"वो जो मेरा था..."
📖 Episode 12 – जब समर ने पहला वार किया…
1. सुबह की चुप्पी
सुबह मुंबई का आसमान धुंधला था, बादल नीचा झुके हुए, जैसे शहर पर कोई बोझ डाल रहे हों।
काव्या किचन में कॉफ़ी बना रही थी, लेकिन उसकी नज़रें दरवाज़े की ओर बार-बार जा रही थीं।
आरव अब तक अपने कमरे से बाहर नहीं आया था।
क्या वो रात की बात सोच रहा है? या फिर…
ये सवाल काव्या को अंदर तक परेशान कर रहे थे।
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2. अख़बार की हेडलाइन – पहला झटका
डोरबेल बजी।
पेपर वाला अख़बार छोड़कर चला गया।
काव्या ने जैसे ही अख़बार खोला, फ्रंट पेज पर एक हेडलाइन चुभ गई —
"बिज़नेस टायकून आरव मेहरा पर 5 करोड़ के फ्रॉड का आरोप"
साथ में आरव की पुरानी फोटो — आंखों में वो तीखी चमक, और बगल में… समर।
उस पल काव्या को लगा जैसे किसी ने उसकी साँस खींच ली हो।
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3. आरव का गुस्सा
आरव कमरे से निकला, काव्या के हाथ में अख़बार देखा और एक झटके से ले लिया।
उसकी आँखों में गुस्से की लाल लकीरें थीं।
आरव: “ये समर का काम है। वो पुराने डील्स की फाइलें निकालकर मेरे खिलाफ खेल रहा है।
लेकिन… मैं उसे बर्बाद कर दूँगा।”
काव्या ने धीरे से पूछा, “लेकिन… क्या इसमें कुछ भी सच है?”
आरव चुप रहा।
ये चुप्पी ही सबसे बड़ा जवाब थी।
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4. समर का कॉल – ज़हर घोलने की कोशिश
फोन की घंटी बजी। स्क्रीन पर ‘समर कॉलिंग…’ चमक रहा था।
आरव ने कॉल काट दी, लेकिन काव्या का मोबाइल बज उठा।
काव्या: “हैलो?”
समर: “गुड मॉर्निंग, काव्या। अख़बार पढ़ा?
सोचा था, तुम्हें सच जानने का हक है।
आरव ने मेरे साथ मिलकर वो डील की थी… और फिर मुझे धोखा दिया।”
काव्या ने गुस्से में कहा, “मुझे तुम्हारी बातें सुनने में दिलचस्पी नहीं।”
समर: “दिलचस्पी तो होगी… जब सबूत देखोगी।”
और उसने कॉल काट दिया।
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5. पुलिस का नोटिस
दोपहर होते-होते एक पुलिस कांस्टेबल दरवाज़े पर आया।
हाथ में एक नोटिस — आरव मेहरा को पूछताछ के लिए थाने में हाज़िर होने का आदेश।
काव्या ने नोटिस थामते हुए महसूस किया कि उसकी उंगलियाँ कांप रही हैं।
आरव ने बस नोटिस देखा, कुर्सी पर बैठ गया और सिर पकड़ लिया।
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6. फ्लैशबैक – आरव और समर की दोस्ती का सच
कहानी कुछ साल पीछे चली गई —
आरव और समर कॉलेज से दोस्त थे।
दोनों ने मिलकर एक स्टार्टअप शुरू किया, लेकिन जल्दी ही वो बिज़नेस अवैध डील्स में फंस गया।
एक डील में 5 करोड़ का ट्रांजैक्शन हुआ, लेकिन डील फेल हो गई।
समर ने कहा कि आरव ने पैसे गायब कर दिए, जबकि आरव के मुताबिक समर ने उसे फंसाया।
उस वक्त आरव ने सब छोड़कर विदेश में नया बिज़नेस शुरू किया।
समर मुंबई में रहकर धीरे-धीरे अपनी पकड़ मजबूत करता रहा… और अब बदला लेने लौट आया।
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7. काव्या की दुविधा
शाम को, काव्या समंदर किनारे अकेली बैठी थी।
उसके हाथ में समर के भेजे हुए ईमेल का प्रिंट था —
उसमें बैंक स्टेटमेंट्स, साइन किए हुए कॉन्ट्रैक्ट्स, और कुछ फोटो…
सब कुछ आरव के खिलाफ।
क्या ये सच है? या बस एक चाल?
उसका दिल कह रहा था कि आरव निर्दोष है, लेकिन दिमाग सबूतों को देख चुप हो गया था।
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8. समर का अगला कदम
रात को, टीवी न्यूज़ में एक वीडियो क्लिप चली —
एक पार्टी का फुटेज, जिसमें आरव किसी महिला के साथ करीब खड़ा था, और समर पीछे से मुस्कुरा रहा था।
न्यूज़ एंकर कह रहा था:
“क्या आरव मेहरा की लाइफ सिर्फ पैसे और अफेयर्स तक सीमित है?”
काव्या ने टीवी बंद कर दिया।
उसका दिल तेज़ धड़क रहा था — ये सिर्फ आरव की बदनामी नहीं थी, ये उनके रिश्ते पर सीधा वार था।
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9. आरव का प्लान
आरव ने काव्या को देखते हुए कहा:
“समर खेल खेल रहा है, लेकिन अब मेरी बारी है।
मैं उसके खिलाफ ऐसा सबूत लाऊँगा कि वो कभी उठ नहीं पाएगा।”
काव्या ने धीमे स्वर में पूछा, “और अगर तुम हार गए?”
आरव ने उसकी आँखों में देखते हुए कहा,
“तब मैं सब खो दूँगा… तुम भी।”
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10. आने वाली जंग
उस रात, काव्या देर तक सो नहीं पाई।
उसके सामने दो रास्ते थे —
या तो वो आरव पर पूरा भरोसा करे और उसके साथ लड़े,
या फिर सच्चाई जानने के लिए खुद समर से मिलने जाए।
लेकिन वो नहीं जानती थी,
कि जो रास्ता वो चुनेगी…
वो कहानी का सबसे बड़ा मोड़ बनेगा।
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💬 End of Episode 12
Next: Episode 13 – काव्या का सबसे खतरनाक फैसला…
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