Balloon in Hindi Motivational Stories by three sisters books and stories PDF | गुब्बारे

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गुब्बारे

यह कहानी केवल एक मेले के गुब्बारे बेचने वाले की नहीं है, बल्कि जीवन के गहरे सत्य को भी प्रकट करती है। मेले में खड़ा वह आदमी अपने छोटे से धंधे के सहारे जीवन चला रहा था। उसके पास तरह-तरह के रंग-बिरंगे गुब्बारे थे—लाल, नीले, पीले, हरे और कई अन्य। बच्चे जब इन गुब्बारों को देखते तो उनमें से एक पाने के लिए मचल उठते। लेकिन हर व्यवसाय की तरह उसकी बिक्री भी कभी तेज होती और कभी धीमी पड़ जाती। ऐसे समय में उसने एक खास तरकीब अपनाई थी। जब उसे लगता कि अब बच्चे उसके पास आना कम कर रहे हैं, तो वह हीलियम गैस से भरा कोई गुब्बारा हवा में छोड़ देता।

जैसे ही गुब्बारा आकाश में ऊपर उठने लगता, बच्चों की आँखें चमक उठतीं। वे दौड़कर गुब्बारे वाले के पास पहुँचते और कहते कि हमें भी वैसा ही गुब्बारा चाहिए। इस तरह उसकी बिक्री फिर से बढ़ जाती। यह उसकी बुद्धिमत्ता थी कि उसने बच्चों की मनोवृत्ति को समझ लिया था। बच्चों को आकर्षित करने का सबसे सरल तरीका था उन्हें यह दिखा देना कि गुब्बारे केवल हाथ में ही नहीं, बल्कि आसमान छू सकते हैं।

लेकिन इस रोज़मर्रा की प्रक्रिया के बीच एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिसने गुब्बारे वाले के जीवन और सोच दोनों को एक नया मोड़ दिया। उसने महसूस किया कि कोई उसके जैकेट को धीरे-धीरे खींच रहा है। उसने पलटकर देखा तो वहाँ एक छोटा बच्चा खड़ा था। मासूम आँखों और जिज्ञासा से भरे मन से बच्चे ने पूछा—“अंकल, अगर आप हवा में किसी काले गुब्बारे को छोड़ेंगे, तो क्या वह भी उड़ जाएगा?”

यह सवाल साधारण लग सकता है, परंतु उसके भीतर जीवन का गहरा संकेत छिपा था। गुब्बारे वाला मुस्कुराया, बच्चे के सिर पर हाथ रखा और बोला—“बेटे, गुब्बारा अपने रंग की वजह से नहीं उड़ता। वह इसलिए उड़ता है क्योंकि उसके भीतर क्या भरा है, यह मायने रखता है। अगर उसके अंदर हल्की हीलियम गैस है, तो चाहे वह लाल हो, नीला हो या काला, वह जरूर उड़ जाएगा।”

इस उत्तर में एक अद्भुत जीवन-दर्शन छिपा है। अक्सर समाज में लोग बाहरी रूप, रंग, जाति, भाषा या हैसियत के आधार पर दूसरों का मूल्यांकन करते हैं। परंतु वास्तव में किसी इंसान की ऊँचाई उसके बाहरी स्वरूप पर नहीं, बल्कि उसके भीतर की सोच, आत्मविश्वास और गुणों पर निर्भर करती है। जैसे गुब्बारे के अंदर भरी गैस उसे आकाश की ओर ले जाती है, वैसे ही मनुष्य के भीतर भरी सकारात्मकता, मेहनत और सच्चाई उसे ऊँचाइयों तक पहुँचाती है।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि परिस्थितियाँ चाहे जैसी हों, यदि हमारे भीतर सही गुण हैं तो हम भी ऊँचाई को छू सकते हैं। किसी का रंग, वेशभूषा या बाहरी पहचान यह तय नहीं करती कि वह कितना ऊपर उठेगा। असली महत्व है भीतर की शक्ति का—जो आत्मविश्वास, ईमानदारी, करुणा और परिश्रम से निर्मित होती है।

गुब्बारे वाला तो केवल एक उदाहरण है। वास्तव में हर व्यक्ति अपने जीवन का “गुब्बारा” है। यदि हम अपने भीतर अच्छे विचार, सकारात्मक दृष्टिकोण और मेहनत भर लें, तो हमें भी कोई नीचे नहीं रोक सकता। चाहे समाज हमें किसी भी रंग में देखे, परंतु हमारी उड़ान केवल हमारे अंदर की ताकत से तय होगी। यही इस कहानी का गहरा संदेश है—ऊँचाई पाने के लिए रंग नहीं, बल्कि आंतरिक शक्ति ज़रूरी है।



To be continued 😍😍😍

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