Tere Mere Darmiyaan - 18 in Hindi Love Stories by CHIRANJIT TEWARY books and stories PDF | तेरे मेरे दरमियान - 18

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तेरे मेरे दरमियान - 18


मोनिका: - पापा । ये आपके हाथ मे किसका शादी का कार्ड है ?



रघुनाथ :- तुम खुद ही दैख लो ।



इतना बोलतर रघुनाथ कार्ड को अपनी बेटी मोनिका के हाथ पर दे देता है । मोनिका कार्ड को खोलकर पड़ने लगती है जिसमे आदित्य और जानवी का नाम था ।



मोनिका: - ये कैसे हो सकता है । उस गरीब फटीचर की शादी अशोक मुखर्जी के बेटी जानवी के साथ । जानवी ने एक गरीब को कैसे चुन सकती है । 




रघुनाथ: - दैखा क्या गेम खेला उसने । तुझे छोड़कर उसने एक अमिर लड़की को फसा लिया ।




 मोनिका ये जानकर बहोत गुस्सा होती है के आदित्य जैसे लड़के की शादी एक अमीर घर की बेटी को साथ हो रहा था । यो बात सुनकर मोनिका परेशान हो जाती है । मोनिका अशोक और जानवी कै पास जाने के बारे मे सोचती है ।




और फिर वहां से निकाल जाती है ।
कुछ दैर बात मोनिका अशोक के घर पहूँच जाती है । वहां पर जानवी बैठी थी । मोनिका को दैखकर जानवी हैरान थी । जानवी मोनिका से कहती है ।




जानवी :- तुम मोनिका हो ना ? आदित्य की एक्स गर्लफ्रेंड ।




मोनिका: - हां मैं ही हूँ मोनिका ।




जानवी :- तुम यहां पर मेरे घर मे , तुम्हें किससे मिलना है ?



मोनिका :- मुझे तुमसे ही मिलना था ।




जानवी :- मुझसे ! पर तुम्हें मुझसे क्या काम ?



मोनिका :- मैंने सुना के तुम आदित्य से शादी कर रही हो ?



जानवी :- सही सुना है तुमने ।



मोनिका :- तुम उससे शादी मत करो ।




जानवी :- मैं किससे शादी करु या ना करु ये मुझे तुम बताओगी ?


मोनिका :- मेरा वो मतलब नही था ।



जानवी :- तो क्या अब ये जानकर के मैं आदित्य से शादी कर रही हूँ । तुम्हारा प्यार जाग तो नही गया ।



मोनिका :- नही , ऐसी कोई बात नही है ।



जानवी :- तो फिर तुम मेरे पास क्यों आई हो ?




मोनिका :- मैं चाहती हूँ के तुम उस आदित्य से शादी मत करो । उसके पास है ही क्या , ना उसके पास पैसा है ना पावर । ना गाड़ी है ना कुछ वो तुम्हें कैसे खुश रखेगा । तुम इतनी बड़ी घर की बेटी, एक मामूली लड़के से कैसे शादी कर सकता है । जिसके पास कुछ भी नही है ।



जानवी :- अच्छा तो तुम्हें इस बात का प्रॉब्लम है । के मेरी शादी आदित्य से हो रही है ।




मोनिका :- हां , और मैं चाहती हूँ के तुम उस फटिचर से शादी मत करो ।





जानवी :- देखो मोनिका । ये मेरी लाईफ है और मैं किससे शादी करु या ना करू ये मेरी मर्जी है । और एक बात तुम कान खोलके सुन लो आदित्य मेरे होने वाले पती है और तुम्हें उसे फटिचर बोलने का कोई हक नही है । ये बात आगे से ध्यान रखना ।





मोनिका :- मैं तो तुम्हारे भलाई के लिए ही बोल रही थी । पर जब तुम्हें डुबना ही है तो ठिक है । 





जानवी :- कोई जरुरत नही है मुझे तुम्हारे एडवाईस की । मैं सब जानती हूँ के तुम कैसी हो । तुमने आदित्य को इसिलिए छोड़ा ना के उसने तुम्हें कभी मंहगी मंहगी गिफ्ट नही दिया । और उसके पास पैसा कम है । तुमने पैसे के लिए एक ऐसे इंसान को छोड़ा है जो तुमसे सच्चा प्यार करता है । दैखना एक दिन तुम इस बात पर बहोत पछताओगी के तुमने आदित्य जैसे लड़के को क्यों छोड़ा ।





मोनिका :- अरे वाह तुम तो उसके लिए एक दम से पागल हो । ऐसा क्या कर दिया उसने तुम पर जो तुम उस पर मरे जा रही हो ?




जानवी :- उसने तो तुम्हारा साथ भी बखूबी निभाया था पर तुमने उस विकी मे ऐसा क्या दैख लिया जो तुम विकी पर मर रही हो ?




मोनिका: - आदित्य का विकी से कोई Compare ही नही है ।




जानवी :- सही कहा तुमने । आदित्य और विकी मे कोई कम्पेयर नही । कहां आदित्य और कहां विकी ।





मोनिका :- ये तो वक्त ही बतायेगा के कौन कैसा है । दैखना एक दिन तुम बहोत पछताओगी । मेरा काम था तुम्हें बर्बादी से बचाना तो मैने तुम्हें आकर सब बता दिया । अब आगे तुम्हारी मर्जी । 




जानवी :- पछताओगी तुम मोनिका मैं नही क्योकी एक ऐसे इंसान को खोया है जो दिल से बहोत अमिर है । 




मोनिका :- पैसा ही सब कुछ होती है । ये प्यार व्यार सिर्फ एक झुटी कहानियां है ।





जानवी :- तुम्हे तो अभी तक प्यार का सही मतलब ही नही पता है मोनिका । 





मोनिका :- तुम भी तो विकाश से प्यार करती थी ना । तो फिर क्या हूआ ! तुमने क्यों विकाश को छोड़ दिया । तुम मुझे कह रही थी ना के मैने आदित्य को क्यों छोड़ा , मुझे पैसो से प्यार है , मैने आदित्य को धोका दिया है वगैरह वगैरह । अब तुम बताओ तुमने क्यों छोड़ा ? 





मोनिका के इस बात पर जानवी बहोत गुस्सा हो जाती है पर जानवी घर आये मेहमान पर गुस्सा होना नही चाहती थी । इसिलिए जानवी अपने पर काबू रखकर कहती है ।





जानवी :- मैने विकाश को छोड़ा क्योकी वो एक घटिया इंसान है ये बात मुझे पहले पता नही था । पर जब मुझे लगा के वो मुझसे नही मेरे पैसो से प्यार करता है तो मैने उससे अपना रिस्ता ही तौड़ लिया ।





मोनिका :- पर जानवी .....! 




मोनिका और कुछ कहती के उससे पहले जानवी मोनिका से कहती है ।


जानवी :- दैखो मोनिका , मैं ये नही जानती के तुम यहां पर आदित्य और मेरे रिस्ते को क्यों तौड़ना चाहती हो । तुम्हारा आदित्य के साथ क्या दुश्मनी है ये मैं नही जानती । पर मैं तुम्हें एक सलाह जरुर दूगीं । जब तुम आदित्य से अलग हो चुकी हो तो अब तुम्हें उसके लाइफ मे इंटर फेयर नही करनी चाहिए ।




आदित्य क्या कर रहा है या वो क्या करेगा ये सब मत सोचो । उसे अपनी लाईफ मे छोड़ दो । अब वो क्या करेगा नही करेगा ये सब तुम मुझपर छोड़ दो । अब मैं उनकी लाईफ का हिस्सा बनने जा रही हूँ । तो अब ये सब तुम मुझपर छोड़ दो ।



और एक बात , मुझे आज से ये बिलकुल भी पंसद नही आएगा के कोई मेरे होने वाले पती के बारे मे बुरा भला कहे या सोचे । अब तुम अपने काम से काम रखो और आदित्य के बारे मे सोचना बंद कर दो । 
जानवी के ये सब कहने पर और आदित्य का फेवर मे कहने पर मोनिका बहोत ज्यादा जेलिस फिल करने लगती है ।




मोनिका ये सहन नही कर पा रही थी के जानवी की शादी आदित्य से हो रही है । मोनिका और कुछ ना कहते हूए वहां से निकल जाती है ।
अशोक उन दोनो की बात सुन रहा था । और जानवी की बातो को सुनकर अशोक खुश हो जाता है ।
इधर कृतिका , रमेश और आदित्य आपस मे आदित्य के घर मे बाते कर रहे थे ।




रमेश :- (हंसते हुए) भाई, शादी की डेट फिक्स हो गई और तू अब भी टेंशन में दिख रहा है! सब ठीक तो है ना?



आदित्य :-: हां यार, सब ठीक है… बस एक बात को लेकर सोच रहा हूं।




कृतिका :-: कौन सी बात ? बता ना, हम तेरे दोस्त हैं।




आदित्य :- देखो यार, तुम दोनों को तो पता है कि मैंने ज़िंदगी में बहुत मेहनत की है, तभी आज मैं इतना कामयाब हूं। लेकिन जानवी को मैंने कभी नहीं बताया कि मैं इतना अमीर हूं। उसे लगता है मैं एक सिंपल इंसान हूं।



To be continue.....114