान बन चुके हो, हालांकि.. मैं यह जानता हूं कि इसके पीछे मेरा ही हाथ है, मैंने ही तुम्हें ऐसा बनाया है….. पर मैंने तुम्हें ऐसा अपने दुश्मनों के लिए बनाया था लेकिन तुमने क्या किया?? तुमने अपने ही चाचा  और उसके परिवार को बड़े बेदर्दी से मार दिया.. इसलिए मैं तुमसे बदला लेना चाहता था...", 

उन्होंने बड़े घमंड से ऊंची आवाज करते हुए मुझसे कहा,"पर तुम यह मत भूलो कि मैंने ही तुम्हें पाला है, तुम्हारे मां-बाप के मरने के बाद मैंने हीं तुम्हारा सब कुछ बनकर तुम्हें पाला है ,आज तुम जिस मुकाम पर हो उसकी वजह मैं, हूं तुम्हारी ऐसी शानो शौकत भरी जिंदगी की वजह मैं हूं..", मैने उन्हें शूट कर दिया और बड़े ही आराम से कहा,"ऊंची आवाज में बात करने वाले लोग मुझे पसंद नहीं..", मैं डाइनिंग टेबल से उठा और बाहर दरवाजे के तरफ बढ़ने लगा। 


वैसे दादाजी ने सही ही कहा था, आज जो मैं बन चुका हूं उसकी वजह वही तो है। एक 6 साल का बच्चा जिसने अभी-अभी अपने माता-पिता को मारते देखा है, उसे प्यार और केयर से संभालने के जगह उससे उसका बचपन छीन लिया, उसके हाथ में खिलौनों की जगह बंदूके थमा दी, बचपन से ही उसे लाश और खून खराबा कि आग में झोंक दिया।


मैं कार में बैठकर ऑफिस पहुंच गया, पर यह सब ख्याल मेरे जहन से जा ही नहीं रहे थे। मैंने ऑफिस में बहुत सी मीटिंग अटेंड करी और लैपटॉप  ओपन करके अपने पेंडिंग कामों को करने लगा, धीरे-धीरे मेरा गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन बढ़ता जा रहा था, काम करते-करते मुझे रात हो गई। मैंने घड़ी पर टाइम देखा तो 9:00 बज रहे थे, मैंने अपना लैपटॉप बंद किया और ऑफिस से बाहर निकल गया, मैं पार्किंग में गया अपनी कार स्टार्ट करी और हाईवे पर बड़ी तेजी से ड्राइविंग करने लगा। मेरा गुस्सा और फ्रस्ट्रेशन मेरी ड्राइविंग से साफ पता चल रहा था, बहुत देर तक ड्राइव करने के बाद मैं रास्ते में एक बार देखा, Chiroli Bar And Hotel , मैं बाहर के बाहर पार्किंग में गाड़ी पार्क करी और अंदर चले गया। 


मैंने बार काउंटर में जाकर अपने लिए बियर आर्डर की , जैसे ही उसने मुझे बीयर दिया मैंने एक घूंट में सारा बियर पी लिया, मैंने उससे और बीयर मांगी और उसे भी एक सांस में पी लिया। मैने ऐसे ही लगातार 15 ग्लास बीयर पी लिया, मैं काफी नशे में था पर मेरा गुस्सा तो मानो कम होने का नाम ही नहीं ले रहा था। मैने गुस्से के कारण बीयर की ग्लास को इतने ज़ोर से पकड़ा कि ग्लास मेरे हाथों में ही टूट गया। मै होटल डेस्क में गया और अपने लिए एक रूम बुक किया, स्टाफ ने मुझे एक कीकार्ड दिया और मैं अपने रूम की तरफ जाने लगा।


थोड़ी ही देर में मैं अपने रूम पर पहुंच गया, रूम के अंदर जाते ही मैं एक चेयर पर बैठ गया और आंख बंद करके अपने आप को शांत करने की कोशिश करने लगा। लगभग 2 मिनट ही हुआ था कि तभी किसी ने मेरे रूम का दरवाजा नॉक किया जिससे मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर चला गया। मै दरवाजे के पास गया और जोर से दरवाजा खोला, मैने देखा कि सामने एक काफी खूबसूरत और डरी हुईं लड़की खड़ी है।...