Bekhouff Ishq - 15 in Hindi Love Stories by kajal jha books and stories PDF | बेखौफ इश्क - एपिसोड 15

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बेखौफ इश्क - एपिसोड 15

बेखौफ इश्क – एपिसोड 15मंजिलें और मोड़: दिल की पुकारनवाबी फूलों की खुशबू के बीच, आयाना का जीवन अब उस मुकाम पर था जहां सपनों की उड़ान खूब ऊँची थी, लेकिन आसमान के उस पार भी छिपे थे कुछ अजीब से सवाल और रास्ते, जो दिल को और मजबूती देने के साथ-साथ टूटन का भी शिकार करते थे। जीवन की राह में जो मुश्किलें आईं, उन्होंने आयाना को कहीं तो बेहतर बनाया, कहीं तो थोड़ा और संवेदनशील।अनिरुद्ध के साथ नया संघर्षआयाना का नया प्रोजेक्ट, जो कि महिलाओं के संघर्षों पर आधारित था, अब पूरे देश में चर्चा में था। अनिरुद्ध स्क्रिप्ट लेखक के रूप में लगातार नई चुनौतियां लेकर आता, और आयाना ने उस पर पूरा भरोसा जताया। मगर धीरे-धीरे अनिरुद्ध की जिंदगी में आयी उलझनों ने उनकी दोस्ती पर सवाल खड़ा कर दिया।एक दिन अनिरुद्ध ने आयाना को बताया,

“मैं इस परियोजना में बहुत कुछ खो रहा हूँ, पर खुद को समझा नहीं पा रहा। जीवन के कई रंग दोहरे लगते हैं।”आयाना ने हिम्मत देकर कहा,

“हर कोई अपनी लड़ाई लड़ता है, अनिरुद्ध। पर यह लड़ाई हमें और मजबूत बनाती है।”संस्कार की वापसीइसी बीच संस्कार ने अचानक शहर लौटने का फैसला किया। मां की तबीयत में फेरबदल और अपने करियर के नए चरण ने उसे वापस आने पर मजबूर कर दिया। संस्कार अब एक पूरी तरह बदल चुके व्यक्ति थे, जो अपने और आयाना के रिश्ते को फिर से एक नई शुरुआत देना चाहते थे।उनकी पहली मुलाकात एक क्यूट कैफे में हुई—जहां दोनों ने बैठकर अपनी बातें साझा कीं। संस्कार ने कहा,

“हमें दूसरों की परवाह नहीं करनी चाहिए, बस अपने दिल की सुननी चाहिए।”आयाना ने देखा कि संस्कार ने खुद को बदल लिया है, लेकिन उसके अंदर की गर्माहट अब भी वैसी ही थी।परिवार में नई ऊर्जाघर में खुशी का माहौल था। रूही ने कॉलेज में अपने सपनों की दिशा में पहला बड़ा कदम रखा। परिवार की सारी चिंताएँ और परेशानियाँ अब बड़ी उम्मीदों में बदल चुकी थीं। पिता और माँ दोनों ने आयाना के संघर्ष और उपलब्धि को सराहा।माँ ने खूब दुआएं दीं, तो पिता ने कहा,

“हमारी बिटिया ने अपनी काबिलियत साबित कर दी।”आयाना की आँखों में आंसू थे—खुशी के।रिश्तों में गहराईराघव जो पहले आयाना का करीबी दोस्त था, उसने अब दोस्ती का रिश्ता और मजबूत करने का फैसला किया। वह आयाना के सपनों और उसकी मजबूती का सम्मान करता था। दोनों ने अपने रिश्ते को समय और समझदारी के साथ धीरे-धीरे आगे बढ़ाया।खुद की खोज और नई उम्मीदेंआयाना ने एक बार फिर खुद को समय दिया। उसने प्रकृति की सैर की, किताबें पढ़ीं, और खुद को समझने की कोशिश की। उसने महसूस किया कि अब वह खुद के लिए जि़ंदा है, न कि सिर्फ किसी के लिए।संस्कार के साथ उसकी बातचीत अब एक नई ऊर्जा से भरी होती, जिसमें बराबरी और भरोसे की झलक थी। दोनों ने तय किया कि वे किसी भी स्थिति में एक-दूसरे का साथ देंगे।नए दिन की शुरुआतनए साल के जश्न में दोनों परिवार एक साथ थे। संस्कार और आयाना ने अपने नए सपनों और नए रिश्तों के बारे में बात की। उन्होंने जीवन के हर क़दम पर एक-दूसरे का सहारा बनने का वचन दिया।