Bandhan - 31 in Hindi Fiction Stories by Maya Hanchate books and stories PDF | बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 31

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बंधन (उलझे रिश्तों का) - भाग 31

Recap 

पिछले चैप्टर में हमें पढ़ते हैं कि शिवाय वनराज माता रानी को लाते हैं और पूरा कपाड़िया परिवार माता रानी और घटस्थापना करते हैं। 

सभी लोग बहुत ही ज्यादा एक्साइड थे त्यौहार मनाने के लिए। जैसे ही सब लोग गरबा खेलने जाते हैं तभी सांची वहां आती है और सब के साथ मिलती है। बड़ों के आशीर्वाद लेती है और अपनी उम्र के लोगों से गले मिलती है। 

शिवाय कार्तिक को परेशान करना चाहता था पर कार्तिक ने ही शिवाय को परेशान करता है।



अब आगे



कार्तिक की बात सुनकर शिवाय झेप जाता है ‌। अपनी नजरों को तभी इधर-उधर करता है। शिवाय को इस तरह करते देख कर   कार्तिक को बड़ी हंसी आ रही थी फिर भी अपने हंसी को कंट्रोल करता है ।

तभी उसकी नजर दुर्गा पर जाती है जो किसी लड़के के साथ हंसते हुए गरबा कर रही थी। 

यह देखकर कार्तिक को बड़ी जलन होती है और वह शिवाय का मज़ाक़ उड़ाना  बंद करता है। कार्तिक को यू खामोश देखकर शिवाय कार्तिक की तरफ देखता है तो उसकी नजर कहीं और देखता है तो उसकी नजर का पीछा करते हुए देखता है तो उसके चेहरे पर स्माइल आती है। 

तभी तरुण वह आज जाता है ट्रेडिशनल गुजराती कपड़े पहने होते हैं जो उसे पर बहुत ही ज्यादा जज रहे थे। 

तरुण उन दोनों से गले लगकर नवरात्रि की शुभकामनाएं देता है। वह दोनों भी तरुण को नवरात्रि का शुभ कामना देते हैं।

तभी तरुण की नजर कार्तिक पर जाती है तो वह देखता है कि कार्तिक का चेहरा इस वक्त लाल हुआ है। कार्तिक को ऐसे देखकर तरुण शिवाय को आंखों से इशारा करता है। तरुण इशारे से शिवाय से पूछता है तो शिव अपनी नजर सामने करता है। 

तरुण शिवाय की नजरों का पीछा करता है तो वह भी समझ जाता है कि कार्तिक यू लाल क्यों हो रहा है। 

वह मुस्कुरा कर शिवाय से बोलता है शिवाय तुम्हें नहीं लगता यहां कुछ जलने की बदबू आ रही है वह भी इतनी गंदी और स्ट्रांग ।

तरुण को अपना यू मजाक उड़ाते देखा कर  कार्तिक तरुण के पीठ पर एक जोर सा मुक्का मारता है। तरुण के मुंह से अ....आआ निकलता है।

  तरुण कार्तिक को घूर कर देखता है पर कार्तिक उस के घूर ने से कोई भी रिएक्शन नहीं देता है।

और वहां से निकलकर दुर्गा के पास डांडिया खेलने के लिए निकल जाता है। 

पालकी और सन्नवि शिवाय के पास आते हैं और जीद कर कर उसे डांडिया खेलने के लिए ले जाते हैं ।तरुण भी उन  के पीछे चला जाता है।

इस वक्त सभी मस्ती में डांडिया खेल रहे थे रुचिता वनराज ,खुशी जी अर्णव जी, दुर्गा कार्तिक, पालकी प्रणय ,जया जी यश जी, राम जी अंकिता जी , वीरा तरुण, शशांक आरोही ,आर्य कौरव,शिवाय सन्नवि, साची इशिता जी।(गरबा सॉन्ग)

घिर, घिर, घिर के आई बारिश बरसात मा

उड़े, उड़े, उड़े जिया गोरी, तेरे साथ मा

हाय, घिर, घिर, घिर के आई बारिश बरसात मा

उड़े, उड़े, उड़े जिया गोरी, तेरे साथ मा

नैनों की डोरी से, हाय

खींचे क्यूँ चोरी से, हाय?

नैनों की डोरी से खींचे क्यूँ चोरी से? इस वक्त कार्तिक और दुर्गा डांडिया खेल कम रहे थे एक दूसरे को डांडिया से मार ज्यादा रहेते. (क्योंकि कार्तिक दुर्गा के साथ डांडियाखेलने वाली लड़के यों जबरदस्ती से वहांसे भेज देता, खुद डांडिया खेलने लगता है)

ऐ मुझे तड़पाए, हाय

गरबे की रात, पिया, धड़के मेरा जिया

कह दे ना आज तू है मेरे साथ में (हो) 

इस वक्त सभी कपल्स में डांडिया के सथ-साथ नयन मटक का भी चल रहा था।

गरबा सॉन्ग स‌्च में इंटरनेट। इस वक्त सब के पार्टनर्स चेंज हो गए थे।

सिद्धार्थ जी और रमन जी साइड में खड़े होकर सबको यूं नाचते देखकर खुश हो रहे थे। (रमन जी अभी भी व्हीलचेयर में है)

 तभी सबके पार्टनर चेंज होते हैं और फिर से गरबा करने लगते हैं। 

ऐसे ही करते-करते सब लोग खुशी से गरबा करते हैं। 

तभी वनराज के फोन में एक मैसेज आता है तो वह देखता है गरबा खेलने से तो वह साइड हो जाता है।

उसके बाद वह शिवाय और दुर्गा को एक इशारा करता है तो शिवाय और दुर्गा भी उसका इशारा समझ कर वनराज के पास आ जाते हैं। 

वनराज उन दोनों के कानों में कुछ बोलता है उसे बात सुनकर वह दोनों भी एक डेविल स्माइल देते हैं।

जंगल के बीचों बीच एक खंडहर में वह खंड देखने में बहुत ज्यादा डरावना था और उसे खंडहर में बहुत ही गांधी  बदबू आ रही थी। वह खंडहर दिखने में बहुत ही ज्यादा डरावना था उसे खंडहर में बहुत ही ज्यादा अंधेरा था उसे खंडहर के आजू-बाजू बहुत सारी पेड़ थी जिसे देखकर उसे खंडहर को भूतिया खंडार बनाती थी। 

जिसकी वजह से वहां के लोकल लोग इस खंडहर के आसपास भटकना तो दूर उसके बारे में बात करना तक गवारा नहीं समझते थे। लोगों को इस खंडार को भूतिया मनाने की यह वजह थी कि इस खंडार से बहुत ही ज्यादा अजीब सी आवाज आते थे अब वह क्या है हम अंदर जाकर देखते हैं।

जो खंडहर बाहर से इतना डरावना लग रहा था उसे खंडहर के अंदर हलचल हो रही थी इस खंडार के अंदर कहीं ज्यादा गुंडे थे वह गुंडे दिखने में बहुत ही ज्यादा डरावने और क्रीपी लग रहे थे। 

वह गुंडे का सरदार उन गुंडो को पूरी खंडहर में फैलने के लिए कहता है और कुछ लोगों को लेकर उसका अंदर के ताई खाने में ले जाता है जहां पर बहुत सारी लड़कियां थी शायद वह लड़कियां नाबालिक थी। 

उसे गुंडा का सरदार बोलता है (जो दिखने में ही बड़ा डरावना लग रहा था उसके बड़े-बड़े बाल चेहरे पर कट के निशान उसके चेहरे पर एक नहीं बहुत सारे कट के निशान थे 

स्टॉकी बॉडी और बहुत ही गंदे कपड़े। )

आज रात इन लड़कियों को यहां से लेकर जाना है ख्याल रखना कि इन में से किसी को भी कुछ ना हो ।इन्हें अच्छे से खिला-पिला कर हमें इन्हें  पार्सल करना है वरना हमें पूरे रकम नहीं मिलेंगे। 

उसे सरदार के बाद मान कर उसके आदमी एक साथ बोलते हैं जी सारधार हम पूरा ध्यान रखेंगे डील में कोई गड़बड़ ना हो। 

अपने आदमियों की बात सुनकर वह सरदार अपने हाथ फैला कर राक्षसों की तरह हंसता है और बोलता है बस एक बार यह डील हो जाए हम लोग पैसे में नहाएंगे। 

उसे सरदार की बात सुनकर उसके‌ आदमी भी हंसने लगते हैं तभी उनमें से एक आदमी अपने सरदार से बोलता है सरदार क्या हम लोग पार्सल करने से पहले थोड़ा सा चक ले क्या। 

सरदार अपने आदमी की बात सुनकर उसे थप्पड़ मारता है इसलिए नहीं कि उसके आदमी ने घटिया बात की है इसलिए की वह उसके डील को खराब करना चाहता है। 

सरदार गुस्से से बोल अगर तुम में से किसी ने भी किसी भी एक लड़की को हाथ लगाने की कोशिश की तो तुम्हारी जिस्म से तुम्हारी जान अलग करने में मुझे 2 सेकंड भी नहीं लगेंगे। 

बॉस को पूरा का पूरा माल a1 चाहिए। 

वह सरदार इतना बोल कर लड़कियों की तरफ देखता है और बोलता है खुश हो जाओ  लड़कीयों तुम्हें आज से इस जगह से आजादी मिलेगी तुम लोग इस देश से हमेशा हमेशा के लिए बाहर चले जाओगे तुम लोगों को तो खुशी मनानी चाहिए कि तुम लोग बाहर विदेशों में रहोगे यह तो सबका सपना होता है कि विदेश जाए तो देखो मैं कितना अच्छा हूं तुम लोगों का सपना पूरा कर रहा हूं विदेश भेजने का वह भी फ्री में। इतना बोलकर वापस फिर से हंसने लगता है।

उसे आदमी की बात सुनकर वहां बहुत सारी लड़कियां डर गई थी और जोर-जोर से रो रही थी चीख चिल्ला रही थी हमारे साथ ऐसा मत करो प्लीज हमें छोड़ दो हमारे मां पापा हमारा इंतजार कर रहे हैं।

ऐसे ही बोलते हुए दहाड़ मार कर रो रही है।(परम गुंडो को उन लड़कियों की ऊपर थोड़ा सा भी तरस नहीं आता है) 

कुछ देर बाद वह गुंडे लड़कियों की आंखों पर पट्टी बांधकर हाथों और पैरों में रस्सी बांधकर लाइन से उसे जंगल से बाहर एक टेंपो 
 के अंदर डालकर उन्हें वहां से ले जाते हैं। 

वह उन लड़कियों को ले ही जा रहे थे कि टेंपो वाला सामने देखता है कि एक बाइक पर एक आदमी बड़े स्टाइल से अपने दोनों पैरों को क्रॉस कर कर ठहरता है। 

उस आदमी को ऐसे  ठहरते देखा टेंपो वाला आपने सरदार को कॉल करता है और उसे सामने का सिचुएशन बताता है तो उसका सरदार पीछे गाड़ी से बोलता है उड़ा दो उसे साले (आदमी) को। 

अपने बॉस की ऑर्डर्स मानकर सामने ट्रक चलाने वाला गुंडा उसे गाड़ी वाले को टक्कर मार ने हीं वाला था कि तभी वह गाड़ी वाला अपने जेब से एक छोटा सा गण निकलता है और गाड़ी के टायर पर धारदार कर कर निशाना लगाता है। 

ट्रक ड्राइवर अपना बैलेंस नहीं संभालता है और फिसल कर एक पेड़ से टकरा जाता है उसके पीछे-पीछे दो-तीन कार भी ऐसे ही टकराते हैं। 

ट्रक को ऐसे टकराते देखकर सरदार अपने कर से बाहर आता है तो देखा है कि सामने आदमी काले कपड़े पहन कर चेहरे पर काला मांस लगाकर अपने आप को पूरे तरह से काले कपड़ों से ढककर खड़ा है। 

सरदार बोला तुम कौन हो ऐसे क्यों रोक रहे हो हमारे का गाड़ी को इस वक्त सरदार के आंखों में घुसा था। 

तभी वह बाइक वाला बोला अपनी भलाई चाहते हो तो उन लड़कियों को छोड़ दो वरना तुम्हें इसी जंगल में गढ़ दूंगा पर किसी को पता ही नहीं चलेगा। 

उसे आदमी की बात सुनकर सरदार और उसके गुंडे हंसने लगते हैं सरदार बोला तुम अकेले हो क्या करोगे तुम ने नहीं देखा मेरे पीछे इतने सारे आदमी है। 

वह बाइक वाला सरदार और उसके गुंडे एक दूसरे के साथ ऐसे ही कोल्ड वार कर रहे थे कि। 

ट्रक के पीछे दो और मास्क वाले इंसान जिन्होंने भी से उसे बाइक वाले की जैसे ही अपने आप को पूरे ब्लैक कपड़ों से ढक रखा था वह लोग धीरे से झाड़ियां के पीछे से आते हैं और ट्रक को अजीब सी मशीन से खोलते हैं जिसकी वजह से ट्रक के दरवाजे खुलने की आवाज नहीं आती है। 

वह दोनों धीरे-धीरे ट्रक के अंदर चलते हैं और उन लड़कियों से बोले, दे देखो मैं जो तुम्हें बताने जा रहा हूं तुम लोग आवाज मत करना इतना बोलकर वह उन्हें बोलता है कि वह उन्हें बचाने आया है। 

इतना बोलकर वह दोनों लोग उन लड़कियों की आंखों से पट्टी निकलते हैं और हाथों से डर रस्सी उसके बाद वह लड़कियां भी धीरे-धीरे से एक दूसरे की मदद करते हैं और पैरों की रस्सी खोलते हैं। 

और चुपचाप से बिना आवाज करें वह लड़कियां उन दोनों  नकाब पोश के साथ बाहर चले जाते हैं। 

बाहर का माहौल बहुत ही खराब था इस वक्त सरदार को उसे आदमी के साथ बहस बाजी कर कर बहुत ही गुस्सा आ रहा था वह सरदार गुस्से से अपना एक आदमी को उसे मरने के लिए भेजता है। 

जैसे ही एक गुंडा उसे काल पोशाक इंसान को मरने आता है वह काल पोशाक आदमी अपने पॉकेट से कुछ निकलता है और उसे गुंडे पर निशाना साथ(लगा) देता है। 

(उसे आदमी ने अपने जेब से एक छोटा सा तीर निकाला था जो साइज में छोटी उंगली की बराबर थी उसके अंदर एक टाइप का केमिकल था जो आदमी के अंदर जाकर उसे 2 सेकंड में ही मार डालता है)

जो गूंडा उसे आदमी के पास पहुंचा था वह अचानक ही गिर पड़ता है सरदार और उसके आदमी को कुछ समझ नहीं आता कि क्या हुआ है सरदार फिर से अपनी एक आदमी को भेजता है उसकी भी हालत ऐसी हो जाती है। 

तभी सरदार को कुछ आवाज आता है तो वह पीछे पलट कर देखता है तो पीछे एक आदमी ट्रक में से लड़कियां निकल रहा था वह जल्दी से अपने आदमियों को उन्हें मरने के लिए बोलता है। 

पर इससे पहले वह गुंडे उन  नकाबपोश वालों आदमी के पास जा पाते तभी उनकी आंखों में दुआ जाने लगता है । जिसकी वजह से वह कुछ भी नहीं देख पाते हैं। जैसे  ही वह दुआ चट जाता है। 

सरदार देखता है कि वह ना ही नकाबपोश लोग थे ना ही लड़कियां वह देखकर हड़बड़ा जाता है क्योंकि उसे अपना पार्सल आज रात ही कंप्लीट करना था पर वह नहीं कर पाता है। 

इधर वह तीन नकाबपोश बुलेट तेज रफ्तार से जिग जाग से चलते हुए जा रहे थे उनके पीछे एक ट्रक आ रहा था। 

वह सभी लोग एक जगह पर पहुंचते हैं जहां लिखा था हेल इन थे हेवन। (hell in the heaven)

वह तीनों नकाबपोश अपनी-अपने बुलेट से उतरते हैं और लड़कियों को सही सलामत उसे बिल्डिंग के अंदर ले जाते हैं। 

वह बिल्डिंग बाहर से दिखने में शानदार था पर अंदर से उतना ही डरावना वह बिल्डिंग अपने नाम की तरह ही था हेल इन थे हेवन। 

वह लड़कियां डर रही थी।

जैसे ही वह तीनों नकाबपोश अंदर आते हैं तो सामने से एक और नकाबपोश आदमी आता है और बोलता है मैंने सारी तैयारी कर दिए। 

इतना बोलकर वह लड़कियों को एक कमरे के अंदर ले जाता है जहां पर बहुत सारे काले कपड़े पहने लोग थे उन सब में एक अजीब बात यह थी कि वह काले कपड़े पहने आदमी के कपड़ों पर हेल इन थे हेवन का बैच है। 

पर उन चार आदमियों के पास अलग बैच है जिन पर लेटर्स लिखे हुए हैं।

वी(v )बैच वाला नकाबपोश  (k)के बैच वाले नकाब पौष को बोलता है इन सारी लड़कियों को चेकअप करो। 

के (K)बैच वाला नकाबपोश वी बैच  को बोलता है आपके के बोलने से पहले ही मैंने कर दिया है। 

वी बैच वाला डी(D) बैच वाले नकाबपोश से बोलता है उन लड़कियों को अच्छे से खाना दो और कपड़े दो। 

(ढी )बैच वाला नाकाबपोश बोलता है यस उनका चेकअप होने के बाद मैं उन्हें अच्छे से खाना खिला कर उन्हें कपड़े दे दूंगा।

वी) बैच वाला एस (S)बैच वाले से बोलता है क्या तुमने उन लड़कियों के घर का पता लगवाया है। 



आखिर यह चार नकाबपोश है कौन। (डियर रीडर्स आपको पता हो तो प्लीज कमेंट पर लिखकर बताएं कि वह चार नकाबपोश है कौन) 

तब तक के लिए टाटा बाय-बाय। 

आगे कहानी में क्या होगा जाने के लिए पढ़िए .
agla chapter aur han comment aur review Dena mat bhuliyega.