कश्मीर की शांत, मनमोहक वादियाँ, जहाँ कुदरत अपने पूरे शबाब पर थी, एक ऐसी प्रेम कहानी की गवाह बनी जो दोस्ती के धागों से शुरू हुई और धीरे-धीरे ज़िंदगी भर के अटूट बंधन में बदल गई. यह कहानी है अर्जुन और स्मिता की, जिनके दिल में पूरी दुनिया घूमने का एक जैसा ख्वाब था, लेकिन जिन्हें यह समझने में ज़रा वक्त लगा कि उनका सच्चा सफर तो एक-दूसरे के साथ ही शुरू होना था।
कहानी की शुरुआत होती है जब स्मिता अपनी सहेलियों रिया, प्रीति और अपने कजिन्स श्याम, सावन के साथ कश्मीर की छुट्टियों पर आती है। शहरी भागदौड़ से दूर, स्मिता कश्मीर की वादियों में खो जाना चाहती थी. यहीं उनकी मुलाकात अर्जुन से होती है, जो सिर्फ एक गाइड नहीं, बल्कि कश्मीर की हर घाटी, हर झील और हर कहानी का सच्चा प्रेमी था। उसे स्मिता और उसके दोस्तों को कश्मीर की सुंदरता से रूबरू कराने का ज़िम्मा सौंपा गया।
शुरुआत में, स्मिता अर्जुन को सिर्फ अपने काम के प्रति समर्पित एक पेशेवर गाइड मानती थी। अर्जुन भी उन्हें डल झील की शिकारे की सवारी, गुलमर्ग के मखमली घास के मैदान और पहलगाम की नदियों का नज़ारा दिखाते हुए अपनी भूमिका निभा रहा था। लेकिन जैसे-जैसे दिन बीतते गए, कश्मीर की ठंडी हवाओं में उनकी बातचीत गहरी होती गई। वे सिर्फ यात्रा के बारे में नहीं, बल्कि अपने सपनों, आकांक्षाओं और भविष्य की योजनाओं के बारे में भी बातें करने लगे। उन्हें एहसास हुआ कि दोनों में दुनिया घूमने की एक जैसी इच्छा है।
छुट्टियों के बीच, अर्जुन उन्हें अपने पैतृक गाँव ले गया, जो कश्मीर की वादियों में गहराई में छिपा एक छोटा, खूबसूरत गाँव था। गाँव में अर्जुन के घर पर सभी ने एक दिन बिताया। अर्जुन का परिवार बहुत गर्मजोशी से मिला, और स्मिता को लगा जैसे वह अपने ही घर आ गई हो। अर्जुन की माँ के हाथों बने पारंपरिक कश्मीरी व्यंजनों का स्वाद लेते हुए, और अर्जुन को अपने परिवार के साथ हँसते-खेलते देख, स्मिता के दिल में एक नया अहसास पनपने लगा। उसने पाया कि वह अर्जुन की सादगी, उसके अपनेपन और कश्मीर के प्रति उसके गहरे प्रेम की ओर खिंची चली जा रही है। उसके दिल में अर्जुन के लिए एक अजीब सा खिंचाव महसूस होने लगा, जो सिर्फ दोस्ती से कहीं बढ़कर था। वह मन ही मन उसे पसंद करने लगी थी, पर अभी भी इस भावना को पूरी तरह समझ नहीं पा रही थी।
उधर, अर्जुन भी स्मिता की मौजूदगी को कुछ अलग ही तरह से महसूस करने लगा था। उसने देखा कि कैसे स्मिता हर नई जगह पर उत्सुकता से सब कुछ जानना चाहती है, कैसे उसकी आँखें हर खूबसूरत नज़ारे को देखकर चमक उठती हैं। स्मिता की हंसी, उसकी बातों में छुपी मासूमियत, और दुनिया को जानने की उसकी इच्छा अब अर्जुन के दिल में एक नई जगह बना चुकी थी। उसे स्मिता के बिना हर जगह अधूरी लगने लगी थी, और उसे एहसास हुआ कि यह सिर्फ एक पर्यटक को खुश देखकर मिलने वाली खुशी नहीं थी, बल्कि यह प्यार का अहसास था। वह स्मिता के साथ सिर्फ कश्मीर नहीं, बल्कि पूरी दुनिया घूमना चाहता था।
उनके दोस्त, रिया, प्रीति, श्याम और सावन, उनकी बढ़ती नज़दीकियों को अच्छी तरह भांप रहे थे। उन्होंने देखा कि कैसे अर्जुन स्मिता की हर ज़रूरत का ख्याल रखता है, और कैसे स्मिता की आँखें अर्जुन के आते ही चमक उठती हैं। छोटी-छोटी बातें, जैसे साथ में देर तक हँसना, एक-दूसरे को चुपचाप देखना, या भीड़ में भी एक-दूसरे को ढूंढ लेना, उनसे छिपी नहीं थी। वे मुस्कुराते हुए इन दोनों को देखते रहते, लेकिन अर्जुन और स्मिता अभी भी अपने इस रिश्ते को "बस गहरी दोस्ती" का नाम दिए जा रहे थे, अपने सच्चे अहसासों को पहचानने में उन्हें अभी भी वक्त लग रहा था।
कश्मीर में उनका आखिरी दिन था। सब अपनी पैकिंग कर रहे थे, लेकिन स्मिता अपने ही विचारों में खोई हुई थी। उसके मन में बार-बार अर्जुन और उसके साथ बिताए हर दिन की यादें आ रही थीं। वह कश्मीर में और रुकना चाहती थी, क्योंकि अब उसे अर्जुन के बिना यह जगह अधूरी लग रही थी। रात हुई, सबने अपनी पैकिंग पूरी की और होटल के गार्डन में बैठ गए। उन्होंने अर्जुन को भी बुला लिया, क्योंकि वह अब उनके ग्रुप का अभिन्न हिस्सा बन चुका था।
रिया, प्रीति, श्याम और सावन ने एक-दूसरे की तरफ देखा और मुस्कुराते हुए एक बहाना बनाया, "यार, हमें बहुत प्यास लगी है, चलो कुछ लेकर आते हैं." एक पल में, अर्जुन और स्मिता को छोड़कर, बाकी सभी वहाँ से उठकर चले गए। गार्डन में अब सिर्फ अर्जुन और स्मिता ही बचे थे, तारों भरे आसमान के नीचे, ठंडी हवा में, और एक-दूसरे के अनकहे अहसासों के साथ।
"स्मिता," अर्जुन ने धीरे से कहा, उसकी आवाज़ में एक कंपन थी, "मुझे नहीं पता कि मैं यह कैसे कहूँ, लेकिन जब से तुम यहाँ आई हो, सब कुछ बदल गया है। तुम्हारे साथ बिताया हर पल... कश्मीर अब और भी खूबसूरत लगता है। मुझे लगता है... मैं तुम्हें पसंद करने लगा हूँ, स्मिता,
स्मिता की आँखों में खुशी और राहत के आँसू छलक आए। उसने अपनी आवाज़ को संयत करते हुए कहा, "मुझे भी, अर्जुन. मुझे भी तुम बहुत पसंद हो। मुझे नहीं पता था कि कब ऐसा हुआ, लेकिन तुम्हारे बिना... यह सफर अधूरा लगता है।"
अर्जुन ने धीरे से अपना हाथ बढ़ाया और स्मिता का हाथ थाम लिया। "मेरा सपना पूरी दुनिया घूमने का है," अर्जुन ने मुस्कुराते हुए कहा, "लेकिन अब मुझे लगता है कि मैं यह सपना तुम्हारे साथ पूरा करना चाहता हूँ।" स्मिता की आँखों में फिर से चमक आ गई। "यह मेरा भी सपना है, अर्जुन," उसने कहा, "तुम्हारे साथ, यह सफर और भी शानदार होगा।"
उस रात, कश्मीर के तारों भरे आसमान के नीचे, अर्जुन और स्मिता ने आखिरकार अपने प्यार को कबूल किया। उन्हें यह समझने में देर ज़रूर लगी, लेकिन जब प्यार ने दस्तक दी, तो उन्होंने उसे पूरे दिल से अपना लिया। उनके दोस्त वापस आए तो उन्हें मुस्कुराते हुए देखकर सब कुछ समझ गए। कोई शब्द कहने की ज़रूरत नहीं थी।
सुबह हुई, और विदाई का समय आ गया। हवाई अड्डे पर, अर्जुन और स्मिता ने एक-दूसरे से विदा ली, लेकिन उनकी आँखों में उदासी नहीं, बल्कि एक नए सफर की उम्मीद थी। "तो," रिया ने मुस्कुराते हुए पूछा, "अगली बार कहाँ मिल रहे हो?" अर्जुन और स्मिता ने एक-दूसरे की तरफ देखा और एक साथ कहा, "पूरी दुनिया में!"
दोनों हँसे, उन्हें पता था कि यह सिर्फ शुरुआत है। कश्मीर में मिली उनकी कहानी अब दुनिया भर में फैलेगी, हर नए देश, हर नए शहर में उनके प्यार की एक नई कहानी लिखी जाएगी। वे अब सिर्फ दो लोग नहीं थे जो दुनिया घूमना चाहते थे; वे दो दिल थे जो एक-दूसरे के साथ पूरी दुनिया घूमना चाहते थे, क्योंकि अब उनके सफर का सबसे खूबसूरत हिस्सा एक-दूसरे का साथ था।
मुझे उम्मीद है कि आपको यह प्यार की कहानी पसंद आएगी!
_Miss chhoti ✍️