Unrequited love and unspoken fear in Hindi Love Stories by Miss Chhoti books and stories PDF | एकतरफा प्यार और अनकहा डर

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एकतरफा प्यार और अनकहा डर


शहर के एक व्यस्त बस स्टॉप पर, सुबह की भीड़-भाड़ में दो जिंदगियां रोज़ाना एक-दूसरे के करीब आती थीं, पर कभी पूरी तरह मिल न सकीं। एक था रोहन, सीधा-सादा और शांत स्वभाव का, जो सबकी इज़्ज़त करता था। उसकी आँखों में एक अजीब सी मासूमियत थी जो दूसरों को भा जाती थी। दूसरी थी पलक, जो हमेशा गुमसुम सी रहती थी, अपनी ही दुनिया में खोई हुई. उसकी खामोशी में एक गहरा राज़ छिपा था, जिसे समझने की हिम्मत कोई नहीं कर पाता था।


वे दोनों रोज़ाना एक ही बस से कॉलेज जाते थे। रोहन बस स्टॉप पर पलक को अक्सर देखता था। वह हमेशा एक कोने में चुपचाप खड़ी रहती, कभी किताब पढ़ती, तो कभी बस आसमान को निहारती। रोहन को उसकी यह खामोशी खींचती थी। कई बार उसने सोचा कि उससे बात करे, पर उसकी झिझक और पलक की गुमसुम सी दुनिया देखकर वह रुक जाता। पलक भी रोहन को देखती थी, पर उसकी नज़रें सिर्फ एक सहपाठी पर पड़ती थीं, कोई खास लगाव नहीं।


प्रोजेक्ट ने मिलाए रास्ते और जगाया प्यार :
एक दिन, कॉलेज में उन्हें एक ग्रुप प्रोजेक्ट में साथ काम करने का मौका मिला। यह रोहन के लिए एक अवसर था। पहली बार, उसे पलक से बात करने का बहाना मिला। प्रोजेक्ट के सिलसिले में वे रोज़ाना मिलते, लाइब्रेरी में घंटों बिताते, और अपनी रिसर्च साझा करते। धीरे-धीरे, पलक की खामोशी टूटने लगी. रोहन ने पाया कि पलक जितनी गुमसुम दिखती थी, अंदर से वह उतनी ही समझदार और गहरी सोच वाली थी। वह किताबों और कला में रुचि रखती थी, और उसके विचारों में एक अनोखी मासूमियत थी।


रोहन उसकी हर बात ध्यान से सुनता, उसकी छोटी-छोटी आदतों को गौर करता, और अनजाने में ही उससे प्यार कर बैठा। यह प्यार एकतरफा था, पर इतना गहरा कि रोहन की दुनिया पलक के इर्द-गिर्द घूमने लगी। उसे पलक के साथ समय बिताना अच्छा लगता था। पलक भी रोहन की सादगी और उसके देखभाल करने वाले स्वभाव को पसंद करती थी, पर उसकी यह पसंद सिर्फ दोस्ती तक ही सीमित थी। उसे रोहन में एक अच्छा दोस्त मिला था, एक ऐसा दोस्त जिसके साथ वह खुल सकती थीं। 


बारिश का मौसम और अनकहा दर्द:
कॉलेज के वे दिन, खासकर बारिश के मौसम में, रोहन के लिए और भी खास हो गए थे। जब बारिश होती, तो वे दोनों बस स्टॉप पर या कॉलेज की गलियों में अक्सर साथ होते। रोहन चाहता था कि वह पलक को बताए कि उसके दिल में क्या है, पर एक गहरा डर उसे हमेशा रोकता था—दोस्ती टूटने का डर. उसे लगता था कि अगर उसने अपने प्यार का इज़हार किया, तो पलक घबरा जाएगी, उनकी दोस्ती टूट जाएगी, और वह पलक को हमेशा के लिए खो देगा। रोहन के लिए पलक की दोस्ती इतनी अनमोल थी कि वह उसे किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहता था, भले ही इसका मतलब यह था कि उसका प्यार हमेशा अनकहा ही रह जाए।


अधूरी रह गई कहानी :
कॉलेज के आखिरी दिन आ गए। प्रोजेक्ट सफलतापूर्वक पूरा हो गया था। उस दिन, बस स्टॉप पर वे फिर से मिले, पर इस बार खामोशी पहले से कहीं ज़्यादा गहरी थी। बारिश हो रही थी, और रोहन ने पलक को भीगते देखा. उसके मन में हजारों बातें थीं, उसे लगा कि आज वह कह ही देगा, पर एक बार फिर शब्द गले में ही अटक गए। पलक ने भी उसे देखा, उसकी आँखों में वही सहजता थी जो हमेशा रहती थी। उसे नहीं पता था कि रोहन के दिल में उसके लिए क्या है।


बस आई और वे दोनों उसमें सवार हो गए। यह उनकी आखिरी एक साथ बस यात्रा थी। कॉलेज पहुँचकर, उन्होंने एक-दूसरे को अलविदा कहा। उनके हाथों ने एक-दूसरे को छुआ, पर दिल की बात दिल में ही रह गई। वे भीड़ में कहीं खो गए, अपनी अधूरी प्रेम कहानी को वहीं छोड़कर.
रोहन और पलक की कहानी बस एक अनकही धुन बनकर रह गई, एक ऐसी कविता जिसके आखिरी शब्द कभी लिखे ही नहीं गए. रोहन को पलक से प्यार था, पर दोस्ती टूटने के डर ने उसके प्यार को कभी पूरा नहीं होने दिया. पलक कभी नहीं जान पाई कि उसके साथ पढ़ने वाला वह सीधा-सादा लड़का उससे कितना प्यार करता था। यह एक ऐसी अधूरी कहानी थी, जहाँ एकतरफा प्यार और दोस्ती खोने का डर, एक खूबसूरत रिश्ते को पनपने से रोक गया।


शहर की वो भीड़, बस स्टॉप की सुबह,
दो निगाहें मिलीं, अनकही सी दुअा।
तू खामोश, मैं चुप, पर दिल में था शोर,
प्यार की एक लहर, ना जागी तेरी ओर।।

किताबों में उलझी, तेरी गहरी नज़रें,
मैं सुनता था बातें, तेरी अनकही ख़बरें।
एक प्रोजेक्ट बहाना, बढ़ा दी थी दूरी,
पर तेरे लिए, दुनिया मेरी थी पूरी।।

बारिश की बूंदें, करती थी बेचैन,
कहना था बहुत कुछ, पर लबों पे थी बैन।
इक डर था मन में, दोस्ती ना टूट जाए,
ये रिश्ता जो प्यारा, कहीं छूट ना जाए।।

कॉलेज का आख़िरी दिन, अलविदा की घड़ी,
हाथों का स्पर्श, पर बात अधूरी खड़ी।
तू भीड़ में खो गई, मैं तुझको ही देखूँ,
एक गीत अनलिखा, बस दिल में संजोऊँ।।

ना तू जान पाई, ना मैं कह सका,
एकतरफा ये प्यार, यूँ ही अनकहा रहा।
पलक, मेरी पलक, एक दर्द है आज भी,
अधूरी कहानी, अधूरी सी ज़िंदगी।।


_Miss chhoti ✍️