रेखा :- आप दोनो पागल हो गए हो । पैसे के चक्कर मे आदित्य जैसे लड़के को छोड़ना बहोत बड़ी गलती है । और मोनिका कल तक तो आदित्य से तुम बहोत प्यार करती थी पर अब क्या हूआ । पैसे ने प्यार को खरीद लिया ?
मोनिका :- माँ मैं आपकी तरह नही हूँ जो पैसे को छोड़कर प्यार को चुना । आज हमारी क्या हालत है और अगर आप एक पैसे वाले से शादी की होती तो आज आपकी हालत कुछ और होती । आप रानी बनकर रहती , ना की ऐसी जिदंगी बिताती ।
मोनिका की बात को सुनकर रघुनाथ हैरान था । क्योकि उसकी बेटी उसके सामने ही उसकी बुराई कर रही थी । तभी रेखा मोनिका को चिल्लाकर कहती है ।
रेखा :- मोनिका । तुम्हारा दिमाग तो ठिक है । पैसा पैसा पैसा । इस पैसे ने तो तुम्हें मेंटल बना दिया है । अपने पापा के बारे मे इस तरह की बात बोल रही हो । तुम्हारी जानकारी के लिये मैं तुम्हें बता दूँ । के इस आदमी से शादी करके मैने कोई गलती नही की , मेरा नसीब अच्छा था जो मुझे ये मिले । पैसे से बढ़कर प्यार होता है ।
और ये बात तुम्हें बहोत जल्द पता चल जाएगी ।
इतना बोलकर रेखा वहां से चली जाती है । रेखा के इतना बोलने पर भी मोनिका को इन बातो का उस पर कोई असर नही होता है ।
अपने दिल पर पत्थर रख कर अपने जज्बातों पर काबू रखकर आदित्य दुसरे दिन फिर अपने ऑफिस को चला जाता है । आंखो मे आए आंशु को सबसे छुपाते हूए आदित्य रोज की तरह सुबह अपने ऑफिस पहूँचता है । आदित्य अपने पहूँचकर सबसे हंसके गुड मॉर्निंग कहता है और अपने काम मे लग जाता है । ऑफिस मे आदित्य के दो दोस्त थे एक कृतिका और दुसरा रमेश ।
आदित्य इन दोनो से अपनी हर बात शेयर करता था , और आदित्या विद्युत तिवारी का बेटा है ये बात ये दोनो जानते थे । आदित्य अपने काम से थोड़ी ब्रेक लेता है और एक कप कॉफी लेकर बालकनी मे अपान मायुस चेहरा लिए मोनिका के बारे मे सोच कर वही खड़ा रहता है । तभी वहां पर कृतिका और रमेश आता है । आदित्य के इस तरह से परेशान दैखकर कृतिका आदित्य से पुछती है ।
कृतिका :- क्या बात है आज यहां पर अकेले खड़े हो ! और कॉफी भी नही पिया ठंडी हो गई । ये चोंटे कैसे आई तुम्हें ।
आदित्य: - कुछ नही एक छोटा सा एक्सीडेंट हो गया था ।
रमेश :- तेरा एक्सीडेंट हुआ था , किसने किया और कहां पर हूआ ये सब ।
आदित्य उन दोनो को भी सब बोलकर सुनाता है ।
तभी आदित्य कॉफी को पिने जीता है के तभी फिर से कृतिका कहती है ।
कृतिका :- अहा । रुको , ये ठंडी हो गई है । ये लो तुम ये लो मैं दुसरी लेकर आता हूँ ।
कृतिका आदित्य के हाथ से उसकी ठंडी कॉफी उससे ले लेती है अपनी वाली दे देती है ।
रमेश :- क्या बात है आदी । आज तु इतना परेशान क्यो लग रहे हो ? मोनिका से झगड़ा वगड़ा हुआ है क्या ?
रमेश की बात का आदित्य कोई जबाव नही देता है तब कृतिका समझ जाती है के कुछ और बात है जिससे आदित्य बहोत परेशान है ।
कृतिका :- आदित्य क्या हूआ है ?
कृतिका के इतना कहने पर आदित्य के आखो मे आंशु आ जाता है । और फिर आदित्य कृतिका और रमेश को सारी बात बोल कर सुनाता है । जिसे सुनकर कृतिका कहती है ।
कृतिका :- यार विश्वास नही हो रहा है । के मोनिका ने ऐसा कहा । उसने पैसे के लिए तुम्हें छोड़ दिया । जब उसे पता चलेगा के उसने किसको खोया है तब उस दिन वो बहोत पछताएगी । मैं उससे अभी बात करती हूँ ।
कृतिका अपना मोबाइल निकालकर मोनिका के कॉल लगाने ही वाली थी के तभी आदित्य कृतिका को रोकते हूए कहता है ।
आदित्य: - नही कृतिका । तुम उससे कुछ नही कहोगी । जब उसे मुझसे ज्यादा पैसो से प्यार है तो उसे वही करने दो जो उसे करना है । और मेरी सच्चाई का उसे कभी नही पता चलने देना है । के मैं कौन हूँ ।
आदित्य बात को सुनकर कृतिका और रमेश चुप हो जाता है ।
रमेश :- पर यार अगर मोनिका को ये पता चल जाएगा के तुम कौन हो तो जरुर तुम्हारे पास आ जाएगी ।
आदित्य: - नही रमेश । यही तो मैं नही चाहता । हो सकता है वो चली भी आए पर वो मेरे लिए मेरे पैसे के लिए आएगी । और ऐसै प्यार से प्यार का ना होना ही बेहतर है ।
तभी वहां पर उस सॉफ्टवेयर कंपनी के मालिक मिस्टर भरत आता है और आदित्य और उसके दोस्तों को अपनी बेटी की engagement को कार्ड देते हूए कहता है ।
भरत :- अरे तुम सब यहां हो । आदित्य , रमेश , कृतिका यो लो , ये मेरी बेटी की शादी का कार्ड है अगले हफ्ते शादी है और तुम लोग जरुर आओगे ।
आदित्य: - जी सर हम सब जरुर आएगे । ये तो बहोत खुशी की बात है ।
भरत :- एक खुश खबरी और है । तुमने जो प्रोजेक्ट बनाया था वो मार्केट मे धुम मचा दिया है । तो इसकी भी एक पार्टी होनी चाहिए । तुम लोग जबसे मेरे कंपनी मे आए हो तबसे मेरी कंपनी बहोत आगे बड़ रही है । ऐसे ही काम करते रहो । और हां तुम लोगो का शेलेरी भी मैं दुगनी कर गिया है ।
शेलेरी दुगनी होने से रमेश और कृतिका बहोत खुश थे । पर आदित्य अब भी चुप था । भरत वहां से कार्ड देकर चला जाता है ।
रमेश :- थेंक्स यार आदी । तुम्हारी वजह से ही आज हम दोनो की शेलेरी बड़ गई । ये प्रोजेक्ट सिर्फ तुमने बनाया है । और साथ मे हम दोनो का भी नाम देकर तुमने हम दोनो का बहोत मदद की है ।
आदित्य: - ये क्या बोल रहे हो तुम लोग । अरे तुम दोनो तो मेरे दोस्त हो और एक दोस्त के लिए ही तो करता है ।
कृतिका :- आदित्य तुम इतने सिंपल कैसे हो सकते हो । हम जानते के तुम कौन हो ? हिंदुस्तान के सबसे अमिर आदमी के बेटे हो पर तुम मे जरा सा घंमड और एटिट्यूड नही है ।
आदित्य: - तो क्या हूआ के मे हिंदुस्तान के सबसे बड़े आदमी का बेटा हूआ तो । और इसमे घमंड , एटिट्यूड क्यू होगी । और वो भी तुम लोगो पर । चलो शादी की तैयारी करते है । शॉपिंग करते है ।
आदित्य के इतना कहने पर रमेश और कृतिका आदित्य के साथ शॉपिंग पर चला जाता है ।
शादी वाली रात भरत के बेटी की शादी थी , जहां पर आदित्य , कृतिका और रमेश तिनो अपनी बाईक से फंक्शन मे पहूँच जाता है । आदित्य बाइक से उतर कर अपना बाल ठिक करता है और अपने दोस्तो के साथ अंदर चला जाता है ।
पार्टी बोहत ही शानदार है । और होगी भी क्यों ना हिंदुस्तान का बहोत बड़ा सॉफ्टवेयर कंपनी जो है । पार्टी मे भरत ने सभी बड़े आदमियों और नेता मंत्रीयो को बुलाया था ।
पार्टी मे अशोक उसकी फेमिली , विकाश , मोनिका और उसकी बॉयफ्रेंड विकी , और इन सब मे खास हिंदूस्तान के सबसे अमिर आदमी विद्युत तिवारी भी इंनवाईटेड थे । आदित्य को पार्टी मे दैखकर अशोक बहोत खुश हो जाता है । अशोक और भरत दोनो ही एक दुसरे से बात कर रहे थे । आदित्य भरत के पास जाता है और उन्हें गिफ्ट दे देता है ।