"वो जो मेरा था..."
📖 Episode 10 – जब आरव ने पहली बार काव्या के लिए गाया…
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🌅 सुबह का इशारा – एक अनजाना प्लान
आरव सुबह से ही अलग लग रहा था।
काव्या ने ध्यान दिया कि वो बार-बार अपनी घड़ी देख रहा है और फोन पर किसी से धीरे-धीरे बात कर रहा है।
जब उसने पूछा, तो बस इतना बोला:
आरव: “आज ऑफिस जल्दी मत जाना… मैं तुम्हें कहीं ले जाना चाहता हूँ।”
काव्या: “कहाँ?”
आरव: “सरप्राइज़… और हाँ, लाल रंग पहनना।”
लाल रंग… काव्या के दिल में एक अजीब-सी धड़कन उठी।
वो जानती थी कि आरव बिना मतलब ऐसे डिटेल्स नहीं देता।
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🚗 सफर – एक गहरी चुप्पी
दोपहर को, आरव अपनी SUV लेकर आया।
काव्या ने देखा कि कार के डैशबोर्ड पर एक छोटी-सी म्यूज़िक प्लेलिस्ट खुली थी, लेकिन कोई गाना अभी तक नहीं बजा था।
सफर के दौरान दोनों ने ज्यादा बात नहीं की, लेकिन वो चुप्पी बोझिल नहीं थी —
वो वैसी चुप्पी थी जिसमें हर लम्हा अपने आप कहानी कह रहा था।
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🎼 जगह – ब्लू पर्ल कैफ़े का म्यूज़िक हॉल
जब कार रुकी, तो काव्या ने देखा कि वो एक छोटे लेकिन खूबसूरत म्यूज़िक हॉल के बाहर खड़ी थी।
दीवारों पर पुराने गिटार और पियानो लटके थे, और हल्की पीली लाइट से जगह जादुई लग रही थी।
काव्या: “ये जगह… तुम मुझे यहाँ क्यों लाए?”
आरव: (मुस्कुराकर) “क्योंकि आज मैं तुम्हें कुछ सुनाना चाहता हूँ… जो सिर्फ तुम्हारे लिए है।”
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🎤 स्टेज पर आरव – एक नया चेहरा
काव्या हैरान रह गई जब आरव सीधे स्टेज पर चला गया।
एक स्पॉटलाइट उसकी ओर थी, और उसके हाथ में एक गिटार।
भीड़ ज्यादा नहीं थी, बस कुछ टेबल भरी थीं।
लेकिन आरव की आँखें सिर्फ काव्या को देख रही थीं।
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🎶 पहला सुर – सीधे दिल में उतरता हुआ
आरव ने गिटार की स्ट्रिंग्स को धीरे से छेड़ा।
फिर उसकी आवाज़ गूंजी —
गहरी, थोड़ी सी कच्ची, लेकिन बेहद सच्ची।
> “तेरे बिना… साँस भी अधूरी लगे,
तेरे संग… ये दुनिया पूरी लगे।
जो तू कह दे… तो मैं खुद को भूल जाऊँ,
बस तेरी बाहों में… खो जाऊँ…”
काव्या की आँखों में आँसू भर आए।
ये पहली बार था जब आरव ने उसके लिए कुछ इतना खुलकर किया था।
उसकी आवाज़ में न कोई दिखावा था, न कोई परफेक्शन — बस कच्चा, सच्चा एहसास।
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👏 आखिरी सुर – और भीड़ की ताली
गाना खत्म होते ही कैफ़े तालियों से गूंज उठा, लेकिन काव्या को ऐसा लगा जैसे पूरी जगह सिर्फ उनके लिए तालियाँ बजा रही हो।
आरव स्टेज से उतरकर सीधा उसकी टेबल तक आया और धीमे से बोला:
आरव: “ये मेरा पहला गाना था… और शायद आखिरी भी, क्योंकि मैं सिर्फ तुम्हारे लिए गाता हूँ।”
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🌌 बाहर – रात का इकरार
दोनों कैफ़े से बाहर निकले।
ठंडी हवा चल रही थी और आसमान में आधा चाँद टंगा था।
आरव ने धीरे से काव्या का हाथ पकड़ा और कहा:
आरव: “काव्या… मैं शब्दों में अच्छा नहीं हूँ, लेकिन आज जो गाया… वही मेरा इकरार है।”
काव्या: “तो मैं भी तुम्हें आज कुछ कहना चाहती हूँ…”
वो उसके करीब आई, उसकी आँखों में देखते हुए बोली:
काव्या: “तुम्हारा गाना मेरे लिए एक वादा है… और मैं ये वादा निभाऊँगी।”
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📍 घर लौटते वक्त – एक नई शुरुआत
कार में लौटते हुए आरव ने प्लेलिस्ट का पहला गाना बजाया —
वही धुन, जो उसने आज स्टेज पर गाई थी, अब रिकॉर्ड की हुई थी।
काव्या ने महसूस किया कि ये सिर्फ एक गाना नहीं, बल्कि उनकी कहानी का नया अध्याय था।
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💌 Epilogue Note for Episode 10
कभी-कभी प्यार कहने के लिए शब्द काफी नहीं होते…
कभी-कभी एक धुन, एक सुर, और एक नज़र —
सबसे बड़ा इकरार बन जाते हैं।
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अगला एपिसोड (Episode 11):
“जब अतीत का एक चेहरा लौट आया…”
(कहानी में बड़ा मोड़)
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