Adakaar - 41 in Hindi Crime Stories by Amir Ali Daredia books and stories PDF | अदाकारा - 41

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अदाकारा - 41

*अदाकारा 41*

 
   शूटिंग का पैकअप होने के बाद निर्मल झा शर्मिला के करीब आया और बोला।
"मैडम।आपने विज्ञापन के बारे में कहा था ना?"
"हाँ।हाँ।कहा था?मिली कोई?"
शर्मिलाने उत्साह से पूछा।
तो निर्मलने कहा।
"सुमधुर डेयरी वाले आपको अपने उत्पादन का ब्रांड एंबेसडर बनाना चाहते है।"
"लेकिन ब्रांड एंबेसडर बनने से हम उनके कॉन्ट्रेक्ट से बंध जाएँगे।हमें जहाँ भी और जब भी वे बुलाएँगे वहा जाना होगा और वह हमें गवारा नहीं।"
शर्मिलाने निर्मल को अपनी समस्या बताई। फिर निर्मलने कहा।
"हमें उनके उत्पादों का प्रचार करने के लिए कहीं और जाने की ज़रूरत नहीं है।लेकिन हमें यहीं रह कर उनके सभी उत्पादों की मॉडलिंग करनी हे।"
शर्मिलाने कंफर्म करते हुए फिर पूछा।
"पक्का?हमें कहीं आउटडोर तो नहीं जाना पड़ेगा ना?"
"नहीं मैडम।यह पहले ही तय हो चुका है।"
"तो बस एक बात ओर साफ़ कर लेना।"
 
निर्मल ने कान लगाकर शर्मिला की बात समझने की कोशिश की।शर्मिला बोली।
"मुसीबत तारीख की होगी निर्मल।उन लोगों से बात करो जो तारीख हम देंगे,उसी तारीख पर शूटिंग होगी।और पैसों की भी बात कर लो।"
"ठीक है मैडम मैं आज उनसे बात कर लेता हूँ..."
निर्मल की बात खत्म हुई और शर्मिला का फ़ोन बज उठा।
"मेतो दीवानी हो गई
प्यार में तेरे खो गई।"
उर्मिला का फ़ोन था।शर्मिला ने फ़ोन उठाया।
"बोलो उर्मि।"
"तुमने मुझे अपने घर बुलाया था लेकिन पता कब भेजोगी?"
"पता क्यों चाहिए?तु तैयार हो जाओ मैं खुद तुजे लेने आ रही हूं।"
यह कहकर शर्मिला ने फ़ोन रख दिया और निर्मल से बोली।
"निर्मल जी।स्टूडियो में जाकर जरा देखो तो क्या बुर्का है।अगर हो तो ले आवो ना प्लीज़।"
 
निर्मल एक स्लेटी कलर का बुर्का ले आया और शर्मिला को दिखाया।
"मैडम।काला कलर का नहीं है।स्लेटी रंग चलेगा?"
"हाँ।हाँ चलेगा।रंग से क्या लेना देना?बस अपना चेहरा नहीं दिखाना चाहिए।"
शर्मिला ने बुर्का अपने बदन पर डाल लिया। और गाड़ी बीमानगर की ओर दौड़ा दी।
जब शर्मिला बीमानगर पहुँच ने आई तो उसने उर्मिला को कॉल किया।
"उर्मि।तु नीचे सड़क पर आजा।मैं दो मिनट में पहुँच जाऊँगी।"
शर्मिला बीमानगर पहुँची तो उर्मिला सड़क के किनारे खड़ी थी।
बुर्के में शर्मिला को देखकर उर्मिला हैरान रह गई।
"तुम्हें बुर्के की क्या ज़रूरत थी?"
तो शर्मिलाने अपने बुर्के उतारकर उर्मिला को दे दिया।
"मैं यह तुम्हारे लिए लाई हूँ डियर।"
"मेरे लिए?"
अब उर्मिला और भी ज्यादा हैरान हो गई।
"पहले तुम इसे पहन लो।फिर मैं तुम्हें समझाती हूं।"
उर्मिलाने बुर्का पहन लिया और फिर बोली।
"अब बताओ।तु क्या समझाना चाहती हो?"
"पहले खुशखबरी तो सुनो।"
उर्मिलाने खुशखबरी सुनने के लिए कान लगाए।
"सुमधुर डेयरी का नाम सुना है?" 
शर्मिलाने पूछा।
“ऑफकोर्स सुना है।" 
“उसके ब्रांड का विज्ञापन आया है।चलेगा ना?"
"डेयरी उत्पाद की एड?उसमें क्या करना होगा?"
उर्मिलाने पूछा।तो शर्मिलाने कृत्रिम गुस्सा दिखाते हुए कहा।
"अरे!क्या करने का मतलब?छाछ पीने का अभिनय।दही खाने का अभिनय।लस्सी पीने का अभिनय।आइसक्रीम खाने का अभिनय। चॉकलेट खाने का अभिनय।अरे इन लोगों के इतने सारे प्रोडक्ट हैं।मुझे लगता है कि इस विज्ञापन की शूटिंग में ही चार-छह महीने निकल जाएँगे।उसके बाद फिर कोई नया प्रोडक्ट देखेंगे।अगर तु हा कहती हे तो इसे साइन कर लेते हैं।"
"लेकिन शर्मी।मुझे थोड़ा डर लग रहा है।"
"डरने की क्या बात है?तुम कैमरे के सामने बिल्कुल परफेक्ट रहोगी।मुझे इस बात का पूरा यकीन है।"
"वोतो मैं कर लूंगी।लेकिन डर इस बात का हे अगर सुनील को पता चल गया तो क्या होगा?"
 
"वो कोई शेर तो नहीं है जो तुजे खा जाएगा। इतना डरने की कोई जरूरत नहीं है।"
"डरने की बात तो ये है कि शादी के बाद पहली बार मैं उससे छिपाकर कुछ अलग करने जा रही हूँ।"
उर्मिला ने शर्मिला को अपने डर का कारण समझाया। 
तो शर्मिला ने उसे गले लगाते हुए कहा।
"और ये कोई गलत बात तो नहीं है ना?जब जीजू को पता चलेगा कि तुने अपनी मेहनत से कितना पैसा कमाया है तो सोचो उन्हें तुज पर कितना गर्व होगा।"
"हाँ ये तो है।"
आखिरकार उर्मिला शर्मिला की बात मान गई।
दोनों बहनें संभव रेजीडेंसी में शर्मिला के घर पहुँचीं।
 
(उर्मिला के काम के बारे में जब सुनील को पता चलेगा तो उसकी क्या प्रतिक्रिया होगी? ये जानने के लिए पढ़ते रहिए)