चैप्टर 56
छत पर
माया शिवाय की बात सुनकर शिवाय के मुंह पर हाथ रखती है और अपने होठों पर उंगली रखते हुए बोली गलती से भी यह बात तुम्हारी जुबान में नहीं आना चाहिए, किसी को मेरी सच्चाई नहीं पता चलनी चाहिए।।
तभी कोई आकर, शिवाय के मुंह से माया का हाथ हटता है और माया को अपने तरफ खींच लेता है। माया झटका की वजह से उसे इंसान के बाहों में गिर जाती है।
अब आगे
शिवाय और माया उसे इंसान को देखते हैं, जिसने माया को इतनी जोर से खींचा था, तो कोई और नहीं इंद्रजीत होता है।
इस समय इंद्रजीत के चेहरे पर जलन और गुस्सा साफ-साफ नजर आ रहा था, इंद्रजीत माया को सही से खड़ा कर कर अपनी लो बट सर्द आवाज में बोला..."मिस माया आप ,इतना ठंड में छत पर क्या कर रही हो? वह भी मिस्टर कपाड़िया के साथ?
व..व्...वह मैं यहां टहलने के लिए आई थी लेकिन जब मैं आई थी तो पहले से ही मिस्टर कपाड़िया छत पर थे। मुड़कर वापस जाने वाली थी पर तब तक मिस्टर कपाड़िया ने मुझे देख लिया तो मुझे लगा कि ऐसे में उनके ही घर जाकर इन्हें इग्नोर कर कर जाऊंगी तो कितना बुरा लगेगा ,,, आई मैं उनके घर आकर उनको इग्नोर करना कितना disrespectful होगा।
यह सोचकर मैं मिस्टर कपाड़िया से बात कर रही थी।।(माया यह सब हकलाते हुए अपनी नजरों को नीचे कर कर बोलती है।
इंद्रजीत अपने पॉकेट से हंडकेर्चीफ को निकाल कर माया के माथे को पहुंचते हुए बोला ...."बस इतना बोलने के लिए आप कितना डर रही हो मिस माया इतनी ठंड में भी आपको पसीना निकल रहा है , क्या आपकी तबीयत ठीक है?
वह शक करते हुए बोल रहा था।
उसकी आवाज में कोई बदलाव नहीं था- ना ही उसके एक्सप्रेशन में।। सब कुछ नॉर्मल था, पर माया को फिर भी समझ नहीं आ रहा था कि वह इंद्रजीत की बातों में कूछ अजीब सा महसूस कर रही है।
वैसे आप लोग क्या बात कर रहे थे, वह भी इतना करीब होकर? इंद्रजीत सवाल करता है?
इंद्रजीत का सवाल सुनकर शिवाय तो, कुछ नहीं बोलता है वह बस मुख्य दर्शक बनकर माया और इंद्रजीत के बीच का तनाव को देख रहा था और उनकी बातों को सुन रहा था।
वह क्या है ना Boss मेरा पैर twist हो गया था मैं नीचे गिरने वाली थी पर मिस्टर कपाड़िया ने मुझे गिरने से बचा लिया? माया इंद्रजीत से सफेद झूठ बोल रही थी। शिवाय माया को पहले से नहीं जानता तो उसे माया के झूठ पर आसानी से यकीन हो जाता था। क्योंकि माया इतनी सफाई से झूठ बोल रही थी।
इंद्रजीत माया की बात सुनता है पर उसे कोई जवाब नहीं देता ना ही आगे उससे कुछ सवाल करता है जिसकी वजह से माया और शिवाय को समझ नहीं आ रहा था कि इंद्रजीत उनकी बातों को सच माना है या नहीं।
"बहुत रात हो चुकी है ऊपर से बहुत ठंड है आई थिंक हमें नीचे चलना चाहिए वैसे भी कल सुबह हमें यहां से जल्दी जाना है,,
। इंद्रजीत इतना बोलकर माया को वहां से ले जाता है पर कुछ आगे जाकर रुक जाता है.....(उसे यू रुकते देखकर शिवाय और माया एक दूसरे की आंखों में देखते हैं जैसे पूछना चाहते हो कि अभी इसे ,क्या हुआ है क्यों रुका है)
शिवाय की तरफ देखता है और शिवाय से बोला..." मिस्टर कपाड़िया आई थिंक आपको भी नीचे चलना चाहिए,,।
hmmm, अब चलिए मैं कुछ देर बाद आऊंगा शिवाय बोलता है।
शिवाय की बात सुनकर इंद्रजीत वहां से माया को लेकर जाता है।।
सुबह का समय।
सभी के कानों में एक गाने की आवाज पड़ती है जिसे सुनकर वह लोग गाने की आवाज की तरफ बढ़ते है तो वह लोग गार्डन एरिया में जाते हैं जहां पर वह देखते हैं कि दो लड़कियां डांस कर रही थी, जिसे देखकर सबकी आंखें चौंधिया गई।
किसी को भी उन दो लड़कियों की चेहरा नहीं दिखाई दे रहा था । क्योंकि सब की तरफ लड़कियों का पीट था।।
उनमें से एक लड़की गाने की शुरुआती धुन को गुनगुनाते हुए पलटती है,
बांके तितली दिल उड़ा उड़ा ,उड़ा है कितनी दूर....(२x)बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर.. यह लड़की दुर्गा थी। जो,अपनी कमर को हल्के से मटकाते हुए अपने हाथों को लहरा कर, डांस कर रही थी दुर्गा के हर मूवमेंट में एक ठेराव सा था।जो गाने के धुन के हिसाब से तिरक रहा था
दुर्गा का स्टेप खत्म होते ही दूसरी लड़की मूडाती है तो यह माया होती है ,माया अपने कलाइयों को अलग-अलग मुद्रा बनाते हुए पलटती है । माया एक्सप्रेशंस को गाने के लिरिक्स के हिसाब से बदलते हुए सेमी क्लासिकल मूव्स करती है।
चाल के ख़ुशबू से जुड़ा जुड़ा
जुड़ा है कहीं दूर
हादसे ये कैसे
अनसुने से जैसे चूमे अंधेरों को
कोई नूर
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..
सिर्फ कह जाऊं या
आसमान पे लिख दूं
तेरी तारीफों में
चश्में बाद्दूर
इसके बाद दुर्गा अपने स्टेप्स को करती है।
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..
चाल के ख़ुशबू से जुड़ा जुड़ा
जुड़ा है दूर
।
भूरी भूरी आँखें तेरी
कनखियों से तेज़ तीर कितने छोड़े
धानी धानी बातें तेरी
उड़ते फिरते पंछियों के रुख भी मोड़े।
फिर माया अपने स्टेप्स को करती है।
अधूरी थी ज़रा सी
मैं पूरी हो रही हूँ
तेरी सादगी में होके चूर
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..
चाल के ख़ुशबू से जुड़ा जुड़ा
जुड़ा है दूर
इसके बाद दुर्गा और माया एक 7 ताल से ताल मिलाकर डांस के स्टेप्स करने लगती है। उनके हर एक मुंह में लिरिक्स के अकॉर्डिंग एक्सप्रेशंस थे बॉडी मूवमेंट शटल बट ब्यूटीफुल थे।
रातें गिन के नींदें बुन के
चीज़ क्या है हम ने जानी
तेरे सुर का साज़ बन के
होती क्या है रागदारी हम ने जानी
जो दिल को भा रही है
वो तेरी शायरी
या कोई शायराना है फितूर
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..
चाल के ख़ुशबू से जुड़ा जुड़ा
जुड़ा है दूर
हादसे ये कैसे अनसुने से जैसे
चूमे अधेरों को कोई नूर
बन के तितली दिल उड़ा उड़ा
उड़ा है कहीं दूर..सिर्फ कह जाऊं या
आसमान पे लिख दूं
तेरी तारीफों में चश्मे बद्दॊर
लास्ट में दोनों बिना रुके घूमने लगते हैं, लेकिन वह घूमते घूमते भी अपने हाथों के मूवमेंट्स को नहीं रोकते हैं दोनों के मूवमेंट्स इतनी सॉफ्ट थे कि वहां पर सब खड़े किसी को समझ नहीं आ रहा था कि किसका डांस देखें।
ऐसे ही गाना खत्म होता है तो दोनों एक पोस्टर लेकर खड़े होते हैं.. उन दोनों के साथ से भारी हो चुकी थी, उनके चेहरे पर हल्का-हल्का पसीना था थोड़ा धूप की वजह से तो थोड़ा डांस की वजह से जिसकी वजह से उनका चेहरा और भी ज्यादा गला कर रहा था।
तभी उन दोनों के कानों में तालिया की आवाज गूंजती है तो वह सामने देखते हैं तो सामने इतने सारे लोगों को देखकर उन्हें समझ नहीं आता वह क्या करें वह जैसे ही अपने posture ब्रेक कर कर सीधा खड़े होने की कोशिश करते हैं तो माया का बैलेंस बिगड़ जाता है और वह गिरने लगती है।
पर इससे पहले ही इंद्रजीत जाकर माया को गिरने से बचा लेता है उसे उसकी कमर से थाम लेता है। जिसकी वजह से माया अपनी आंखों को बड़ी-बड़ी कर कर इंद्रजीत को देखने लगती है इंद्रजीत भी माया की चेहरे में खोने लगता है क्योंकि इस वक्त माया का चेहरा उसे बहुत ही ज्यादा अट्रैक्टिव और मासूम लग रहा था। माया , चेहरे का पसीना हल्की-हल्की धूप की वजह से चमक रहा था जो माया को और भी ज्यादा अट्रैक्टिव बना रहा था।
तभी उन दोनों की कानों में किसी की खराशने की आवाज आती है... hmmmmm.......(यह आवाज दुर्गा करती है)
जिसकी वजह से वह दोनों होश में आते हैं और बाकी सब को देखते हैं जो उन्हें टुकुर-टुकुर देख रहे थे।
जिसकी वजह से वह अपनी नजरों को इधर-उधर करते हैं इस वक्त उनके चेहरे पर एंबार्रास्मेंट साफ-साफ नजर आ रहा था। ।
रमन जी, माया और इंद्रजीत की आंखों में एंबार्रास्मेंट देखकर, सबका ध्यान उन दोनों से हटाने के लिए बोले तुम दोनों ने बहुत अच्छा डांस किया है, अगर यहां भी कोई कंपटीशन होता तो जज को कंफ्यूजन होता कि तुम दोनों में से जीता कौन इतने अच्छे से तुम दोनों ने डांस किया है।
उनकी बातों का असर सब पर हो गया था जिसकी वजह से सबका ध्यान इंद्रजीत और माया से हटकर दुर्गा और माया के डांस परफॉर्मेंस में था सभी ने दोनों का बहुत तारीफ किया।
यहां तक की खुशी जी ने दोनों की पैसों से नजर उतार कर, एक सर्वेंट को दिया यह कहकर कि यह पैसे किसी जरूरतमंद को दो।
उसके बाद वह सब लोग वहां से डायनिंग एरिया में चले गए जहां पर सभी के लिए नाश्ता पहले से ही रखा हुआ था। वह लगा नाश्ता कर लेते हैं उसके बाद।
इंद्रजीत और माया सब से मिलकर उनसे विदा लेते हैं। सभी को उन दोनों का इतनी जल्दी जाना पसंद नहीं आया पर वह जानते थे कि वह चाहते हूए भी उन दोनों को नहीं रोख सकते थे।
उसके बाद सभी लोग अपने-अपने कामों में बिजी होते हैं। दुर्गा कार्तिक हॉस्पिटल के लिए चले गए थे। कौरव अपने स्कूल के लिए। शिवाय ने दोनों बच्चों को यहां पर टेंपरेरी क्लासेस लगवाए थे जिसकी वजह से वह दोनों भी अपने क्लासेस में बिजी हो गए थे। और बाकी सब लोग शर्मा विला गए थे। आरोही और तरुण की शादी की तैयारी में हाथ बताने के लिए।
कपाड़िया कॉरपोरेशन।
इस वक्त शिवाय अपने हाथों में कुछ फाइल्स लेकर वनराज की केबिन की तरफ जाता है।
क्योंकि वह जिस काम के लिए इंडिया आया था वह काम हो चुका था सिमरन जी को सही सलामत घर लाना था। रमन जी की तबीयत भी ठीक हो गई थी अपने बच्चों को अपने परिवार से मिलवाना हो गया था और परिवार को अपने बच्चों से। सारे परिवार को एकजुट लाना था।
और कंपनी के कुछ प्रॉब्लम को सेटल करना था वह भी हो गया था। सक्षम को पकड़ना रह गया था पर वह यह काम अमेरिका में रहकर भी कर सकता था। और सबसे बड़ी बात वह आरोही और तरुण की शादी को अटेंड नहीं करना चाहता था।
और ना ही अपने बच्चों के साथ इंडिया में रहना चाहता था क्योंकि वह जितना ज्यादा समय तक इंडिया में रहेगा उतना सच सामने आने का खतरा रहेगा।
यह सोच कर वह वनराज का केबिन का दरवाजा खोलता है।
वनराज अपने केबिन में गुस्से से बैठा हुआ था, तभी शिवाय दरवाजा knock कर कर अंदर आता है और वनराज के सामने खड़े हो जाता है ...जैसे ही वनराज ने शिवाय को दिखा तो वह अपने चेयर से उठकर शिवाय को एक जोरदार थप्पड़ मारता है।
जिसे देखकर शिवाय की आंखें खुली की खुली रहती है क्योंकि आज तक वनराज ने शिवाय पर हाथ उठाना तो दूर आंखें बड़ी कर कर भी नहीं देखा था।
शिवाय अपने गाल पर हाथ रखकर बस वनराज को देख रहा था कि।। वनराज ने उस फाइल को उठाकर शिवाय के ऊपर फेंकते हुए बोला यह सब क्या है शिवाय ।।।।।।(जैसे ही वनराज ने फाइल फेंका था तो उसे फाइल के सारे पेपर उड़कर शिवाय के ऊपर से नीचे गिर जाता है। )आज पहली बार वनराज ने शिवाय का पूरा नाम लिया था नहीं तो वह हमेशा शिवाय को शिवू या छोटे कर कर बुलाता था।
यह तुमने क्या किया शिवाय ?इतना बोलकर वह शिवाय को और एक जोरदार से थप्पड़ मारता है।
वनराज जो अपनी कमर पर हाथ रखकर केबिन में इधर से उधर घूमते हुए बोला मुझे तुमसे यह उम्मीद नहीं थी शिवाय ।आज तुमने मेरा भरोसा तोड़ दिया है। मैं हमेशा कितने गर्व से कहता था कि "दी शिवाय कपाड़िया" मेरा छोटा भाई है आज तूने मेरा सर शर्म से झुका दिया, मेरा भरोसा तोड़ दिया।
वनराज की बात सुनकर शिवाय को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो वह वनराज से पूछ्ता यह क्या बोल रहे हो भाई आप ............मैंने ऐसा क्या किया है जो आप इतना गुस्सा कर रहे हो ?अपने मुझे क्यों मारा ?
शिवाय की बात सुनकर वनराज अपनी उंगली शिवाय की तरफ करते हुए बोला क्या तुम्हारे अंदर अभी भी इतनी हिम्मत है कि तुम मुझसे सवाल कर सको इतना बोलकर वह नीचे गिरे हुए फाइल के पेपर में से एक पेपर निकाल कर शिवाय को देता है।
शिवाय जब उसे पेपर को अपने हाथ में लेकर पड़ता है तो उसके हाथ से वह पेपर छूट जाता है और उसे अब समझ में आया कि क्यों उसके भाई ने उसे क्यों मारा और इतने गुस्से में क्यों है?
(आई नो रीडर की चैप्टर्स बड़ा लंबा खिंच गया था, past टाइम में हम बहुत रह गए थे बट अब प्रेजेंट में आते हैं)
प्रेजेंट टाइम।
उन पेपर्स में शिवाय के सारे करना में छुपे हुए थे। उसे पेपर में आर्य और संवि का सच छुपा हुआ था किस तरह से वॉइस दुनिया में आए कौन है उनकी बायोलॉजिकल मां पूरे के पूरे डीटेल्स थे। यहां तक की इस पेपर में यह भी साफ-साफ लिखा गया था कि कौन-कौन शिवाय का साथ दे रहा था।
वनराज शिवाय के कंधे को झंझरते हुए बोला... " यह क्या कर दिया तूने शिवाय इतना घटिया काम मेरा छोटा कैसे कर सकता है ?तुम मेरे सिवाय नहीं हो तुम वह शिवाय नहीं हो जो किसी के साथ इतना बुरा कर सकता है। मेरा शिवाय कठोर था मगर निर्दय नहीं था।
तुम ऐसे कैसे कब से बन गए शिवाय, हमारी परवरिश में क्या कमी रह गई थी। और एक थप्पड़ मारते हुए आगे कहता है तूने जो किया है वह गलती नहीं गुनाह है एक ऐसा गुनाह जो शायद कभी माफ नहीं किया जा सके।
तुझे पता है अगर किसी को यह सच्चाई पता चली तो क्या हो सकता है......(कुछ समय रुक कर एक सांस लेते हुए अपने कमर पर हाथ रखकर)...... नहीं ना अगर पता होता तो यह सब नहीं करते तुम!! सब कुछ भीकर जाएगा, दादा दादी मां पापा का सर शरम से झुक जाएगा.!!
तुम इतना प्यार में कैसे अंधे हो सकते हो तुम......
जिससे प्यार किया उसे ही इतना बड़ा धोखा दिया उसके साथ इतना घटिया हरकत किया कैसे शिवाय कैसे? वनराज शिवाय के सामने जाकर उसका हाथ अपने सर पर रखकर बोल सच-सच बता शिवाय यह तूने क्यों किया है क्योंकि मैं तुझे जहां तक जानता हूं तू ऐसे नहीं कर सकता है खासकर उसे लड़की के साथ तो बिल्कुल नहीं जिसे तू बेइंतहा प्यार करता है। मुझे ऐसा क्यों लग रहा है कि आरोही के साथ इतना हां घटिया हरकत करने की वजह सिर्फ प्यार नहीं है कुछ और भी है बताओ मैं तेरी हर बात को सुनेगा और समझेगा भी एक बार बता दे शिवाय। (वनराज की बातों में प्लीडिंग नजर आ रही थी।)
शिवाय जट से वनराज के सर से हाथ हटता है और अपनी नजरों को इधर-उधर करता है। जिसे देखकर वनराज आगे कहता है।
अच्छा हुआ कि चाचा और चाची इस दुनिया से पहले ही जा चुके हैं अगर उन्हें तुम्हारी हरकत पता चलती तो वह शर्म के मारे ही मर जाते (वनराज गुस्से में जो आया वह बोल रहा था।)
नफरत है मुझे उससे नफरत बेइंतहा नफरत करता हूं।वनराज की आखिरी लाइन सुनकर शिवाय के तन बदन में आग लगता है, जिसकी वजह से शिवाय अपने दिल की बात जुबां पर लता है।।
शिवाय की बात सुनकर वनराज दांग रहता है। उसे समझ नहीं आ रहा था कि वह आगे क्या बोले क्योंकि शिवाय ने जो इतना बड़ा बम उसके सिर पर थोड़ा था उसे बाहर निकालने के लिए उसे कुछ समय तो लगाना ही था।
आखिर क्यों करता है शिवाय आरोही से नफरत वह तो उसका पहला प्यार थी ना?
वनराज आगे क्या करेगा यह सच जानकर।।
इतना बड़ा सच जानकर आपको कैसे लगा? कमेंट बॉक्स मैं बताना जरूर।।
स्पॉइल अलर्ट
आगे कहानी में बहुत सारे ट्विस्ट एंड टर्न्स आएंगे बहुत सारे शिवाय के अतीत के राज खुलेंगे। तो आगे के चैप्टर पढ़ना मत भूलना।
गैस चैप्टर को रेटिंग देना मत भूलना और नीचे
सपोर्ट कंटेंट है जहां पर आपको ऑथर्स को अपने हिसाब से कोइंस देना होता है। प्लीज कॉइन देना मत भूलना।
थैंक यू सो मच।