chapter 35
recap
पिछले चैप्टर में हम पढ़ते हैं कि शिवाय प्रणय को अपने रेस्टोरेंट के बारे में कुछ इंस्ट्रक्शन देता है उसके बाद वह जया जी और खुशी जी की बातें सुनता है । जिसे सुनकर उसका दिल टूट जाता है क्योंकि जया जी ,खुशी जी को आरोही और तरुण की सगाई के बारे में बता रही थी।
शिवाय उनकी बातें सुन नहीं पता और वह अपने कमरे में चला जाता है और बालकनी में खड़े होकर अपने अतीत में चला जाता है, किस तरह उसने पहली बार आरोही को देखा था। उन लोगों की दोस्ती कैसे हुई थी किस तरह से उसका दिल टूटा था। तब भी उसे ऐसा लगता है कि कोई उसके कमरे में है,तो वह पीछे मुड़कर देखा है
अब आगे।
शिवाय पीछे मुड़कर देखता है तो संन्नवि अपने कमर पर हाथ रखकर अपने गालों को फूलाते हुए बोल रही थी , dadda आई मिस यू सो मच आप कितना बिजी हो जब से हम यहां आए हैं,आप मेरे और भाई के साथ खेलते ही नहीं हो।
शिवाय अपना सर झटक थे, हुए चेहरे पर एक मुस्कुराहट लाते हुए बोला आई एम सॉरी बच्चा डेड आप दोनों को टाइम नहीं दे पा रहे हैं ना बस कुछ और दिन की बात है उसके बाद डेड आपके साथ बहुत सारा टाइम स्पेंड करेंगे।
शिवाय की बात सुनकर सन्नवी को समझ आ जाता है ,कि इस वक्त शिवाय परेशान है वह अपने डेड की आवाज से ही समझ जाती है।
वह शिवाय के गालों पर हाथ रखते हुए बोली don't worry dad I was just joking. आप परेशान मत होना ,प्लीज।
शिवाय और संन्नवि बातें कर रहे थी, कि तभी वहां कौरव और आर्य आ जाते हैं।
कौरव शिवाय से बोलता है चाचू आर्य से बोलो ना की वह मेरे साथ बाहर फुटबॉल खेले में तब से इसे अपने साथ खेलने के लिए बोल रहा हूं पर यह मान ही नहीं रहा है।
आर्य कौरव को घूरते हुए बोला भैया मैंने कहा ना मुझे नहीं खेलना है , then why are you not understanding and complaining to dadda। ।
आप लोग यह सोच रहे होंगे कि इतने से बच्चों को इंग्लिश कैसे आती है तो आपको बता दूं कि संवि और आर्य US में रहते जहां की कॉमन लैंग्वेज ही इंग्लिश है तो उन्हें इंग्लिश आना नॉर्मल सी बात है।
आर्य की बात सुनकर सन्नवी अपनी आंखें छोटी करते हुए आर्य से बोली क्यों तुम्हें नहीं खेलना है।
भैया इतने प्यार से बोल रहे हैं ना चलो भैया के साथ खेलो इतना बोलकर वह आर्य को जबरदस्ती खींचते हुए कौरव के साथ घर के गार्डन में चली जाती है।
आर्य भी संन्नवि को माना नहीं कर पाता और अपना गुस्से भरा चेहरा लेकर संन्नवि के साथ चला जाता है। वह तीनों कमरे से पूरी तरह से भाग जा पाते उससे पहले ही शिवाय बच्चों को रोकता है और संवि को ज्यादा दूर भाग करने की इजाजत नहीं देता है ।आर्य और कौरव को हिदायत देता है कि वह संवि को ज्यादा भागने उछलने कूदने ना दे।
जिस पर आर्य मना जाता है ,कौरव को समझ नहीं आता और अपने dad की बात सुनकर संवि का मुंह बन जाता है।
बच्चे बाहर जा ही रहे थे कि वहां कार्तिक आ जाता है तो तीनों बच्चे बड़े ही प्यार से कार्तिक को ग्रीट करते हैं और वहां से चले जाते हैं।।
कार्तिक शिवाय के पास आते हुए बोला यार तेरी बेटी तो बड़ी दबंग है ,आई मीन तेरे मिनी version को किस तरह से डांट कर खेलने के लिए ले गई है। कितनी क्यूट है यार।
शिवाय ठंडा लहजे में बोलता है I know she is cute बट .उसे क्यूट बोलने का राइट मेरा है सो तुम उसे क्यूट या उसे और कुछ भी नहीं बोल सकते हो। इस वक्त शिवाय की बातों में पजेसिव नेस साफ-साफ देखी जा सकती है।
कार्तिक अपने सर को ना में हिलाते हुए बोला यार वह छोटी सी बच्ची है। तू ऐसे जेल्स हो रहा है जैसे मैं तेरी बेटी को , चुरा कर ले जाऊंगा।।
सच बोलूं तो तेरी बेटी को देखकर मन तो करता है बट तेरे आंखों को देखकर अपने मन को मार लेता हूं यह बात कार्तिक मजाक में बोलता है।
ऐसे ही शाम हो जाती है
इस वक्त सभी लोग माता रानी के मंदिर में खड़े होते और शाम की आरती करने लगते हैं क्योंकि आज दुर्गा पूजा का दूसरा दिन है।
आरती करने के बाद सभी लोग थोड़ी देर के लिए गरबा खेलते हैं और वापस घर जाकर खाना खाते हैं।
रात के 10:00 बज रहे हैं ,इस वक्त सभी लोग सो चुके थे।
कपाड़िया मेंशन से चार परछाइयां चुप कर से घर से बाहर निकलती है और बुलेट पर बैठकर बड़े ही स्टाइल से वहां से निकल जाती है इस वक्त बुलेट की साउंड नहीं आ रही है जिसकी वजह से किसी को नहीं पता चलता है कि कोई घर से बाहर गया है।
इस वक्त दिल्ली के सुनसान रास्ते पर एक ट्रक का कंटेनर बड़े ही तेजी से दिल्ली बॉर्डर को पार करने लगता है।
इससे पहले वह कंटेनर से भरा ट्रक दिल्ली से बाहर जाता उससे पहले ही, दो बुलेट पर दो लोग आकर उसे कंटेनर को रोकते हैं।
जब ट्रक ड्राइवर यह देखता है ,तो बस एकदम से ट्रक को रोक देता है जिसकी वजह से ट्रक के टायर एकदम से घसर जाते हैं।
ट्रक अचानक रुकता देखकर ट्रक ड्राइवर ट्रक से बाहर आता है और सामने खड़े हुए नकाबपोश से बोलता है कौन हो तुम यहां से हट जाओ वरना इसका अंजाम बुरा होगा।
ट्रक ड्राइवर की बात सुनकर सामने खड़ा हुआ नकाबपोश बड़े स्टाइल से बोलता है तुम्हें अपनी सलामती चाहते हो तो यहां से चले जाओ वरना तुम्हारी लाश भी, तुम्हारी आत्मा को नहीं मिलेगा।
नकाबपोश की बात सुनकर ट्रक ड्राइवर हंसते हुए बोला क्या कहा तुमने कि अगर मुझे अपनी सलामती चाहिए तो मुझे यहां से चला जाना चाहिए नहीं तो मेरी लाश मेरी आत्मा तक को नहीं मिलेगी ।ऐसे बोलते हैं वह ट्रक ड्राइवर हंसने लगता है। अकीर क्या कर लोगे तुम मेरा मेरे साथ 20 और लोग है और तुम अकेले।
वाह ट्रक ड्राइवर अपनी बात को खत्म करता इससे पहले ही एक आवाज आई और हेलो अपना टूथपेस्ट का एड दिखाना बंद करो बड़ी घटिया क्वालिटी का टूथपेस्ट use करते हो यहां तक स्मेल आ रही है ।
ऐसे बोलते हुए दूसरा नकाबपोश अपने हाथ को अपने नाक के पास हवा मर रहा था जैसे दिखाना चाहता हो कि कितना गंदे स्मेल है।
यह दो नकाबपोश कोई और नहीं शिवाय और कार्तिक है।
जैसे ही ट्रक ड्राइवर आवाज सुनता है तो पीछे मुड़कर देखता है तो उसके पीछे एक नकाबपोश खड़ा हे।
दो दो नकाबपोश देखकर इस वक्त ट्रक ड्राइवर को घबराहट हो रही थी वह ट्रक ड्राइवर जोर से सिटी मारता है तो उसे ट्रक के अंदर से और आजू-बाजू से कुछ लोग आते हैं और दोनों नकाबपोश को घेर लेते हैं।
जैसे ही सारे गुंडे दोनों कार्तिक और शिवाय को घेरते हैं तो वह दोनों घबराने की बजाय अपने चेहरे पर कातिलाना स्माइल लाते हैं।
ट्रक ड्राइवर अपने साथियों को उन दोनों पर हमला करने का इशारा करता है उसका इशारा पाकर सारे गुंडे कार्तिक और शिवाय की तरफ फाइट करने के लिए दौड़ते हैं।
शिवाय और कार्तिक उन गुंडो से बिना डरे फाइट कर रहे थे।🥷🥷
दूसरी तरफ जंगल में🌳🐗🦣🦫
दुर्गा और वनराज अपने🥷🏻 काले नकाबपोश के अवतार में उस जंगल में जाते हैं जहां उन्होंने पहले लड़कियों को बचाया है।
उसे जंगल में जाकर वह लोग वही खंडहर में जाते हैं और धीरे-धीरे से उसे खंडहर को अच्छे से चेक करते हैं तो वह दोनों देखते हैं कि वहां उसे खंडहर में कोई भी नहीं है।
दुर्गा और वनराज कुछ देर तक उसे खंडहर को और जंगल को अच्छे से चेक करते हैं पर उन्हें वहां कोई भी नहीं मिलता है।
दुर्गा वनराज के पास आकर बोलती है भाई यहां तो कोई भी नहीं है लगता है हमें इनफॉरमेशन गलत मिली है।
वनराज दुर्गा की बात सुनकर अपनी नजर इधर-उधर करते हुए बोला इनफॉरमेशन कप्तान ने दिए इसका मतलब है कि इनफॉरमेशन पक्का है तो बस हमें अच्छे से देखना होगा मुझे ऐसा लग रहा है हमसे कुछ ना कुछ छूट रहा है।
वनराज की बात पर दुर्गा कुछ नहीं बोलती है और फिर से खंडहर के अंदर दोनों चले जाते हैं।
जैसे ही दुर्गा आगे की तरफ जाती है तो वह किसी चीज से टकराकर नीचे गिर जाती है।
दुर्गा को गिरते देखकर वनराज उसके पास आकर उसे उठाने की कोशिश करता है पर दुर्गा को क्या होता है कि वह अपने कान को जमीन के ऊपर रखती है और कुछ सुनने की कोशिश करती हैं।
दुर्गा को ऐसे करते देखकर वनराज उसे इशारे में पूछता है क्या हुआ है दुर्गा धीरे से अपना सर उठाकर वनराज को अपने कान जमीन पर रखने का इशारा करती है।
दुर्गा की बात मानकर वनराज अपने कान को जमीन पर रखता है तो उसे जमीन के नीचे से कुछ आवाज आ रही है।
वनराज उन आवाजों को ध्यान से सुनने की कोशिश करता है तो उसे पता चलता है कि यह आवाज लड़कियों के रोने की है और गुंडे कुछ बात कर रहे हैं।
वनराज और दुर्गा खड़े हो जाते हैं और धीरे से वनराज दुर्गा से बोलता है लगता है यहां बेसमेंट है तो जल्दी से इस बेसमेंट के अंदर जाने का रास्ता ढूंढो इतना बोलकर वह दोनों बेसमेंट के अंदर जाने का रास्ता ढूंढते हैं।
कुछ देर में उनकी मेहनत रंग लाती है और उन्हें बेसमेंट के अंदर जाने का रास्ता मिल जाता है।
वह दोनों धीरे से बेसमेंट के अंदर जाते हैं। इस वक्त दोनों के चेहरे पर कोई भी एक्सप्रेशंस नहीं है। दोनों बस एक दूसरे को अच्छे से को-ऑर्डिनेट करते हुए अंदर जा रहे थे और एक-एक कर कर वहां पर ठहरे हुए गुंडो को जान से मार रहे हैं।
क्या शिवाय वनराज दुर्गा कार्तिक बचा पाएंगे उन मासूम लड़कियों को या खुद फंस जाएंगे।
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