Bandhan - 39 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 39

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 39

चैप्टर 39 
रीकैप 
पिछले चैप्टर में हम लोग पढ़ते हैं की आरोही और तरुण की सगाई की बात शर्मा हाउस में चल रही थी तो दूसरी तरफ उर्मिला जी कपाड़िया मेंशन जाने के लिए तैयार हो रही थी और कुछ अपने अतीत के राज बोल रही थी। बच्चे पार्क में खेल रहे थे और खेलते खेलते हैं उनके हाथापाई  किसी से हो गई थी। शिवाय और वनराज को एक कॉल आया था, किसी का इनफार्मेशन देने के लिए ।
अब आगे।

पार्क में 
मोंटी की माँ आकर संन्नवि और मोंटी को अलग करती है उसके बाद वह अपने बेटे की हालत देखती है जिसे देख कर उन्हें गुस्सा आता है तो ,वह मुड़कर, संन्नवि को थप्पड़ मारने वाली थी कि तभी कोई बीच में आकर उसे औरत का हाथ पकड़ता है।
मोंटी की मां उसे इंसान को देखती हैं जिसने उनका हाथ पकड़ा है ,तो यहां कोई और नहीं आरोही ही होती है।(अर्पणा कुमारी जी ने पिछले चैप्टर के कमेंट में सही जवाब दिया था)
आरोही उसे औरत की हाथ को झटकते( उसे औरत को उंगली दिखाते हुए कड़क आवाज में)  बोली हिम्मत कैसे हुई आपकी एक छोटी सी बच्ची पर हाथ उठाने की ,शर्म नहीं आती है आप को  एक बच्चे की मां होकर दूसरे बच्चे पर हाथ उठा रही हो?
आरोही की बात सुनकर वह औरत भी गुस्से से तन तनाहते हुए बोली जिस लड़की को तुम बच्ची बोल रही हो उसे लड़की ने मेरे बेटे का क्या हाल किया है। इतना बोलकर वह मोंटी को सामने लाती है तो आरोही मोंटी को देखते हैं तो उसके चेहरे पर बहुत सारे खरोचों के निशान थे उसके बाल बिगड़े हुए थे उसके पूरे कपड़े मिट्टी से सनी हुए थे। 
 जिसे देखकर आरोही एक पल के लिए देखते ही रह जाती है उसे समझ नहीं आ रहा था कि एक 5 साल की छोटी सी नाजुक सी बच्ची 11 साल के बच्चों को कैसे मार सकती है उसे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था।
आरोही मोंटी को देखती हैं मुड़कर संन्नवि को देखते हुए नीचे अपने घुटनों के बल बैठकर सान्नवि से पूछती है कि क्या उसने ही मोंटी को मारा है?
जिस पर संवि बिना डरे अपना सर हां में हिलती है। 
जिसे देखकर मोंटी की मां आरोही को ताना मारते हुए बोली देखो मैंने कहा था ना कि यह पिदी सी लड़की ने मेरे बेटे का यह हाल किया है।।
मोंटी की मां की बात सुनकर आरोही को जवाब देने के लिए कुछ नहीं था। तो वह संवि से बड़े प्यार से पूछती है उसने ऐसा क्यों किया है।

तो संन्नवि घुरकर मोंटी को देखती हैं मोंटी संवि के घूरने की वजह से डर कर अपनी मम्मी के पीछे छुप जाता है। अपने बेटे को ऐसे डरते देखकर मोंटी की मां संवि को गुस्से से घूरने लगी थी।।
सान्नवी मोंटी के तरफ इशारा करते हुए बोली इसने पहले आर्य को सताया फिर कौरव भाई को भी मारा तो मुझे गुस्सा आ गया तो ,मैंने इसे पीट दिया। इस वक्त संवि की बातों में गुस्सा था तो, हल्का सा डर भी था क्योंकि वह एक 5 साल की बच्ची थी और उसके साथ पहली बार ऐसा कुछ हुआ था वह भी शिवाय के एब्सेंट में।।
संवि का साथ देते हुए वहां पर कौरव के दोस्त भी जवाब देते हैं जी आंटी पहले मोंटी ने फाइटिंग शुरू की थी।
मोंटी की माँ उन बच्चों को संवि का साथ देते देखकर बोली मुझे लगता है कि तुम सब बच्चे मिले हुए हो मेरे बेचारे मोंटी को परेशान कर रहे हो। 

जिस पर तरुण वह आते हुए बोला हां आपका मोंटी तो इतना बेचारा है कि उसे किसी की वीडियो गेम मांगना नहीं आता बस छीनता है।।
(इस वक्त आरोही और तरुण अपनी सगाई की अंगूठी और कपड़े खरीदने के लिए शॉपिंग माल जा रहे थे पर वह जैसे ही पार्क से गुजरते तो बच्चों के भीड़ को देखकर कार को रोकते हैं, तो आरोही कर से उतरकर सीधा उन बच्चों के पास चली जाती है। तो वह देखतीं है कि एक औरत संवि के ऊपर हाथ उठाने वाली है तो वह घबराती है और जल्दी से संवि को बचाने के लिए चली जाती है तरुण बीच पार्क में  कार को नहीं रोक सकता था इसलिए वह कर साइड लगाने के लिए गया था।, स्टार साइड रखकर पार्क के अंदर आता है तो एक बच्चे को रोक सारा मामला पूछता है तो वह बच्चा भी सर उनको सब बता देता है) 
तरुण की बात सुनकर मोंटी के मां के पास बोलने के लिए कुछ नहीं बचा था। कुछ देर बाद आरोही मोंटी की मां से लड़ाई में जीत जाती है। मोंटी की मां को मोंटी की गलती माननी पड़ती है और वह मोंटी से आर्य संवि और कौरव से माफी मंगवाती है। और गुस्से से मोंटी को खींचते हुए वहां से ले जाती है।।
उनके जाते ही तरुण सभी बच्चों को खेलने के लिए भेज देता है और उसके बाद वह आरोही कौरव आर्य और संवि के पास जाता है। 
इस समय आर्य घबराया हुआ था, आर्य चाहे 
 कितना cold हो पर वह बहुत सेंसिटिव और इमोशनल बच्चा था। आरोही आर्य को गले लगाते हुए से शांत करने लगती है। 

दूसरी तरफ 
कपाड़िया हाउस में सभी लोग कपाड़िया मेंशन जाने के लिए तैयार हो रहे थे ।उर्मिला जी ने बहुत सी तैयारी करवाई थी तीनों बच्चों के लिए गिफ्ट लिया था। बाकियों के लिए भी कुछ ना कुछ लिया था। 
वह अभी सारा सामान नौकरों से कार में रखवा ही रही थी कि तभी मोहिनी जी के फोन पर एक कॉल आता है, तो वह कॉल उठाते हुए बाहर आने लगती है लेकिन जैसे ही वह दूसरी तरफ की बातें सुनती है ,  तो उनके हाथों में से फोन नीचे गिर जाता है। और आंखों में आंसू आने लगते हैं इस वक्त वह अपना सूद  भूद हो चुकी थी। मोहिनी जी की ऐसी हालत देखकर उर्मिला जी और शेखर जी उनके पास आते हैं और उनसे पूछते हैं कि किसने कॉल लगाया था और क्या कहा था कुछ देर तक वह होश में नहीं आती है लेकिन जब शर्मिला जी उन्हें हाथ लगाकर पुकारती है तो होश में आते हुए हकलाती है ब....बा  कश्यप इतना बोल कर बहुत जोर से रोने लगती है। 
 
किसने कॉल किया मोहिनी जी को किस वजह से उनकी हालत ऐसी हो गई है। जानने के लिए बढ़िया अगला चैप्टर। 
स्पॉइल अलर्ट। 

आरोही तरुण कौरव आर्य पर संन्नवि एक कैफे में बैठकर खाई रहे थे कि तभी आरोही की नजर संन्नवि पर पड़ती है जिसे देखकर वह जोर से संवि का नाम चिल्लाती है। आखिर क्यों  आरोही ने चिल्लाया  है।