चैप्टर 55
पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि वनराज और शिवाय शेखर और उर्मिला जी को खपड़िया मेंशन में रुकने के लिए मनाते हैं। खुशी जी के हाथों में सिटी हॉस्पिटल का पेपर होता है जिसे देखकर वह अपने आंखों को बड़ी करती है ।।
अब आगे।
जैसे ही खुशी जी उसे कागज को खोलकर पड़ती है तो उसे पर बच्चे और आरोही का डीएनए टेस्ट रिपोर्ट होता है जिसका रिजल्ट नेगेटिव में आता है इसका मतलब कि बच्चों और आरोही का डीएनए मैच नहीं हुआ।
"शुक्र है कान्हा जी! का मेरा शक सिर्फ शक था,, इतना! वह मन में बोलकर एक राहत की सांस लेती है।
तभी वह अर्णव जी को कमरे में आते देखकर, उसे कागज को फाड़ कर डस्टबिन में फेंक देती है।
छत पर
इस वक्त मौसम बहुत ही ज्यादा ठंडा था। इस ठंडे मौसम में कोई -छत पर खड़ा था उसका चेहरा अंधेरी की वजह से साफ साफ नहीं दिखाई दे रहा था लेकिन वह जो भी था वह चांद को एक तक
निहार रहा था।
तभी उसे शख्स के कानों में किसी की आवाज पड़ती है।
"ऐसी अर्जेंटली क्या बात करनी थी तुम्हें जो मुझे छत पर बुलाया है अगर किसी को पता चला कि हम दोनों एक दूसरे को जानते हैं तो, क्या बोलोगे,,?
यह बात शिवाय फर्म आवाज में बोलता है शिवाय की आंखों में नर्मी थी, पर बातों में सकतीं थीं ।
शिवाय की बात सुनकर वह शख्स जो चांद को एक -टक निहार रहा था ,वह पीछे पलटता है और शिवाय के चेहरे पर एक कागज फेंकता है जिसे देखकर शिवाय को गुस्सा आता है।
पर वह अपने गुस्से को कंट्रोल कर कर उसे पेपर को जमीन से उठाकर खोलता है और उसे पढ़ने लगता है।
जैसे जैसे शिवाय उसे पेपर में लिखे हुए बातों को पढ़ रहा था वैसे-वैसे उसके चेहरे के भाव बदल रहे थे। उसके चेहरे पर गुस्से की जगह परेशानी ने ले लिया था ।
यह पेपर कुछ और नहीं बल्कि आरोही और बच्चों का डीएनए टेस्ट रिपोर्ट था जिस पर साफ-साफ रिजल्ट पॉजिटिव लिखा हुआ था।।
शिवाय पढ़ने के बाद अपनी आंखों को ऊपर कर कर उसे शख्स को सवालिया निगाहों से देखने लगता है।
शिवाय की नजरों में सवाल समझ कर वह शख्स बोला "यह रिपोर्ट तुम्हारी दादी मां ने निकाली है इससे पहले वह रिपोर्ट देख पाती ।
मैंने रिपोर्ट को दूसरे रिपोर्ट से बदल दिया था वरना आज तक जो सच तुम छुपा रहे हो वह सबके सामने आ जाता। (उसे शख्स यह बात मज़ाक़िया ढंग से बोल रहा था पर उसके आंखों में कोई भाव बिल्कुल भी नहीं था)
"थैंक यू सो मच मेरी इतनी मदद करने के लिए पर तुम्हें कैसे पता चला रिपोर्ट के बारे में तुम तो आज ही आई हो,,?
शिवाय की बातें सुनकर वह शख्स अंधेरी जगह से उजाले में आता है ,तो यह कोई और नहीं माया थी।
शिवाय की बात सुनकर माया ने जवाब दिया जब दोपहर तुम सब लोग एक दूसरे से बातें कर रहे थे।
मैं बाहर गार्डन में टहलने के लिए गई थी तब पोस्टमैन आकर पार्सल दिया ।
जिसे देखकर पता नहीं मुझे कुछ गलत होने का महसूस हुआ तो , मैंने एक पाल गवए बीन पार्सल को खोल तो उसमें डीएनए टेस्ट रिपोर्ट देखें उसके बाद मैं अपने आदमियों से कहकर यह पता लगवाया की आखिर किसने डीएनए टेस्ट करवाया है ।
क्योंकि जहां तक मैं जानती थी कि यह तुम तो नहीं हो सकते तो, कुछ ही देर में मेरे आदमी ने जवाब दिया कि यह काम तुम्हारी दादी का है तो , मैं तुरंत समझ गई और टेस्ट रिपोर्ट को बदल दिया।
उसकी बात सुनकर शिवाय एक राहत की सांस लेता है तभी पीछे से दुर्गा की आवाज आती है" पर कैसे आई मीन तुम्हें इतनी जल्दी टाइम कैसे मिला कि तुम रिपोर्ट बदल सको,,।?
लगता है तुम भूल गई हो कि मैं कौन हूं 🤨मेरे लिए यह काम करना बस पलक झपकाने जितना आसान था। माया, दुर्गा की तरफ देखकर बोलती है।
उसकी बात सुनकर दुर्गा बस बेवकूफ हो की तरह मुस्कुरा देती है।।
वह तीनों एक दूसरे से बात कर ही रहे थे कि उन्हें किसी की कदमों की आवाज सुनाई देती है जिसकी वजह से वह खामोश होकर छत की दरवाजे की तरफ देखते हैं तो वहां कार्तिक को देखकर सभी लोग एक राहत की सांस लेते हैं।
कार्तिक उन सबके एक्सप्रेशन देखकर मजाकिया ढंग से बोला तुम लोग मुझे ऐसे क्यों देख रहे हो जैसे तुम लोगों ने किसी भूत को देखा हो।
बुड़बक! ऐसे चोरों की तरह कौन आता है? दुर्गा चिड़कर बोली।
कार्तिक दुर्गा की बात पर जवाब देता ।उसे पहले ही माया कार्तिक से बोली "मुझे तुमसे अर्जेंटली बात करनी है"। उसके बाद करने के तरीके से सबको समझ आ गया की बात कोई सीरियस है जिसकी वजह से कार्तिक और दुर्गा अपनी मस्ती भार अंदाज छोड़कर सीरियस हो गए।
बोलो क्या बोलना है?शिवाय ने कहा।
माया कार्तिक की तरफ अपनी नजरों को कर कर बोली क्या मेरी बीमारी ठीक हो गई है? क्या तुम मेरा चेकअप कर सकते हो।
बीमारी !ठीक हो गई पर कैसे और तुम यह बात हमें अभी बता रही हो दुर्गा हैरानी के भाव लेकर बोली।
सभी लोग दुर्गा की बातों को नजर अंदाज करते हुए माया को देखने लगे।
माया ने कहा पता नहीं पर पहली बार मिस्टर खन्ना ने मुझे टच किया तो मुझे कुछ भी अनइजी फील नहीं हुआ ना ही किसी तरह का रिएक्शन हुआ पहले मैंने इस बात को नजर अंदाज कर दिया यह सोचकर की मैंने दवाई ले ली ,पर मिस्टर राव ने टच किया तभी मेरे शरीर पर रैशेस आए थे। यहां तक कि मैं अपने मेडिसिंस ले लिया था फिर भी आए।
पर इस बात से कैसे पता चला कि तुम्हारा हेल्थ ठीक हो गया है? दुर्गा ने अपने हाथों को पीछे मोड़कर अपने चेहरे को माया की ओर झुक कर पूछा।
जिस पर माया जवाब देती है जब जब मिस्टर खन्ना मुझे टच करते हैं तब तक मेरे शरीर पर कोई भी रैशेस नहीं होते हैं, ना ही मेरी तबीयत खराब होने लगती है।।
उसकी बात सुनकर दुर्गा अपने हाथों को जोड़कर अपने एक गाल पर लगाते हुए अपनी आंखों को मटकाते हुए बोली क्या कहा तुमने सच तुम्हारी बात सुनकर मुझे ऐसा लग रहा है कि मैं किसी नोवल को लाइव सुन रही हूं।।
इस बार भी सभी लोग दुर्गा के बचकानी हरकत को इग्नोर कर कर कार्तिक की तरफ देखते हैं तो कार्तिक बोला पर ऐसे कैसे हो सकता है तुम्हारा शरीर तब रिएक्ट करना बंद कर देता है जब वह टच किसी का फैमिलियर हो तो। और यह रिएक्शन तो तुम्हारा बचपन से ही है अगर कोई भी अननोन पर्सन तुम्हें टच करता है तो तुम्हारी शरीर रिएक्ट करने लगता है तुम्हारी तबीयत खराब होने लगती है अजीब से रैशेस आने लगते हैं।
कार्तिक की बात सुनकर सभी के मुंह देखने लायक थे किसी को समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा कैसे हो सकता है।
तभी शिवाय अपना अंदाजा लगाते हुए बोला शायद तुम मिस्टर खन्ना को अच्छे से जानती हो इसलिए उनके टच से तुम्हें कोई भी साइड इफेक्ट नहीं हुआ है।
नहीं! मैं उसे आदमी को नहीं जानती हूं ना ही मैंने पहले उसे मिली हूं। माया की बात में कॉन्फिडेंस था।
माया की बात सुनकर दुर्गा बोली अच्छा यह बताओ कि जब जब तुम उसे आदमी के करीब जाती हो या वह तुम्हारे करीब आता है तो तुम्हें कैसे महसूस होता है।
दुर्गा की बात सुनकर माया अपने दोनों आइब्रोज को उठती है। उसके एक्सप्रेशन देखकर दुर्गा बोली अरे बाबा बस तुम जवाब दो उसके बाद मैं तुम्हें अपने सवाल पूछने का रीजन बताऊंगी।
दुर्गा की बात सुनकर माया इंद्रजीत को याद करते हुए उन सारे मोमेंट्स को अपने आंखों के सामने रेल की तरह चलते देखकर बेख्याली में बोली "नहीं पता जब वह करीब होते हैं।, अजीब सा महसूस होने लगता है, दिल जोरो से धड़कने लगता है। सांस से भारी होने लगती है। हमेशा दिल और दिमाग की जंग होने लगती है एक कशमकश होने लगती है।
माया आगे कुछ बोल पाती उससे पहले ही दुर्गा जोर से ताली बजाते हुए उछाल कर बोली मुझे पता चल गया कि तुम्हें कौन सी बीमारी हो गई है? इस वक्त दुर्गा के चेहरे पर ऐसा स्माइल था जैसे उसे एक करोड़ की लॉटरी लग गई हो।
दुर्गा की आवाज सुनकर माया अपने ख्यालों से बाहर आती है और दुर्गा को ताकने लगती है उसके साथ-साथ शिवाय और कार्तिक भी दुर्गा को देखने लगते हैं जैसे उन्हें भी जवाब जानना हो।
जब दुर्गा अपने ऊपर तीनों की नजरों को महसूस करती है तो वह कार्तिक के कंधे पर हाथ रख कर बोली" एंजेल प्रिंसेस को लवेरिया हुआ है वह भी एक खूंखार माफिया से बिल्कुल अभी जो नोवल पढ़ रही हूं उसी की तरह ( एंजेल्स इनोसेंट माफिया।)
दुर्गा की बात सुनकर शिवाय और कार्तिक को समझ नहीं आता कि वह क्या बोले पर माया का एक्सप्रेशंस गुस्से में तब्दील हो गया। वहां का पूरा माहौल ठंडा पड़ गया जिसे महसूस कर कर दुर्गा जो उछल रही थी वह शांत हो जाती है कार्तिक की हालत भी नॉर्मल नहीं थी।
ऐसा बिल्कुल नहीं हो सकता मुझे उसे आदमी से प्यार नहीं हो सकता मैं उसे आदमी की जिंदगी में बस अपना बदला लेने गई हूं मुझे उसे आदमी से नफरत है सिर्फ नफरत माया आंखों में लाल डोरी लेकर पोजेस इंसान की तरह बोल रही थी।
माया की बातें सुनकर दुर्गा डर गई थी और कार्तिक से चिपक गई थी जिसे महसूस कर कर कार्तिक में भी दुर्गा को ठीक से पकड़ लिया था।
माया इस समय इतने गुस्से में थी कि उसका पूरा शरीर कांप रहा था जिसे देखकर शिवाय उसे शांत करवाने की कोशिश करता है।।।
शांत हो जाओ माया इतना गुस्सा तुम्हारे सेहत के लिए ठीक नहीं है। कुछ मिनट बाद में आया लंबी-लंबी सांस लेकर शांत होती है।
उसको शांत देखकर दुर्गा हिम्मत करते हुए बोली देखो मुझे नहीं पता कि तुम मिस्टर खन्ना से क्यों नफरत करती हो ,तुम्हें उनसे किस चीज का बदला लेना है। पर मैं इतना जानती हूं कि तुम्हें उनके लिए कुछ महसूस हो रहा है। जिसे तुम आज मुकर रही हो पर आगे नहीं मुकर पाओगी। मैं यह बात पूरे दावे के साथ बोल सकती हूं मैंने आज तुम दोनों का बोंड देखा था। तुम बोलती हो कि तुम्हें उससे नफरत है पर मैं देख रही थी कि तुम उसकी किस तरह से परवाह कर रही हो। उसके छोटी-छोटी बातों को ध्यान रखती हो। और मैं पूरे 100% बोल सकती हूं कि यह तुम्हारी फीलिंग एक तरफा नहीं है उसके भी आंखों में तुम्हारे लिए कुछ है। इतना बोलकर वह कार्तिक को वहां से ले जाती है।
उन दोनों को जाते ही शिवाय बोला क्यों तुम अपनी जिंदगी नफरत और बदले के चक्कर में बर्बाद कर रही हो माया, और जितना मैं मिस्टर खन्ना को आज ऑब्जर्व किया है उससे मुझे यह नहीं लगता कि जो 5 साल पहले हुआ , वह मिस्टर खन्ना ने करवाया है। मुझे लगता है कि तुम्हें कुछ गलतफहमी हो गई है।।
माया बस शिवाय की बातों को सुन रही थी और कुछ सोच रही थी वह वापस से रेलिंग के पास खड़े होकर आसमान को देखते हुए बोली अगर मिस्टर खन्ना एक परसेंट भी इनोसेंट होंगे तभी, मुझे उनसे प्यार करने का हक नहीं है मेरी जिंदगी में पहले से ही बहुत सारी जिम्मेदारियां है मुझे अपने बदले को भी लेना है ।उस R.R को ढूंढ़ कर अपने भाई की मौत का बदला लेना है अपने भाई को इंसाफ दिलवाने है और तुम भूल गए हो मैं एंजेल आर्गेनाइजेशन की प्रिंसेस हूं मुझ पर बहुत लोगों की जिंदगी टिकी हुई है अगर मैं अपने बारे में सोचूंगी तो उनके बारे में कौन सोचेगा।
शिवाय उसके बाजू खड़े होकर रेलिंग को पकड़ कर बोला देखो हर किसी को उनकी मोहब्बत मिल जाए यह जरूरी नहीं होती नफरत में तुम अपनी मोहब्बत को मत भूलना मेरी बात एक बार फिर से सोचना मुझे नहीं लगता कि इंद्रजीत खन्ना तुम्हारा गुनहगार है।
एक दिन ऐसा ना हो जाए कि तुम्हें सच्चाई पता चले और तुम्हें पछताने का भी मौका ना मिले अपनी जिम्मेदारी और नफरत के चलते अपनी मोहब्बत को नजर अंदाज मत करना।
अपनी नफरत को इतना मत बढ़ने देना कि तुम्हें उसकी सच्चाई नजर ना आए।
"मगर वह एक माफिया है और माफिया किसी के सगे नहीं होते हैं,,।माया शिवाय के तरफ देखते हुए बोलती है।
माया की बात सुनकर शिवाय गहरी सांस लेता है और तिरछी मुस्कान लेकर माया से बोल सच में माफिया किसी के सगे नहीं होते? उसका टोन कुछ अजीब सा था जिसे समझ आएगा उसे वह एक जवाब लगेगा जिसे नहीं आएगा उसे वह एक सवाल लगेगा। (आपको क्या लगता है कमेंट में बताना)
माया शिवाय की बात सुनकर शिवाय के मुंह पर हाथ रखती है और अपने होठों पर उंगली रखते हुए बोली गलती से भी यह बात तुम्हारी जुबान में नहीं आना चाहिए, किसी को मेरी सच्चाई नहीं पता चलनी चाहिए।।
तभी कोई आकर, शिवाय के मुंह से माया का हाथ हटता है और माया को अपने तरफ खींच लेता है। माया झटका की वजह से उसे इंसान के बाहों में गिर जाती है। (डियर रीडर्स कमेंट में बताना की माया किसके बाहों में गिरी है)
वनराज के कमरे में
इस वक्त वनराज किसी से कॉल पर बात कर रहा था कॉल के दूसरे तरफ से इंसान बोल बस मुझे छोटे बॉस के बारे में बहुत सारी इनफार्मेशन पता चल चुकी है मैंने सारी इनफार्मेशन एक फाइल में भेजा है कल सुबह तक वह आपके ऑफिस में आ जाएगा।
इतना बोलकर इंसान खामोश होता है उसकी ख़ामोशी महसूस कर कर वनराज बोला अच्छा ठीक है आगे और इनफॉरमेशन पता चलेगा तो मुझे इन्फॉर्म कर देना इतना बोलकर वनराज कॉल कट कर देता है।
कॉल कट होने के बाद वनराज एक लंबी सांस लेकर बोला शिवू मेरा भरोसा टूटने मत देना। आई होप की कल फाइल में कुछ ऐसा ना मिले जिसे देखकर मुझे अपने आप से नज़रें मिलना मुश्किल हो। इतना बोल खबर फोन को बेड पर फेंक कर वॉशरूम की ओर बढ़ जाता है।
स्पॉइल अलर्ट।।
वनराज का शिवाय को थप्पड़ मारना वनराज को सच पता चलना।
स्टोरी प्रमोशन
हेलो मेरा नाम माया है और यह 6 फीट का आदमी जो मेरे बाजू खड़ा है इनका नाम इंद्रजीत खन्ना है। आपको पता है हमारी कहानी इस प्लेटफार्म पर मौजूद है प्लीज इसे जरूर पढ़िएगा। माया इतना बोलकर इंद्रजीत के बाजू पर हाथ मारती है और उसे आगे बोलने का इशारा करती है।
उसके इशारे को समझ कर इंद्रजीत बोला हमारी कहानी सब की तरह नहीं है हमारी कहानी में रिवेंज और हेट वाली कहानी है । तो हमारी कहानी पड़ेगा जरूर। जिस तरह से अपने इस कहानी को प्यार दिया है इस तरह हमारी कहानी को भी प्यार देना उससे ज्यादा देना। धन्यवाद।
कमेंट और रिव्यू देना ना भूले, और मेरी बाकी novels को भी पढ़ना और उन पर अपनी राय देना।