Adhuri Kitaab - 41 in Hindi Horror Stories by kajal jha books and stories PDF | अधुरी खिताब - 41

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अधुरी खिताब - 41

🌑 एपिसोड 41 — “The Eternal Reader”
(सीरीज़: अधूरी किताब)



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1. हवेली की साँसें

दरभंगा की हवेली अब सिर्फ हवेली नहीं रही थी —
वो एक जीवित पुस्तक बन चुकी थी।
हर दीवार पर स्याही के निशान ऐसे फैले थे
जैसे किसी अदृश्य हाथ ने उन्हें लिखा हो।

आँगन के बीच The Eternal Reader खुली पड़ी थी —
उसके पन्ने खुद-ब-खुद पलटते रहे,
और हर पन्ने से किसी के कदमों की आहट आती थी।

रात के बारह बजते ही हवेली की सारी मोमबत्तियाँ जल उठीं।
नीली लौ में चार परछाइयाँ उभरीं —
अनन्या, आर्या, आरव, और तन्वी।

> “कहानी अब लेखक ढूँढ रही है…”
आर्या की रूह ने फुसफुसाया।
“क्योंकि हर लेखक को अंत में
अपनी ही कहानी में मरना होता है…”



दीवार से एक और आवाज़ आई —
“पर इस बार लेखक इंसान नहीं,
रूह बनेगा।”


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2. लेखक की वापसी

उसी रात हवेली के बाहर एक कार रुकी।
एक आदमी उतरा —
उसके हाथ में कैमरा और नोटबुक थी।
नाम था आदित्य मेहरा,
एक लेखक, जिसने “The Cursed Quill” नाम की किताब पर काम शुरू किया था।

वो पुरानी हवेली की कहानियाँ सुनकर दरभंगा आया था।
उसका उद्देश्य था —
किताबों के भीतर छिपे रहस्यों को एक्सपोज़ करना।

पर जैसे ही उसने हवेली की चौखट पार की,
The Eternal Reader चमक उठी।
पहले पन्ने पर खुद से शब्द उभरे —

> “Welcome, Aditya Mehra —
The Chosen Writer.”



आदित्य ठिठक गया।
“ये क्या बकवास है?” उसने बुदबुदाया।

किताब पलटी —
दूसरे पन्ने पर लिखा था:

> “हर कहानी अपने लेखक को चुनती है,
और तू वही है जिसे स्याही ने बुलाया है।”




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3. मृत लेखकों की सभा

कमरे की हवा भारी हो गई।
आईनों से तन्वी और काव्या की परछाइयाँ बाहर आईं।
उनकी आँखों में वही नीली स्याही चमक रही थी।

तन्वी बोली —

> “हमने अधूरी कहानी पूरी की थी,
पर अब वो हमें ही लिख रही है।”



काव्या ने जोड़ा —

> “और अब तू — आदित्य —
इस चक्र को तोड़ेगा या इसमें फँसेगा।”



दीवारों से फुसफुसाहटें उठीं।
सैकड़ों आवाज़ें एक साथ बोलीं —

> “लिख… हमें अंत दे… नहीं तो स्याही तुझे निगल जाएगी।”



आदित्य ने नोटबुक खोली।
उसके पन्ने कोरे थे।
पर जैसे ही उसने पेन उठाया,
उसके सामने दीवार पर एक पंक्ति उभरी —

> “लेखक का खून ही कहानी को जीवित रखता है।”



उसकी उंगलियाँ काँप उठीं।
“नहीं, मैं सिर्फ कहानी लिखने आया हूँ… मरने नहीं।”


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4. स्याही का खेल

हवेली की छत से नीली रोशनी गिरने लगी।
हर किरण किसी पुराने लेखक की रूह का प्रतीक थी —
जो सदियों से किताबों में कैद थी।

The Eternal Reader ने अपने आप नया अध्याय खोला।
उस पर लिखा था —

> “अध्याय 13: लेखक का पुनर्जन्म।”



आदित्य ने देखा —
पन्ने से उसका नाम उभर आया है।

> “Written By: Aditya Mehra.”



वो पीछे हटा,
पर तभी स्याही उसके पैरों से चिपककर ऊपर चढ़ने लगी।
हर कदम के साथ उसका शरीर नीला होता जा रहा था।

तन्वी ने चिल्लाया —

> “रुको! अगर तू अधूरा अध्याय खत्म कर देगा,
तो हम सब मुक्त हो जाएँगे!”



आदित्य ने काँपते हाथों से लिखा —

> “The story ends when truth bleeds.”



जैसे ही उसने ‘bleeds’ लिखा,
स्याही उसके हाथों से बहने लगी —
नीले रंग में उसका खून मिल गया।


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5. हवेली का निर्णय

कमरा काँप उठा।
आईनों से रोशनी के स्फोट हुए।
रूहें हवेली के हर कोने से निकलकर ऊपर उठने लगीं।
तन्वी, आर्या, अनन्या — सबकी परछाइयाँ हल्की होकर
आसमान में विलीन होने लगीं।

आरव की आवाज़ गूँजी —

> “अंततः कोई लेखक मिला जिसने सच्चाई लिखी।”



आदित्य की आँखों में अब नीली चमक थी।
वो ज़मीन पर गिरा,
और उसके हाथों में वही किताब थी —
The Eternal Reader.

उसके आख़िरी शब्द थे —

> “कहानी अब मेरी नहीं रही…”



किताब खुद बंद हो गई।
और उसके कवर पर नया शीर्षक उभरा —

> “The Eternal Writer.”




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6. नई स्याही, नया लेखक

सुबह जब गाँव वाले हवेली पहुँचे,
दरवाज़ा आधा खुला था।
टेबल पर अब सात किताबें रखी थीं —

1️⃣ The Soul Script
2️⃣ The Reader’s Copy
3️⃣ The Last Reader
4️⃣ The Inked Souls
5️⃣ The Final Chapter
6️⃣ The Eternal Reader
7️⃣ The Eternal Writer

सातवीं किताब के नीचे खून से लिखा था —

> “हर कहानी जब अपने लेखक को निगल लेती है,
तब वो अमर हो जाती है।”



गाँव के लोग डरकर पीछे हट गए।
लेकिन हवा में अब कोई डर नहीं था —
बस एक स्थायी फुसफुसाहट —

> “स्याही अब थम नहीं सकती…”




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7. रूह की कलम

रात को हवेली की खिड़की में फिर नीली रोशनी चमकी।
अंदर कोई अदृश्य हाथ लिख रहा था —
उसकी कलम हवा में तैर रही थी,
और पन्ने अपने आप शब्द बना रहे थे।

किताब का नया अध्याय शुरू हुआ —

> “अध्याय 14: The Reader Returns.”



और उसी पल,
दरभंगा यूनिवर्सिटी के लाइब्रेरी में रखी एक पुरानी किताब
अपने आप खुली —
जिस पर लिखा था —
“Dedicated to Tanvi, Kavya, and Aditya —
The Eternal Souls of the Story.”

किसी ने किताब बंद करनी चाही,
पर वो खुद बोली —

> “कहानी खत्म नहीं हुई…
अब पाठक रूह बन चुके हैं।”




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🩸 एपिसोड 41 समाप्त

🕯️ आगामी एपिसोड 42 — “रूह की कलम”
जहाँ हवेली की दीवारों से निकली एक रहस्यमयी कलम
हर उस इंसान के नाम लिखना शुरू करती है
जो इस कहानी को पढ़ने की हिम्मत करता है…

> “क्योंकि अब पढ़ना भी एक वचन है —
और हर वचन की कीमत, एक रूह होती है।”