Episode 3: पहला बड़ा खतरा और Cryptic Clue
सुबह की हल्की रोशनी अपार्टमेंट की खिड़कियों से छनकर कमरे में फैल रही थी। लेकिन उस कमरे का माहौल रात जैसा भारी था। आरव और नैना दोनों चुपचाप बैठे थे। टेबल पर फैली हुई नोटबुक, कैमरे की तस्वीरें और वह रहस्यमयी कागज़—सब मिलकर वातावरण को और रहस्यमयी बना रहे थे।
नैना ने उस कागज़ को सामने रखा था। उसकी उंगलियाँ धीरे-धीरे symbols को छू रही थीं, जैसे वह उनकी भाषा महसूस करने की कोशिश कर रही हो। उसकी भौंहें तनी हुई थीं, आँखों में गहरी एकाग्रता।
“ये सिर्फ़ random symbols नहीं हैं,” नाइना ने धीमे स्वर में कहा।
“ये एक प्राचीन भाषा है… जिसे बहुत कम लोग पढ़ सकते हैं। ये symbols… शहर के इतिहास की गहराई से जुड़े हैं।”
आरव ने नोटबुक से अपनी नज़रें हटाईं।
“तो मतलब ये कोई accident नहीं है। ये clue हमें जानबूझकर छोड़ा गया है।”
नैना ने सिर हिलाया।
“हाँ। और मुझे लगता है कि यह हमें शहर के पुराने हिस्से की ओर इशारा कर रहा है। पुराने नक्शों में मैंने इसका ज़िक्र देखा है… सन्नाटा तालाब।”
“सन्नाटा तालाब?” आरव ने हैरानी से पूछा।
“हाँ। इतिहासकारों के अनुसार, यह जगह उस society के लिए meeting point हुआ करती थी। और वहाँ से ही उनकी कई रहस्यमयी गतिविधियाँ शुरू होती थीं।”
आरव के चेहरे पर जिज्ञासा और उत्साह की झलक आई।
“तो हमें पहला clue वहीं ले जाएगा।”
नैना ने गहरी सांस ली।
“लेकिन हमें सावधान रहना होगा। जो भी इस society को खोजने की कोशिश करता है… वह ज़िंदा नहीं बचता।”
दोनों ने तय किया कि शाम को ही वे वहाँ जाएंगे।
शाम होते ही आसमान पर काले बादल छा गए। हवा में ठंडक थी और हल्की धुंध ने गलियों को और भी डरावना बना दिया था। अराव और नाइना ने अपने बैग में नोटबुक, टॉर्च और कैमरा रखा और पुराने शहर की ओर निकल पड़े।
जैसे-जैसे वे आगे बढ़े, रास्ता सुनसान होता गया। चारों ओर वीरान मकान, टूटी खिड़कियाँ और जंग लगे दरवाजे थे। हर कदम पर ऐसा लगता जैसे कोई उन्हें देख रहा हो।
आरव ने धीरे से कहा, “क्या तुम्हें भी लग रहा है कि कोई हमारा पीछा कर रहा है?”
नैना ने सिर हिलाया। उसकी आँखें चौकन्नी थीं।
“हाँ। और ये कोई आम shadow नहीं है। यह हमें guide भी कर सकता है… या trap में फँसा भी सकता है।”
वाकई, कुछ दूरी पर एक धुंधली-सी छाया उनके पीछे-पीछे चल रही थी। हर बार जब वे मुड़कर देखते, वह गायब हो जाती।
कुछ देर बाद वे उस जगह पहुँचे, जिसे पुराने नक्शों में सन्नाटा तालाब कहा गया था। चारों ओर खामोशी छाई थी। तालाब के किनारे उगे पुराने पेड़ हवा के साथ कराह रहे थे। पानी गहरा और ठहरा हुआ था, जिसकी सतह पर हल्की रोशनी झिलमिला रही थी।
तालाब के पास एक पुराना मकान खंडहर बन चुका था। दीवारें टूटी हुई, खिड़कियाँ उखड़ी हुईं और दरवाजे आधे गिरे हुए।
आरव ने कैमरा निकाला और तस्वीरें लेने लगा। तभी, अचानक पीछे से एक भारी आवाज़ गूँजी—
“तुम यहाँ क्यों आए हो?”
दोनों झटके से पलटे।
उनके सामने एक अजनबी खड़ा था। उसका चेहरा एक काले कपड़े से ढका हुआ था। सिर्फ उसकी आँखें दिख रही थीं—गहरी, चमकती हुई, और डरावनी। उसकी कद-काठी मज़बूत थी और हाथों में अजीब सा लकड़ी का डंडा।
आरव का गला सूख गया, लेकिन उसने हिम्मत जुटाई।
“हम सच जानने आए हैं। जो हो रहा है, उसके पीछे की असलियत चाहिए।”
अजनबी ने धीमी, भारी आवाज़ में कहा,
“तुमने clue ढूँढ लिया है। लेकिन क्या तुम तैयार हो इसके परिणामों के लिए?”
नैना ने काँपती आवाज़ में पूछा, “तुम कौन हो? और ये society क्या चाहती है?”
अजनबी ने कोई जवाब नहीं दिया। उसने केवल अपने हाथ की ओर इशारा किया।
तालाब के किनारे, कीचड़ में आधा दबा एक छोटा wooden box पड़ा था। आरव और नैना धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़े। उनकी धड़कनें तेज हो रही थीं।
नैना ने झिझकते हुए बॉक्स उठाया और सावधानी से खोला। अंदर एक पुराना parchment रखा था। उस पर cryptic symbols के साथ-साथ कुछ coordinates और तारीखें लिखी थीं।
उसने धीमी आवाज़ में कहा, “ये… ये अगले संकेत हैं। और ये हमें society की core location तक ले जा सकते हैं।”
आरव की आँखों में चमक आ गई। लेकिन उसी पल हवा में फिर वही रहस्यमयी फुसफुसाहट गूँजी—
“सत्य की खोज करने वाले… अब तुम्हारा पीछा छोड़ेंगे नहीं।”
हवा अचानक ठंडी हो गई। तालाब के पानी में अजीब हलचल शुरू हो गई, मानो उसके भीतर कुछ जाग उठा हो।
अचानक वह shadow, जो उनका पीछा कर रही थी, तेज़ी से उनकी ओर बढ़ी। उसकी आकृति धुंधली थी, लेकिन उसका अस्तित्व असली। वह जैसे अंधेरे का टुकड़ा था, जो जीवित हो उठा हो।
आरव और नैना दोनों पीछे हटे।
“भागो!” नैना चीखी।
दोनों तालाब के किनारे से खंडहर मकान की ओर भागे। shadow पीछे-पीछे दौड़ रही थी। उसका हर कदम ज़मीन पर अजीब कंपन पैदा कर रहा था।
आरव ने कैमरे की फ्लैश ऑन की और उसकी ओर क्लिक किया। रोशनी पड़ते ही shadow थोड़ी देर के लिए पीछे हटी, लेकिन फिर और ज़्यादा ताक़त के साथ आगे बढ़ी।
नैना ने तेजी से एक पत्थर उठाया और उसे shadow की ओर फेंका, लेकिन वह आर-पार निकल गया।
“ये… इंसान नहीं है!” आरव चिल्लाया।
दोनों ने किसी तरह खंडहर मकान के अंदर घुसकर दरवाजा बंद कर लिया। अंदर अंधेरा और धूल थी। उनकी सांसें तेज़ चल रही थीं।
बाहर shadow की आवाज़ गूँज रही थी—
“तुम सच की तलाश में हो… तो तैयार हो जाओ। पहला खतरा तो बस शुरुआत है।”
कुछ देर बाद सब शांत हो गया। आरव और नैना थके और सहमे हुए मकान की दीवार के सहारे बैठ गए।
नैना ने parchment को कसकर पकड़ा हुआ था। उसकी आँखों में डर और जिज्ञासा दोनों थे।
“हमारे पास अगला clue है… लेकिन यह society हमें इतनी आसानी से आगे बढ़ने नहीं देगी।”
आरव ने गहरी सांस ली।
“जो भी हो, अब हम पीछे नहीं हट सकते। अगर हमने सच्चाई नहीं जानी, तो ये society और भी लोगों की जान लेगी।”
दोनों ने एक-दूसरे की ओर देखा। डर अब भी था, लेकिन उनके अंदर एक नयी दृढ़ता भी जाग चुकी थी।
तालाब की खामोशी अब और गहरी लग रही थी।
और उनकी यात्रा अब और भी खतरनाक होने वाली थी।
यह सिर्फ़ शुरुआत थी।
पहला बड़ा खतरा उन्होंने देख लिया था। और अब cryptic clue उन्हें सीधे society के दिल तक ले जाने वाला था।