Hello guys
Nice to meet you
Exam ke karan story nhi likh pai, sorry...
Let's start this story 😉
रश्मि कहती है - I know but अब हम past को तो नहीं बदल सकते और इसका मतलब ये भी नहीं है कि हम past में ही उलझे रह जाये। हमें अब आगे बढ़ना होगा और हमारी प्यारी bestie को इंसाफ दिलाना होगा नहीं तो उसकी आत्मा को शांति नहीं मिलेगी और हम कभी भी खुद को माफ नहीं कर पाएंगे।
इतना कह कर रश्मि रोने लगती है। रश्मि को देखकर कार्तिक भी रश्मि को गले लगाकर रोने लगता है।
उन दोनों को ऐसे रश्मि के भैया देख रहे थे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं बोला क्योंकि उन्हें पता था कि उसकी sister कार्तिक को like करती है।
कुछ देर बाद पूनम को घर लेजाया गया और उसका अन्तिम संस्कार कर दिया गया।
कार्तिक और रश्मि ने क़सम खाई की वो पूनम को न्याय दिलाकर ही रहेंगे। उसके बाद दोनों सबूत इकट्ठा करने में लग गए। उन दोनों की कड़ी मेहनत रंग लाई। उन्होंने काफी सारे पूकते सबूत इकट्ठे किए और उन लोगों के खिलाफ case कर दिया।
पूरी family ने उनका साथ दिया। उन मुजरिमों को court में लेकर गये। वहां जज ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई और उन्हें 5 lakh rupees पीड़िता के परिवार को देने को कहा।
जज के इस फैसले से पूनम की मम्मा satisfied नहीं थी इसलिए वो तुंरत ही खड़ी होकर बोली - मेरी बेटी मर गई और आप इन्हें सिर्फ आजीवन कारावास की सज़ा दे रहे हो। आप सभी एक मां के दुःख को कभी नहीं समझ पाओगे। एक मां अपने बच्चे को जन्म देने से पहले नौ महीने अपनी कोख में पालती है। इन लोगों ने उस कोख का अपमान किया है। आपको भी जन्म देने वाली एक मां ही थी। अगर ये सब आपकी बहन या बेटी के साथ होता तो आप क्या करते। क्या उन्हें भी ऐसे ही आजीवन कारावास की सजा देते।
तभी जज पूनम की मम्मा से बोले - आप ये क्या कह रही है। देखिए मैं अपनी बहन बेटी के बारे में कुछ भी नहीं सुन सकता तो please आप मेरी family के बारे में कुछ भी मत कहिए।
तब पूनम की मम्मा कहती है - अच्छा आपकी family, family और मेरी family..... आखिर मैं एक मां हूं तो कैसे आप ये सब कह रहे हो। सुनिए मुझे मेरी बेटी के बदले कोई पैसे नहीं चाहिए, आप इन सबको फांसी की सजा सुनाईए नहीं तो आज यहां से ना आप जाएंगे और ना हम में से कोई।
सभी पूनम की मम्मा बात से सहमत थे इसलिए सभी ने साथ में मिलकर आवाज उठाना start कर दिया। सभी ने एक साथ मिलकर नारा लगाया, फांसी दो! फांसी दो!
सभी इस नारे को दोहराते रहे।
तभी जज बोले - oder, oder! आप सब शांत हो जाइए।
सभी जज की आवाज सुनकर चुप हो गये।
जज कहते है - सभी सबूतों को मद्देनजर रखते हुए हम इन सभी अपराधियों को एक हफ्ते के अन्दर फांसी की सजा सुनाते हैं और इनकी फांसी कोई सामान्य फांसी की तरह नहीं होगी। इनकी फांसी सभी जगह सीधे प्रसारण के माध्यम से होगी जिससे कोई भी व्यक्ति ऐसा गुनाह करने से पहले हजार बार सोचे।
सभी जज के इस फैसले से खुश हो गए और रोने लगे।