चैप्टर 23
। रीकैप
पिछले चैप्टर में हमने यह पढ़ा की किस तरह सभी बच्चों के साथ घुल मिलकर हंसते हुए बातें करते हैं वहीं दूसरी तरफ बच्चों को देखकर आरोही के मन में अजीब सी फीलिंग आती है जैसे वह उसी के अंश।
दूसरी तरफ शेखर जी मोहिनी जी को नहला कर रेडी करते हैं पर इसमें भी वह उन्हें चोट पहुंचा ही देते हैं।
अब आगे
जैसे ही शेखर जी यह देखते हैं कि , वहां मोहिनी जी कुछ खाअ नहीं रही है तो वह उन पर चिल्लाते हैं और उन्हें जबरदस्ती खाना खिलाते हैं।
चलिए अब हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्यों है।
(फ्लैशबैक)
20 साल पहले।
तीन खूबसूरत लड़कियां कॉलेज की कैंटीन में एक दूसरे के साथ हंसते हुए बातें कर रहे थे।
तीनों लड़कियां दिखने में बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी
यह लड़कियां कोई और नहीं इशिता जी ,मोहिनी जी और प्रिया है।
तभी उन तीनों लड़कियों के सामने तीन और लड़के आकर बैठ जाते हैं उन लड़कों को देखकर तीनों लड़कियां छिड़ जाती है।
इशिता जी चीडते हुए बोली
तुम तीनों यहां क्यों बैठे हो ,पूरा कैंटीन खाली दिखा रहा👁️👁️ है ना जाकर कहीं और बैठो।
यह तीनों लड़के भी बहुत ही ज्यादा हैंडसम और गुड लुकिंग है।
रमन जी बोले हमारी मर्जी हम कहीं भी बैठे, इससे तुम्हें क्या?
इशिता जी चीडते हुए बोली यहां हम तीनों बैठे हैं तुम कहीं और जाकर बैठो।
रमन जी बोले इस बेंच पर तुम्हारा नाम नहीं लिखा है ।जो तुम हमें यहां बैठ ने से मना कर रही हो।
ऐसे ही रमन जी और इशिता जी दोनों एक दूसरे के साथ लड़ते हैं।
दूसरी तरफ का नजारा कुछ अलग था।
जहां मोहिनी जी, शेखर जी को प्यार से देख रही थी ,तो शेखर जी इशिता जी को इस तरह लड़ते देख कर निहार रहे थे ।
शेखर जी का ध्यान बस इशिता जी के हिलते हुए होंठों ,उड़ते हुए बालों पर और लड़ते हुए अपने अजीब अजीब मुंह बनाते हुए एक्सप्रेशंस पर ही थी।
तो दूसरी तरफ अनुज और प्रिया उन दोनों को लड़ने से रोक रहे थे
एक्चुअली यह तीनों लड़के इन तीनों लड़कियों के सीनियर से।
पूरे कॉलेज में इन तीनों लड़कों का दबदबा रहता है।
क्योंकि इस कॉलेज के वन ऑफ द ट्रस्टी में से एक ट्रस्टि यह लोगों के परिवार है।
शेखर जी इशिता जी से एक तरफा प्यार करते थे उन्हें अपना प्यार का इजहार कर ने से डरते थे ।
दूसरी तरफ मोहिनी जी बी शेखर जी से एक तरफा प्यार करती है। तो यह सब को थोड़ा बहुत आइडिया का लग गया होगा कि आगे क्या हुआ होगा तो जल्दी से मुझे कमेंट करो ठीक है और बताओ 😉😘
अगर नहीं बता पाए तो मैं बता देती हूं कि ऐसे लड़ते झगड़ते हुए इन 6 लोगों का कॉलेज खत्म हो जाता है कॉलेज खत्म होते-होते इशिता जी और रमन जी को एक दूसरे से प्यार हो जाता है और वही अनुज और प्रिया को भी पर यह चारों अनजान थे कि शेखर जी को इशिता जी से और मोहिनी जी को शेखर जी से प्यार है।
एक दिन शेखर जी के पापा इशिता जी के घर शेखर जी का रिश्ता लेकर जाते हैं जिसे देखकर मोहिनी जी को लगा कि उनके लिए रिश्ता आया है पर जब बाद में उन्हें पता चलता है कि यह रिश्ता इशिता जी के लिए है तो वह कुछ ऐसा प्लान करती है जिसकी वजह से उनकी शादी शेखर जी से हो जाती है और इशिता जी की रमन जी से।
(वह क्या है ना की जिस तरह से शेखर जी के पापा शेखर जी का रिश्ता लेकर आए थे उसी तरह से रमन जी के पापा भी अपने बेटे का रिश्ता लेकर आए थे वह भी मोहिनी के लिए उन्हें नहीं पता था कि रमन जी इशिता जी से प्यार करते हैं जिसकी वजह से यहां गोलमाल हो गया था। रमन और शेखर जी की शादी एक ही दिन थी जिसकी वजह से मोहिनी जी ने अपनी जगह इशिता जी से बदल दी और खुद शेखर जिसे शादी कर लिया था। वही रमन जी अपने भाई के लिए अपने प्यार को कुर्बान करने के लिए तैयार थे और इशिता जी अपने प्यार के लिए अपने प्यार की कुर्बानी देने के लिए तैयार थी पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था।
(प्रेजेंट)
मोहिनी जी मन में बोली क्या यही दिन देखने के लिए मैंने इतना सब कुछ किया है ।सही कहते लोग जैसा करते हो वैसा ही भरते हो।
सोचा था कि एक बार शेखर से शादी हो जाए तो जिंदगी भर उसके साथ खुश रहूंगी।
पर पता नहीं था कि मैं खुद ही अपनी जिंदगी अपने हाथों से बर्बाद करने चली थी। दी और प्रिया ने कितना कहा था कि मुझे ऐसे कुछ नहीं करना चाहिए फिर भी मैं नहीं मानी और आज देखो मेरी हालत क्या हो गई है।
वह क्या है ना जब सबको पता चला की दुल्हन की अदला बदली हो गई है तो शेखर जी या शादी तोड़ना चाहते थे पर इस शादी को मोहिनी जी ने जबरदस्ती बंद कर रखा था जिसके लिए प्रिया और इशिता ने दोनों ने मना किया था पर मोहिनी जी प्यार में आंधी थी कि उन्होंने कुछ सोचा ही नहीं। वह बोलते हैं ना कहीं लड़कियां प्यार में आंधी गवार बाहरी सब कुछ हो जाती है।
अब इस झंझट से दूर होना चाहो तो भी नहीं हो सकती इतना कहकर वह मन ही मन रोने लगती है।
शेखर जी उन्हें उनके ख्यालों से बाहर लाते हुए बोले।
क्या हुआ जान तुम मेरे हाथ से खाना क्यों नहीं खा रही हो तुम ही तो चाहती थी कि मैं तुम्हारे साथ जिंदगी भर रहूं तुम्हें प्यार करता रहूं।
पर यह क्या तुम तो मेरे प्यार करने से रो रही हो ऐसा क्यों फिर कुछ सोचते हुए बोले आई थिंक तुम्हारी यह खुशी के आंसू आंसू है इसलिए ना । इतना बोलकर वह मोहिनी जी के हाथों पर अपना हाथों से दबाव बढ़ाते हैं तो मोहिनी जी अपना सार हां में हिलती है।
कपाड़िया मेंशन में
सभी लोग नाश्ता कर रहे थे और शिवाय खुद भी खाना खा रहा था और बच्चों को भी खाना खिला रहा था।
इस वक्त शिवाय का पूरा फोकस बच्चों को खाना खिलाने में ही था।
सन्नवि आर्य से बोली भाई पराठा वेरी टेस्टी है ना।
आर्य सन्नवि कि हमें हां मिलते हुए बोल एस दीदी पराठा इस टेस्टी ।
कार्तिक बच्चों से पूछता है कि तुम दोनों क्या एक दूसरे को दीदी और भाई बोल क्यों रहे हो, तुम दोनों तो जुड़वा होना तो एक दूसरों का नाम लो।
कौरव दोनों से पूछता है, लिटिल सिस्टर, लिटिल ब्रदर तुम दोनों में से बड़ा कौन हैऔर छोटा कौन है।
सभी भी कौरव का इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं सभी को अपनी तरफ देखते-देख सन्नवी और आर्य दोनों एक दूसरे की तरफ उंगली करते हैं।
आरोही हंसते हुए शिवाय से बोली तो तुम ही बता दो इन दोनों में से बड़ा कौन है और छोटा कौन है।
शिवाय बोला सन्नवि बड़ी है और आर्य छोटा है इन दोनों में बस 2 मिनट का फर्क है।।
तरुण बोला फिर यह दोनों एक दूसरे को भाई और दी क्यों बोलते हैं।
प्राणया बोलता है वह क्या है ना आर्य सन्नवि को दी इसलिए बोलता है क्यों कि सन्नवि उसे 2 मिनट बड़ी है,
संन्नवि भाई इसलिए बोलती है क्योंकि उसे पसंद नहीं की उसे से बड़ा बोले।
प्रणय के बात पर सब लोग हंसते हैं।
तभी दरवाजे से पालकी भागते हुए आती है और हांफ ते हुए बोली सब लोग बाहर चले बाहर देखो ब..ब..हर चलिए... देखिए बाहर क्या हुआ है।
इस वक्त पालकी के सांस फूल रही थी उसकी बातें आदि समझ आ रही थी और आदि नहीं।
तभी जया जी पालकी को पानी देते हुए बोली पहले पानी पी और आराम से बोल क्या हुआ है पलकी बोली बाहर चलिए बाहर देखी बहुत बड़ा हंगामा हुआ है।
आखिर ऐसा क्या हुआ है जिसकी वजह से पलकी की इतना घबराई है।
जाने के लिए पढ़िए अगला चैप्टर।
प्लीज कमेंट किया करिए न बस 2 मिनट लगेगा आपको कमेंट करने में आपकी इस 2 मिनट के कमेंट करने की वजह से मुझे लिखने में और ज्यादा एनर्जी मिलेगा प्लीजकमेंट।
और रिव्यू दीजिए।