Rahashyo ki Parchhai - 4 in Hindi Spiritual Stories by Diksha Dhone books and stories PDF | रहस्यों की परछाई - 4

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रहस्यों की परछाई - 4

Episode 4: पहली chase और society का खतरा 

बारिश की बूंदें धीरे-धीरे तालाब की सतह पर गोल-गोल घेरे बनाती जा रही थीं। हवा में एक अजीब सी ठंडक थी, जैसे किसी ने अदृश्य रूप से समय को जकड़ लिया हो। आरव और नैना तालाब के किनारे पड़े लकड़ी के बक्से को घूर रहे थे। बक्सा पुराना था, काई जमी हुई थी, और उस पर हल्के से उकेरे गए चिन्ह साफ बता रहे थे कि यह सामान्य चीज़ नहीं है।

“देखो… इसमें कुछ है,” आरव ने फुसफुसाते हुए कहा और बक्सा धीरे-धीरे खोला।

अंदर से एक पुराना parchment निकला। उसका काग़ज़ लगभग फट चुका था, किनारों पर जलने के निशान थे। जैसे ही दोनों ने उसे छुआ, अचानक हवा में सनसनाहट दौड़ गई। ठंडी लहरें उनके शरीर से टकराईं, जैसे किसी ने अदृश्य हथेली से उनके चारों ओर हवा को मरोड़ दिया हो।

नैना ने डरकर चारों तरफ देखा।
“आरव… ये जगह सुरक्षित नहीं है। हमें निकलना चाहिए।”

“निकलेंगे,” आरव ने कहा, उसकी आँखें parchment पर टिकी हुई थीं, “लेकिन पहले समझना होगा इसमें लिखा क्या है। अगर ये सच में society का clue है, तो यही हमारी शुरुआत है।”

उससे पहले कि वे और कुछ कर पाते, पीछे से तेज़ कदमों की आवाज़ आई।

ठक… ठक… ठक…

किसी के भारी जूतों की धमक उनके कानों में गूँज उठी।

नैना का चेहरा सफेद पड़ गया।
“कोई आ रहा है!”

आरव ने parchment कसकर पकड़ लिया।
“भागो!”

दोनों ने एक साथ छलांग लगाई और तालाब किनारे बने संकरे रास्ते पर दौड़ पड़े। बारिश अब तेज़ हो चुकी थी। कीचड़ से भरे रास्ते पर उनके जूते धंसते जा रहे थे। लेकिन उनके पीछे आती छाया की चाल और भी तेज़ थी।


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रहस्यमयी पीछा

“बचाओ!” आरव ने चीखते हुए नैना का हाथ खींचा।

नैना की साँसें तेज़ चल रही थीं, लेकिन उसने पीछे मुड़कर देखा। एक लंबा, काला, नकाबपोश इंसान उनकी ओर दौड़ रहा था। उसका चेहरा आधा ढका था, लेकिन आँखें ऐसी थीं जैसे उनमें कोई इंसानी भावनाएँ न हों—बस खालीपन और आदेश का बोझ।

“हमारे पास ज़्यादा वक्त नहीं है,” नैना ने काँपते हुए कहा।

वे दोनों खंडहर जैसे दिखने वाले मकान से बाहर निकले, लेकिन जैसे ही खुले मैदान में कदम रखा, shadow अचानक उनके सामने आ खड़ा हुआ।

“तुमने society के रहस्यों को छूने की कोशिश की है,” उसकी आवाज़ गहरी और ठंडी थी, “अब इसकी कीमत चुकाओगे।”

बिजली चमकी, और कुछ पल के लिए उसका नकाब आधा रोशन हुआ। उसकी ठुड्डी पर एक लंबा निशान था—जैसे कभी किसी तलवार ने काटा हो।

आरव ने बिना देर किए नैना का हाथ कसकर पकड़ा और दोनों narrow streets में भागने लगे। गलियाँ मुड़ी-तुड़ी थीं, दीवारों पर बेलें उगी हुई थीं। हर मोड़ पर उन्हें लगा कि shadow अब पकड़ेगा, लेकिन किसी तरह वे बचते गए।


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Coordinates का रहस्य

भागते-भागते नैना की नज़र parchment पर पड़ी।

“रुको… ये देखो!” उसने हांफते हुए कहा।
“क्या?”

“इसमें… coordinates हैं… ये library की दिशा दिखा रहे हैं!”

आरव ने तुरंत दिशा बदली।
“तो library ही हमारी सुरक्षित जगह है। वहीं भागते हैं।”

वे दोनों library की ओर दौड़ पड़े। Shadow उनके पीछे-पीछे था, लेकिन library तक जाती पुरानी, तंग गली में उन्हें थोड़ी बढ़त मिल गई।


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पुरानी Library

आख़िरकार, दोनों library के भारी दरवाज़े तक पहुँचे। लकड़ी का दरवाज़ा जंग लगा था, लेकिन आरव ने पूरी ताक़त से धक्का दिया।
चर्र्र…
दरवाज़ा चरमराया और खुल गया।

दोनों अंदर घुसे और तुरंत दरवाज़ा बंद कर दिया।

“हांफ… हांफ…”
दोनों के साँसें तेज़ थीं। लेकिन अब वे थोड़े सुरक्षित महसूस कर रहे थे।

Library पुरानी थी—सैकड़ों साल पुराने architecture वाली। पत्थर की दीवारें, छत से लटकते जाले, और धूल से ढकी लकड़ी की मेज़ें। हर कोने से नमी की गंध आ रही थी।

“ये जगह…” नैना ने चारों तरफ देखा, “…जैसे किसी ने सदियों से छुआ ही नहीं।”

आरव ने parchment टेबल पर फैलाया।
“अब… हमें इसे decipher करना होगा। यही society तक जाने का पहला clue है।”


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Symbols की भाषा

Parchment पर अजीब symbols बने थे—कुछ ज्यामितीय आकृतियाँ, कुछ अंकों जैसे, और कुछ किसी पुरानी भाषा के अक्षर।

नैना ने ध्यान से देखा।
“ये सिर्फ़ random symbols नहीं हैं। देखो, ये triangle और इसके अंदर circle… ये तो alchemy के चिन्ह लग रहे हैं।”

“और ये coordinate… शायद किसी नक्शे से जुड़ा है,” आरव ने जवाब दिया।

दोनों symbols को decode करने में जुट गए। लेकिन तभी, library की shadows हिलीं।


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अदृश्य उपस्थिति

“तुम अकेले नहीं हो…”

धीमी, रगड़ती हुई आवाज़ गूँजी।

दोनों ने चौंककर सिर घुमाया। पुरानी किताबों की कतार हिल रही थी। कुछ किताबें धीरे-धीरे शेल्फ़ से बाहर सरकीं, और पीछे से हल्की रोशनी झलकने लगी।

नैना ने काँपते हुए कहा, “ये क्या…?”

आरव धीरे-धीरे आगे बढ़ा। किताबें अपने आप खिसक रही थीं, और उनके पीछे पत्थर की दीवार पर अजीब सा symbol चमक रहा था—वही symbol जो parchment पर बना था।

“मतलब… library खुद इस society से जुड़ी है,” आरव ने धीरे से कहा।


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खतरे का अहसास

बाहर shadow library तक नहीं आ पाया था। लेकिन उसका असर साफ था—उसकी मौजूदगी ने library की हवा को भी भारी बना दिया था।

नैना ने घबराकर कहा, “ये लोग हमें हर कदम पर रोकने की कोशिश करेंगे। अगर उन्होंने ये जान लिया कि हमारे पास clue है, तो…”

“तो हमें और तेज़ी से काम करना होगा,” आरव ने दृढ़ता से कहा। “ये सिर्फ़ रहस्य खोजने का सफर नहीं है… अब ये survival है।”

उसने parchment पर हाथ रखा और बोला,
“अगर society सचमुच exist करती है, तो ये symbols हमें उनकी core location तक ले जाएंगे।”

नैना ने उसकी आँखों में देखा। डर था, लेकिन curiosity और determination उससे भी ज़्यादा थी।


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Library का गुप्त passage

अचानक, जिस symbol वाली दीवार चमक रही थी, वह हिलने लगी। धीरे-धीरे पत्थर खिसककर एक संकरा रास्ता प्रकट हुआ।

“ये… secret passage है,” नैना ने हैरानी से कहा।

“Society ने library के अंदर ही अपना रास्ता छुपा रखा है,” आरव ने बुदबुदाया।

दोनों passage के मुहाने पर खड़े हो गए। अंधेरे में नीचे जाती सीढ़ियाँ दिख रही थीं।

लेकिन तभी—बाहर से धातु के रगड़ने जैसी आवाज़ आई।
कचाक… कचाक…

“वो shadow दरवाज़ा तोड़ने की कोशिश कर रहा है!” नैना ने घबराकर कहा।

आरव ने parchment उठाया और नैना का हाथ पकड़ा।
“हमें अब इस passage में जाना ही होगा। यही एक रास्ता है।”

दोनों अंधेरे में नीचे उतरने लगे। पीछे library का दरवाज़ा हिल रहा था, और भारी footsteps की गूँज सुनाई दे रही थी।


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अंत का संकेत

नीचे उतरते हुए अंधेरे ने उन्हें निगल लिया। उनके पैरों के नीचे पुरानी पत्थरों की सीढ़ियाँ थीं। हवा भारी और ठंडी थी।

आरव ने धीमी आवाज़ में कहा,
“हमारे पास पहला clue है… लेकिन अब ये साफ है कि society हमें मारने से भी पीछे नहीं हटेगी।”

नैना ने सिर हिलाया।
“हमने सफर शुरू किया है… अब पीछे मुड़ना नामुमकिन है।”

ऊपर library की दीवारें हिल रही थीं, और नीचे passage का अंधेरा उन्हें नई रहस्यमयी दुनिया में ले जा रहा था।

खेल अब शुरू हुआ था—रहस्य, पीछा, और survival का खेल।